Schedules of the Constitution: संविधान की अनुसूचियां (Make Complete Notes Class 6) | UPSCSITE

Schedules of the Constitution Complete Notes For UPSC & PCS : संविधान की अनुसूचियां

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Schedules of the Constitution: संविधान की अनुसूचियां

संविधान में कुल 12 अनुसूचियां हैं जो इस प्रकार हैं-

प्रथम अनुसूची- इसमें भारत संघ में शामिल राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों का उल्लेख है, जिनकी संख्या क्रमश: 29 तथा 7 है। इससे संबंधित अनुच्छेद 1 से 4 हैं।

द्वितीय अनुसूची- इसमें भारतीय राजव्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष और – उपाध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति और उप-सभापति, विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधानपरिषद के सभापति और उप-सभापति विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधानपरिषद के सभापति और उप-सभापति, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक आदि) को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन आदि का उल्लेख किया गया है। इस अनुसूची का संबंध अनुच्छेद 59 (3), 65 (3), 75 (6) 97, 125, 148 (3), 158 (3), 164 (5), 186 और 221 से है।

तृतीय अनुसूची- इसमें विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मंत्री, संसद सदस्य, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश आदि।) द्वारा पद ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है। इस अनुसूची का संबंध अनुच्छेद 75(4), 99, 124 (6), 148 (2), 164 (3), 188 और 219 से है।

चतुर्थ अनुसूची- इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया हैं इस अनुसूची का संबंध अनुच्छेद 4 (1) और 80 (2) से है।

पांचवी अनुसूची- इसमें विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख है। इस अनुसूची का संबंध अनु 244(1) से है। 

छठी अनुसूची- इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों में प्रशासन के बारे में उल्लेख है। 1 अक्टूबर 2007 को दार्जिलिंग गोरखा पर्वतीय परिषद को इसमें शामिल किया गया है। इससे संबंधित अनुच्छेद हैं-244 (2) और 275 (1) ।

सातवीं अनुसूची- इसमें केन्द्र और राज्य के बीच शक्ति विभाजन के लिए तीन सूचियों का वर्णन है-

1. संघ सूची- इस सूची में आरम्भ में 97 विषय थे, किन्तु मई 2003 में सेवाकर को इस सूची में शामिल करने के बाद वर्तमान में इनकी संख्या 98 हो गई है। वर्तमान में इसकी संख्या 99 है। इस सूची में शामिल विषय हैं- प्रतिरक्षी, युद्ध, विदेश मामले, रेलवे, वायु एवं जलपरिवहन, मुद्रा, विदेशी व्यापार आदि। इन विषयों पर सिर्फ केन्द्र सरकार कानून बना सकती है।

2. राज्य सूची- इस सूची में आरम्भ में 66 विषय शामिल थे. किन्तु वर्तमान में इसमें 62 विषय शामिल हैं, जो हैं – कृषि, पुलिस स्थानीय प्रशासन, जेलखाना, सिंचाई, भू-राजस्व, लोक स्वास्थ्य, पशुपालन आदि। इस सूची में दिए गए विषयों पर राज्य सरकार कानून बनाती है किन्तु राष्ट्रीय हित के मामले- में केन्द्र सरकार भी राज्यसभा के सहयोग से इस सूची पर कानून बना सकती है।

3. समवर्ती सूची– इस सूची के आरम्भ में 47 विषय थे, किन्तु वर्तमान में इसमें 52 विषय हैं, जिनमें जनसंख्या नियंत्रण, समाचार-पत्र, शिक्षा, वन, सामाजिक और आर्थिक नियोजन, राष्ट्रीय जलमार्ग आदि हैं। इस सूची पर केन्द्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती है किन्तु अवशिष्ट शक्तियाँ केन्द्र के पास होती हैं। 

आठवीं अनुसूची- इसमें वर्तमान में 22 भाषाओं को शामिल किया गया है, किन्तु आरम्भ में इसमें केवल 14 भाषायें थीं। 1967 में सिंधी को, 1992 में कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को और 2003 में संथाली, डोंगरी, बोडो एवं मैथिली को इस अनुसूची में शामिल किया गया।

नवीं अनुसूची- संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम 1951 के द्वारा जोड़ी गई। इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है। इस अनुसूची का संबंध अनुच्छेद 31 (ख) से है। इसमें 300 (अधिकांश भूमि संबंधी सुधार) अधिनियमों का वर्णन है, जिसे न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। संसद को इस पर असीम शक्ति प्राप्त है। जनवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि अप्रैल 1973 के बाद बने अधिनियम पर संसद उस पर सुरक्षा कवच नहीं रख सकती। इस पर न्यायिक पुनरावलोकन किया जा सकता है। 

दसवीं अनुसूची- इसे संविधान में 52वां संशोधन 1985 के द्वारा जोड़ा गया। इसमें दल-बदल से सम्बंधित प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। इस अनुसूची का संबंध अनुच्छेद 102 (2) 191 (2) और 361 (ख) से है।

ग्यारहवीं अनुसूची- इस अनुसूची को 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 में जोड़ा गया था। इसमें पंचायतों की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व के बारे में वर्णन है। इसका संबंध अनुच्छेद 243 (क) से 243 (ण) तक है। इस अनुसूची 29 विषय शामिल हैं।

बारहवीं अनुसूची- इस अनुसूची को 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा 1992 में जोड़ा गया। इसमें नगरपालिकाओं की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व के बारे में उपबंध हैं। जो अनुच्छेद 243 (त) से 243 (यछ) तक संबद्ध है। इस अनुसूची में 18 विषय शामिल हैं।

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