ख़िलजी वंश Quiz : Medieval History Quiz Part-3 | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है मध्यकालीन भारत का इतिहास के ख़िलजी वंश Quiz : Medieval History Quiz Part-3 – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो किसी न किसी परीक्षा में पहले पूछे जा चुके है। लगभग भारत की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न बार – बार दोहराये जाते रहें है।

ख़िलजी वंश Quiz : Medieval History Quiz Part-3

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह ‘मध्यकालीन भारत का इतिहास’ ख़िलजी वंश Quiz : Medieval History Quiz Part-3 की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

41. “जब उसने राजस्व (Kingship) प्राप्त किया, तो वह शरियत के नियमो और आदेशों से पूर्णतया स्वतंत्र था।” बरनी ने यह कथन किस सुल्तान के लिए कहा?

  1. इल्तुतमिश 
  2. बलबन 
  3. अलाउद्दीन खिलजी  
  4. मुहम्मद तुगलक 

उत्तर – C 

जियाउद्दीन बरनी ने उक्त कथन अलाउद्दीन खिलजी के लिए कहा है। अलाउद्दीन दिल्ली का पहला सुल्तान था, जिसने धर्म पर राज्य का नियंत्रण स्थापित किया। इस संदर्भ में अपनी नीति की व्याख्या करते हुए वह स्वयं कहता है कि, “मैं नहीं जानता कि कानून की दृष्टि से क्या उचित है और क्या अनुचित? में राज्य की भलाई अथवा अवसर विशेष के लिए जो उपयुक्त समझता हूं, उसी को करने की आज्ञा देता हूं, अंतिम न्याय के दिन मेरा क्या होगा, मैं नहीं जानता।” अलाउद्दीन ने राजपद के विषय में बलबन के विचार को पुन: जीवित किया।

वह राजा की सार्वभौमिकता में विश्वास रखता था, जो पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि मात्र है। उसने अपनी शक्ति की वृद्धि के विषय में खलीफा की अनुमति लेना आवश्यक नहीं समझना इसलिए उसने खलीफा से अपने पद की मान्यता प्राप्त करने के संबंध में कोई याचना नहीं की।

42. कौन सा सुल्तान नया धर्म चलाना चाहता था, किंतु उलेमा लोगों ने विरोध किया?

  1. बलबन 
  2. अलाउद्दीन 
  3. मुहम्मद तुगलक 
  4. इल्तुतमिश 

उत्तर – B 

अलाउद्दीन खिलजी एक महत्वकांक्षी सुल्तान था। उसने ‘सिकंदर द्वितीय सानी’ की उपाधि धारण की और उसे अपने सिक्कों पर अंकित करवाया। वह संपूर्ण विश्व को जितने की अभिलाषा रखता था और साथ ही एक नवीन धर्म चलाने की भी, किंतु अपने वफादार मित्र एवं कोतवाल अलाउल- मुल्क की सलाह पर उसने अपना विचार त्याग दिया। 

43. दिल्ली के किस सुल्तान ने ‘सिकंदर सानी’ की मानोपाधि धारण की थी?

  1. बलबन 
  2. अलाउद्दीन खिलजी 
  3. मोहम्मद बिन तुगलक 
  4. सिकंदर लोदी 

उत्तर – B 

उपयुक्त प्रश्न की व्याख्या देखें। 

44. अलाउद्दीन खिलजी के प्रसिद्ध सेनापतियों में किसकी मंगोलों के विरूद्ध लड़ते हुए मृत्यु हुई?

  1. जाफर खां 
  2. नुसरत खां 
  3. अल्प खां 
  4. उलुग खां 

उत्तर – A 

अलाउद्दीन का प्रसिद्ध सेनापति जफ़र खां मंगोलों के विरुद्ध लड़ता हुआ मारा गया, जो अपने समय का श्रेष्ठ और साहसी सेनापति था। जफर खां के शौर्य और भारतीय सेना की दृढ़ता से मंगोल अत्यधिक प्रभावित थे।

45. रानी पद्रमिनी का नाम अलाउद्दीन के चित्तौड़ विजय से जोड़ा जाता है। उनके पति का नाम है-

  1. महाराणा प्रताप सिंह 
  2. रणजीत सिंह 
  3. राजा मान सिंह 
  4. राणा रतन सिंह 

उत्तर – D 

पद्रमिनी की कहानी का आधार 1540 ई. में मालिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखित काव्य- पुस्तक ‘पद्रमिनी’ है। इसके अनुसार, पद्रमिनी चित्तौड़ के राजा रतन सिंह की अत्यंत सुंदर और विदुषी पत्नी थी। अमीर खुसरो ने सुलेमान और रानी शैबा के प्रेम- प्रसंग का उल्लेख अपने ग्रन्थ में  किया था और उसने अपने संकेतों में अलाउद्दीन की समता सुलेमान से तथा पद्रमिनी की तुलना शीबा से की थी। संभवतया इसी को आधार मानकर मलिक मुहम्मद जायसी की पद्रमावत की रचना की और राणा रतन सिंह की रानी पद्मिनी की कहानी बनी।

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46. अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरी का शासक कौन था?

  1. रामचंद्रदेव 
  2. प्रताप रूद्रदेवी 
  3. मालिक काफूर 
  4. राणा रतन सिंह 

उत्तर – A 

अलाउद्दीन के आक्रमण के समय देवगिरी का शासक रामचंद्रदेव था। 1296 ई. से में देवगिरि के शासक रामचंद्रदेव के ने अलाउद्दीन के सफल आक्रमण से बाध्य होकर उसे प्रति वर्ष एलिचपुर कि आय  भेजने का वायदा किया था, परंतु 1305 ई. अथवा 1306 ई. में उसने उस कर को  दिल्ली नही भेजा। जिस कारण 1307 ई. इल्तुतमिश ने मलिक काफूर के नेतृत्व में एक सेना देवगिरी पर आक्रमण करने के लिए भेजी। राजा रामचंद्रदेव युद्ध में पराजित हुए और उसने आत्मसमर्पण कर दिया।

47. किस सुल्तान के काल में खालिसा भूमि अधिक पैमाने में विकसित हुई?

  1. गयासुद्दीन बलबन 
  2. अलाउद्दीन खिलजी 
  3. मोहम्मद बिन तुगलक 
  4. फिरोजशाह तुगलक 

उत्तर – B

अलाउद्दीन की राजस्व और लगान व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य एक शक्तिशाली और निरंकुश राज्य की स्थापना करना था। उसने उस सभी व्यक्तियों से भूमि छीन ली, जिन्हें वह मिल्क (राज्य द्वारा प्रदत संपत्ति, ईनाम,इंदरात, पेशन) तथा वक्फ (धर्मार्थ प्राप्त हुई भूमि) आदि के रूप में मिली थी, फलक तक खाली साबू में अधिक पैमाने पर विकसित हुई किस सुल्तान ने जमीन में सफल फलत: ख़ालिसा भूमि अधिक पैमाने पर विकसित हुई।

48. किस सुल्तान ने जमीन में फसल  की नपाई का आधा राजस्व के रूप में दावा किया?

  1. इल्तुतमिश 
  2. बलवंत 
  3. अलाउद्दीन खिलजी 
  4. मुहम्मद बिन तुगलक 
  5. उपयुक्त में से कोई नहीं / उपयुक्त में से एक से अधिक 

उत्तर – C 

सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने भू- राजस्व व्यवस्था के पुनर्गठन में विशेष रूचि ली। उसने उपज का 1/2 भाग राजस्व के रूप में वसूलना आरंभ किया। वह दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान था, जिसने पैमाइश एवं प्रति बिस्वा उपज के आधार पर भू- राजस्व निर्धारित करने की नीति अपनायी। सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक ने केवल दोआबा में उपज का आधा भाग राजस्व के रूप में वसूलने का आदेश दिया था। किसानों के विरोध के कारण कालांतर में उसने राजस्व वृद्धि का यह आदेश वापस ले लिया था।

49. निम्न कथनों पर विचार कीजिए जो अलाउद्दीन खिलजी से संबंधित है-

  1. उसने कृष्ट जमीनों की पैमाइश के बाद जमीन की मालगुजारी वसूल की। 
  2. उसने लगान व्यवस्था को अपनी पूरी सल्तनत में लागू किया। 
  3. उसने प्रांतों के गवर्नर के अधिकारों को समाप्त किया। 

निम्न कोडिंग स्किम में से सही उत्तर चुनिए-

  1. i व ii 
  2. ii व iii 
  3. i व iii 
  4. i, ii व iii

 उत्तर – C 

अलाउद्दीन की लगान व्यवस्था संपूर्ण साम्राज्य में समान रूप से लागू नहीं की जा सकती थी। भूमि की पैमाइश करके किसानों से सरकारी कर्मचारियों द्वारा लगान वसूल किए जाने की व्यवस्था दिल्ली और उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में ही लागू की गई थी। अलाउद्दीन पहला सुल्तान था जिसने भूमि की पैमाइश करा कर लगान  वसूल करना आरंभ किया। अपनी व्यवस्था को लागू करने के लिए अलाउद्दीन ने  एक पृथक विभाग “दीवाने- ए- मुस्तखराज” की स्थापना की।

अलाउद्दीन ने परंपरागत लगान अधिकारियों (खुत्त, मुकद्दर एवं चौधरी) से लगान वसूल करने का अधिकार छीन लिया था। उसने सारे विशेषाधिकार समाप्त कर दिए गए। उनकी भूमि पर से कर लिया जाने लगा और बाकी अन्य सभी कर भी लिए गए जिसके कारण खुत्त (जमींदार) और बलाहार (साधारण किसान) में कोई अंतर नहीं रहा।

50. निम्न में से किस सुल्तान ने ‘बाजार सुधार’ लागू किए थे?

  1. जलालुद्दीन खिलजी
  2. अलाउद्दीन खिलजी
  3. मुहम्मद तुगलक 
  4. बलबन 

उत्तर – B 

अलाउद्दीन ने अपने बाजार नियंत्रण की सफलता के लिए कुशल कर्मचारी नियुक्त किए। उसने मालिक कबूल को शहना या बाजार का अधिकार नियुक्त किया।

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51. निम्न  मुस्लिम बादशाहों में से किस एक ने मूल्य निमंत्रण पद्धति को पहली  बार लागू किया?

  1. अलाउद्दीन खिलजी 
  2. इल्तुतमिश 
  3. मुहम्मद बिन तुगलक
  4. शेरशाह सूरी 

उत्तर – A

सल्तनत काल में अलाउद्दीन खिलजी द्वारा ‘बाजाज नियंत्रण’ या ‘मूल्य नियंत्रण’ पद्धति को लागू किया गया था। अलाउद्दीन ने केंद्र में एक बड़ी और स्थायी सेना रखी तथा उसे नगद वेतन दिया। ऐसा करने वाला वह दिल्ली का पहला सुल्तान था। उस सेना का व्यय बहुत अधिक था। बरनी के अनुसार- “यदि उतनी बड़ी सेना को साधारण वेतन भी दिया जाता, तो राज्य का खजाना पांच या छः वर्ष में ही समाप्त हो जाता।” अतः अलाउद्दीन ने सेना के खर्च में कमी करने के लिए सैनिकों के वेतन में कमी की। परंतु उसके सैनिक सुविधापूर्वक रह सके, इसके लिए उसने वस्तुओं के मूल्य निश्चित किए और उनकी दरे कम कर दीं।

52. बाजार नियंत्रित प्रथा लागू की थी-

  1. गयासुद्दीन तुगलक 
  2. जलालुद्दीन खिलजी 
  3. अलाउद्दीन खिलजी 
  4. बलबन 

उत्तर- C

उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें। 

53. बाजार कीमतों को नियंत्रित करने के अलाउदीन खिजली के प्रयास ने-

  1. कृषि को उन्न्त किया। 
  2. सिर्फ सामंतों / दरबारियों को फायदा पहुंचाया। 
  3. बहुत सफलता प्राप्त की। 
  4. शासक को जनमानस से दूर किया। 

उत्तर – C

अलाउद्दीन का आर्थिक सुधार एक बड़ी सेना का भरण- पोषण, कालाबाजारी को रोकना और विद्रोहों पर अंकुश लगाने के लिए था। इन सब के लिए सुल्तान ने बाजार में मूल्य नियंत्रण के लिए कई नियम और प्रमुख अधिकारियों की नियुक्ति की। उसने मालिक कबूल को शहना या बाजार अधीक्षक नियुक्त किया और उसको मूल्य में स्थिरता  बनाएं रखने के लिए कई सहायक और विस्तृत अधिकार दिए, जिसने नियमों को उसने बड़ी कठोरता से लागू किया, जिसका परिणाम हुआ कि मुनाफाखोरी और कालाबाजारी बंद हो गई।

54. निम्नलिखित में से किस मध्यकालीन शासक ने ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ प्रारंभ की थी?

  1. अलाउद्दीन खिलजी ने 
  2. बलबन ने 
  3. फिरोजशाह तुगलक ने 
  4. मुहम्मद बिन तुगलक ने 

उत्तर-A

सल्तनतकालीन शासक अलाउद्दीन खिलजी ने ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ प्रारंभ की थी। 

55. ‘घरी’ अथवा गृहकर लगाने वाला दिल्ली का प्रथम सुल्तान कौन था?

  1. बलबन 
  2. अलाउद्दीन खिलजी 
  3. मोहम्मद बिन तुगलक 
  4. फिरोजशाह तुगलक 

उत्तर-B 

अलाउद्दीन खिलजी द्वारा लगाए गए दो नवीन  कर थे- ‘घरी कर’ जो कि घरों एवं झोपड़ियों पर लगाया जाता था तथा ‘चराई कर’ जो कि दुधारू पशुओं पर लगाया जाता था।

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56. 1306 ई. सन के बाद अलाउद्दीन खिलजी के समय में दिल्ली के सुल्तान तथा मंगोलों के बीच सीमा क्या थी?

  1. ब्यास
  2. रावी
  3. सिंधु
  4. सतलज

उत्तर- B 

1306 ई. बाद अलाउद्दीन खिलजी के समय में दिल्ली सल्तनत एवं मंगोलों के बीच सीमा रावी नदी थी। 1306 ई. में कबक के नेतृत्व में  मंगोल आक्रमण हुआ, जिसे रावी नदी के तट पर मलिक काफूर और गाजी मालिक द्वारा रोक दिया गया था और रावी नदी मंगोल और खिजली साम्राज्य की सीमा बन गई थी।

57. निम्नलिखित युग्मों में कौन सही सुमेलित नहीं है?

रियासत – शासक

A. देवगिरी – शंकरदेव

B. वारंगल – रामचंद्रदेव

C. होयसल – वीर बल्लाल

D. मदुरा – वीर पाण्डया 

उत्तर – B 

अलाउद्दीन खिलजी के दक्षिण भारत पर आक्रमण के समय देवगिरी का शासक रामचंद्रदेव था। रामचंद्रदेव की मृत्यु के बाद उनका पुत्र शंकरदेव शासक बना। तेलंगाना में काकतीय वंश का शासक था। यहां का शासक प्रतापरूद्रदेव द्वितीय था, इसकी राजधानी वारंगल थी। शेष अन्य विकल्प सही सुमेलित हैं।

58. अलाउद्दीन खिलजी के नियम सेनाध्यक्षो में से  कौन- सा तुगलक वंश का प्रथम सुल्तान बना?

  1. गाजी मलिक 
  2. मलिक काफूर 
  3. जफर खां 
  4. उबेर खां 

उत्तर-A 

अलाउद्दीन के सेनापतियों में गयासुद्दीन तुगलक या गाजी मलिक तुगलक वंश का प्रथम शासक था। उसने तुगलक वंश की स्थापना की। गयासुद्दीन तुगलक अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में कई महत्वपूर्ण अभियानों का अध्यक्ष था तथा उसे दीपालपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। 29 अफसरों पर उसने मंगलो के विरूद्ध युद्ध किया, उन्हें भारत से बाहर खदेड़ा इसलिए वह ‘मालिक- उल- गाजी’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

खुसरो शाह को समाप्त करके उसने दिल्ली के सिंहासन पर अधिकार कर लिया तथा 8 सितंबर, 1320 ई. को सुल्तान बना। इसका एक नाम गाजी बेग तुगलक या गाजी तुगलक भी था, इसी कारण इतिहास में उसके उत्तरअधिकारियों को भी ‘तुगलक’ पुकारा जाने लगा और उसका वंश तुगलक वंश कहलाया।

59. गाजी मलिक किस वंश का संस्थापक था?

  1. तुगलक 
  2. खिलजी 
  3. सैय्यद 
  4. लोदी  

उत्तर-A 

उपयुक्त प्रश्न कि व्याख्या देखें।

60. कृषि को सम्मुनन्त करने के लिए नहर खुदवाने के संदर्भ में 13वीं शताब्दी का निम्नलिखित में पहला शासक होने का श्रेय किसे दिया जाता है?

  1. बलबन
  2.  इल्तुतमिश 
  3. गयासुद्दीन तुगलक 
  4. रजिया बेगम 

उत्तर- C

तुगलक वंश की स्थापना गयासुद्दीन तुगलक ने की थी। गयासुद्दीन ने कृषकों की स्थिति में सुधार के लिए अनेक प्रयास किए। उसने ‘मुकदम’ तथा ‘खुतो’ को उनके पुराने अधिकार लौटा दिया। गयासुद्दीन ने लगान निश्चित करने में बटाई का प्रयोग फिर से प्रारंभ कर दिया, ऋणों की वसूली को बंद करवा दिया, भू- राजस्व की दर को 1/3 किया तथा सिंचाई के लिए नहरों का निर्माण करवाया। सिंचाई हेतु नहर निर्माण कराने वाला गयासुद्दीन पहला शासक था।

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