Bhakti Sufi Movement Quiz 2024 : भक्ति सूफी आंदोलन प्रश्नोत्तरी | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “मध्यकालीन भारत का इतिहास” Bhakti Sufi Movement Quiz 2024 : भक्ति सूफी आंदोलन प्रश्नोत्तरी – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो किसी न किसी परीक्षा में पहले पूछे जा चुके है। लगभग भारत की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न बार – बार दोहराये जाते रहें है।

Bhakti Sufi Movement Quiz 2024 : भक्ति सूफी आंदोलन प्रश्नोत्तरी

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “मध्यकालीन भारत का इतिहास” Bhakti Sufi Movement Quiz 2024 : भक्ति सूफी आंदोलन प्रश्नोत्तरी की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

1. भक्ति आंदोलन का प्रारंभ किया गया था- UPUDA/LDA (Pre) 2001

  1. आलवार संतों द्वारा
  2. सूफी संतों द्वारा
  3. सूरदास द्वारा
  4. तुलसीदास द्वारा

उत्तर – 1

भक्ति आंदोलन का उदय सर्वप्रथम द्रविड़ देश में हुआ तथा वहां से उसका प्रचार उत्तर में किया गया। भागवत पुराण में कहा गया है कि भक्ति द्रविड़ देश में जन्मीं, कर्नाटक में विकसित हुई तथा कुछ काल तक महाराष्ट्र में रहने के बाद गुजरात में पहुंच कर जीर्ण हो गई। भक्ति आंदोलन का सूत्रपात दक्षिण में 8वीं सदी में महान दार्शनिक शंकराचार्य के उदय के साथ हुआ था, जिन्होंने विशुद्ध अद्वैतवाद का प्रचार किया। भक्ति आंदोलन को दक्षिण के वैष्णव आलवार संतों और शैव नयनार संतों ने प्रसारित किया था।

2. भक्ति संस्कृति का भारत में पुनर्जन्म हुआ- UPPCS (Pre) 1993

  1. वैदिक काल में
  2. दसवीं शताब्दी ईस्वी में
  3. बारहवीं शताब्दी ईस्वी में
  4. पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी ईस्वी में

उत्तर – 4

भक्ति आंदोलन का इतिहास महान धर्म सुधारक शंकराचार्य के समय से प्रारंभ होता है, जिन्होंने बौद्ध धर्म के प्रभाव को समाप्त करने के लिए आठवीं शताब्दी में अद्वैतवादी दर्शन का प्रतिपादन किया था। भक्ति आंदोलन का पुनर्जन्म पंद्रहवीं-सोलहवीं सदी ई. में हुआ, जब इसके नेतृत्व की बागडोर कबीर, नानक, तुलसी, सूर एवं मीराबाई ने संभाली।

3. बुद्ध और मीराबाई के जीवन दर्शन में मुख्य साम्य था- RAS/RTS (Pre) 1992

  1. अहिंसा व्रत का पालन 
  2. निर्वाण के लिए तपस्या 
  3. संसार दुःखपूर्ण है
  4. सत्य बोलना

उत्तर – 3

बुद्ध और मीराबाई के जीवन दर्शन में मुख्य साम्य यह था, कि दोनों ने संसार को दुःखपूर्ण माना । ‘दुःख’ बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्यों में प्रथम है।

4. “कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति से उसका धर्म-संप्रदाय या जाति न पूछे।” यह कथन है- UPPCS (Pre) 2009

  1. कबीर का
  2. रामानंद का
  3. रामानुज का
  4. चैतंय का

उत्तर – 2

उपर्युक्त कथन संत रामानंद जी का है। इनके शिष्यों में सभी जाति एवं संप्रदाय के लोग शामिल थे। 

5. सभी भक्ति संतों के मध्य एक समान विशेषता थी कि उन्होंने- 47th BPSC (Pre) 2005

  1. अपनी वाणी को उसी भाषा में लिखा, जिसे उनके भक्त थे
  2. पुरोहित वर्ग की सत्ता को नकारा
  3. स्त्रियों को मंदिर जाने को प्रोत्साहित किया 
  4. मूर्तिपूजा को प्रोत्साहित किया

उत्तर – 1

भक्ति आंदोलन के संतों का आचार बहुत ऊंचा था। उसमें से बहुतों ने देश का भ्रमण किया और वे कई प्रकार के लोगों से मिले, जिनके विचार भिन्न थे। उन संतों ने साधारण लोगों की भाषाओं को उन्नत करने में अपना योगदान दिया। उन्होंने हिंदी, पंजाबी, बंगला, तेलुगू, कन्नड़, तमिल इत्यादि भाषाओं की उन्नति में बहुत योगदान दिया। भक्ति आंदोलन के संत अपने उपदेश क्षेत्रीय एवं स्थानीय भाषाओं में देते थे, ताकि वहां के लोग उनके उपदेश आसानी से सुन और समझ सका इस कारण क्षेत्रीय भाषाओं का विकास हुआ।

6. मध्ययुगीन भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में सूफी संत निम्नलिखित में से किस तरह के आचरण का निर्वाह करते थेI AS (Pre) 2012

  1. ध्यानसाधना और श्वास-नियमन
  2. एकांत में कठोर यौगिक व्यायाम
  3. श्रोताओं में आध्यात्मिक हर्षोन्माद उत्पन्न करने के लिए पवित्र गीतों का गायन

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए-

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर – 4

मध्यकालीन भारत में सूफियों के उद्भव से समाज में समरसता फैलाने में मदद मिली। ये सूफी ध्यानसाधना और कठोर श्वास-नियमन जैसी यौगिक क्रियाओं को किया करते थे। वे एकांत में कठोर यौगिक व्यायाम करते थे तथा समाज में एकता और सौहार्द्र फैलाने तथा श्रोताओं में आध्यात्मिक हर्षोन्माद उत्पन्न करने के लिए गीतों एवं संगीत का सहारा लेते थे।

7. कामरूप में वैष्णव धर्म को लोकप्रिय बनाया- UPPCS (Mains) 2002

  1. चैतन्य ने
  2. निम्बार्क ने
  3. रामानंद ने
  4. शंकरदेव ने

उत्तर – 4

कामरूप जो असम राज्य में स्थित है, वहां पर वैष्णव धर्म को लोकप्रिय बनाने का कार्य शंकरदेव ने किया था। एकेश्वरवाद उनके धर्म का मूल उद्देश्य था। वे विष्णु या उनके अवतार कृष्ण को अपना अभीष्ट मानते थे।

8. सुप्रसिद्ध मध्यकालीन संत शंकरदेव संबंधित थे- UPPCS (Pre) 2015

  1. शैव संप्रदाय से
  2. वैष्णव संप्रदाय से
  3. अद्वैत संप्रदाय से
  4. द्वैताद्वैत संप्रदाय से

उत्तर – 2

उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

9. रामानुजाचार्य किससे संबंधित है? UPPCS (Pre) 1991

  1. भक्ति
  2. द्वैतवाद
  3. विशिष्टाद्वैत
  4. एकेश्वरवाद

उत्तर – 3

वैष्णव आचार्य रामानुज भक्ति आंदोलन के प्राचीनतम प्रचारक थे, इन्होंने सगुण ईश्वर की उपासना पर बल दिया। उनके मत को विशिष्टाद्वैत कहा जाता है। जिसका अर्थ है ‘ब्रह्म अर्थात ईश्वर अद्वैत होते हुए भी जीव तथा जगत की शक्तियों द्वारा विशिष्ट है।’

10. ‘शुद्ध अद्वैतवाद’ का प्रतिपादन किया था- UPUDA/LDA (Pre) 2002

  1. माधवाचार्य ने 
  2. वल्लभाचार्य ने
  3. श्रीकांताचार्य ने
  4. रामानुज

उत्तर – 2

श्री वल्लभाचार्य, सोमयाजी कुल के तेलुगु ब्राह्मण श्री लक्ष्मण भट्ट के पुत्र थे। परंपरानुसार इन्होंने रुद्र संप्रदाय के प्रवर्तक विष्णुस्वामी के मत का अनुसरण तथा विकास करके अपना शुद्धाद्वैत मत (शुद्ध अद्वैतवाद) या पुष्टिमार्ग प्रतिष्ठित किया। ये अग्नि के अवतार माने जाते हैं। इनके जीवन का अधिकांश समय काशी, अरैल (प्रयाग) एवं वृंदावन में व्यतीत हुआ।

11. ‘महाप्रभु वल्लभाचार्य’ की जन्मस्थली कहां है? Chhattisgarh PCS (Pre) 2015

  1. शिवरीनारायण
  2. बिलासपुर
  3. रतनपुर
  4. चम्पारण्य
  5. इनमें से कोई नहीं

उत्तर – 4

भक्तिकालीन सगुणधारा की कृष्ण भक्ति शाखा के आधार स्तंभ एवं पुष्टिमार्ग के प्रणेता श्री वल्लभाचार्य का जन्म विक्रम संवत् 1535, वैशाख कृष्ण एकादशी को दक्षिण भारत के कांकरवाड ग्रामवासी तेलुगु ब्राह्मण श्री लक्ष्मण भट्ट जी की पत्नी इलम्मागारु के गर्भ से वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर के निकट चम्पारण्य में हुआ। उन्हें वैश्वानरावतार (अग्नि का अवतार) कहा गया है।

12. निम्नलिखित में कौन सुमेलित है? UPPCS (Mains) 2005

  1. अद्वैतवाद – रामानुजम
  2. विशिष्टाद्वैतवाद – शंकराचार्य
  3. द्वैतवाद – मध्वाचार्य
  4. द्वैताद्वैतवाद – वल्लभाचार्य

उत्तर – 3

उक्त विकल्पों में विकल्प (c) सही सुमेलित है। जैसा कि स्पष्ट है कि द्वैतवाद के प्रवर्तक मध्वाचार्य हैं। वहीं अद्वैतवाद के शंकराचार्य, विशिष्ट द्वैतवाद के रामानुजाचार्य, शुद्ध अद्वैतवाद के वल्लभाचार्य और द्वैताद्वैतवाद के प्रवर्तक निम्बार्काचार्य हैं, जो कि सनक संप्रदाय से संबंधित हैं। इसी प्रकार अन्य संप्रदायों में तुकाराम वरकरी संप्रदाय से एवं रामदास धरकरी संप्रदाय से संबंधित हैं।

13. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: IAS (Pre) 2014

  1. ‘बीजक’ संत दादू दयाल के उपदेशों का एक संकलन है।
  2. पुष्टिमार्ग के दर्शन को मध्वाचार्य ने प्रतिपादित किया।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1 और न ही 2

उत्तर – 4

‘बीजक’ संत कबीर के उपदेशों का संकलन है, जो कबीरपंथी संप्रदाय के मानने वालों का पवित्र ग्रंथ है। पुष्टिमार्ग वैष्णव संप्रदाय के अंतर्गत आता है| पुष्टिमार्ग का दर्शन वल्लभाचार्य द्वारा प्रतिपादित किया गया था। अतः दोनों कथनों के के कारण विकल्प (d) सही उत्तर है।

14. कबीर शिष्य थे- UP Lower Sub (Pre) 2002

  1. चैतन्य के
  2. रामानंद के
  3. रामानुज के
  4. तुकाराम के

उत्तर – 2

कबीर रामानंद के 12 शिष्यों में से प्रमुख थे। लोक परंपरा के अनुसार, उनका जन्म किसी विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से वाराणसी के समीप हुआ था तथा एक जुलाहा दम्पत्ति नीरू और नीमा ने किया था।

15. ‘बीजक’ का रचयिता कौन है? MPPCS (Pre) 2000

  1. सूरदास
  2. कबीर
  3. रविदास
  4. पीपाजी

उत्तर – 2

बीजक के रचयिता कबीर हैं। यह कबीरपंथी संप्रदाय के अनुयायियों का मुख्य धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें कबीर के दोहों का संकलन है।

16. कबीर एवं धरमदास के मध्य संवादों के संकलन का शीर्षक है- UP UDA/LDA (Pre) 2002

  1. सबद
  2. अमरमूल
  3. साखी
  4. रमैनी

उत्तर – 2

‘सबद’, ‘साखी’ एवं ‘रमैनी’ कबीर की रचनाएं हैं, परंतु धरमदास के साथ कबीर के संवादों का संकलन ‘अमरमूल’ शीर्षक के अंतर्गत प्राप्त होता है।

17. मलूकदास एक संत कवि थे- UPPCS (Spl) (Mains) 2008

  1. आगरा के
  2. अयोध्या के
  3. काशी के
  4. कड़ा के

उत्तर – 4

मलूकदास, कड़ा के संत कवि थे। संत मलूकदास का जन्म लाला सुंदरदास खत्री के घर में 1574 ई. में उत्तर प्रदेश के कड़ा (वर्तमान कौशाम्बी जिला) में हुआ था।

18. संत घासीदास के पिताजी का क्या नाम था? Chhattisgarh PCS (Pre) 2005

  1. सुकालू
  2. चैतूराम
  3. विसाहू
  4. महंगू

उत्तर – 4

गुरु घासीदास का जन्म दिसंबर, 1756 में छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के गिरौदपुरी गांव में हुआ था। उनके पिता महंगूदास और माता अमरौतीन थीं।

19. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही कालानुक्रम है? IAS (Pre) 2004 Jharkhand PCS (Pre) 2011

  1. शंकराचार्य – रामानुज-चैतन्य
  2. रामानुज-शंकराचार्य-चैतन्य
  3. रामानुज-चैतन्य-शंकराचार्य
  4. शंकराचार्य -चैतन्य-रामानुज

उत्तर – 1

शंकराचार्य का काल लगभग आठवीं शताब्दी, रामानुज का काल 1017- 1137 ई. तक तथा चैतन्य का काल 1486-1534 ई. तक था।

20. निम्न में से भक्ति संतों का सही तैथिक (कालानुक्रम) अनुक्रम चुनिए- UPPCS (Mains) 2014

  1. कबीर, गुरुनानक, चैतन्य, मीराबाई
  2. कबीर, चैतन्य, गुरुनानक, मीराबाई
  3. कबीर, मीराबाई, चैतन्य, गुरुनानक 
  4. गुरुनानक, चैतन्य, मीराबाई, कबीर

उत्तर – 1

कबीर – 1398-1518

गुरुनानक – 1469-1539

चैतन्य – 1486-1534

मीराबाई – 1498-1557

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सामान्य ज्ञान Bhakti Sufi Movement Quiz 2024 : भक्ति सूफी आंदोलन प्रश्नोत्तरी के रूप में सामान्य ज्ञान और सामान्य जागरूकता प्रश्न और उत्तर की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। ये भारतीय इतिहास मॉक टेस्ट उन सभी विषयों को कवर करते हैं जो सभी छात्रों के लिए किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

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