दक्षिण भारत Quiz : Ancient History Quiz Part-21 | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है प्राचीन भारत का इतिहास के दक्षिण भारत Quiz : Ancient History Quiz Part-21 – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो किसी न किसी परीक्षा में पहले पूछे जा चुके है। लगभग भारत की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न बार – बार दोहराये जाते रहें है।

दक्षिण भारत Quiz : Ancient History Quiz Part-21

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह ‘प्राचीन भारत का इतिहास’ दक्षिण भारत Quiz : Ancient History Quiz Part-21 की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

401. निम्न में से दक्षिण भारत का कौन-सा राजवंश अपनी नौसैनिकों शक्ति के लिए प्रसिद्ध था?

  1. चोल
  2. चेर
  3. पल्लव
  4. राष्ट्रकूट

उत्तर – A

चोल राजाओं ने एक विशाल संगठित सेना का निर्माण किया था। चोलों के पास अश्व, गज एवं पैदल सैनिकों के साथ ही साथ एक अत्यंत शक्तिशाली नौसेना भी थी। इसी नौसेना की सहायता से उन्होंने श्रीविजय, सिंहल, मालदीव आदि द्वीपों की विजय की थी।

402. किस चोल राजा ने जल सेना प्रारंभ की थी?

  1. राजेंद्र चोल 
  2. परांतक चोल
  3. राजराज प्रथम
  4. राजराज द्वितीय
  5. इनमें से कोई नहीं

उतर – C

चोल साम्राज्य की महत्ता का वास्तविक संस्थापक परांतक द्वितीय (सुंदर चोल) का पुत्र अरिमोलिवर्मन था, जो 985 ई. में ‘राजराज’ के नाम से गद्दी पर बैठा। यह विजेता के साथ-साथ कुशल प्रशासन तथा महान निर्माता भी था। राजराज प्रथम ने एक स्थाई सेना तथा विशाल नौसेना का गठन किया। उसने समस्त भूमि की नाप कराई।

403. शिलप्पादिकारम का लेखक था-

  1. इंलगो 
  2. परणर 
  3. करिकाल 
  4. विष्णुस्वामी 

उत्तर- A 

‘शिलप्पादिकरम’ का लेखक इंलगो आडिगल था। यह संगम साहित्य का महत्वपूर्ण महाकाव्य है। इसका लेखक चोर नरेश करिकाल का पौत्र था? 

404. चोल शासक का नाम बताइए, जिसने श्रीलंका के उत्तरी भाग पर विजय प्राप्त की।

  1. राजस्थान प्रथम  
  2. राजेंद्र प्रथम 
  3. परांतक प्रथम 
  4. आदित्य प्रथम 

उत्तर- A

चोल शासक राजराज प्रथम ने सिंहल (श्रीलंका) पर आक्रमण करके उत्तरी सिंहल को जीतकर अपने राज्य में मिला लिया। विजित क्षेत्र में राजराज ने अनुराधापूर को नष्ट कर पोलोन्नरुवा को इस क्षेत्र की राजधानी बनाया और इसका नाम ‘जननाथ मंगलम्र’ रखा।

405. चोल राजाओं में किस एक ने सीलोन (Ceylon) पर विजय प्राप्त की थी?

  1. आदित्य-1 
  2. राजराज-1 
  3. राजेंद्र-1 
  4. विजयालय 

उत्तर- C

चोल राजा राजेंद्र प्रथम ने सिंहल द्धीप या श्रीलंका विजय (सीलोन- श्रीलंका) का कार्य पूर्ण किया था। यद्यपि राजराज-1 ने भी श्रीलंका पर आक्रमण कर वहां के कुछ प्रदेशों पर अपना अधिकार कर लिया था, किंतु संपूर्ण श्रीलंका पर उसका अधिकार नहीं हो पाया था। राजेंद्र प्रथम ने वहां के शासक महेंद्र पंचम को बंदी बनाकर चोल राज्य भेज दिया, जहां 12 वर्ष बाद उसकी मृत्यु हो गई। संपूर्ण श्रीलंका पर राजेंद्र का अधिकार हो गया था।

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406. वह चोल राजा कौन था, जिसने श्रीलंका को पूर्ण स्वतंत्रता दी और सिंहल राजकुमार के साथ अपनी पुत्री का विवाह कर दिया था? 

  1. कुलोत्तुंग-1 
  2. राजेंद्र-1 
  3. अधिराजेंद्र 
  4. राजाधिराज-1 

उत्तर- A 

कुलोत्तुंग प्रथम के समय में श्रीलंका के राजा विजयबाहु ने अपने स्वतंत्रता घोषित की। किंतु कुलोत्तुंग प्रथम ने श्रीलंका में चोल प्रभाव की समाप्ति के प्रति किसी कटुता का प्रदर्शन नहीं किया तथा उसने अपनी पुत्री का विवाह श्रीलंका के राजकुमार वीरपपेरुमाल के साथ कर दिया। 

407. निम्न में से कौन-सी संस्था विदेशी व्यापार से संबंधित थी?

  1. श्रेणी 
  2. नगरम 
  3. नानादेशि 
  4. मणिग्राम 

उत्तर- C & D

‘श्रेणी’ एक ही प्रकार के व्यवसाय करने वाले लोगों की सीमित होती थी। ‘नगरम’ व्यापारियों के स्थानीय संगठनों को कहा जाता था। इस प्रकार के संगठन कांची तथा मामलपुरम में विद्यमान थे। लिखो से हमें से विभिन्न व्यापारिक संघों के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। यह व्यापारी संघ है- मणिग्रामम्र, नानादेशिस (गानादेशि) वलैग, बलंजियर, इंदौर आदि। मणिग्रामम्र, नानादेशि दूसरे देशों के साथ व्यापार करते थे।

408. प्राचीन भारत का निम्नलिखित में से कौन- सा व्यापार केंद्र उस व्यापार मार्ग पर था, जो कल्याण को वेंगी से जोड़ता था?

  1. तगर 
  2. श्रीपुर 
  3. त्रिपुरी 
  4. ताम्रलिप्ति 

उत्तर- A 

तगर प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था, यह कल्याण तथा वेंगी के मध्य स्थित था। 

409. चालुक्य वंश का सबसे महान शासक कौन था?

  1. विक्रमादित्य
  2. मंगलेश
  3. पुलकेशिन द्वितीय
  4. पुलकेशिन प्रथम

उत्तर- C

पुलकेशिन द्वितीय चालुक्य वंश के शासकों में सर्वाधिक योग्य तथा शक्तिशाली था, उसने 610 ई. से 642 ई. तक शासन किया। उसकी उपलब्धियों का विवरण हमें ऐहोल अभिलेख से प्राप्त होता हैं।

410. निम्नलिखित में से किस वंश द्वारा प्रायः महिलाओं का प्रशासन में उच्च पद प्रदान किए जाते थे?

  1. चोल
  2. चालुक्य
  3. पाल
  4. सेन

उत्तर – B

चालुक्यों के शासनकाल में प्रायः महिलाओं को उच्च पदों पर नियुक्त किया जाता था। विज्यादित्य प्रथम के भाई चन्द्रादित्य की रानी विजय भट्टारिका ने अपने नाम से दो ताम्रपत्र लिखवाए थे। वह एक अच्छे कवित्री कवयत्री भी थी। विज्यादित्य ने अपनी छोटी बहन कुमकुम देवी के गाने पर एक विद्वान ब्राह्मण को एक गांव दान में दिया था। कीर्तिवर्मन द्वितीय की महारानी महादेवी के उसके साथ रक्तपुर के स्कंधवार में उपस्थित रहने का उल्लेख मिलता है। इस वंश की विजय भट्टारिका ने कुशलता पूर्वक शासन संचालित किया था।

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411. चालुक्यों की राजधानी कहां थी?

  1. वातपी
  2. श्रावस्ती
  3. कांची
  4. कन्नौज

उत्तर – A

विजापुर (कर्नाटक) जिले के वातापी नामक प्राचीन नगर का आधुनिक नाम बादामी है। छठी-सातवीं शताब्दी ई. यह चालुक्यों की राजधानी थी। वातापी के चालुक्य राजवंश का वास्तविक संस्थापक पुलकेशिन प्रथम था।

412. प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में प्राप्य ‘यवनप्रिय’ शब्द धोतक था-

  1. एक प्रकार के उत्कृष्ट भारतीय मलमल का
  2. हाथी दांत का
  3. नृत्य के लिए यवन राजसभा में भेजे जाने वाले नर्तकियों का
  4. काली मिर्च का

उत्तर-D

भारतीय काली मिर्च युनानियों एवं रोमवासियों को बहुत प्रिय थी, इसलिए प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में इसे ‘यवनप्रिय’ कहा गया हैं। इसकी यूनानी एवं रोम में अधिक मांग थी।

413. तोलकाप्पियम ग्रन्थ संबंधित हैं-

  1. प्रशासन से
  2. विधि से
  3. व्याकरण और काव्य से
  4. उपरोक्त सभी से

उत्तर – C

‘तोलकाल्पीयम’ के पर्णयनकर्ता तोल्काप्पीयर ऋषि अगस्त्य के बाहर योग्य शिष्यों में से एक थे। यह एक तमिल व्याकरण ग्रन्थ हैं। इसकी रचना सूत्र शैली में की गई है।

414. एम्फोरा जार होता हैं, एक-

  1. छिद्रयुक्त जार
  2. लंबा एवं दोनों तरफ हत्थेदार जार
  3. चित्रित धूसर जार
  4. काला और लाल मिट्टी का जार

उत्तर- B

एम्फोरा जार एक लंबी एवं संकीर्ण गर्दन वाला और दोनों तरफ हत्थेदार जार हैं। प्राचीन काल में, इसका प्रयोग तेल या शराब को रखने के लिए किया जाता था। अरिकामेडु उल्लेख से रोम आयतित इस जार के अवशेष मिले हैं।

415. धार्मिक कविताओं का संकलन ‘कुरल’ किस भाषा में है?

  1. ग्रीक
  2. तमिल
  3. तेलुगू
  4. पाली

उत्तर – B

कुरल तमिल साहित्य का बाइबिल तथा लघुवेद माना जाता है। इसे ‘मुप्पाल’ कहा जाता है। इसकी रचना सुप्रसिद्ध कवि तिरुवल्लुवर ने की थी। अनुश्रुतियों के अनुसार, तिरुवल्लुवर ब्रह्मा के अवतार थे।

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416. निम्नलिखित में से कौन तमिल रामायण या रामावतारम का लेखक था?

  1. कंबन
  2. कुट्टन
  3. नन्नय
  4. टिक्कन

उत्तर- A

कंबन ने 12वीं शती ई. तमिल रामायनम या रामवतारम की रचना तमिल भाषा में की थी।

417. मध्यकालीन भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

  1. तमिल क्षेत्र के सिद्ध (सित्तर) एकेश्वरवाद थे तथा मूर्तिपूजा की निंदा करते थे।
  2. कन्नड़ क्षेत्र की लिंगायत पुनर्जन्म के सिद्धांत पर प्रश्नचिन्ह लगाते थे तथा जाति अधिक्रम को अस्वीकार करते थे।

उपयुक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1, न ही 2

उत्तर – C

तमिल क्षेत्र के सिद्ध (सित्तर) एकेश्वरवादी थे तथा मूर्तिपूजा की निंदा करते थे। लिंगायतों वे जाति की अवधारणा तथा कुछ समुदायों के ‘दूषित’ होने की ब्राह्मणीय अवधारणा का विरोध किया। इनका विश्वास था कि मृत्युपरांत भक्त शिव में लीन हो जाएंगे तथा इस संसार में पुनः नहीं लौटेंगे। इन्होंने पुनर्जन्म के सिद्धांतों को नकार दिया था।

418. दक्षिण भारत का प्रसिद्ध ‘तक़्क़ोलम का युद्ध’ हुआ था-

  1. चोल एवं उत्तर चालुक्यों के मध्य
  2. चोल एवं राष्ट्रकूटों के मध्य
  3. चोल एवं होयसल के मध्य
  4. चोल एवं पाण्ड्यों के मध्य

उत्तर- B

परांतक-I के अंतिम दिनों में राष्ट्रकूट शासक कृष्णा-III ने पश्चिमी गंगों (बुत्तुग-II) की सहायता से तक्कोलम के युद्ध में चोलों को परास्त किया। और तंजोर पर अधिकार कर लिया। कृष्ण-III ने इस उपलक्ष्य में ‘तन्जैयुकांड’ की उपाधि धारण की थी।

419. संगम कालीन साहित्य में कोन, को एवं मनन किसके लिए प्रयुक्त होते थे?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राजस्व मंत्री
  3. सेनाधिकारी
  4. राजा

उत्तर – D

संगमकालीन साहित्य में कोन, को एवं मनन शब्द राजा के लिए प्रयुक्त होते थे।

420. किस ऋषि के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने दक्षिण भारत का आर्यकरण किया, उन्हें आर्य बनाया?

  1. विश्वमित्र
  2. अगत्स्य
  3. वशिष्ठ
  4. सांभर

उत्तर – B

दक्षिण भारत में आर्यकरण का श्रेय महर्षि को दिया गया है। उन्होंने दक्षिण की यात्रा की और बाद में वहीं बस गए थे। इन ‘तमिल सहित के जनक’ के रूप में जाना जाता है।

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