Prime Minister : प्रधानमंत्री (Make Complete Notes Class 17) | UPSCSITE

Prime Minister Complete Notes For UPSC & PCS : प्रधानमंत्री (Make Complete Notes Class 17)

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Prime Minister : प्रधानमंत्री

17. प्रधानमंत्री

~अनुच्छेद 75 के तहत् प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होगी तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री के परामर्श से राष्ट्रपति द्वारा की जायेगी।

~व्यवहार में राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत दल या सबसे बड़े दल या सबसे बड़े गठबन्धन के नेता, जो उनकी नजर में बहुमत सिद्ध कर सकेगा, को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है।

~पद ग्रहण करने से पूर्व प्रधानमंत्री सहित प्रत्येक मंत्री को राष्ट्रपति के सामने पद और गोपनीयता की शपथ लेनी होती है।

~मंत्रिपरिषद् लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होता है। यदि लोकसभा अविश्वास व्यक्त कर देती है, तो मंत्रिपरिषद पदत्याग करने के लिए बाध्य होती है।

~यदि लोकसभा किसी एक मंत्री के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पारित करे अथवा उस विभाग से सम्बंधित विधेयक को रद्द कर देती है तो समस्त मंत्रिमण्डल को त्याग-पत्र देना होता है।

~प्रधानमंत्री मंत्रिमण्डल का प्रधान होता है और उसकी मृत्यां या त्यागपत्र से मन्त्रिमण्डल का विघटन हो जाता है (अनुच्छेद 74(1))I

~अनुच्छेद 78 के अनुसार प्रधानमंत्री देश की वास्तविक स्थिति से राष्ट्रपति को अवगत कराता है।

~प्रधानमंत्री मंत्रिमण्डल की बैठक की अध्यक्षता करता है।

~देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एवं प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं।

~प्रथम गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई (1977) थे। 

~सबसे लम्बे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू (1947-64) थे।

~सबसे कम कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (मात्र 13 दिन) थे।

~चौधरी चरण सिंह एक मात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो कभी लोकसभा में उपस्थित नहीं हुए थे।

~अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाये जाने वाले प्रधानमंत्री वी. पी. सिंह (1990) एवं अटल बिहारी वाजपेयी (1999) थे। 

~लोकसभा चुनाव में एकमात्र पराजित प्रधानमंत्री उम्मीदवार श्रीमती इन्दिरा गांधी (1977) थीं।

~पी. वी. नरसिंहराव (1991) एवं एच. डी. देवगौड़ा (1996) प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करते समय किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे।

~ऐसे प्रधानमंत्री जो पद ग्रहण के समय राज्यसभा के सदस्य थे- श्रीमती इंदिरा गांधी (1996) इन्द्रकुमार गुजराल (1997) एवं मनमोहन सिंह (2004 और 2009) ।

~जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी तीनों ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिनकी मृत्यु कार्यकाल में हुई थी। 

~जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी के बाद मनमोहन सिंह चौथे प्रधानमंत्री हैं, जो दूसरी बार इस पर आसीन हुए हैं।

प्रधानमंत्री के शक्तियाँ एवं कार्य

~प्रधानमंत्री द्वारा मंत्रियों की नियुक्ति एवं पदच्युति की अनुशंसा राष्ट्रपति को की जाती है।

~लोकसभा में बहुमत दल के नेता होने के कारण वह लोकसभा में शासन की प्रमुख नीतियों एवं कार्यों की घोषणा करता है तथा लोकसभा के सदस्यों द्वारा गंभीर विषयों से संबंधित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देता है।

~देश की वित्त व्यवस्था एवं वार्षिक बजट निर्धारित करने में भी प्रधानमंत्री की भूमिका होती है। 

~शासकीय विधेयकों को प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार तैयार किया जाता है।

~अपने दल में अनुशासन एवं एकता कायम रखने तथा दल की नीतियों को क्रियान्वित कराने हेतु प्रधानमंत्री दलीय सचेतक के माध्यम से आदेश जारी करता है। 

~वह किसी भी समय लोकसभा राष्ट्रपति से कर सकता है। विघटन की अनुशंसा

~उसके द्वारा मंत्रियों के बीच मंत्रालयों का आवंटन तथा पुनः परिवर्तन किया जाता है।

~प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद् की बैठकों की अध्यक्षता करता है तथा उसके निर्णयों को प्रभावित करता है। 

~संविधान के अनुच्छेद 78 के अनुसार वह प्रशासन तथा विधान संबंधी सभी निर्णयों की सूचना राष्ट्रपति को देता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय

~प्रधानमंत्री को शासन कार्यों में स्टॉक कार्य प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की स्थापना की गई जो आगे चलकर प्रधानमंत्री सचिवालय में परिणत हो गया। प्रधानमंत्री कार्यालय को संक्षिप्त एवं व्यावहारिक रूप में पीएमओ (Prime Minister Office) के नाम से अभिहित किया जाता है।

~भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय की स्थापना 15 अगस्त, 1947 को भारत के स्वतंत्रता के साथ ही की गई थी। केंद्रीय सचिवालय संगठनों में प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) सबसे छोटा है। PMO का शीर्षस्थ अधिकारी मुख्य सचिव कहलाता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के कार्य

~प्रधानमंत्री के मुख्य कार्यपालक के रूप में सभी उत्तरदायित्वों के निर्वहन में सहायता करना । 

~प्रधानमंत्री के केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों से संपर्क एवं विभिन्न उत्तरदायित्व संबंधी क्रियाकलापों को निभाने में सहायता करना।

~प्रधानमंत्री को योजना आयोग के अध्यक्ष के रूप में उत्तरदायित्व के निर्वहन में सहायता करना।

~प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जनसंपर्क ( प्रेस तथा जनता से) स्थापित करना ।

~उन सभी संदर्भों में, जिनका संबंध प्रधानमंत्री के साथ कार्य-व्यापार के नियमों के अंतर्गत आता है एवं प्रधानमंत्री के पास है, को देखना ।

~प्रधानमंत्री को भेजे गए मामलों के परीक्षण में सहायता देना । 

~उपर्युक्त कार्यों के अतिरिक्त भूकंप, बाढ़ आदि संकटों के समय प्रधानमंत्री कोष से राज्यों / व्यक्तियों को जो सहायता पहुँचाई जाती है तथा अन्य प्रकार के मदों का लेखा-जोखा रखना।

कैबिनेट सचिवालय

~कैबिनेट सचिवालय सीधे प्रधानमंत्री के अधीन होता है। यह केंद्रीय प्रशासन की धुरी है ।

~मंत्रिमंडल सचिव कैबिनेट सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख होता है।

~कैबिनेट सचिव सिविल सेवा बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है। वह वरिष्ठतम लोक सेवक होने के नाते भारतीय प्रशासनिक सेवा का वरिष्ठतम सदस्य होता है। 

~भारत सरकार के (कार्य आवंटन) नियम, 1961 में कैबिनेट सचिवालय का स्थान नियमों की पहली सूची में है। इसके अंतर्गत कैबिनेट सचिवालय को आवंटित विषय हैं।- (1) मंत्रिमंडल और मंत्रिमंडल समितियों को सचिवालय सहायता तथा (2) कार्यनियम।

~मंत्रिमंडल सचिवालय के अधीन – ( 1 ) मंत्रिमंडलीय मा से संबंध विभाग (2) संविवर्ग विभाग (3) सांख्यिकी विभाग (4) इलेक्ट्रॉनिक विभाग होते हैं। 

~कैबिनेट सचिवालय, भारत सरकार (कार्य निष्पादन) नियम, 1961 और भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 के प्रशासन के लिए उत्तरादायी होता है।

~उपरोक्त नियमों का पालन करते हुए कैबिनेट सचिवालय सरकार के मंत्रालय में सुचारू रूप से कार्य संचालन की सुविधा प्रदान करता है। विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए और मंत्रालयों के बीच मतभेद दूर करते हुए यह सरकार को निर्णय लेने में मदद करता है। 

~सचिवालय मासिक सार लेखों तथा संक्षिप्त टिप्पणियों द्वारा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रियों को विभिन्न मंत्रालयों की गतिविधियों से परिचित करवाता है।

~कैबिनेट सचिवालय संसद में व्यवस्थापन प्रस्ताव का प्रारूप, राष्ट्रपति के संसद में दिए जाने वाले अभिभाषण और संदेशों को तैयार करता है। 

~यह राज्य या संघीय स्तर पर प्रशासनिक विलंब या कठिनाइयों को दूर करने संबंधी सुझाव देता है एवं सार्वजनिक जांच समितियों की नियुक्ति तथा ऐसी समितियों के प्रतिवेदनों पर विचार भी करता है।

~उपप्रधानमंत्री – भारतीय संविधान में उपप्रधानमंत्री की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके बावजूद कई उप-प्रधानमंत्रियों की नियुक्ति हुई, ये हैं- सरदार पटेल, मोरारजी देसाई, जगजीवनराम, चौधरी चरण सिंह, वाई. वी. चव्हाण, चौधरी देवीलाल (दो बार), एवं लालकृष्ण आडवाणी ।

~संघीय मंत्रिपरिषद – मंत्रिपरिषद तीन स्तरीय होता है- कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री एवं उपमंत्री । 

~कैबिनेट मंत्री अपने विभाग का प्रमुख होता है तथा राज्यमंत्री एवं उपमंत्री उसके सहायक होते हैं। मंत्रिमण्डल का गठन कैबिनेट स्तर के मंत्रियों से होता है।

~मंत्रियों की संख्या- 91वां संविधान संशोधन (2004) के अनुसार मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या लोकसभा के कुल सीटों के 15% से अधिक नहीं हो सकती है।

~संघ मंत्रालय में अनेक विभाग हैं। 15 अगस्त 1947 को संघ में मंत्रालयों को संख्या 18 थी, जो वर्तमान में बढ़कर 57 हो गई है।

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