प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छी जानकारी के लिए और आसानी से प्रैक्टिस के लिए सामान्य ज्ञान क्विज आधुनिक भारतीय इतिहास Revolutionary Movement in India Mcq
यूपीएससी, अन्य राज्य पीसीएस, एनडीए, सीडीएस, सीएपीएफ के परीक्षाओं में Revolutionary Movement in India Mcq से अक्सर पूछे जाने वाले व पिछले कुछ सालों के प्रश्नों का संग्रह विषयवार व टॉपिक वाइज किया गया।
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क्रमानुसार क्विज श्रृंखला में हर पिछले क्विज़ का विश्लेषण अगले क्विज के साथ संलग्न प्रकाशित कर दिया जाता हैं।
और इसी क्रमानुसार Revolutionary Movement in India Mcq के पहले का क्विज का विश्लेषण आप नीचे पढ़ सकते हैं।
Garam-Dal Aur Naram-Dal Mcq विश्लेषण – हिंदी में
241. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के निम्नलिखित अधिवेशन में से किसकी अध्यक्षता सी. विजय राघव ने की थी? UPPCS(Mains)2016
- लखनऊ अधिवेशन (1916)
- नागपुर अधिवेशन में (1920)
- गया अधिवेशन (1922)
- उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर – 2
सी. विजय राघव चेरियार ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन (1920) की अध्यक्षता की थी। लखनऊ अधिवेशन (1916) अधिवक्ता अम्बिका चरण मजूमदार ने की थी, जबकि गया अधिवेशन (1922) की अध्यक्षता चितरंजन दास ने की थी। नागपुर अधिवेशन (1920) में ही सदस्यता शुल्क 4 आना किया गया ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति भी कांग्रेस से जुड़ सकें।
242. निम्नलिखित में से किस अधिवेशन में कांग्रेस ने पहली बार भारतीय रियासतों के प्रति अपनी नीति घोषित की थी? UPPCS(Mains)2015
- नागपुर अधिवेशन में
- गया अधिवेशन में
- कलकत्ता अधिवेशन में
- लखनऊ अधिवेशन में
उत्तर – 1
वर्ष 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने नागपुर अधिवेशन में रियासतों के प्रति अपने नीति की घोषणा करते हुए उनके शासकों से यह मांग की कि प्रजा को पूर्ण उत्तरदायी दी जाए।
243. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं? RAS RTS(Pre)2018
- कांग्रेस के नागपुर सत्र (1920) के पश्चात प्रांतीय कांग्रेस समितियों का गठन भाषायी आधार पर किया गया था।
- वर्ष 1948 में कांग्रेस ने भाषायी आधार पर प्रांतों के गठन की मांग को अस्वीकार कर दिया।
निम्नलिखित कूट में से सही उत्तर चुनिए:
- केवल 1
- केवल 2
- ना तो 1 न ही 2
- 1 और 2 दोनों
उत्तर – 4
वर्ष 1920 के कांग्रेस के नागपुर सत्र में भाषायी आधार पर प्रांतीय कांग्रेस समितियों के गठन को मंजूरी प्रदान की गई थी। लेकिन स्वतंत्रता के उपरांत वर्ष 1948 में भाषा के आधार पर प्रांतो के पुनर्गठन की मांग कांग्रेस ने ठुकरा दी थी।
244. 1922 गया के इंडियन नेशनल कांग्रेस के अधिवेशन के अध्यक्ष कौन थे? BPSC(Pre)2015
- चितरंजन दास
- एस. एन. बनर्जी
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- हकीम अजमल खान
उत्तर – 1
वर्ष 1922 में जेल से छूटने के बाद चितरंजन दास को गया में कांग्रेस सम्मेलन का निर्वाचित अध्यक्ष घोषित किया गया। असहयोग आंदोलन की समाप्ति के बाद, देशबंधु ने सभा प्रवेश कार्यक्रम के जरिए, जैसे सभाओं के भीतर से असहयोग, भारतीय राजनीतिक को नया आयाम देने का प्रयास किया। परंतु सी. राजगोपालाचारी, वल्लभभाई पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, एन. सी.रंगा, आयंगर आदि नेताओं ने परिषद में प्रवेश करने की नीति का विरोध किया। इस अधिवेशन में काउंसिल में प्रवेश न लेने का प्रस्ताव पारित हुआ, फलस्वरूप चितरंजन दास ने त्याग-पत्र दे दिया। इसके उपरांत उन्होंने कांग्रेस के भीतर स्वराज पार्टी की स्थापना की।
245. निम्नलिखित में से किसने अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ की 1932 में स्थापना की? UPPCS(Mains)2017
- बी.जी.गोखले
- एम.के. गांधी
- बी. आर. अम्बेडकर
- उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर – 2
अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ की स्थापना वर्ष 1932 में एम.के. गांधी ने की थी।
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246. निम्नलिखित में से किस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू ने समाजवाद को भारत की समस्याओं को हल करने की कुंजी बताया? UPPCS(Mains)2015
- लाहौर
- लखनऊ
- इलाहाबाद
- रामगढ़
उत्तर – 2
वर्ष 1936 के कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू ने समाजवाद को भारत की समस्याओं को हल करने की कुंजी बताया। उन्होंने कहा था मैं समाजवाद के अलावा ऐसा कोई दूसरा रास्ता नहीं देखता जो भारत के लोगों को गरीबी, बेकरी और गुलामी से मुक्ति दिला सके।
247. इनमें से कौन सबसे कम आयु में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनने वाला व्यक्ति था? MPPCS(Pre)2017
- जवाहरलाल नेहरू
- अबुल कलाम आजाद
- आनंद मोहन बोस
- भूपेंद्र नाथ बोस
उत्तर – 2
मौलाना अबुल कलाम आजाद (1888-1958 ई.) वर्ष 1923 में दिल्ली में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशेष सत्र में अध्यक्ष बनाया गए। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष पद धारण करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। अबुल कलाम आजाद वर्ष 1940-46 तक लगातार छः वर्षो तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। आजादी के पूर्व यह सबसे लंबा कार्यकाल था। जवाहरलाल नेहरू (1889-1964 ई.) ने वर्ष 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अश्य्क्षता की थी।आंनद मोहन बोस (1847-1906 ई.) ने 1898 ई. में कांग्रेस के मद्रास अधिवेशन की, जबकि भूपेंद्र नाथ बोस (1859-1924 ई.) ने वर्ष 1914 में काग्रेस के मद्रास अधिवेशन की अध्यक्षता की।
248. निम्नलिखित में से कौन लगातार छः वर्ष तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष था? UPPCS(Mains)2016
- जवाहरलाल नेहरू
- अबुल कलाम आजाद
- जी.के.गोखले
- दादाभाई नौरोजी
उत्तर – 2
अबुल कलाम आजाद वर्ष 1940-46 तक लगातार छः वर्षों तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। आजादी के पूर्व यह सबसे लंबा कार्यकाल था। आजादी के बाद लंबे कार्यकाल वाले अध्यक्ष इस प्रकार थे। (1) इंदिरा गांधी- 1978-84, (2) राजीव गांधी 1985-91 तथा (3) सोनिया गांधी-1998 से 2017 तक( सबसे लंबा कार्यकाल)।
249. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अंतिम अधिवेशन जिसमें बाल गंगाधर तिलक ने भाग लिया, था- UPPCS(Pre)2014
- कोलकाता अधिवेशन, 1906
- सूरत अधिवेशन, 1907
- कलकत्ता अधिवेशन, 1917
- अमृतसर अधिवेशन, 1919
उत्तर – 4
बाल गंगाधर तिलक ने अंतिम रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अमृतसर अधिवेशन, 1919 में भाग लिया था। इन्होंने मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों के तहत होने वाले विधायिका के चुनाव के बहिष्कार करने की महात्मा गांधी की नीति का विरोध किया था। तिलक ने ‘उत्तरदायी सहयोग’ (Responsive Co-peration) की नीति को अपनाने की सलाह दी थी। 1 अगस्त, 1920 को तिलक का देहान्त हो गया था।
250. निम्नलिखित में किस आंदोलन के कारण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन हुआ जिसके परिणामस्वरूप ‘नरम दल’ और ‘गरम दल’ का उद्भव हुआ? IAS(Pre)2015
- स्वदेशी आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- असहयोग आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
उत्तर – 1
स्वदेशी आंदोलन तथा विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के बंगाल से बाहर प्रसार को लेकर कांग्रेस के उग्रपंथी तथा नरमपंथी धडों के मध्य मतभेद व्याप्त था। गरमपंथी आंदोलनकारी स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन को बंगाल तक ही सीमित न रखकर देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाना चाहते थे। वे वकील विदेशी माल के बहिष्कार से ही संतुष्ट नहीं थे, बल्कि वे चाहते थे कि अंग्रेजी हुकूमत को किसी भी तरह का सहयोग न दिया जाए।
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251. निम्नलिखित में किसने 1904 से लगातार भारत को ‘स्वशासन’ देने पर बल दिया? UPPCS(Mains)2016
- एस. एन. बनर्जी
- अरविंद घोष
- फिरोजशाह मेहता
- दादाभाई नौरोजी
उत्तर – 4
दादाभाई नौरोजी ने भारत के लिए ‘स्वाशासन’ या ‘स्वराज’ की मांग वर्ष 1904 में इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने पहली बार रखी थी। वर्ष 1905 में कांग्रेस के बनारस अधिवेशन के अपने संदेश में भी स्वशासन (Self Goverment) की बाद कही थी। वर्ष 1906 के कांग्रेसी अधिवेशन में अपने अध्यक्षीय भाषण में स्वराज की मांग रखी थी।
252. ‘शेर-ए-पंजाब’ के नाम से इनमें से कौन मशहूर थे? BPSC(Pre)2011
- राजगुरु
- भगत सिंह
- लाला लाजपत राय
- उधम सिंह
उत्तर – 3
लाला लाजपत राय ‘शेर-ए-पंजाब’ के नाम से भी जाने जाते थे। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के नेता तथा पंजाब के प्रतिनिधि थे। इन्हें ‘पंजाब केसरी’ भी कहा जाता है।
253. निम्न में से किस एक को लाला लाजपत राय ने अपना राजनीतिक गुरु माना था?
UPRO ARO(Maina)2013
- गैरीबाल्डी को
- विवेकानंद को
- दादाभाई नौरोजी को
- मैजिनी को
उत्तर – 4
लाला लाजपत राय ने इटली के क्रांतिकारी (राष्ट्रपिता) मैजिनी के जीवनवृत्त को पढने के बाद उन्हें अपना राजनीतिक गुरु माना बाद में उन्होंने मेनी की रचना का उर्दू में अनुवाद भी किया उन्होंने मैजिनी की उत्कृष्ट रचना ‘द ड्रयूटीज ऑफ मैन’ जा उर्दू में अनुवाद भी किया।
254. उन्होंने मैजिनी, गैरीबाल्डी, शिवाजी तथा श्रीकृष्ण की जीवनी लिखि; वे केंद्रीय सभा के सदस्य भी निर्वाचित हुए। वे थे- IAS(Pre)2018
- अरविंद घोष
- विपिन चंद्र पाल
- लाला लाजपत राय
- मोतीलाल नेहरू
उत्तर – 3
‘पंजाब केसरी’ के नाम से प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय वर्ष 1907 में 6 माह के निर्वाचन के दौरान कुछ समय के लिए अमेरिका में रहे और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वापस लौटे। राजनीतिज्ञ के साथ-साथ वह इजस्वि लेखक भी थे। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण, शिवाजी, स्वामी दयानंद सरस्वती, मैजिनी और गैरीबाल्डी की संक्षिप्त जीवनीयां भी लिखी। ‘अनहैप्पी इंडिया’ और ‘द स्टोरी ऑफ माई डिपोर्टेशन’ उनकी अन्य महत्वपूर्ण रचनाएं हैं।
255. बी.जी. तिलक को सजा के पश्चात निम्नलिखित में से किसने दया की वकालत की थी और कहा था:
“संस्कृत के एक विद्वान के रूप में तिलक में मेरी दिलचस्पी है।”? UPPCS(Pre)2014
- रविंद्रनाथ टैगोर
- मैक्स मुलर
- बिपिनचंद्र पाल
- विलियस जोंस
उत्तर – 2
बाल गंगाधर तिलक को सजा सुनाए जाने के पश्चात प्रसिद्ध विद्वान मैक्स मूलर ने दया की वकालत करते हुए यह कहा था कि “संस्कृत के एक विद्वान के रूप में तिलक में मेरी दिलचस्पी है”।
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256. बाल गंगाधर तिलक ‘लोकमान्य तिलक’ के नाम से जाना जाने लगे, जब- BPSC(Pre)2018
- वे एक लोकप्रिय शिक्षक बने
- उन्होंने एक लोकप्रिय अखबार शुरू किया
- सरकार ने उन्हें रैंड मर्डर केस में अभियुक्त बनाया
- उन्होंने शिवाजी और गणपति उत्सव शुरू किया
- उपर्यूक्त में से कोई नहीं/उपर्यूक्त में से एक से अधिक
उत्तर – 3
ब्रिटिश सरकार ने बाल गंगाधर तिलक को पुणे के असिस्टेंट कलेक्टर ‘रैंड’ की हत्या के मामले में अभियुक्त बनाया। तिलक को दोषी पाया गया और उन्हें 18 माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। जब वे जेल से बाहर आए तो वे एक राष्ट्रीय नायक (National Hero) के रूप में उभरे और उन्हें लोकमान्य की उपाधि प्राप्त हुई।
257. 1908 में 6 वर्ष के कारावास की सजा स्वतंत्रता संग्राम के किस उग्रवादी नेता को दी गई थी? UKPCS(Pre)2010
- बिपिनचंद्र पाल
- बाल गंगाधर तिलक
- लाला लाजपत राय
- अरविंद घोष
उत्तर – 2
वर्ष 1908 में बाल गंगाधर तिलक को ‘केसरी’ में प्रकाशित लेखों के आधार पर राजद्रोह का मुकदमा चलाकर 6 वर्ष के कारावास की सजा देकर मांडले जेल (बर्मा) भेज दिया गया था।
258. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रारंभिक दौर में उग्रवादी विचारधारा को निम्नलिखित में से कौन-सा एक निरूपित करता है? IAS(Pre)1998
- आयातित वस्तुओं पर देशज वस्तुओं को प्रश्रय देखकर देशज वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ावा देना।
- सैनिक संसाधनों एवं याचिकाओं के स्थान पर आक्रमण साधनों से स्वशासन प्राप्त करना।
- देश को आवश्यकतानुसार राष्ट्रीय शिक्षा प्रदान करना।
- सैनिक विद्रोह द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध बलात राजपरिवर्तन संगठित करना।
उत्तर – 2
जहां उदारवादी दल संवैधानिक आंदोलन में, अंग्रेजों के न्यायप्रियता में, वार्षिक सम्मेलनों में, भाषण देने में, प्रस्ताव पारित करने और इंग्लैंड में शिष्टमंडल भेजने में विश्वास करता था वहीं दूसरी और उग्रवादी दल आक्रमक प्रतिरोध में, सामूहिक आंदोलन में तथा आत्म-बलिदान के लिए दृढ़ निश्चित में विश्वास करता था। इनके लिए स्वराज का अर्थ- ‘विदेशी नियंत्रण से पूर्ण स्वतंत्रता था’, जबकि उदारवादी दल के स्वराज का अर्थ ‘साम्राज्य के अंदर औपनिवेशिक स्वशासन था।’
259. भारतीय मुसलमान, सामान्य रूप से उग्रवादी आंदोलन की ओर आकर्षित नहीं हुए, इसका कारण था- IAS(Pre)1998
- उन पर सर सैयद अहमद खां का प्रभाव
- उग्रवादी नेताओं को मुस्लिम विरोधी दृष्टिकोण
- मुस्लिम आकांक्षाओं के प्रति उदासीनता का भाव
- उग्रवादियों की हिंदू अतीत का राग अलापने की नीति
उत्तर – 4
भारतीय मुसलमान, सामान्य रूप से आंदोलन की ओर आकर्षित नहीं हुए क्योंकि उग्रवादी नेता हिंदू अतीत को वापस लाने की बात करते थे। अरविंद घोष ने कहा “स्वतंत्रता हमारे जीवन का उद्देश्य है और हिंदू धर्म ही हमारे इस उद्देश्य की पूर्ति करेगा। राष्ट्रीयता एक धर्म और वह ईश्वर की देन है।”
260. महात्मा गांधी के साथ निम्न में मुसलमानों में से किसने बाल गंगाधर तिलक की अर्थी उठाई थी? UPPCS(Pre)2014
- शौकत अली
- मोहम्मद अली
- मौलाना ए.के. आजाद
- एम.ए. अंसारी
उत्तर – 1
बाल गंगाधर तिलक की 1 अगस्त, 1920 को हुई मृत्यु के बाद उनकी अर्थी को महात्मा गांधी के साथ मौलाना शौकत अली तथा डॉ. सैफुद्दीन किचलू ने उठाया था। मौलाना हसरत मोहानी ने उस समय शोक गीत पड़ा था।
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