Socio-Religious Reform Movement Mcq Part-2 : Modern History Quiz Part-10 | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है आधुनिक भारत का इतिहास के Socio-Religious Reform Movement Mcq Part-2 : Modern History Quiz Part-10 – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो किसी न किसी परीक्षा में पहले पूछे जा चुके है। लगभग भारत की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न बार – बार दोहराये जाते रहें है।

Socio-Religious Reform Movement Mcq Part-2 : Modern History Quiz Part-10

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह ‘आधुनिक भारत का इतिहास’ Socio-Religious Reform Movement Mcq Part-2 : Modern History Quiz Part-10 की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

181. ‘बहुजन समाज’ का संस्थापक कौन था? UP Lower Sub(Spl) (Pre)2010 

  1. श्री नारायण गुरु 
  2. मुकुंदराव पाटिल 
  3. डॉ.बी.आर. अंबेडकर 
  4. बी.आर. शिंदे 

उत्तर – B 

वर्ष 1910 के उपरांत ज्योतिबा फुले के विचारों से प्रेरित होकर मुकुंदराव पाटिल एवं शंकरराव जाधव ने एक ब्राह्मण विरोधी एवं प्रबल कांग्रेसविद्रोही ‘बहुजन समाज’ की स्थापना की यह आंदोलन बाद में उस समय सामाजिक एवं राजनीतिक रूप में विघटनकारी और ब्रिटिश सरकार का समर्थक हो गया, जब कोल्हापुर के शाहू महाराज ने अपने दरबार में ब्राह्मण दरबारियों के साथ विवादों एवं झगड़ों के कारण इस आंदोलन को संरक्षण दिया। 

182. किसके द्वारा मंदिरों में प्रवेश के अधिकार की मांग की प्रस्तुति के कारण 1899 ई. तिरुनेलवेली में भयंकर दंगे हुए थे? BPSC(Pre)1995 

  1. ओकालिंग 
  2. नाडार 
  3. महार 
  4. पाली 

उत्तर – B

नाडारों द्वारा मंदिरों में प्रवेश के अधिकार की मांग प्रस्तुति के कारण से 1899 ई. में तूने तिरुनेलवेली में भयंकर दंगे हुए थे। 

183. किसने कहा कि “यदि भगवान अस्पृश्यता को सहन करते हैं, तो मैं उन्हें कभी भगवान नहीं मानूंगा”? UPPCS(Sub) (Mains)2004 

  1. बी.आर. अंबेडकर 
  2. बाल गंगाधर तिलक 
  3. लाला लाजपत राय 
  4. महात्मा गांधी 

उत्तर – B 

छुआछूत उन्मूलन के लिए आयोजित एक सम्मेलन में तिलक ने कहा था, “यदि भगवान भी छुआछूत को बर्दाश्त करे, तो मैं भगवान को नहीं मानूंगा।” तिलक को लोग प्रया: ‘लोकमान’ और भारत को ‘बेताज बादशाह’ कहते थे। 

184. प्रार्थना समाज, यंग इंडिया, लोकहितवादी, सत्यशोधक समाज, रहनुमाई मजदेवसन सभा के लिए निम्न विकल्पों में से सही संयोजन पहचानिए- BpSC(Pre)2018 

  1. गोपाल हरि देशमुख, आत्माराम पांडुरंग, मोहनदास करमचंद्र गांधी, ज्योतिबा फुले, नौरोजी फुलदोनजी 
  2. आत्माराम पांडुरंग, मोहनदास करमचंद्र गांधी, गोपाल हरी देशमुख, ज्योतिबा फुले, नौरोजी फुरदोनजी 
  3. आत्माराम पांडुरंग, ज्योतिबा फुले, मोहनदास करमचंद गांधी, गोपाल हरि देशमुख, नौरोजी फुरदोनजी 
  4. नौरोजी फुरदोनजी, आत्माराम पांडुरंग, मोहनदास करमचंद गांधी, गोपाल हरि देशमुख, ज्योति फुले 
  5. उपर्यूक्त में से कोई नहीं/उपर्यूक्त में से एक से अधिक 

उत्तर – B 

प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में बंबई के आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से आत्माराम पांडुरंग द्वारा की गई थी। महात्मा गांधी द्वारा प्रारंभ किए गए समाचार-पत्र थे- इंडियन ओपिनियन, हरिजन, यंग इंडिया तथा नवजीवन। महाराष्ट्र के समाज सुधारक गोपाल हरि देशमुख ‘लोकहितवादी’ के रूप में प्रख्यात थे। 1873 ई. में सत्यशोधक समाज’ की स्थापना ज्योतिबा फुले ने की थी। 1851 ई. में नौरोजी फुरदोनजी ने अन्य पारसी सहयोगियों के साथ राहनुमाई मजदेवसन सभा की स्थापना की। इस प्रकार विकल्प 2 सही संयोजन है। 

185. निम्नलिखित समाज सुधारकों में से कौन संस्कृत भाषा में प्रवीणता के लिए जाना जाता है? UPPCS(Mains)2013 

  1. दयानंद सरस्वती 
  2. ईश्वर चंद्र विद्यासागर 
  3. राजा राममोहन राय 
  4. उपर्युक्त सभी 

उत्तर – D 

दयानंद सरस्वती, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और राजा राममोहन राय ने अंग्रेजी शासन के दौरान भारत में धार्मिक-सामाजिक सुधार हेतु अनथक प्रयत्न किए। तीनों ही संस्कृत भाषा में प्रवीण थे और हिंदू धर्म तथा समाज में फैली कुरीतियों का खंडन किया। 

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186. निम्नलिखित कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़िए- CGPCS(Pre)2008 

  1. ब्रह्मा समाज एकेश्वरवाद का समर्थक करता था। 
  2. आर्य समाज में शिक्षा के विकास में योगदान दिया। 
  3. रामाकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की। 

उत्तर निम्न कूटों के आधार पर दीजिए- 

  1. 1, 2 एवं 3 सही हैं। 
  2. 1 एवं 2 सही हैं। 
  3. 1 एवं 3 सही हैं। 
  4. 2 एवं 3 सही हैं। 

उत्तर – A

20 अगस्त, 1828 को राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की। इसका उद्देश्य एकेश्वरवाद की उपासना, मूर्तिपूजा का विरोध, पुरोहितवाद का विरोध तथा अवतारवाद का खंडन था। आर्य समाज की स्थापना 1875 ई. में दयानंद सरस्वती ने की थी। आर्य समाज के अनुयायियों ने विधा के प्रसार और शिक्षा के प्रसार के क्षेत्र में विशेष कार्य किया। रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1897 ई. स्वामी विवेकानंद ने की थी। 

187. भारत में नारी-आंदोलन इनकी प्रेरणा से प्रारंभ हुआ- BPSC(Pre)2008 

  1. पद्मबाई रानाडे 
  2. एनी बेसेंट 
  3. सरोजनी नायडू 
  4. ज्योतिबा फुले 

उत्तर – D

प्रश्नगत विकल्पों में भारत में नारी आंदोलन ज्योतिबा फुले की प्रेरणा से प्रारंभ हुआ। ज्योतिबा फुले मानते थे कि महिलाओं एवं दलितों का उत्थान कर के सामाजिक बुराइयों को दूर किया जा सकता है। 1848 ई. में इन इन्होंने लड़कियों के लिए एक स्कूल खोला। यह लड़कियों के लिए भारत का प्रथम स्कूल था, आधुनिक भारत में महिला आंदोलन की प्रेरणा स्रोत रमाबाई रानाडे रही हैं। महादेव गोविंद रानाडे की पत्नी श्रीमती रामाबाई ने सेवा सदन नामक संगठन की स्थापना की थी। यदि विकल्प 1 में राम बाई नाम होता तो यही उत्तर होता। यही कारण है कि बिहार लोक सेवा आयोग ने किसी विकल्प को सही उत्तर नहीं माना और तारांकित किया है। 

188. ब्रह्म समाज, रामकृष्ण मिशन और आर्य समाज में क्या समानता थी? RAS/RTS(Pre)2008 

  1. तीनों ही राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं बने, लेकिन तीनों में ही देशभक्त की भावना के विकास में सहायता दी। 
  2. तीनों ही संगठनों का प्रादुर्भाव बंगाल में हुआ। 
  3. तीनों ही संगठनों के संस्थापकों की शिक्षा इंग्लैंड में हुई। 
  4. तीनों ही संगठनों के संस्थापक ने राजनीति में सक्रिय भाग लिया। 

उत्तर – A

ब्रह्म समाज, रामकृष्ण मिशन और आर्य समाज तीनों ही संगठन समाज सुधार, शिक्षा के विकास एवं देशभक्ति की भावना के विकास में सहायक सिद्ध हुए। ये तीनों ही संगठन राजनैतिक उद्देश्यों के लिए नहीं बने थे, बल्कि इनका उद्देश्य भारत में सामाजिक-धार्मिक-संस्कृति सुधार करना था। इन तीनों ने ही देशवासियों को जागृत कर देशभक्ति की भावना के विकास में सहायता दी। 

189. इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है? MPPCS(Pre)1995 

  1. डॉ. एनी बेसेंट थियोसोफिस्ट थी। 
  2. थियोसोफिकल सोसायटी का अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय मद्रास में है। 
  3. स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की। 
  4. महात्मा गांधी का जन्म गांधीनगर में हुआ था। 

उत्तर – D

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर (गुजरात) में हुआ था। अतः कथन 4 असत्य कथनों का विवरण इस प्रकार है-

  1. 1889 ई. में एनी बेसेंट ने थियोसोफिकल सोसायटी की सदस्यता ली। वर्ष 1907 में कर्नल आलकॉट की मृत्यु के बाद एनी बेसेंट थियोसोफिकल सोसाइटी की अध्यक्षा बनीं।
  2. मद्रास (अडयार) में थियोसोफिकल सोसायटी का अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय स्थापित किया गया था। 
  3. 1875 ई. में स्वामी दयानंद सरस्वती ने बंबई में आर्य समाज की स्थापना की थी। 

190. निम्नलिखित युग्मो पर विचार कीजिए-                   

                 आंदोलन/संगठन           नायक (लीडर) 

  1. अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग : महात्मा गांधी 
  2. अखिल भारतीय किसान सभा : स्वामी सहजानंद सरस्वती 
  3. आत्मसम्मान आंदोलन : ई. वी. रामास्वामी नायकर 

उपर्यूक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं?

  1. केवल 1 
  2. केवल 1 और 2 
  3. केवल 2 और 3 
  4. 1, 2 और 3 

उत्तर – D

‘आखिर भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग’ जिसका नाम बाद में ‘हरिजन सेवक संघ’ कर दिया गया था, की स्थापना महात्मा गांधी ने वर्ष 1932 में की थी। अखिल भारतीय किसान सभा की स्थापना वर्ष 1936 में लखनऊ में की गई थी तथा इसके अध्यक्ष स्वामी सहजानंद सरस्वती और महासचिव एन. जी. रंगा थे। आत्मसम्मान आंदोलन (बीसवीं शती के तीसरे-चौथे दशक में) पेरियार नाम से प्रसिद्ध ई. वी. रामास्वामी नायकर द्वारा तमिलनाडु में निचले तबके की मानी जाने वाली जातियों को समान अधिकार दिलाने के उद्देश्य चलाया गया था। 

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191. नव-बौध्दवाद के प्रतिपादक कौन हैं? CGPCS(Pre)2019 

  1. रामाकृष्णन
  2. टैगोर 
  3. अंबेडकर 
  4. विवेकानंद 

उत्तर – C 

डॉ.बी.आर. अंबेडकर द्वारा प्रारंभ दलित बौद्ध आंदोलन को ‘नव-बौध्दवाद’ (Neo-Buddhism) के नाम से भी जाना जाता है। इसके तहत बौद्ध धर्म पुनर्व्याख्या करते हुए ‘नवायान’ नामक नए बौद्ध संप्रदाय की स्थापना भी की गई। 

192. ‘दार-उल-उलूम’ की स्थापना की थी- UPPCS(Mains)2014 

  1. मौलाना शिब्ली नुमानी ने 
  2. मौलाना हुसैन अहमद ने 
  3. मौल्वी अब्दुल्लाह चक्रल्वी ने 
  4. मौलाना अहमद रिजा खान ने 

उत्तर – A

दार-उल-उलूम नदवातुल उलमा, जो सामान्यता: दार-उल-उलूम नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1898 ईस्वी में लखनऊ में की गई थी। इसकी स्थापना नदवातुल उलमा द्वारा की गई थी। नदवातुल उलमा का गठन 1893 के में कानपुर में अलीगढ़ के मौलाना लुत्फुल्लाह साहब के अध्यक्षता में किया गया था। जिसके संस्थापकों में मौलाना शिबली नुमानी शामिल थे। शिबली निमानी के परामर्श पर नदवातुल उलमा ने दार-उल-उलूम (लखनऊ में) की स्थापना की। शिब्ली नुमानी दार-उल-उलूम के प्रमुख शिक्षक भी थे।

193. देवबंद आंदोलन यू.पी. (संयुक्त प्रांत) में किस वर्ष में आरंभ हुआ था? 

  1. 1920 ई. 
  2. 1878 ई. 
  3. 1885 ई.  
  4. 1866 ई. 

उत्तर – D

देवबंद आंदोलन की शुरुआत हुज्जत-अल-इस्लाम मोहम्मद कासिम अल ननौतवी द्वारा 1866 ई. में देवबंद यू. पी. (संयुक्त प्रांत) में दार-उल-उलूम की स्थापना के साथ हुई। इसके सह-संस्थापक रशीद अहमद गंगोही, सैयद अहमद, जुल्फिकार अली आदि थे। 

194. 1942 का बंगाल का ‘तारकेश्वर आंदोलन’ निम्न में से किसके विरुद्ध था? UPPCS(Pre) (Re-Exam)2015 

  1. मंदिरों के भ्रष्टाचार 
  2. हिंसा 
  3. राजनैतिक नेताओं की गिरफ्तारी 
  4. संप्रदायिकता 

उत्तर – A 

वर्ष 1924 में बंगाल के तारकेश्वर शिव मंदिर के भृष्ट महंत के विरुद्ध तारकेश्वर आंदोलन चला था। महंत पर एक स्त्री के साथ अवैध संबंध तथा मंदिर के धन के दुरुपयोग जैसा आरोप लगे थे। 

195. ‘हाली पद्धति’ संबंधित थी- UPPCS(Pre)2015 

  1. बंधुआ मजदूर से 
  2. किसानों के शोषण से 
  3. छुआछूत से 
  4. अशिक्षा से 

उत्तर – A

‘हाली पद्धति’ बंधुआ मजदूर एवं बंधुआ मजदूरी से संबंधित है। ‘हाली पद्धति’ के अंतर्गत बारदोली क्षेत्र में कालीपराज जनजाति के लोगों को उच्च जातियों से यहां पुश्तैनी मजदूर के रूप में कार्य करना होता था। 

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196. निम्नलिखित नेताओं में किसने क्रांतिकारी संगठन, ‘अभिनव भारत समाज’ की स्थापना की? UPPCS(Pre)2018 

  1. भगत सिंह 
  2. विनायक दामोदर सावरकर 
  3. बारिंद्र कुमार घोष 
  4. पुलिन बिहारी 

उत्तर – B 

विनायक दामोदर सावरकर और उनके भाई गणेश दामोदर सावरकर ने ‘मित्र मेला’ नामक संगठन शुरू किया था, जिसे वर्ष 1904 में नासिक में वी. डी. सावरकर ने नाम परिवर्तन कर ‘अभिनव भारत समाज’ (Young India Society) नामक क्रांतिकारी संगठन के रूप में स्थापित कर दिया था।

197. भारत में जिस राजनीतिक संगठन की स्थापना 1838 में हुई उसका नाम था- IAS(Pre)1993 

  1. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया सोसाइटी 
  2. बंगाल ब्रिटिश ईस्ट इंडिया सोसाइटी 
  3. सेटलर्स एसोसिएशन 
  4. जमींदारी एसोसिएशन 

उत्तर -D 

जमींदारी एसोसिएशन या लैंड होल्डर्स सोसाइटी की स्थापना 1838 ई. में कोलकाता में हुई थी। यह पहली राजनीतिक संस्था/संगठन थी जिसने संगठित राजनीतिक प्रयासों का शुभारंभ किया तथा शिकायतों को दूर करने के लिए संवैधानिक उपचारों का प्रयोग किया। 

198. निम्नलिखित में से किस एक ने सन 1875 में हाउस ऑफ कॉमन्स में एक याचिका प्रस्तुत करते हुए ब्रिटिश संसद में भारत के प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व की मांग की? IAS(Pre)2002 

  1. दि दक्कन एसोसिएशन 
  2. दि इंडियन एसोसिएशन 
  3. दि मद्रास महाजन सभा 
  4. दि पूना सर्वजनिक सभा 

उत्तर – D

पूना सार्वजनिक सभा की स्थापना 1870 ई. में एम. जी. रानाडे तथा जी. वी. जोशी द्वारा की गई थी। रानाडे ने सभा की विलक्षण नेतृत्व प्रदान किया। 1875 ई. में इस संस्था ने ब्रिटिश संसद में भारतीयों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व की मांग करते हुए हाउस ऑफ कॉमन्स के समक्ष याचिका प्रस्तुत की। 

199. भारत संघ (Indian Association) के संस्थापक कौन थे? BPSC(Pre)2001 

  1. दादाभाई नौरोजी 
  2. बाल गंगाधर तिलक 
  3. ए.ओ. ह्यूम  
  4. सुरेंद्रनाथ बनर्जी 

उत्तर -D

26 जुलाई, 1876 को सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने आनंद मोहन बोस के सहयोग से इंडिया एसोसिएशन या भारत संघ की स्थापना कलकत्ता में की। यह तत्कालीन राजनीतिक संस्थाओं में सबसे प्रमुख एवं महत्वपूर्ण थी, जिसे कांग्रेसी से पूर्व अखिल भारतीय स्तर की संस्था का सम्मान प्राप्त था। इस संस्था ने सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली में सुधार की मांग तथा इल्बर्ट बिल विवाद जैसे मामलों को लेकर आंदोलन चलाया। इंडियन एसोसिएशन (भारत संघ) में जमींदारों के स्थान पर मध्यम वर्ग को प्रधानता दी गई थी। 

200. सुरेंद्रनाथ बनर्जी को किस वर्ष भारतीय सिविल सर्विस से हटाया गया? BPCS(Pre)2016 

  1. 1874 ई. 
  2. 1877 ई. 
  3. 1885 ई. 
  4. 1892 ई. 
  5. उपरोक्त में से कोई नहीं/उपरोक्त में से एक से अधिक 

उत्तर – A

सुरेंद्रनाथ बनर्जी द्वितीय भारतीय थे जिन्होंने आई.सी.एस.(ICS) परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इनकी प्रथम नियुक्ति सिलहट (बांग्लादेश) में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के पद पर हुई थी।यहीं पर मामूली भूल की वजह से 1874 ई. में इन्हें पद से हटाया गया

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