Delhi Sultanate Administration Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत प्रशासन प्रश्नोत्तरी | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “मध्यकालीन भारत का इतिहास” Delhi Sultanate Administration Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत प्रशासन प्रश्नोत्तरी – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो किसी न किसी परीक्षा में पहले पूछे जा चुके है। लगभग भारत की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न बार – बार दोहराये जाते रहें है।

Delhi Sultanate Administration Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत प्रशासन प्रश्नोत्तरी

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “मध्यकालीन भारत का इतिहास” Delhi Sultanate Administration Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत प्रशासन प्रश्नोत्तरी की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

1. इतिहासकार बरनी ने दिल्ली के सुल्तानों के अधीन भारत में शासन को वास्तव में इस्लामी नहीं माना क्योंकि- IAS (Pre) 2002

  1. अधिकतर आबादी इस्लाम का अनुसरण नहीं करती थी
  2. मुस्लिम धर्मतत्त्वज्ञ की अक्सर उपेक्षा की जाती थी
  3. सुल्तान ने मुस्लिम कानून के साथ-साथ अपने स्वयं के भी नियम बना दिए थे
  4. गैर-मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता दे दी गई थी

उत्तर – 1

इतिहासकार बरनी ने दिल्ली के सुल्तानों के अधीन भारत में शासन को वास्तव में इस्लामी नहीं माना है, क्योंकि सल्तनत काल में अधिकतर आबादी इस्लाम का अनुसरण नहीं करती थी।

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- IAS (Pre) 2019

  1. दिल्ली सल्तनत के राजस्व प्रशासन में राजस्व वसूली के प्रभारी को ‘आमिल कहा जाता था।
  2. दिल्ली के सुल्तानों की इक्ता प्रणाली एक प्राचीन देशी संस्था थी। 
  3. ‘मीर बख्शी का पद दिल्ली के ख़लजी सुल्तानों के शासनकाल में अस्तित्व में आया। 

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 2
  3. केवल 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर – 3

दिल्ली सल्तनत के राजस्व प्रशासन में प्रत्येक परगना (ग्रामों का समूह) पर एक आमिल या अमलगुजार की नियुक्ति की जाती थी, जो परगने के राजस्व संग्रह का कार्य करता था। इक्ता प्रणाली भारत की प्राचीन देशी संस्था न होकर अरब की मौलिक प्रणाली थी, जिसका उद्भव पश्चिमी एशिया (ईरान) में हुआ था। इसे दिल्ली सल्तनत में इल्तुतमिश द्वारा लागू किया गया था। मीर बख्शी (सैन्य विभाग का प्रमुख और मनसबदारों का (प्रमुख) मुगल काल का पद है. न कि सल्तनत काल का। सल्तनत काल में सैन्य विभाग का प्रमुख दीवान-ए-आरिज कहलाता था।

3. निम्नलिखित में से कौन-सी एक विशिष्टता ‘इक्ता व्यवस्था’ की नहीं है? UPPCS (Pre) 2019

  1. इक्ता एक राजस्व एकत्रित करने की व्यवस्था थी
  2. सियासतनामा इक्ता व्यवस्था की जानकारी का स्रोत था
  3. इक्ता से एकत्रित राजस्व सीधा सुल्तान के खाते में जाती थी 
  4. मुक्ती को इक्ता से एकत्रित राजस्व से सैनिक रखने पड़ते थे

उत्तर – 3

भारत में सल्तनत काल के दौरान इल्तुतमिश द्वारा ‘इक्ता प्रणाली’ का प्रचलन किया गया था। इक्ता व्यवस्था के तहत इक्तों के धारक (इक्तादार या मुक्ती) को उस भू-क्षेत्र से राजस्व और करों को एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी जाती थी। इक्ता से एकत्रित राजस्व सीधा सुल्तान के खाते में नहीं जाता था, बल्कि इसी राजस्व से मुक्ती अपने सैन्य और प्रशासनिक व्यय पूरे करता था तथा उसे इस राजस्व से सुल्तान की सेवा हेतु सैनिक रखने पड़ते थे। खालिसा भूमि से प्राप्त आय सीधे सुल्तान के खाते में जाती थी। अबू अली हसन इब्न अली तुसी ‘निजाम अल-मुल्क’ की फारसी पुस्तक सियासतनामा में प्रारंभिक इक्ता व्यवस्था का विवरण मिलता है।

4. दिल्ली सल्तनत में दीवान-ए-अर्ज विभाग की स्थापना किसने की? RAS/RTS (Pre) 2018

  1. बलबन
  2. इल्तुतमिश
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज तुगलक

उत्तर – 1

दिल्ली सल्तनत में गुलाम वंश के शासक बलबन ने सैन्य व्यवस्था सुदृढ़ करने के उद्देश्य से दीवान-ए-अर्ज विभाग की स्थापना की। सर्वप्रथम बलबन ने ही तत्पर सेना रखने की शुरुआत की। बलबन ने इमादुलमुल्क को दीवान-ए-आरिज (सैन्य मंत्री) नियुक्त किया तथा उसे रावत-ए-अर्ज की उपाधि दी। आरिज विभाग का मुख्य कार्य सैन्य भर्ती, सेना को अस्त्र- शस्त्र से सुसज्जित करना व वेतन वितरण आदि था।

5. निम्नलिखित में से कौन एक युग्म सुमेलित नहीं है? UPPCS (Mains) 2008

  1. दीवान-ए-मुस्तखराज़ – अलाउद्दीन खिलजी
  2. दीवान-ए-अमीरकोही – मुहम्मद तुगलक
  3. दीवान-ए-खैरात – फिरोज तुगलक
  4. दीवान-ए-रियासत – बलबन

उत्तर – 4

विकल्पों में दिए गए प्रशासनिक विभागों को प्रारंभ करने वाले शासक इस प्रकार है :

दीवान-ए-मुस्तखराज़ – अलाउद्दीन खिलजी (राजस्व विभाग)

दीवान-ए-अमीरकोही – मुहम्मद बिन तुगलक (कृषि विभाग)  दीवान-ए-खैरात – फिरोज तुगलक (दान विभाग)

दीवान-ए-रियासत – अलाउद्दीन खिलजी (बाजार नियंत्रण विभाग)

6. सल्तनत काल में ‘दीवान-ए-अमीर- कोही’ विभाग निम्नलिखित में से किससे था? UPPCS (Mains) 2017

  1. सेना
  2. राजस्व
  3. कृषि
  4. मनोरंजन

उत्तर – 3

मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि की उन्नति के लिए एक नया विभाग ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ की स्थापना की। इस विभाग का मुख्य कार्य कृषकों को प्रत्यक्ष सहायता देकर अधिक भूमि कृषि कार्य के अधीन लाना था।

7. निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘दीवान-ए-अमीर-कोही’ विभाग की स्थापना की थी? UPRO/ARO (Pre) 2017

  1. बलबन
  2. अलाउद्दीन खिलजी
  3. मुहम्मद-बिन तुगलक 
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर – 3

उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

8. ‘दीवान-ए-अर्ज’ विभाग संबंधित था- 60th to 62 BPSC (Pre) 2016

  1. शाही पत्राचार से
  2. विदेश विभाग से
  3. रक्षा विभाग से
  4. वित्त विभाग से
  5. उपरोक्त में से कोई नहीं उपरोक्त में से एक से अधिक

उत्तर – 3

‘दीवान-ए-आरिज’ अथवा ‘आरिज-ए-मुमालिक’ सल्तनत काल में सैन्य – विभाग का प्रमुख अधिकारी होता था और ‘आरिंज-ए-मुमालिक’ का विभाग ही ‘दीवान-ए-अर्ज’ कहलाता था। इस विभाग की स्थापना बलबन ने की थी।

9. निम्नलिखित में कौन भूमि-उत्पाद पर लगने वाले कर को इंगित करता है? 40th BPSC (Pre) 1995

  1. खराज
  2. खुम्स
  3. उश्र
  4. मुक्तई

अपने उत्तर का चयन निम्नलिखित कूटों से करें-

  1. केवल i
  2. ii एवं iii
  3. i, ii एवं iii
  4. i, iii एवं iv

उत्तर – 4

‘खुम्स’ भूमि उत्पाद पर लगने वाला कर नहीं था, अपितु यह एक धर्म निरपेक्ष कर था। खुम्स लूट का धन था। जो युद्ध में शत्रु राज्य की जनता से लूट में प्राप्त होता था। इस लूट का 4/5 भाग सैनिकों में बांट दिया जाता था और शेष 1/5 भाग राजकोष में जमा होता था, किंतु अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद बिन तुगलक ने 4/5 भाग राजकोष में रखा और शेष 1/5 सैनिकों में बांटा। सिकंदर लोदी ने गड़े हुए खजाने से कोई हिस्सा नहीं लिया। खुम्स के अलावा अन्य सभी भूमि-उत्पाद पर लगने वाले कर को इंगित करते हैं।

10. भारत के किस मध्यकालीन शासक ने “इक्ता व्यवस्था” प्रारंभ की थी? UPPCS (Pre) 2010

  1. इल्तुतमिश
  2. बलवन
  3. अलाउद्दीन खिलजी 
  4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर – 1

भारत में इक्ता व्यवस्था की शुरुआत इल्तुतमिश ने की थी। यह हस्तांतरणीय लगान अधिन्यास था। यह भूमि का एक विशेष खंड होता था, जो सैनिक या सैनिक अधिकारियों को प्रदान किया जाता था किंतु वे इस भूभाग के मालिक नहीं होते थे। वे केवल लगान का ही उपभोग कर सकते थे।

11. ‘शर्व’ कर लगाया जाता था- UPPCS (Pre) 1996

  1. व्यापार पर
  2. सिंचाई पर
  3. गैर-मुसलमानों पर
  4. उद्योग पर

उत्तर – 2

फिरोज तुगलक ने कुरान के नियमों को दृष्टि में रखकर कर निर्धारण किया। उसने कुरान में अनुमोदित चार कर लगाने की अनुमति दी- खराज, जजिया, खुम्स एवं जकात। धार्मिक नियमों के विद्वानों से परामर्श कर उसने खेतों की उपज के दस प्रतिशत की दर से सिंचाई कर (शब)। भी लगाया। फिरोज तुगलक ने अपने समय में 28 कष्टदायक करों को समाप्त कर दिया था।

12. जवादित का संबंध किससे था? 39th B.P.S.C. (Pre) 1994 UPPCS (Pre) 1997

  1. राज्य कानून से
  2. मनसब प्रणाली को नियंत्रण करने वाले कानून से
  3. टकसाल से संबंधित कानून
  4. कृषि संबंधित कर

उत्तर – 1

सल्तनत कालीन प्रशासनिक शब्दावली में जवाबित का संबंध राज्य के कानून से है।

13. हदीस है एक- Chhattisgarh PCS (Pre) 2014

  1. इस्लामिक कानून
  2. बंदोबस्त कानून 
  3. सल्तनत कालीन कर 
  4. मनसबदार
  5. इनमें से कोई नहीं

उत्तर – 1

हदीस एक इस्लामिक कानून है। इस्लाम धर्म के मूल स्रोत ‘कुरान’ बाद दूसरा स्रोत ‘हदीस है। दोनों को मिलाकर इस्लाम धर्म की संपूर्ण व्याख्या और इस्लामी शरीअत की संरचना होती है।

14. उत्तर भारत में चांदी का सिक्का ‘टंका’ जारी करने वाला कौन मध्यकालीन शासक था? UPPCS (Pre) 2013

  1. इल्तुतमिश
  2. रजिया
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मोहम्मद तुगलक

उत्तर – 1

उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

15. किसके सिक्कों पर बगदाद के अंतिम खलीफा का नाम सर्वप्रथम अंकित हुआ? UPPCS (Pre) 2012

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक 
  2. इल्तुतमिश
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. अलाउद्दीन मसूद शाह

उत्तर – 4

अलाउद्दीन मसूद शाह (1242-46 ई.) के सिक्के पर सर्वप्रथम बगदाद के अंतिम खलीफा का नाम अंकित हुआ था। बगदाद के अंतिम खलीफा अल मुस्तसीम थे। यह 1242-58 ई. तक खलीफा रहे। इल्तुतमिश के सिक्के पर खलीफा अल मुस्तनसीर का नाम उल्लिखित था, जो 1226-42 ई तक खलीफा रहे।

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सामान्य ज्ञान Delhi Sultanate Administration Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत प्रशासन प्रश्नोत्तरी के रूप में सामान्य ज्ञान और सामान्य जागरूकता प्रश्न और उत्तर की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। ये भारतीय इतिहास मॉक टेस्ट उन सभी विषयों को कवर करते हैं जो सभी छात्रों के लिए किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

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