सामान्य अध्ययन यूपीएससी, यूपीपीएससी एवं अन्य राज्य पीसीएस, एनडीए, सीडीएस, सीएपीएफ परीक्षाओं के जीएस की तैयारी के लिए प्राचीन भारत इतिहास बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरी दक्षिण भारत Quiz
Table of Contents
यहाँ प्राचीन इतिहास के निम्निखित टॉपिको पर क्विज़ उपलब्ध हैं-
- पाषाण काल- ✔
- सैंधव सभ्यता एवं संस्कृति-✔
- वैदिक काल-✔
- बौद्ध धर्म-✔
- जैन धर्म-✔
- शैव, भागवत धर्म-✔
- छठी शताब्दी ई.पू.-✔
- यूनानी आक्रमण-✔
- मौर्य साम्राज्य-✔
- मौर्योत्तर काल-✔
- गुप्त एवं गुप्तकाल-✔
- प्राचीन भारत में स्थापत्य कला-✔
- दक्षिण भारत (चोल, चालुक्य, पल्लव एवं संगम युग) – ✔
- प्राचीन साहित्य
- पूर्व मध्यकाल
दक्षिण भारत Quiz
टोटल प्रश्न – 20
समय – 10min
“All The Best”
भारत में स्थापत्य-कला Quiz (MCq) In Hindi विश्लेषण –
381.जगन्नाथपुरी मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ सुभद्रा एवं बलभद्र की मूर्तियां बनी है-
- पत्थर की
- धातु की
- लकड़ी की
- कांच की
उत्तर – 3
जगन्नाथपुरी मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां काष्ठ-निर्मित (लकड़ी की) है। ऐसी मान्यता है कि इन मूर्तियों का निर्माण स्वयं भगवान विष्णु द्वारा बढ़ई के रूप में किया गया था।
382.बोरोबदुर स्तूप कहां स्थित है?
- कंबोडिया
- जावा
- सुमात्रा
- बोर्नियों
उत्तर- 2
बोरोबदूर का प्रख्यात स्तूप इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित है। यह एक यूनेस्को द्वारा मान्य विश्व विरासत स्थल (World Heritage Site) है।
383.महाबलीपुरम में रथ मंदिरों का निर्माण करवाया गया था-
- चोलों द्वारा
- पल्लवों द्वारा
- चेदियों द्वारा
- चालुक्य द्वारा
उत्तर – 2
महाबलीपुरम में रथ मंदिरों का निर्माण पल्लव शासकों द्वारा करवाया गया था। रथ मंदिर एकाश्म पत्थर से निर्मित हैं।
384.निम्नलिखित में से कौन-सा रथ मंदिर सबसे छोटा है?
- द्रौपदी रथ
- भीम रथ
- अर्जुन रथ
- धर्मराज रथ
उत्तर- 1
पल्लवकालीन मामल्ला शैली में बने रथों या एकाश्मक मंदिरों में द्रौपदी रथ सबसे छोटा हैं। इनमें किसी प्रकार का अलंकरण नहीं मिलता तथा यह सिंह एवं हाथी जैसे पशुओं के आधार पर टिका हुआ है।
385.निम्नलिखित में से कौन-सा से सूर्य मंदिरों के लिए विख्यात है?
- अरसवल्ली
- अमरकंटक
- ओंकारेश्वर
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
- केवल 1
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर – 1
अरसवल्ली मंदिर भारत के आंध्र प्रदेश में अरसवल्ली गांव में स्थिति सातवीं शताब्दी का एक प्रमुख सूर्य मंदिर माना जाता है। यह माना जाता है कि यह मंदिर कलिंग राजवंश के शासक देवेंद्र वर्मा द्वारा बनवाया गया था। ओकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जनपद में स्थित है। यह नर्मदा नदी के बीच मान्धाता या शिवपुरी नामक द्वीप स्थित हैं। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। अमरकंटक नर्मदा, सोन और जोहिला नदी का उद्गम स्थान है। यह मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित है। यह हिंदुओं का पवित्र तीर्थ स्थल हैं। श्री ज्वालेश्वर महादेव मंदिर अमरकंटक से 8 किलोमीटर दूर शहडोल रोड पर स्थित है। यह खूबसूरत मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
386.दिलवाड़ा जैन मंदिर स्थित है-
- पालीताना में
- माउंट आबू में
- सोनगिरि में
- गिरनार में
उत्तर – 2
दिलवाड़ा के जैन मंदिर माउंट आबू ( सिरोही, राजस्थान) में स्थित है। इनमें सबसे प्रसिद्ध है विमल वासाही मंदिर हैं। चालुक्य शासक भीमदेव प्रथम के सामंत विमलशाह ने इसे बनवाया था।
387.प्रसिद्ध विरुपाक्ष मंदिर कहां अवस्थित है?
- भद्राचलम
- चिदंबर
- हंपी
- श्रीकालहस्ती
उत्तर – 3
विरुपाक्ष मंदिर कर्नाटक राज्य में हम्पी में स्थित हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो यहां वीरूपाक्ष के नाम से जाने जाते हैं।
388. नागर, द्रविड़ और बेसर है-
- भारतीय उपमहाद्वीप के तीन मुख्य जातीय समूह
- तीन मुख्य भाषा वर्ग, जिसमें भारत की भाषाओं को विभक्त किया जा सकता है।
- भारतीय मंदिर वास्तु के तीन मुख शैलियां
- भारत में प्रचलित तीन मुख्य संगीत घराने
उत्तर- 3
नागर, द्रविड़य तथा बेसर भारतीय मंदिर वास्तु के तीन मुख्य शैलियां है। नागर शैली समस्त उत्तरी भारत में प्रचलित हैं। उड़ीसा के मंदिर शुद्ध रूप से इसी शैली के हैं। द्रविड़ शैली का प्रसार दक्षिण भारत विशेषकर कृष्णा नदी एवं कुमारी अंतरीप के मध्य (तमिलनाडु) में था। बेसर शैली का विकास, नागर एवं द्रविड़ शैली से मिश्रण से हुआ। कन्न्ड़ प्रदेश के अंतिम चालुक्य शासकों के द्वारा प्रयुक्त होने के कारण इस शैली को चालुक्य शैली भी कहते हैं।
389. भारत के कला और पुरातत्विक इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित में से किस एक सबसे पहले निर्माण किया गया था?
- भुनेश्वर स्थिति लिंगराज मंदिर
- धोली स्थित शैलकृत हाथी
- महाबलीपुरम स्थित शैलकृत स्मारक
- उदयगिरि स्थित वराह मूर्ति
उत्तर – 2
390. नवी शताब्दी ई. में निम्नलिखित में से किसके द्वारा चोल साम्राज्य की नींव डाली गई?
- कृष्णा
- राजराज चोल
- विजयालय
- परांतक
उत्तर- 3
चोल साम्राज्य की स्थापना विजयालय ने की, जो आरंभ में पल्लवों का एक सामंती सरदार था। उससे 850 ई. में तंजौर को अपने अधिकार में कर लिया। इस समय पल्लवों एवं पाण्ड्यों में निरंतर संघर्ष चल रहा था। पाण्ड्य की निर्बल स्थिति का लाभ उठाकर विजयालय ने तंजौर पर अधिकार जमा लिया तथा वहां उसने दुर्गा देवी का एक मंदिर बनवाया विजयालय ने लगभग 871 ई तक राज्य किया।
391. निम्नलिखित में से किस मंदिर परिसर में एक भारी-भरकम नंदी की मूर्ति है, जिसे भारत की विशालतम नंदी मूर्ति माना जाता है?
- वृहदीश्वर मंदिर
- लिंगराज मंदिर
- कंदरिया महादेव मंदिर
- लेपाक्षी मंदिर
उत्तर – 1
चोल स्थापत्य के उत्कृष्ट नमूने तंजौर के शैव मंदिर, जो राजराजेश्वर या वृहदीश्वर नाम से प्रसिद्ध है, का निर्माण राज राज प्रथम के काल में हुआ था। भारत के मंदिरों में सबसे बड़ा तथा लंबा यह मंदिर द्रविड़ शैली का सर्वोत्तम नमूना माना जा सकता। इसका विशाल प्रांगण 500′ × 250′ के आकार का हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर दोनों ओर द्वारपालों की मूर्तियां बनी है। इस मंदिर के बहिभार्ग में नंदी की एकाश्म विशाल मूर्ति बनी है, जिसे भारत की विशालतम नदी मूर्ति माना जाता है।
392. चोरों का राज्य किस क्षेत्र में फैला था?
- विजयनगर क्षेत्र
- मालाबार तट
- होयसल
- कोरोमंडल तट, दक्कन के कुछ भाग
उत्तर – 4
कृष्णा तथा तुंगभद्रा नदियों से लेकर कुमारी अंतरीप तक का विस्तृत भू-भाग प्राचीन काल में तमिल प्रदेश का निर्माण करता था। इसमें कोरोमंडल तट तथा दक्कन के कुछ भाग यथा- उरैयुर, कावेरीपट्टनमगया, तंजावुर आदि चोलों के अधिकार में थे।
393. चोलों की राजधानी थी-
- कावेरीपत्तन
- महाबलीपुरम
- काची
- तंजौर
उत्तर – 4
प्रश्न गत विकल्पों में चोलों की राजधानी तंजौर थी। इसके अतिरिक्त गंगैकोंडचोलपुरम भी चोलों की राजधानी बनी थी। संगम काल में चोलों की राजधानी उरैयूर थी।
394. निम्नलिखित में से कौन चोल प्रशासन की विशेषता थी?
- साम्राज्य का मंडलम में विभाजन
- ग्राम प्रशासन की स्वायत्ता
- राज्य के मंत्रियों को समस्त अधिकार
- कर संग्रहित प्रणाली का सस्ता व उचित होना
उत्तर – 2
चोल शासन की सबसे उल्लेखनीय विशेषता वह असाधारण शक्ति तथा क्षमता है, जो स्वायत्तशासी ग्रामीण संस्थाओं के संचालन में परिलक्षित होती है। वस्तुतः इस काल में स्वायत्त शासन पूर्णतया ग्रामों में ही क्रियान्वित किया गया।
395. चोलों के अधीन ग्राम प्रशासन ने बहुत से ब्यौरे जिन शिलालेख में है, वह कहां है?
- तंजावुर
- उरैयुर
- कांचीपुरम
- उत्तर मेरुर
उत्तर- 4
चोलों के अधीन ग्राम प्रशासन में ग्राम सभा की कार्यकारिणी समितियों की कार्यप्रणाली का विस्तृत विवरण हम उत्तर मेरूर से प्राप्त लेखों के माध्यम से प्राप्त करते हैं। प्रत्येक ग्राम में अपनी सभा होती थी, जो प्रायः केंद्रीय नियंत्रण से मुक्त होकर स्वतंत्र रूप से ग्राम प्रशासन का संचालन करती थी।
396. चोल शासकों के शासनकाल में निम्नलिखित में से कौन-सा वारियम उद्यान प्रशासन का कार्य देखता था?
- पान वारियम
- एरि वारियम
- टोठ्ठ वारियम
- सम्वत्सर वारियम
उत्तर- 3
चोल कालीन गांवों के गतिविधियों की देखरेख एक कार्यकारिणी समिति करती थी, जिसे ‘वारियम’ कहा जाता था। उद्यान प्रशासन का कार्य देखने वाली समिति को ‘टोठ्ठ वारियम’ कहा जाता है, जबकि सम्वत्सर वारियम वार्षिक समिति, एरि वारियम तालाब समिति तथा पोन वारियम स्वर्ण समिति थी।
397. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- चोलों ने पाण्ड्य तथा चेर शासकों को पराजित कर प्रायद्वीपीय भारत पर प्रारंभिक मध्यकालीन समय में अपना प्रभुत्व स्थापित किया।
- चोलों ने दक्षिण-पूर्वी एशिया के शैलेंद्र साम्राज्य के विरुद्ध सैन्य चढ़ाई की तथा कुछ क्षेत्रों को जीता।
उपयुक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है?
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों 1 और 2
- दोनों में से कोई भी नहीं
उत्तर – 3
द्रविड़ देश में चोल आधिपत्य की स्थापना वस्तुतः परांतक प्रथम ने की थी। उसने मदुरा के पाण्ड्य राजा को हराकर ‘मदुरैकोंड उपाधि’ धारण की। राजराज-I तंजोर अभिलेख के अनुसार, सिंघल (श्री लंका) के राजा महेंद्र पंचम ने पाण्ड्य, केरल (चेर) के राजाओं का एक संघ बनाया, जो चोल नरेश राजराज प्रथम के विरुद्ध था। इस संघ का भेदन करने के लिए राजराज प्रथम में सबसे पहले चेर राज्य (केरल) पर आक्रमण किया और कंदलूर के मैदान में परास्त किया। राजराज-I एवं उसके पुत्र राजेंद्र-I दक्षिण-पूर्वी एशिया के शैलेंद्र साम्राज्य के विरुद्ध सैन्य चढ़ाई की तथा कुछ क्षेत्रों को जीत लिया। अतः दोनों कथन सही है।
398. चोल काल में निर्मित नटराज की कांस्य प्रतिमाओं में देवाकृति प्रायः –
- अष्टक भुज हैं
- षड्भुज
- चतुर्भुज हैं
- द्विभुज हैं
उत्तर – 3
चोल कलाकारों में तक्षण कला में भी सफलता प्राप्त की है। उन्होंने पत्थर तथा धातु की बहुसंख्यक मूर्तियों का निर्माण किया। पेशंस मूर्तियों से भी अधिक धातु (कांस्य) मूर्तियों का निर्माण हुआ। सर्वाधिक सुंदर मूर्तियां नटराज (शिव) की है, जो बड़ी संख्या में मिली है। इन्हें शिव की श्रेष्ठतम प्रतिमा-रचनाओं में शामिल किया जाता है। ये मूर्तियाँ प्रायः चतुर्भुज है।
399. शिव की ‘दक्षिणामूर्ति’ प्रतिमा उन्हें किस रूप में प्रदर्शित करती है?
- शिक्षक
- नृत्य करते हुए
- विश्राम करते हुए
- ध्यान मग्न
उत्तर- 1
शिव की ‘दक्षिणामूर्ति’ प्रतिमा उन्हें गुरु (शिक्षक) के रूप में प्रदर्शित करती है। इस रूप में शिव अपने भक्तों को सभी प्रकार का ज्ञान प्रदान करते हुए माने गए हैं। इस रुप में शिव की दक्षिण दिशा में मुख किए हुए प्रतिमा स्थापित की गई है।
400. 72 व्यापारी, चीन में किसके कार्यकाल में भेजे गए थे?
- कुलोत्तुंग-I
- राजेंद्र-I
- राजराज-I
- राजधिराज-I
उत्तर – 1
चोल शासक के कुलोत्तुंग-I शासनकाल में 1077 ई. में 72 सौदागरों का एक चोल दूत मंडल चीन भेजा गया था।
दक्षिण भारत Quiz MCq का विश्लेषण अगले टेस्ट में किया जाएगा। इसका पीडीएफ फ़ाइल टेलीग्राम पर उपलब्ध कर दिया जाएगा।
(Note – दक्षिण भारत Quiz में कोई डाटा गलत पाया गया हो या त्रुटि मिले तो आप नीचे टिप्पणी में साझा करें, उसकी जाँच करके सुधार कर दिया जाएगा।)
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