Impact Of British Rule Quiz : Modern History Quiz Part-3 | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है आधुनिक भारत का इतिहास के Impact Of British Rule Quiz : Modern History Quiz Part-3 – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो किसी न किसी परीक्षा में पहले पूछे जा चुके है। लगभग भारत की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न बार – बार दोहराये जाते रहें है।

Impact Of British Rule Quiz : Modern History Quiz Part-3

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह ‘आधुनिक भारत का इतिहास’ Impact Of British Rule Quiz : Modern History Quiz Part-3 की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

41. किसकी पद्मावती में महिलाओं तथा बच्चों की कार्यवधि के घंटों को सीमित करने तथा स्थानीय शासन का आवश्यक नियम बनाने के लिए प्राधिकृत करने के लिए प्रथम फैक्ट्री अधिनियम का अधिग्रहण किया गया? IAS(Pre)2007 

  1. लॉर्ड लिटन 
  2. बैटिंग बेंटिक 
  3. लॉर्ड रिपन 
  4. लॉर्ड कैनिंग 

उत्तर – C 

लॉर्ड रिपन को ब्रिटिश भारत के वायसरायों में सबसे अधिक उदारवादी माना जाता है। उन्होंने सौ या उससे अधिक कार्यरत मजदूरों वाली फैक्ट्रियों में काम करने वाली महिलाओं तथा बच्चों के संबंध में कुछ उदारवादी नियम बनाए, जिन्हें प्रथम फैक्ट्री अधिनियम, 1881 के रूप में जाना जाता है। इस अधिनियम के तहत 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के फैक्ट्रीयों में काम करने पर रोक एवं 7 से 12 वर्ष के बच्चों की कार्यावधि प्रतिदिन 9 घण्टे तथा महीने में चार दिन की छुट्टी का प्रावधान किया गया। 

42. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- IAS(Pre)2017 

  1. फैक्ट्री एक्ट, 1881 औधोगिक कामगारों की मजदूरी नियत करने के लिए और कामगारों को मजदूर संघ बनाने देने की दृष्टि से पारित किया गया था। 
  2. एन. एम. लोखंडे ब्रिटिश भारत में मजदूर आंदोलन संगठित करने में  अग्रगामी थे। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1 
  2. केवल 2 
  3. 1 और 2 दोनों 
  4. न तो 1, न ही 2 

उत्तर – B 

प्रथम कारखाना अधिनियम, 1881 ई. में पारित किया गया था। परंतु यह अधिनियम अपर्याप्त मापदंड जैसा साबित हुआ। इसमें केवल ऐसे मजदूर जो बच्चे थे, उन्ही के सुरक्षा के संबंधित प्रवाधान बनाया गया था  इस अधिनियम में महिला मजदूरों के संबंधित कोई प्रावधान नहीं बनाया गया था। अतः इस अधिनियम से मजदूर सामान्यतः निराश थे। एन. एम. लोखंडे (Narayan Megha ji Lokhande) भारत में मजदूर आंदोलन संगठित करने में अग्रगामी थे। 19वीं शताब्दी में वे न केवल हथकरघा एवं कपड़े की मिलों में मजदूरों की दयनीय स्थिति में सुधार करने के लिए याद किए जाते हैं, बल्कि जाति एवं संप्रदाय जैसे मुद्दों पर भी उन्होंने साहसिक पहला कीं। अतः केवल कथन 2 स्तय है। 

43. निम्नलिखित में से किसे भारत में ‘स्थानीय स्वायत्त शासन’ का जनक माना जाता है? UPPCS(Pre)2015 

  1. लॉर्ड डलहौजी 
  2. लॉर्ड कैनिंग 
  3. लॉर्ड कर्जन 
  4. लॉर्ड रिपन 

उत्तर – D 

लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में प्रस्तुत स्थानीय स्वशासन प्रस्ताव 1882 ई. से भारत में आधुनिक स्थानीय स्वशासन का प्रारंभ माना जाता है। लॉर्ड रिपन को स्थानीय स्वशासन का पिता कहा जाता है। इन्होंने प्रांतीय सरकारों को आज्ञा दी कि वे प्रांतीय तथा स्थानीय नागरिक वित्तीय साधनों का एक सर्वेक्षण करें, जिससे यह निश्चित किया जा सके कि किन-किन मदों का आम व्यय स्थानीय प्रशासन के सुपुर्द किया जा सकता है। 

44. भारत में कर्जन के प्रशासन की तुलना औरंगजेब से किसने की थी? UPPCS(Mains)2012 

  1. बी. जी. तिलक 
  2. जी. के. गोखले 
  3. दादाभाई नरोजी 
  4. एनी बेसेंट 

उत्तर – B 

लॉर्ड कर्जन ने अपने व्यवसाय काल (1899-1905 ई.) में भारतीय जनमानस की आकांक्षाओं की पूर्णतः अवहेलना करते हुए भारत में ब्रिटिश शासन को सुदृढ़ करने का प्रयास किया। गोपाल कृष्ण गोखले ने कर्जन के प्रशासन की तुलना मुगल सम्राट औरंगजेब की थी। 

45. असैनिक प्रशासन 1905 के संदर्भ में, कौन-सा कथन सही है/हैं।? UPPCS(Pre)2019 

  1. लॉर्ड कर्जन ने प्रांतीय सीमाओं को पूनर्गठित करने का निर्णय लिया। 
  2. पूर्वी बंगाल और आसाम नामक एक नया प्रांत बनाया गया। 

नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर चुनिए-

  1. केवल 1 
  2. 1 और 2 दोनों 
  3. केवल 2 
  4. न तो 1 और न ही 2 

उत्तर – B 

वर्ष 1905 में गवर्नर जनरल लॉर्ड कर्जन ने प्रांतीय सीमाओं को पूनर्गठित करने का निर्माण लिया। इसने बंगाल को दो भागों में बांटकर ‘पूर्वी बंगाल और आसाम’ नामक एक नया प्रांत बनाया तथा बंगाल के पश्चिमी भाग में बंगाल, बिहार, उड़ीसा, चोल नागपुर को शामिल किया। इसके अतिरिक्त उसने मद्रास और मध्य प्रांत की सीमाओं में भी बदलाव किया था। 

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46. “मुझे विश्वास है की कांग्रेस अपने विनास की तरफ जा रही है और मेरी यह बड़ी इच्छा भारत में रहते होगी कि इसके शांतिप्रिय निधन के लिए इसका सहायक बनूं।” यह किसने लिखा? BPCS(Pre)2016 

  1. लॉर्ड लिटन 
  2. लॉर्ड डफरिन 
  3. लॉर्ड कर्जन 
  4. लॉर्ड मिंटो 
  5. उपरोक्त में से कोई नहीं/उपरोक्त में से एक से अधिक 

उत्तर – C 

अंग्रेज शासक समझते थे कि नरमपंथियों के नेतृत्व में कांग्रेस काफी कमजोर है, जनता में इसकी पैठ नहीं है, अतः इसे खत्म किया जा सकता है। इस नीति के सबसे बड़े प्रवक्ता थे लॉर्ड कर्जन। वर्ष 1900 में कर्जन ने ब्रिटिश सेक्रेटरी ऑफ स्टेट को लिखा- “मुझे विश्वास है कि कांग्रेस अपने विनाश की तरफ जा रही है और मेरी अब बड़ी इच्छा भारत में रहते होगी कि इसके शांतिप्रिय निधन के लिए इसका सहायक बनूं।” वर्ष 1903 में उन्होंने मद्रास गवर्नर को लिखा- “जब से मैं भारत आया हूं, मेरी नीति यही रही है कि किसी भी तरह कांग्रेसी को नपुंसक बना दू।” कर्जन ने कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इंकार कर दिया था।

47. भारत में उपनिवेशी शासनकाल में ‘होम चार्जेज’ भारत से संपत्ति दोहन का महत्वपूर्ण अंग थे। निम्नलिखित में से कौन-सी निधि/निधियां ‘होम चार्जेज’ कि संघटक थी/थीं? IAS(Pre)2011 

  1. लंदन में इंडिया ऑफिस के भरण-पोषण के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली निधि। 
  2. भारत में कार्यरत अंग्रेज कर्मचारियों के वेतन तथा पेंशन देने हेतु प्रयोग में लाई जाने वाली निधि। 
  3. भारत के बाहर हुए युद्धों को लड़ने में अंग्रेजों द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाली निधि। 

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए-

  1. केवल 1 
  2. केवल 1 और 2 
  3. केवल 1 और 3 
  4. 1, 2 और 3 

उत्तर – B 

औपनिवेशिक शासनकाल में भारत सरकार के गृह शुल्कों (Home Charges से तात्पर्य इंग्लैंड स्थित राज्य सचिव (Secretary Of State) द्वारा भारत सरकार की ओर से किया गया व्यय था। इसमें शामिल थे- भारतीय सार्वजनिक ऋण एवं रेलों पर लगाई गई पूंजी पर दिया गया ब्याज, भारत को दी गई सैनिक और अन्य सामग्री की लागत, भारत के कारण इंग्लैंड में दिए जाने वाले नागरिक और सैनिक शुल्क, इंग्लैंड में राज्य सचिव का साया व्यय (वर्ष 1919 तक) तथा भारत सरकार द्वारा यूरोपीय अफसरों को दिए जाने वाले भत्ते और पेंशन। भारत के बाहर हुए युद्धों को लड़ने में अंग्रेजों द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाली निधि गृह शुल्कों पर भारित नहीं थी। अतः विकल्प 2 अभीष्ट उत्तर होगा।

48. 1793 में लॉर्ड कार्नवालिस की भू-व्यवस्था प्रणाली लागू होने के बाद कानूनी विवादों की प्रवृत्ति में बढ़ोत्तरी देखी गई थी। निम्नलिखित प्रावधानों में से किस एक सामान्यता इसके कारक के रूप में जोड़ कर देखा जाता है?IAS(Pre)2011

  1. रैयत की तुलना में जमींदार की स्थिति को अधिक सशक्त बनाना।
  2. ईस्ट इंडिया कंपनी को जमींदारों का अधिपति बनाना। 
  3. न्यायिक पद्धति को अधिक कार्यकुशल बनाना।  
  4. उपर्यूक्त 1, 2 तथा 3 कथनों में से कोई भी सही नहीं है। 

उत्तर – D 

1793 ई. में लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा प्रारंभ स्थाई बंदोबस्त (जमींदारी व्यवस्था) वाली  भू-व्यवस्था प्रणाली में जमींदारों भूमि पर वास्तविक अधिकार स्वीकृत कर लिया गया था (जब तक कि वे लगान एकत्र कर उसका 10/11 भाग सरकार को देते रहते) लेकिन जमींदारी का भू-क्षेत्र निर्धारित नहीं था। लगान रहित अनुदान भूमि, चारागाह, परती आदि भूमि निर्धारित न होने के कारण कानूनी विवाद बढ़े। जमींदार एवं कृषक के बीच अनेक मध्यस्थों के कारन भी विधिक वादों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। स्पष्ट है कि अभीष्ट विकल्प (d) होगा।

49. बिहार में ‘परमानेंट सेटिलमेंट’ लागू करने का कारण था- BPSC(Pre)2008 

  1. जमींदारों का जमीन पर अधिकार न रहना
  2. जमींदारों के लिए जमीन पर वंश परंपरागत अधिकार को स्वेच्छा से हस्तांतरित करने का अधिकार 
  3. भू-राजस्व का राजस्व निर्णय करना 
  4. जमीदारी-प्रथा का निर्मूलन 

उत्तर – C 

लॉर्ड कार्नवालिस के समय भू-राजस्व व्यवस्था आरंभ में दस वर्षीय व्यवस्था के रूप में 1790 ई. में लागू की गई थी, जो 22 मार्च, 1793 को ‘परमानेंट सेटिलमेंट (स्थायी बंदोबस्त) के रूप में स्थापित हुई। इस व्यवस्था को बिहार लागू करने का मुख्य कारण कंपनी के लिए भू-राजस्व की एक निश्चित राशि तय करना था।

50. रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-  

——– में बंगाल और बिहार में भूमि पर किरायेदारों के अधिकारों को बंगाल किरायेदारी अधिनियम द्वारा दिया गया था। BPSC(Pre)2015 

  1. 1885 
  2. 1886 
  3. 1889 
  4. 1900 

उत्तर – A 

1793 ई. में लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त को लागू किया गया, जिसमें जमींदारों को कई अधिकार प्रदान किए। 19वीं शताब्दी तक आते-आते भूमि की मांग बढ़ने लगी और भूमि मालिकों ने किराए में बढ़ोतरी की। यह समय किसानों के विद्रोध का था। इसी बीच बंगाल सरकार ने बंगाल एवं बिहार में बंगाल किरायेदार अधिनियम, 1885 को लागू किया, जिसमें भूमि मालिकों (जमीदारों) और किरायेदारों के अधिकारों को परिभाषित किया गया।

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51. निम्नलिखित में से कौन ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में रैयतवाड़ी बंदोबस्त के प्रारंभ किए जाने से संबंद्ध था/थीं?IAS(Pre)2017 

  1. लॉर्ड कार्नवालिस
  2. अलेक्जेंडर रीड 
  3. टॉमस मुनरो 

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

  1. केवल 1 
  2. केवल 1 और 3 
  3. केवल 2 और 3 
  4. 1, 2 और 3 

उत्तर – C

रैयतवाड़ी बंदोबस्त अंग्रेजों द्वारा भारत में भू-राजस्व वसूली हेतु लागू की गई एक प्रणाली थी। अलेक्जेंडर रीड ने मद्रास प्रेसिडेंसी में सर्वप्रथम 1792 ई. में तमिलनाडु के बारामहान क्षेत्र में रैयतवाड़ी व्यवस्था लागू की। टॉमस मुनरो ने 1809 ई. में कुछ क्षेत्रों में इसको लागू किया। 1820 ई. में मद्रास का गवर्नर बनने का बनने पर उसने इसे मद्रास में लागू किया।

मिनरो के शिष्य एलफिंस्टन ने इस से बॉम्बे प्रेसीडेंसी में लागू किया। संपूर्ण ब्रिटिश भारत के 51 प्रतिशत क्षेत्र (मद्रास, बंबई के कुछ हिस्से, पूर्वी बंगाल, असम एवं कुर्ग) में यह व्यवस्था लागू की गई थी इस व्यवस्था के अंतर्गत रातों को भूमि का मालिकाना हक दिया गया जिसके द्वारा यह प्रत्यक्ष रुप से सीधे या व्यक्तिगत रूप से भू राजस्व अदा करने के लिए उत्तरदाई थे 18 से 36 ईसवी के बाद विंगेट और गोल्ड द्वारा व्यवस्था में सुधार 

52. रैयतवाड़ी बंदोबस्त के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- 

  1. किसानों द्वारा लगान सीधे सरकार को दिया जाता था। 
  2. सरकार रैयत को पट्टे के देती थी। 
  3. कर लगाने के पूर्व भूमि का सर्वेक्षण और मूल्य-निर्धारण किया जाता था। 

उपर्यूक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? IAS (Pre) 2012

  1. केवल 1 
  2. केवल 1 और 2 
  3. 1, 2 और 3 
  4. कोई भी नहीं 

उत्तर – C 

दक्षिण भारत में उत्तर भारत की तरह बड़े-बड़े भूखंडो एवं बड़े जमींदारों के अभाव में रैयतवाड़ी व्यवस्था को लागू किया गया। इस व्यवस्था का सूत्रपात कैप्टन रीड और टॉमस मुनरो ने किया था। रैयतवाड़ी व्यवस्था के तहत किसानों को अपनी जमीन का मालिक माना जाता था जो सीधे सरकार को कर देते थे। कर का निर्धारण भूमि का सर्वेक्षण करने के बाद किया जाता था। भूमि सर्वेक्षण के बाद लगाने के लिए किसान और सरकार के बीच एक समझौता होता था। किसान की सहमति के बाद उसे पट्टा दिया जाता था, जो भूमि पर उसकी निजी संपत्ति का प्रमाण होता था। 

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53. वह प्रथा, जिसके तहत किसान स्वयं भूमि का मालिक होता है और सरकार को भू-राजस्व के भुगतान के लिए जिम्मेदार माना जाता है? BPSC(Pre)2019 

  1. जमीदारी प्रथा 
  2. रैयतवाड़ी प्रथा 
  3. महालवाड़ी प्रथा 
  4. डहसाला प्रथा 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्यूक्त में से एक से अधिक 

उत्तर – B 

रैयतवाड़ी प्रथा के अंतर्गत किसान स्वयं भूमि का मालिक होता है और सरकार को भू-राजस्व के भुगतान के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

54. असम में सर्वप्रथम चाय कंपनी की स्थापना कब हुई थी? UPRO/ARO(Pre)2016 

  1. 1835 में 
  2. 1837 में 
  3. 1839 में 
  4. 1841 में 

उत्तर – C 

असम में सर्वप्रथम चाय कंपनी की स्थापना 1840 ई. में हुई थी। यह कंपनी 5 लाख रु. की पूंजी के साथ इंग्लैंड में स्थापित की गई थी तथा नजीरा, असम में इस कंपनी का मुख्यालय था। ‘द असम कंपनी’ भारत की सबसे पुरानी व्यावसायिक चाय कंपनी है, जो वर्तमान में भी कार्यरत है।

55. निम्नलिखित में कौन भारत में उपनिवेशवाद का/के आर्थिक आलोचक था/थे? IAS(Pre)2015 

  1. दादाभाई नौरोजी  
  2. जी सुब्रमण्यम अय्यर 
  3. आर. सी. दत्त 

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

  1. केवल 1 
  2. केवल 1 और 2 
  3. केवल 2 और 3 
  4. 1, 2 और 3 

उत्तर – D

1870 से 1905 ई. के बीच बहुत से भारतीय बुद्धिजीवियों ने ब्रिटिश शासन के आर्थिक पहलू को विश्लेषित किया। इनमें तीन लोगों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहा, वे थे- 1. दादाभाई नरोजी, 2. महादेव गोविंद रानाडे और 3. आई. सी. एस. अधिकारी रमेश चंद्र दत्त। इन्होंने भारत का आर्थिक इतिहास लिखा। इन तीनों के अतिरिक्त जी .वी. जोशी, जी. सुब्रमण्य अय्यर (‘द हिंदू’ समाचार-पत्र के संस्थापक संपादक), गोपाल कृष्ण गोखले, पृथ्वीसचंद्र राय समेत अनेक राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने तत्कालीन अर्थव्यवस्था के हर पहलू का गहराई से विश्लेषण किया। ये लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि भारत के आर्थिक विकास के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा उपनिवेशवाद ही है। 

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56. ‘अनुधोगीकरण’ के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? UPPCS(Mains)2017 

  1. यह प्रक्रिया 1813 में प्रारंभ हुई। 
  2. ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकअधिकारों की समाप्ति ने इस प्रक्रिया को तेज किया। 

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 

कूट: 

  1. केवल 1 
  2. केवल 2 
  3. 1 तथा 2 दोनों 
  4. न 1, न 2 

उत्तर – C

भारत में अनुद्योगिकरण की प्रक्रिया 1813 ई. के चार्टर एक्ट द्वारा कंपनी का भारतीय व्यापार का एकाधिकार समाप्त करने से शुरू हुई। इससे ब्रिटेन की समस्त प्रजा को पूर्वी विश्व के साथ व्यापार की अनुमति प्राप्त हो गई। यह औधोगिक क्रांति को विस्तार देने के लिए किया गया था। इससे भारत ब्रिटिश उत्पादों का बाजार बन गया। 

57. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –

दादाभाई नौरोजी की भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को सर्वाधिक प्रभावी देन थी कि

  1. उन्होंने इस बात को अभिव्यक्त किया कि ब्रिटेन भारत का आर्थिक शोषण कर रहा है।
  2. उन्होंने प्राचीन भारतीय ग्रंथों की व्याख्या की और भारतीयों में आत्मविश्वास जगाया।
  3. उन्होंने सभी सामाजिक बुराइयों के निराकरण की आवश्यकता पर सर्वोपरि जोर दिया। 

उपर्यूक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? IAS(Pre)2012

  1. केवल 1 
  2. केवल 2 और 3 
  3. केवल 1 और 3 
  4. 1 , 2 और 3 

उत्तर- A 

दादाभाई नौरोजी आधुनिक भारत के प्रथम ऐसे राष्ट्रवादी नेता थे, जिन्होंने गहरे शोध और विश्लेषण के बल पर यह सिद्ध किया कि ब्रिटेन भारत का आर्थिक शोषण कर रहा है और प्रतिवर्ष एक निश्चित रकम इकलैंड ले जाई जा रही है। इसके परिप्रेक्ष्य में ही उन्होंने अपनी इकोनॉमिक ‘ड्रेन’ थ्योरी दी।

58. किसने यह विचार किया था कि भारत में ‘ब्रिटिश ब्रिटिश आर्थिक नीति’ घिनौनी है? UK-UDA/LDA(Mains)2007  

  1. बी. जी. तिलक 
  2. दादाभाई नौरोजी 
  3. कार्ल मार्क्स 
  4. एडम स्मिथ 

उत्तर – C  

कार्ल मार्क्स ने यह विचार व्यक्त किया था कि ‘ब्रिटिश आर्थिक नीति’ घिनौनी है। अंग्रेजी हस्तक्षेप से सूती कट कातने वाला तो लंकाशायद में रहता है। तंतुवाय बंगाल और उसका आर्थिक आधार समाप्त होने के कारण लगभग लुप्त हो गया है। लाखों चरखो और हथकरघों ने असंग कातने वालों बुनकरों को जन्म दिया तथा वे समाज के केंद्र बिंदु बने रहे थे  किंतु अब इस देश में (विदेशी) सूती कपड़े की मानों बाढ़ आ गई है।

59. दक्षिण भारत में सिंचाई व्यवस्था का अग्रदूत किसे माना जाता है?UK-PCS(Pre)2016 

  1. सर आर्थर कॉटन 
  2. कर्नल बेयर्ड स्मिथ
  3. लेफ्टिनेंट ब्लेन
  4. कर्नल रॉबर्टस्मिथ  

उत्तर – A 

सर आर्थर कॉटन ब्रिटिश सिंचाई अभियंता थे। उन्होंने दक्षिण भारतीय राज्यों की सिचाई व्यवस्था हेतु उल्लेखनीय कार्य किया। इसलिए सर आर्थर कॉटन को ‘दक्षिण भारत में सिंचाई व्यवस्था का अग्रदूत’ माना जाता है

60. आर्थिक तौर पर, 19वीं शताब्दी में भारत पर अंग्रेजी शासन का एक परिणाम था-IAS(Pre)2018 

  1. भारतीय हस्त-शिल्पो के निर्यात में वृद्धि 
  2. भारतीयों के स्वामित्व वाले कारखानों की संख्या में वृद्धि 
  3. भारतीय कृषि का वाणिज्यिकरण 
  4. नगरीय जनसंख्या में तीव्र वृद्धि 

उत्तर – C 

1813 ई. के चार्टर एक्ट द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त करके मुक्त व्यापार नीति अपनाई गई। इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति उफान पर थी, अतः इंग्लैंड को अपने उद्योगों के लिए सस्ते माल की आवश्यकता थी। इस प्रकार भारत कच्चे माल का उत्पादन करने वाला देश बनकर रह गया। इसके अतिरिक्त भारत में पूंजीवादी व्यवस्था के बढ़ने के साथ-साथ नई लगान नीति के कारण किसान को अब नकद राशि की आवश्यकता थी। इसलिए किसान भी उन फसलों को उगाने के लिए किसानों के लिए विवश हुए जिनका बाजार में क्रय-विक्रय हो सके।

जबकि इससे पूर्व किसान की उन्ही फसलों को उगाता था,  जिनकी खपत स्थानीय स्तर पर होती थी। चाय, रबर, कॉफी, नील, रेशम, जूट और तंबाकू जैसे वाणिज्यिक फसलों के उत्पादन की शुरुआत हो गई, जो ब्रिटिश पूंजीवाद की पहली पसंद थी। इन फसलों के लिए उन्हें यूरोपीय बाजारों में अत्यधिक कीमत प्राप्त होती थी। इस प्रकार उत्पादन के स्वरूप और प्रकृति के मूलभूत परिवर्तन हुए और भारतीय कृषि वाणिज्यिक हो गया।

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