Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “प्राचीन भारत का इतिहास” Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो किसी न किसी परीक्षा में पहले पूछे जा चुके है। लगभग भारत की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न बार – बार दोहराये जाते रहें है।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “प्राचीन भारत का इतिहास” Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।
1.गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था ?
- 563 ई. पू.
- 558 ई. पू.
- 561 ई. पू.
- 544 ई. पू.
उत्तर- 1
गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी में 563 ई. पू. में हुआ था। उनके पिता शुद्धोधन शाक्यगण के प्रधान थे तथा माता माया देवी कोलिय गणराज्य (कोलिय वंश) की कन्या थीं। 29 वर्ष की अवस्था में उन्होंने गृह त्याग दिया, जिसे बौद्ध ग्रंथों में ‘महाभिनिष्क्रमण’ की संज्ञा दी गई।
2. बुद्ध के जीवन की किस घटना को ‘महाभिनिष्क्रमण’ के रूप में जाना जाता है ?
- उनका महापरिनिर्वाण
- उनका जन्म
- उनका गृहत्याग
- उनका प्रबोधन
उत्तर- 3
3.गौतम बुद्ध की मां किस वंश से संबंधित थीं?
- शाक्य वंश
- माया वंश
- लिच्छवि वंश
- कोलिय वंश
उत्तर- 4
4. बुद्ध का जन्म हुआ था-
- वैशाली
- लुम्बिनी
- कपिलवस्तु
- पाटलिपुत्र
उत्तर- 2
5. निम्न में से कौन-सा नाम बुद्ध का दूसरा नाम है ?
- पार्थ
- प्रच्छन्न
- मिहिर
- गुडाकेश
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 3
गौतम के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। इन्हें शाक्यमुनि, तथागत आदि। नामों से जाना जाता है। आदि गुरु शंकराचार्य को ‘प्रच्छन्न बौद्ध’ या छिपा हुआ बुद्धमार्गी कहा जाता था। अतः पार्थ, प्रछन्न, मिहिर, गुडाकेश भगवान बुद्ध के अन्य नाम नहीं हैं। इस प्रकार अभीष्ट विकल्प (e) है, किंतु छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने अपने प्रारंभिक एवं संशोधित दोनों ही उत्तर – पत्रकों में इस प्रश्न का उत्तर (b) जारी किया है।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
6.’निम्नलिखित में से किस राजवंश के अभिलेख से इस परंपरा का समर्थन होता है कि लुम्बिनी शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म स्थान था?
- मौर्य
- शुंग
- सातवाहन
- कुषाण
उत्तर- 3
मौर्य वंशीय शासक अशोक के रुम्मिनदेई अभिलेख से सूचना मिलती है कि शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में हुआ था। इस अभिलेख के अनुसार, अशोक राज्याभिषेक के 20 वर्ष बाद यहां आया था और उसने उस स्थान की पूजा की थी जहां शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म हुआ था। साथ ही इस अभिलेख में लुंबिनी के बुद्ध का जन्म स्थल होने के कारण इसे कर छूट प्रदान करने की घोषणा का भी उल्लेख है।
7.महात्मा बुद्ध का ‘महापरिनिर्वाण’ कहां हुआ ?
- लुम्बिनी में
- बोधगया में
- कुशीनगर में
- कपिलवस्तु में
उत्तर- 3
बौद्ध धर्म का प्रचार करते हुए महात्मा बुद्ध मल्लों की राजधानी पावा पहुंचे, जहां वे चुंद नामक लुहार की आम्रवाटिका में ठहरे। उसने बुद्ध को सूकरमद्दव खाने को दिया, इससे उन्हें ‘रक्तातिसार’ हो गया और भयानक पीड़ा उत्पन्न हुई। इस वेदना के बाद भी वे कुशीनारा (मल्ल गणराज्य की राजधानी) पहुंचे। यहीं 483 ई. पू. में 80 वर्ष की अवस्था में उन्होंने शरीर त्याग दिया। बौद्ध ग्रंथों में इसे ‘महापरिनिर्वाण’ कहा जाता है।
8.महापरिनिर्वाण मंदिर अवस्थित है-
- कुशीनगर में
- सारनाथ में
- बोधगया में
- श्रावस्ती में
उत्तर- 1
‘महापरिनिर्वाण मंदिर’ उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में स्थित है। मंदिर में स्थापित भगवान बुद्ध की मूर्ति 1876 ई. में उत्खनन के द्वारा प्राप्त की गई थी। ‘महापरिनिर्वाण मंदिर’ विश्व में बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
9. गौतम बुद्ध द्वारा अपने धर्म में दीक्षित किया जाने वाला अंतिम व्यक्ति निम्नलिखित में से कौन था ?
- आनंद
- सारिपुत्त
- मोग्गलान
- सुभद्द
उत्तर- 4
अपने जीवन के अंतिम वर्ष में गौतम बुद्ध अपने शिष्य चुंद के यहां पावा पहुंचे। यहां सूकरमाद्दव भोज्य सामग्री खाने से वे अतिसार रोग से पीड़ित हो गए। फिर वे पावा से कुशीनगर चले गए और यहीं पर सुभद्द को उन्होंने अपना अंतिम उपदेश दिया।
10. बुद्ध ने अपने जीवन की अंतिम वर्षा ऋतु कहां बिताई थी?
- आवस्ती में
- वैशाली में
- कुशीनगर में
- सारनाथ में
उत्तर- 2
महापरिनिब्बान सूक्त से उनके जीवन के विविध आयामों एवं काल का निर्धारण किया जाता है जिसके अनुसार, बुद्ध ने अपने जीवन की अंतिम वर्षा ऋतु वैशाली में बिताई थी।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
11. निम्नलिखित में से कौन-सा एक बौद्ध मत में निर्वाण की अवधारणा की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या करता है?
- तृष्णारूपी अग्नि का शमन
- स्वयं की पूर्णतः अस्तित्वहीनता
- परमानंद एवं विश्राम की स्थिति
- धारणातीत मानसिक अवस्था
उत्तर- 1
बुद्ध ने निर्वाण को मन की उस परम शांति के रूप में वर्णित किया है, जो तृष्णा, क्रोध और दूसरी विषादकारी मनःस्थितियों से परे है। यह शांति तभी प्राप्त होती है जब सभी वर्तमान इच्छाओं के कारण समाप्त हो जाएं और भविष्य में पैदा हो सकने वाली इच्छाओं का जड़ से नाश हो जाए। निर्वाण में तृष्णा और द्वेष के कारण जड़ से समाप्त हो जाते हैं, जिससे मनुष्य सभी प्रकार के कष्टों (दुःख) या संसार में पुनर्जन्म के चक्र से छूट
जाता है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
12. आलार कालाम कौन थे?
- बुद्ध के एक शिष्य
- एक प्रतिष्ठित बौद्ध भिक्षु
- बुद्धकालीन एक शासक
- बुद्ध के एक गुरु
उत्तर- 4
महाभिनिष्क्रमण के बाद ज्ञान की खोज में महात्मा बुद्ध, आलार कालाम के आश्रम में पहुंचे तथा उनसे दीक्षा ली। आलार कालाम के आश्रम में उन्होंने तपस्या की किंतु इससे बुद्ध संतुष्ट नहीं हुए। आलार कालाम सांख्य दर्शन के आचार्य थे तथा अपनी साधना शक्ति के लिए विख्यात थे।
13.महात्मा बुद्ध ने अपना पहला ‘धर्मचक्रप्रवर्तन’ किस स्थान पर दिया था?
- लुंबिनी में
- सारनाथ में
- पाटलिपुत्र में
- वैशाली में
उत्तर- 2
ज्ञान प्राप्ति के पश्चात गौतम बुद्ध ने अपने मत का प्रचार प्रारंभ किया। | उरुवेला से वे सबसे पहले ऋषिपत्तन (वर्तमान में सारनाथ वाराणसी के निकट) आए। यहां उन्होंने पांच ब्राह्मण संन्यासियों को पहला उपदेश दिया। इस प्रथम उपदेश को ‘धर्मचक्रप्रवर्तन’ कहा जाता है।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
14. बुद्ध कौशाम्बी किसके राज्य-काल में आए थे ?
- शतानीक
- उदयन
- बोधि
- निचक्षु
उत्तर- 2
महात्मा बुद्ध वत्सराज उदयन के शासनकाल में कौशाम्बी आए थे। वहां उन्होंने नवां विश्राम किया। उदयन ने पिंडोला भारद्वाज के प्रभाव से बौद्ध बनने के बाद घोषिताराम विहार भिक्षु संघ को दान किया।
15. बुद्ध की मृत्यु के पश्चात प्रथम बौद्ध संगीति की अध्यक्षता की गई-
- महाकस्सप द्वारा
- धर्मसेन द्वारा
- अजातशत्रु द्वारा
- नागसेन द्वारा
उत्तर- 1
प्रथम बौद्ध संगीति (प्रथम बौद्ध परिषद) बुद्ध की मृत्यु के तत्काल बाद राजगृह की सप्तपर्णि गुफा में हुई। इस समय मगध का शासक अजातशत्रु था। इस संगीति की अध्यक्षता महाकस्सप ने की तथा इसमें बुद्ध के प्रमुख शिष्य आनंद और उपालि भी उपस्थित थे। इसमें बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन हुआ तथा उन्हें सुत्त और विनय नामक दो पिटकों में विभाजित किया गया। आनंद तथा उपालि क्रमश: धर्म और विनय के प्रमाण माने गए।.
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16. कश्मीर में कनिष्क के शासनकाल में जो बौद्ध संगीति आयोजित हुई थी उसकी अध्यक्षता निम्नलिखित में से किसने की थी ?
- पार्श्व
- नागार्जुन
- शूद्रक
- वसुमित्र
उत्तर- 4
बौद्ध धर्म की चतुर्थ संगीति कुषाण शासक कनिष्क के राज्यकाल में कश्मीर के कुंडलवन में हुई। इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बने। इस सभा में महासांघिकों का वर्चस्व था ।
यहां बौद्ध ग्रंथों के कठिन अंशों पर सम्यक विचार किया गया तथा प्रत्येक पिटक पर भाष्य लिखकर उन्हें ‘विभाषाशास्त्र’ नामक टीकाओं संकलित कर दिया गया। इसी समय बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट संप्रदायों में विभक्त हो गया।
17.बौद्ध धर्म की महायान शाखा औपचारिक रूप से किसके शासनकाल में प्रकट हुई ?
- अजातशत्रु
- अशोक
- धर्मपाल
- कनिष्क
उत्तर- 4
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
18. निम्नलिखित पर विचार कीजिए-
- बुद्ध में देवत्वारोपण
- बोधिसत्व के पथ पर चलना
- मूर्ति उपासना तथा अनुष्ठान
उपर्युक्त में से कौन-सी विशेषता / विशेषताएं महायान बौद्ध मत की है/हैं?
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर- 4
महायान बौद्ध मत बुद्ध की लोकोत्तर सत्ता तथा देवत्व में विश्वास करता है। और बुद्ध के अनेक अवतारों एवं रूपों में विश्वास करता है। साथ ही यह बुद्धत्व के मार्ग पर चलने वाले को ‘बोधिसत्व’ कहता है, जो सभी मानवों की मुक्ति में सहायता करता है। बोधिसत्व के पथ पर चलना इस मत में अनुकरणीय कहा गया है। हिंदू धर्म के प्रभाव में बुद्ध में देवत्व के आरोपण के साथ ही अनुष्ठान और मूर्तिपूजा महायान की मुख्य पद्धति बन गई। अतः तीनों कथन सत्य हैं।
19. निम्नलिखित चार स्थानों में हुई बौद्ध संगीतियों का सही कालक्रम नीचे दिए हुए कूट से ज्ञात करें-
- वैशाली
- राजगृह
- कुंडलवन
- पाटलिपुत्र
कूट :
- 1,2,3,4
- 4,3,2,1
- 2,1,3,4
- 2,1,4,3
उत्तर- 4
प्रथम बौद्ध संगीति बुद्ध की मृत्यु के तत्काल बाद मगध नरेश अजातशत्रु के कार्यकाल में राजगृह अथवा राजगीर स्थित सप्तपर्णि गुफा में संपन्न हुई। थी। द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन कालाशोक के शासनकाल में बुद्ध की मृत्यु के 100 वर्ष बाद वैशाली में किया गया। तृतीय बौद्ध संगीति मौर्य सम्राट अशोक के शासनकाल में पाटलिपुत्र में हुई थी। मोग्गलिपुत्त तिस्स इसके अध्यक्ष थे। चतुर्थ बौद्ध संगीति कनिष्क के शासनकाल में कुंडलवन (कश्मीर) में संपन्न हुई। इसकी अध्यक्षता वसुमित्र एवं उपाध्यक्षता अश्वघोष ने की।
20. प्रथम बौद्ध समिति का आयोजन हुआ था-
- अनिरुद्ध के शासनकाल में
- अजातशत्रु के शासनकाल में
- बिंबिसार के शासनकाल में
- उदयभद्र के शासनकाल में
उत्तर- 2
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
21. भारतीय कला में बुद्ध के जीवन की किस घटना का चित्रण ‘मृग सहित ‘चक्र’ द्वारा हुआ है?
- महाभिनिष्क्रमण
- संबोधि
- प्रथम उपदेश
- निर्वाण
उत्तर- 3
भारतीय कला में बुद्ध के जीवन के प्रथम उपदेश का चित्रण ‘मृग सहित चक्र’ द्वारा हुआ है। बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में मृगदाव (हरिण वन) में दिया था।
22.करमापा लामा तिब्बत के बुद्ध संप्रदाय के किस वर्ग का है?
- गेलूगपा
- कंग्यूपा
- साक्यपा
- लिंगमापा
उत्तर- 2
करमापा लामा तिब्बत के बौद्ध संप्रदाय ‘कंग्यूपा’ वर्ग से संबंधित हैं।
23. महात्मा बुद्ध के संबंध में निम्नलिखित कथनों में कौन सही है?
- उनका जन्म कपिलवस्तु में हुआ था।
- उन्होंने बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया था।
- उन्होंने वैदिक धर्म को अस्वीकार किया था।
- उन्होंने आर्य सत्य का प्रचार किया था।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए :
कूट :
- 1 तथा 2
- 1 तथा 3
- 1, 2, 3 तथा 4
- 1, 2, तथा 3
उत्तर- 4
उपर्युक्त प्रश्न में विकल्प (d) सही है। क्योंकि उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। | (जन्म-कपिलवस्तु के लुम्बिनी में, ज्ञान-बोधगया, वैदिक धर्म की अस्वीकार्यता तथा चार आर्य सत्यों का प्रचार सभी सही हैं)।
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24.बोधगया में महाबोधि मंदिर बनाया गया जहां-
- गौतम बुद्ध पैदा हुए थे
- गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ
- गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन दिया
- गौतम बुद्धा की मृत्यु हुई
उत्तर- 2
बोधगया में 6 वर्ष की साधना के पश्चात 35 वर्ष की आयु में महात्मा बुद्ध को वैशाख पूर्णिमा की रात को एक पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ।
25. बोधगया में ‘बोधि वृक्ष’ अपने वंश की इस पीढ़ी का है।
- तृतीय
- चतुर्थ
- पंचम
- षष्ठम
उत्तर- 3
महाबोधि मंदिर स्थित वर्तमान बोधि वृक्ष वही नहीं है, जिसके नीचे बैठकर महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। ह्वेनसांग के अनुसार, उस मूल वृक्ष को सातवीं शताब्दी में सम्राट शशांक ने नष्ट करा दिया था। वर्तमान वृक्ष जिसे हम देख रहे हैं वह पांचवी पीढ़ी का वृक्ष है, जिसे अलेक्जेंडर कनिंघम ने लगवाया था। यह वृक्ष पूरी तरह संरक्षित है और केवल इससे गिरी हुई पत्तियों को ही छूने एवं उठाने का अधिकार है।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
26.निम्नलिखित में से कौन-सा बौद्ध पवित्र स्थल निरंजना नदी पर स्थित था?
- बोधगया
- कुशीनगर
- लुम्बिनी
- ऋषिपत्तन
उत्तर- 1
पवित्र बौद्ध स्थल बोधगया जहां गौतम बुद्ध को सर्वप्रथम ज्ञान प्राप्त हुआ था, निरंजना नदी पर स्थित है। आधुनिक फाल्गु नदी को ही पूर्व में निरंजना के नाम से जाना जाता था। यह नदी दो छोटी धाराओं निरंजना एवं मोहना के मिलने के बाद बनती है।
27. बुद्ध के उपदेश किससे संबंधित हैं?
- आत्मा संबंधी विवाद
- ब्रह्मचर्य
- धार्मिक कर्मकांड
- आचरण की शुद्धता व पवित्रता
उत्तर- 4
महात्मा बुद्ध के उपदेश आचरण की पवित्रता एवं शुद्धता से संबंधित हैं। बुद्ध के उपदेशों में आत्मा संबंधी विवाद नहीं है। धार्मिक कर्मकांडों की बुद्ध ने आलोचना की है।
28. निम्नलिखित में से कौन बुद्ध के जीवनकाल में ही संघ प्रमुख होना चाहता था?
- देवदत्त
- महाकरसप
- उपालि
- आनंद
उत्तर- 1
देवदत्त, बुद्ध का चचेरा भाई था। वह पहले उनका अनुगत बना और फिर उनका विरोधी बन गया। वह बौद्ध संघ से बुद्ध को हटाकर स्वयं संघ का प्रधान बनना चाहता था, किंतु उसे इसमें सफलता नहीं मिली। वस्तुतः देवदत्त उसी दिन से संघ का प्रधान बनने की सोचने लगा था, जब वह पहले-पहले भिक्षु बना था।
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29. गौतम बुद्ध* ने अपनी मृत्यु के उपरांत बौद्ध संघ के नेतृत्व के लिए निम्न में से किसे नामित किया था ?
- आनंद
- महाकस्सप
- उपालि
- उपर्युक्त में कोई नहीं
उत्तर- 4
कुशीनारा में मल्लों के सालवन में विश्राम के दौरान अपनी मृत्यु से पूर्व बुद्ध ने भिक्षुओं को निकट बुलाकर धर्मोपदेश दिया- आनंद, शायद तुम ऐसा सोचो कि हमारे शास्ता चले गए, अब हमारा शास्ता नहीं है। आनंद, ऐसा मत समझना। मैंने जो धर्म और विनय किए हैं, मेरे बाद वे ही तुम्हारे | शास्ता होंगे।’ इस प्रकार स्पष्ट है कि बुद्ध ने अपनी मृत्यु के उपरांत बौद्ध | संघ के नेतृत्व के लिए किसी को नामित नहीं किया था, बल्कि अपने उपदेशों (धर्म एवं विनय) को ही मार्गदर्शक बताया था।
30. अष्टांग मार्ग की संकल्पना, अंग है-
- दीपवंश की विषयवस्तु का
- दिव्यावदान की विषयवस्तु का
- महापरिनिब्बान की विषयवस्तु का
- धर्मचक्रप्रवर्तन सुत्त की विषयवस्तु का
उत्तर- 4
गौतम बुद्ध ने चतुर्थ आर्य सत्य में दुःख निरोध का उपाय बताया। इसे ‘दुःख निरोध गामिनी प्रतिपदा’ कहा जाता है। इसे ‘मध्यमा प्रतिपदा’ या मध्यम मार्ग भी कहते हैं। इस मध्यमा प्रतिपदा में आठ सोपान हैं, इसलिए इसे ‘अष्टांगिक मार्ग’ भी कहते हैं। इसके आठों सोपान हैं-सम्यक् दृष्टि, सम्यक् संकल्प, सम्यक् वाक्, सम्यक् कर्मांत, सम्यक् आजीव, सम्यक् व्यायाम, सम्यक् स्मृति एवं सम्यक् समाधि । अष्टांगिक मार्ग धर्मचक्रप्रवर्तन सुत्त की विषयवस्तु का अंग है।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
31.त्रिपिटक’ क्या है?
- गांधीजी के तीन बंदर
- ब्रह्मा, विष्णु, महेश
- महावीर के तीन नगीने
- बुद्ध के उपदेशों का संग्रह
उत्तर- 4
‘त्रिपिटक’ बौद्ध ग्रंथों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। बुद्ध की मृत्यु के बाद उनकी शिक्षाओं को संकलित कर तीन भागों में बांटा गया, इन्हीं को त्रिपिटक कहते हैं। ये हैं-विनय पिटक (संघ संबंधी नियम तथा आचार की शिक्षाएं), सुत्त पिटक (धार्मिक सिद्धांत) तथा अभिधम्म पिटक (दार्शनिक (सिद्धांत)।
32. निम्न में से किस बौद्ध साहित्य में महात्मा बुद्ध के ‘नैतिक एवं सिद्धांत’ संबंधित प्रवचन संकलित हैं?
- विनय पिटक
- जातक कथाएं
- अभिधम्म पिटक
- सुत्तपिटक
उत्तर- 4
सुत्त पिटक में महात्मा बुद्ध के ‘नैतिक एवं सिद्धांत’ संबंधित प्रवचन संकलित हैं अर्थात इसमें बौद्ध धर्म के सिद्धांत एवं उपदेश संग्रह हैं, जबकि विनय पिटक में संघ संबंधी नियम तथा दैनिक जीवन संबंधी आचार-विचारों, विधि निषेधों आदि का संग्रह है। जातकों में बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियां संग्रहीत हैं।
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33. अशोकाराम विहार निम्नलिखित में से किस स्थान पर स्थित था ?
- वैशाली
- पाटलिपुत्र
- कौशाम्बी
- श्रावस्ती
उत्तर- 2
प्रसिद्ध बौद्ध ग्रंथ महावंश के अनुसार, मौर्य शासक अशोक ने पाटलिपुत्र में अशोकाराम विहार को निर्मित करवाया था। इस विहार का निर्माण इंद्रगुप्त नामक थेर भिक्षु के निरीक्षण में हुआ था। तीसरी बौद्ध संगीति (सभा) भी अशोक के समय में हुई थी।
34. विश्व का सबसे ऊंचा कहा जाने वाला ‘विश्व शांति स्तूप’ विहार मेंकहां है?
- वैशाली
- नालंदा
- राजगीर
- पटना
उत्तर- 3
बिहार में राजगीर की पहाड़ियों (400 मीटर की ऊंचाई) पर स्थित ‘शांति स्तूप’ विश्व का सबसे ऊंचा कहा जाने वाला ‘विश्व शांति स्तूप’ है।
35. सर्वप्रथम ‘स्तूप’ शब्द कहां मिलता है?
- ऋग्वेद
- जातक कथा
- अर्थशास्त्र
- अष्टाध्यायी
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 1
सर्वप्रथम ‘स्तूप’ शब्द का वर्णन ऋग्वेद में प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त अथर्ववेद, वाजसनेयी संहिता, तैत्तरीय ब्राह्मण संहिता, पंचविश ब्राह्मण आदि ग्रंथों से ‘स्तूप’ के संबंध में जानकारी मिलती है। स्तूप का शाब्दिक अर्थ है-‘किसी वस्तु का ढेर’ |
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
36. वह स्तूप- स्थल, जिसका संबंध भगवान बुद्ध के जीवन की किसी घटना से नहीं रहा है, वह है :
- सारनाथ
- सांची
- बोधगया
- कुशीनारा
उत्तर- 2
बोधगया का स्तूप स्थल बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति से, सारनाथ धर्मचक्रप्रवर्तन से तथा कुशीनगर या कुशीनारा बुद्ध की मृत्यु से संबंधित है, जबकि सांची बुद्ध के जीवन की किसी विशेष घटना से संबंधित नहीं है।
37. अनात्मवाद सिद्धांत है-
- सांख्य का
- वेदांत का
- बौद्ध दर्शन का
- जैन दर्शन का
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 3
बौद्ध दर्शन में अनात्मवाद का सिद्धांत गौतम बुद्ध के प्रतीत्यसमुत्पाद के । सिद्धांत से ही सिद्ध होता है। इसे नैरात्मवाद भी कहा जाता है। कुछ विचारकों के मतानुसार, अनात्मवाद का सिद्धांत केवल आत्मा पर लागू होता है। वस्तुतः इससे आत्मा और भौतिक जगत दोनों की ही व्याख्या होती है। जब गौतम बुद्ध ‘सर्व अनात्मकम्’ कहते हैं, तो इसका अर्थ है कि किसी नित्य चेतन या जड़ तत्व का अस्तित्व नहीं है। न तो आत्मा नामक नित्य द्रव्य का अस्तित्व है और न भौतिक पदार्थ नामक जड़ द्रव्य का। द्रव्यता, एकता, तादात्म्य एवं नित्यता आदि कल्पना मात्र है।
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38.’संसार अस्थिर और क्षणिक है’ का निम्न में किससे संबंध है?
- बौद्ध
- जैन
- गीता
- वेदांत
उत्तर- 1
बौद्ध दर्शन में क्षणिकवाद को स्वीकार किया गया है। बुद्ध ने स्वयं अनित्यवाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था। क्षणिकवाद अनित्यतावाद का तार्किक विकास है, जो बौद्धोत्तर दर्शन में अस्तित्व में आया। क्षणिकवाद के अनुसार विश्व की प्रत्येक वस्तु का अस्तित्व क्षणमात्र के लिए ही रहता है। जिस प्रकार नदी की एक बूंद एक क्षण के लिए सामने आती है तथा दूसरे क्षण वह विलीन हो जाती है, उसी प्रकार जगत की समस्त वस्तुएं क्षणमात्र के लिए ही अपना अस्तित्व कायम रखती हैं।
39. निम्नलिखित में से किसे ‘एशिया के ज्योति पुंज’ के तौर पर जाना जाता है ?
- गौतम बुद्ध को
- महात्मा गांधी को
- महावीर स्वामी को
- स्वामी विवेकानंद को
उत्तर- 1
गौतम बुद्ध को ‘एशिया के ज्योति पुंज’ के तौर पर जाना जाता है। गौतम बुद्ध के जीवन पर एडविन अर्नाल्ड ने ‘The Light of Asia’ नामक काव्य पुस्तक की रचना की थी।
40.’क्षणिकवाद’ का प्रतिपादन किसने किया?
- बुद्ध
- जैन
- चार्वाक
- न्याय
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 1
‘क्षणिकवाद’ का सिद्धांत बौद्ध दर्शन से संबंधित है। क्षणिकवाद अनित्यतावाद का तार्किक विकास है, जो बौद्धोत्तर दर्शन में अस्तित्व में आया। बुद्ध के अनुसार, संसार में कुछ भी स्थायी या नित्य नहीं है यहां तक कि आत्मा की भी नित्य सत्ता नहीं है। यह उल्लेखनीय है कि गौतम बुद्ध ने स्वयं अस्थायित्व एवं क्षणिकत्व में भेद किया है। उन्होंने आत्मा को क्षणिक तथा भौतिक वस्तुओं को अनित्य कहा ।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
41. सर एडविन एर्नाल्ड की पुस्तक ‘द लाइट ऑफ एशिया’ आधारित है –
- दिव्यावदान पर
- ललितविस्तार पर
- सुत्तपिटक पर
- अभिधम्मपिटक पर
उत्तर- 2
सर एडविन एर्नाल्ड की पुस्तक ‘द लाइट ऑफ एशिया’ ललितविस्तार के विषय-वस्तु पर आधारित है। इस पुस्तक का प्रकाशन 1879 ई. में लंदन में किया गया।
42. बौद्ध धर्म के महायान और हीनयान संप्रदायों में सर्वाधिक मौलिक अंतर निम्नलिखित में कौन-सा है ?
- अहिंसा पर बल
- जाति रहित समाज
- देवी-देवताओं की पूजा
- स्तूप पूजा
उत्तर- 3
बौद्ध धर्म के हीनयान और महायान संप्रदायों में सर्वाधिक मौलिक अंतर देवी-देवताओं की पूजा था। हीनयान में बुद्ध को एक महापुरुष माना जाता था, जबकि महायान में उन्हें देवता माना गया तथा उनकी पूजा की जाने लगी। इसी के साथ ही अनेक बोधिसत्वों की भी पूजा की जाने लगी।
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43. गौतम बुद्ध को एक देवता का स्थान किस राजा के युग में प्राप्त हुआ?
- अशोक
- कनिष्क
- चंद्रगुप्त विक्रमादित्य
- हर्ष
उत्तर- 2
कनिष्क के शासनकाल में संपन्न चतुर्थ बौद्ध संगीति में बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट एवं स्वतंत्र संप्रदायों में विभक्त हो गया। महायान शाखा में बुद्ध को देवता माना गया तथा उनकी पूजा की जाने लगी। इस प्रकार कनिष्क के काल में बौद्ध धर्म की महायान शाखा के तहत गौतम बुद्ध को एक देवता का स्थान प्राप्त हुआ।
44.भारत में पहले जिस मानव प्रतिमाओं को पूजा गया वह थी-
- ब्रह्मा की
- विष्णु की
- बुद्धकी
- शिव की
उत्तर- 3
भारत में सबसे पहले बुद्ध की प्रतिमाओं की पूजा की गई। बौद्ध धर्म के महायान शाखा के अनुयायियों ने सर्वप्रथम बुद्ध मूर्तियां स्थापित करके उनकी पूजा प्रारंभ की।
45. देश में निम्न में से किसने मूर्ति पूजा की नींव रखी थी ?
- जैन धर्म ने
- बौद्ध धर्म ने
- आजीविकों ने
- वैदिक धर्म ने
उत्तर- 2
उपर्युक्त में से सर्वप्रथम मूर्ति पूजा की नींव बौद्धों के द्वारा रखी गई। महायानियों ने सर्वप्रथम बुद्ध की प्रतिमा स्थापित करके पूजा आरंभ की।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
46. गांधार शैली की मूर्ति कला में बुद्ध के सारनाथ में हुए प्रथम धर्मोपदेश से संबद्ध प्रवचन मुद्रा का नाम है-
- अभय
- ध्यान
- धर्मचक्र
- भूमिस्पर्श
उत्तर 3
गांधार कला की उत्पत्ति का स्रोत एशिया माइनर तथा हैलेनिस्टिक कला थी। इस शैली की कला का प्रमुख विषय महात्मा बुद्ध का जीवन चरित है। इसके अंतर्गत बुद्ध की धर्मचक्र मुद्रा, ध्यान मुद्रा, अभय मुद्रा और वरद मुद्रा आदि मूर्तियों का निर्माण किया गया है।
47. बुद्ध की खड़ी प्रतिमा निम्न में से किस काल में बनाई गई?
- गुप्त काल
- कुषाण काल
- मौर्य काल
- गुप्तोत्तर काल
उत्तर- 2
कुषाण काल में ही गांधार एवं मथुरा कला शैली के तहत बुद्ध एवं बोधिसत्वों की बहुसंख्यक मूर्तियों का (बैठी एवं खड़ी स्थिति में) निर्माण हुआ। वी. एस. अग्रवाल के मतानुसार, सर्वप्रथम मथुरा में ही बुद्ध मूर्तियों । का निर्माण किया गया, जहां इनके लिए पर्याप्त आधार था।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
48.भगवान बुद्ध की प्रतिमा कभी-कभी एक हस्त मुद्रा युक्त दिखाई गई है, जिसे ‘भूमिस्पर्श मुद्रा’ कहा जाता है। यह किसका प्रतीक है?
- मार पर दृष्टि रखने एवं अपने ध्यान में विघ्न डालने से मार को रोकने के लिए बुद्ध का धरती का आह्वान
- मार के प्रलोभनों के बावजूद अपनी शुचिता और शुद्धता का साक्षी होने के लिए बुद्ध का धरती का आह्वान
- बुद्ध का अपने अनुयायियों को स्मरण कराना कि वे सभी धरती से उत्पन्न होते हैं और अंततः धरती में विलीन हो जाते हैं, अतः जीवन संक्रमणशील है।
- इस संदर्भ में दोनों ही कथन (a) एवं (b) सही हैं
उत्तर- 2
बुद्ध की ‘भूमिस्पर्श मुद्रा’ से तात्पर्य अपने तप की शुचिता और निरंतरता को बनाए रखने से है। बुद्ध की ‘भूमिस्पर्श मुद्रा’ मार (कामदेव) के प्रलोभनों के बावजूद अपनी शुचिता और शुद्धता का साक्षी होने के लिए बुद्ध का धरती का आह्वान को प्रदर्शित करती है।
49. भूमिस्पर्श मुद्रा की सारनाथ बुद्ध मूर्ति संबंधित है-
- मौर्य काल से
- शुंग काल से
- कुषाण काल से
- गुप्त काल से
उत्तर- 4
भूमिस्पर्श मुद्रा की सारनाथ की बुद्ध मूर्ति गुप्तकाल से संबंधित है। इसकी आध्यात्मिक अभिव्यक्ति, गंभीर मुस्कान एवं शांत ध्यानमग्न मुद्रा भारतीय कला की सर्वोच्च सफलता का प्रदर्शन करती है।
50.निम्नलिखित में से कौन-से शासक ने बौद्धमत के विस्तार में योगदान नहीं दिया ?
- हर्षवर्धन
- कनिष्क
- अशोक
- पुष्यमित्र शुंग
उत्तर- 4
अशोक, कनिष्क और हर्षवर्धन ने बौद्ध धर्म के विकास में योगदान दिया, जबकि शुंग वंश के संस्थापक पुष्यमित्र शुंग ने मगध साम्राज्य पर अधिकार जमाकर जहां एक ओर यवनों के आक्रमण से देश की रक्षा की वहीं दूसरी ओर देश में शांति और व्यवस्था की स्थापना कर वैदिक धर्म एवं आदर्शों की, जो अशोक के शासनकाल में उपेक्षित हो गए थे, पुनः प्रतिष्ठा की। इसी कारण उसका काल वैदिक प्रतिक्रिया अथवा वैदिक पुनर्जागरण का काल भी कहा जाता है।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
51.निम्नलिखित वक्तव्यों पर विचार करें और नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनें-
कथन (A) : कुशीनगर मल्ल गणराज्य की राजधानी थी।
कारण (R) : महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण कुशीनगर में हुआ था।
कूट-
- दोनों (A) और (R) सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है
- दोनों (A) और (R) सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है
- (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
उत्तर- 2
बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय में वर्णित षोडश महाजनपदों में से ‘मल्ल’ एक महाजनपद था। यह एक संघ राज्य था, जिसमें पावा (पडरौना) तथा कुशीनारा (कसया) मल्ल गणराज्य की जुड़वा राजधानी थीं। महात्मा बुद्ध को महापरिनिर्वाण कुशीनगर में प्राप्त हुआ। अतः दोनों कथन सही हैं,किंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
52. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं ?
- लोथल ; प्राचीन गोदी क्षेत्र
- सारनाथ ; बुद्ध का प्रथम धर्मोपदेश
- राजगीर : अशोक का सिंह स्तंभ शीर्ष
- नालंदा : बौद्ध अधिगम का महान पीठ
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए—
- 1, 2, 3 और 4
- 3 और 4
- 1, 2 और 4
- 1 और 2
उत्तर- 3
सैंधव पुरास्थल लोथल (गुजरात) से गोदीबाड़ा के अवशेष मिले हैं।ने सारनाथ (वाराणसी) में महात्मा बुद्ध ने अपना प्रथम धर्मोपदेश (धर्मचक्रप्रवर्तन)दिया था। नालंदा बौद्ध अधिगम का महान पीठ था, यहां कुमारगुप्त I के शासनकाल में विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। अशोक का सिंह स्तंभ शीर्ष राजगीर में नहीं बल्कि सारनाथ में स्थित है।
53. महायान बौद्ध धर्म में बोधिसत्व अवलोकितेश्वर को और किस अन्य नाम से जानते हैं?
- वज्रपाणि
- मंजुश्री
- पद्मपाणि
- मैत्रेय
उत्तर- 3
बौद्ध दर्शन में यह माना गया है कि बोधिसत्वों में अवलोकितेश्वर की स्थिति महिमामंडित है। उन लोगों ने यह निश्चय किया था कि वे तब तक बुद्ध नहीं बनेंगे जब तक कि सभी मनुष्यों को निर्वाण नहीं प्राप्त हो जाता। वस्तुतः बौद्ध धर्म पर हिंदू धर्म का प्रभाव परिलक्षित होता है। ‘अवलोकितेश्वर’ नारायण या ‘पद्मपाणि विष्णु का भी एक नाम है।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
54. भारतीय इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन भावी जो संसार की रक्षा हेतु अवतरित होंगे?
- अवलोकितेश्वर
- लोकेश्वर
- मैत्रेय
- पद्मपाणि
उत्तर- 3
बौद्ध मान्यताओं के अनुसार, , मैत्रेय (संस्कृत) एक बोधिसत्व है, जो पृथ्वी पर भविष्य में अवतरित होंगे और बुद्धत्व प्राप्त करेंगे तथा विशुद्ध धर्म की शिक्षा देंगे। मैत्रेय के अवतरण की भविष्यवाणी ऐसे समय के लिए की गई। है, जब इस लोक में अनैतिकता अनाचार इतना बढ़ जाएगा कि मानव जीवन असुरक्षित होता दिखेगा, सुरक्षा के लिए लोग इधर-उधर भटकेंगे। सर्वत्र त्राहि-त्राहि मच जाएगी और मानव जीवन संघर्षमय बनता दिखेगा। ऐसे आपातकाल में ‘बोधिसत्व मैत्रेय’ इस भूतल पर भविष्य के बुद्ध के रूप में अवतार लेंगे। वह पुनः बौद्ध धर्म की संस्थापना करेंगे और सभी मानवों को सुख, शांति एवं समृद्धि प्रदान करेंगे।
55. भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- बोधिसत्व, बौद्धमत के हीनयान संप्रदाय की केंद्रीय संकल्पना है।
- बोधिसत्य अपने प्रबोध के मार्ग पर बढ़ता हुआ करुणामय है।
- बोधिसत्व समस्त सचेतन प्राणियों को उनके प्रबोध के मार्ग पर चलने में सहायता करने के लिए स्वयं की निर्वाण प्राप्ति विलंबित करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2 और 3
- केवल 2
- 1, 2 और 3
उत्तर- 2
बोधिसत्व बौद्धमत के महायान संप्रदाय का आदर्श एवं केंद्रीय संकल्पना है। बौद्ध धर्म में, बोधिसत्व, सत्व के लिए प्रबुद्ध (शिक्षा दिए हुए) को कहते हैं। पारंपरिक रूप से महान दया से प्रेरित, बोधिचित्त जनित, सभी संवेदनशील प्राणियों के लाभ के लिए सहज इच्छा से बुद्धत्व प्राप्त करने वाले को बोधिसत्व माना जाता है।
दस पारमिताओं का पूर्ण पालन करने वाला बोधिसत्व कहलाता है। बुद्ध बनना ही बोधिसत्व के जीवन की | पराकाष्ठा है। बौद्ध धर्म का अंतिम लक्ष्य संपूर्ण मानव समाज से दुःख का अंत है। बौद्ध धर्म के अनुसार चार आर्य सत्य हैं- 1. दुःख, 2. दुःख समुदय, 3. दुःख निरोध तथा 4. दुःख निरोध का मार्ग। बौद्ध धर्म के अनुयायी अष्टांगिक मार्ग के अनुसार, जीवन जीकर अज्ञानता और दुःख से मुक्ति और निर्वाण पाने की कोशिश करते हैं।
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56. बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रायः चित्रित चित्रकारी है, जो –
- अजंता में है
- बदामी में है
- बाघ में है
- एलोरा में है
उत्तर- 1
गुफा संख्या एक की बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र अजंता चित्रकला की श्रेष्ठ कला कृतियों में से एक है। इसे छठीं शताब्दी ई. के अंत में निष्पादित किया गया था। चित्र में बोधिसत्व पद्मपाणि राजसी शैली में । एक नीलम जड़ित मुकुट पहना हुआ है, उसके लंबे काले बाल मनोहारी । रूप से झुक रहे हैं। रमणीय रीति से अलंकृत यह आकृति आदमकद से भी बड़ी है और इसमें उसके दाहिने हाथ कुछ-कुछ रुके हुए तथा कमल के पुष्प को पकड़े हुए दर्शाया गया है।
57.हीनयान अवस्था का विशालतम एवं सर्वाधिक विकसित शैलकृत चैत्यगृह स्थित है-
- पीतलखोरा में
- जुन्नार में
- कार्ले में
- बेडसा में
उत्तर- 3
हीनयान अवस्था का विशालतम एवं सर्वाधिक विकसित शैलकृत चैत्यगृह कार्ले में स्थित है। यह पुणे (महाराष्ट्र) के मावल तालुका में स्थित है।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
58.निम्नलिखित में से किस शैलकृत गुफा में ग्यारह सिरों के वोधिसत्व का अंकन मिलता है?
- अजंता
- एलोरा
- कन्हेरी
- कार्ले
उत्तर- 3
सलसेती द्वीप में स्थित कन्हेरी गुफाएं महाराष्ट्र में मुंबई शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। यह गुफाएं संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान परिसर में स्थित हैं। प्राचीन अभिलेखों में कान्हाशैल, कृष्णगिरी, कान्हगिरी के नाम से उल्लिखित कन्हेरी बौद्धों का प्रमुख केंद्र था। कन्हेरी में एक ही पहाड़ी। में सर्वाधिक संख्या में गुफाओं का निर्माण हुआ है। कन्हेरी की गुफाओं का | निर्माण पहली शताब्दी ई. पू. में किया गया था और ये 11 वीं शताब्दी ईस्वी तक इस्तेमाल में रहीं।
गुफा संख्या 41 ( पहले इसे 23 नंबर क्रमांकित किया गया था) में अवलोकितेश्वर की एक रोचक मूर्ति स्थित है, जिसकी चार भुजाएं और ग्यारह मुख हैं। यह अपनी किस्म की भारत में स्थित | एकमात्र मूर्ति है। इस रूप की उपासना चीन, चीनी तुर्किस्तान, कंबोडिया तथा जापान में 7वीं- 8वीं सदी में लोकप्रिय थी।
59.प्रथम शताब्दी ईस्वी में किस भारतीय बौद्ध भिक्षुक को चीन भेजा गया था ?
- असंग
- अश्वघोष
- वसुमित्र
- नागार्जुन
उत्तर- 4
नागार्जुन कनिष्क के दरबार की एक महान विभूति था। उसने अपनी पुस्तक ‘माध्यमिक कारिका’ में सापेक्षता सिद्धांत को प्रस्तुत किया। चीनी मान्यता के अनुसार, नागार्जुन ने चीन की यात्रा कर वहां बौद्ध शिक्षा प्रदान की थी।
60. बौद्ध शिक्षा का केंद्र है-
- विक्रमशिला
- वाराणसी
- गिरनार
- उज्जैन
उत्तर- 1
प्राचीन काल में बौद्ध शिक्षा के तीन प्रमुख केंद्र थे – (1) नालंदा (2) वल्लभी और (3) विक्रमशिला। नालंदा बिहार आधुनिक पटना के दक्षिण में लगभग 40 मील की दूरी पर आधुनिक बडगांव नामक ग्राम के समीप स्थित था। | यह महायान बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। वल्लभी गुजरात के कठियावाड़ क्षेत्र में आधुनिक ‘वल’ नामक स्थान पर स्थित पश्चिम भारत में शिक्षा एवं संस्कृति का प्रमुख केंद्र था। यह हीनयान बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र था।
विक्रमशिला बिहार के आधुनिक भागलपुर से 24 मील पूर्व की ओर पथरघाट नामक पहाड़ी पर स्थित था। विक्रमशिला के महाविहार की स्थापना पाल नरेश धर्मपाल (770-810 ई.) ने की थी।उसने यहां मंदिर तथा मठ भी बनवाए थे। वाराणसी हिंदू संस्कृति एवं धार्मिक शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। गिरिनार गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित है। बुद्ध के समय में उज्जैन अवंति राज्य की राजधानी थी।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
61. नालंदा विश्वविद्यालय के स्थापन का युग है-
- मौर्य
- कुषाण
- पाल
- गुप्त
उत्तर- 3
नालंदा एक विख्यात बौद्ध पीठ एवं विश्वविद्यालय था। यह बिहार में राजगीर के निकट स्थित था। पांचवीं शताब्दी के मध्य गुप्तों के समय में नालंदा विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया। सर्वप्रथम कुमारगुप्त I ने नालंदा बौद्ध विहार को दान दिया और बाद में बुधगुप्त, तथागतगुप्त तथा बालादित्य नामक गुप्त शासकों ने भी इस विहार को दान दिए ।
62. नालंदा विश्वविद्यालय के संस्थापक कौन थे?
- चंद्रगुप्त विक्रमादित्य
- कुमारगुप्त
- धर्मपाल
- पुष्यगुप्त
उत्तर- 2
ह्वेनसांग के अनुसार, नालंदा विश्वविद्यालय का संस्थापक ‘शक्रादित्य’ था जिसने बौद्ध धर्म के त्रिरत्नों के प्रति महती श्रद्धा के कारण इसकी स्थापना करवाई थी। शक्रादित्य की पहचान कुमारगुप्त प्रथम (415-455 ई.) से की जाती है। जिसकी प्रसिद्ध उपाधि ‘महेंद्रादित्य’ थी।
63, नालंदा विश्वविद्यालय किसलिए विश्वप्रसिद्ध था ?
- चिकित्सा विज्ञान
- तर्कशास्त्र
- बौद्ध धर्म दर्शन
- रसायन विज्ञान
उत्तर- 3
नालंदा विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म दर्शन के अध्ययन के लिए विश्वप्रसिद्ध था। उसी के अध्ययन के लिए चीनी यात्री ह्वेनसांग यहां आया था।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
64. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं, जिनमें एक कथन (A) और दूसरा कारण (R) है, दोनों को ध्यानपूर्वक पढ़ें-
कथन (A) बारहवीं शताब्दी के अंत तक नालंदा महाविहार का पतन हो गया।
कारण (R) : महाविहार को राजकीय प्रश्रय मिलना बंद हो गया था।
उपर्युक्त दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन सही है ?
- दोनों (A) और (R) सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
- दोनों (A) और (R) सही है, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
- (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
उत्तर- 1
नालंदा में एक विख्यात बौद्ध पीठ एवं विश्वविद्यालय था। यह दक्षिणी बिहार में राजगीर (वर्तमान में राजगृह) के निकट स्थित था। पांचवीं सदी के मध्य, गुप्तों के समय में नालंदा स्थित विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया। छठी शताब्दी से भारत में तंत्रवाद का विकास होता है। पाल शासक धर्मपाल ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की। आगे पाल शासकों ने तंत्रवाद की शिक्षा पर केंद्रित विक्रमशिला को अधिक महत्व दिया तथा नालंदा उपेक्षित होने लगा तथा बारहवीं शताब्दी के अंत तक उसका क्रमिक पतन होता रहा। बाद में बख्तियार खिलजी द्वारा इसे जलाकर अंतिम रूप से नष्ट कर दिया गया। इस तरह नालंदा के पतन में राजकीय प्रश्रय का अभाव भी एक कारण था।
65. नव नालंदा महाविहार’ किसके लिए विख्यात है?
- एवेनसांग स्मारक
- महावीर का जन्मस्थान
- पाली अनुसंधान संस्थान
- संग्रहालय
Ans – 3
‘नव नालंदा महाविहार’ बौद्ध अध्ययन का आधुनिक केंद्र है, जिसे बिहार सरकार ने वर्ष 1951 में नालंदा में स्थापित किया था। इस केंद्र में बौद्ध एवं पाली अनुसंधान संस्थान हैं। यहां बड़ी संख्या में श्रीलंका, जापान, कोरिया तिब्बत, भूटान आदि देशों से पाली एवं बौद्ध अध्ययन पर अनुसंधान हेतु विद्यार्थी आते हैं।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
66. निम्नलिखित में से कौन-से बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों में समान रूप से विद्यमान थे?
- तप और भोग की अति का परिहार
- वेद प्रामाण्य के प्रति अनास्था
- कर्मकांडों की फलवत्ता का निषेध
- प्राणियों की हिंसा का निषेध (अहिंसा)
नीचे दिए हुए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
- 1, 2, 3 और 4
- 2, 3 और 4
- 1, 3 और 4
- 1 और 2
उत्तर – 2
तप (आत्मदमन) और भोग की अति का परिहार एवं मध्यम मार्ग का अनुसरण केवल बौद्ध धर्म में किया गया था, जैन धर्म में नहीं। जबकि वेदो की प्रामाण्यता के प्रति अनास्था, कर्मकांडों की फलवत्ता का निषेध एव प्राणियों की हिंसा का निषेध दोनों धर्मों में किया गया है।
67. बौद्ध तथा जैन दोनों ही धर्म विश्वास करते हैं कि-
- कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धांत सही हैं
- मृत्यु के पश्चात ही मोक्ष संभव है
- स्त्री तथा पुरुष दोनों ही मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं
- जीवन में मध्यम मार्ग सर्वश्रेष्ठ है
उत्तर – 1
बुद्ध तथा महावीर दोनों ही छठीं शताब्दी ई.पू. की धार्मिक क्रांति के अग्रदूत थे। इन दोनों ने वैदिक कर्मकांडों तथा वेदों की अपौरुषेयता का समान रूप से विरोध किया। अहिंसा तथा सदाचार पर दोनों ने बल दिया तथा दोनों ही कर्मवाद, पुनर्जन्म में विश्वास रखते थे।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
68. बौद्ध दर्शन के अनुसार विचार कीजिए :
कथन (A) : पुनर्जन्म नहीं होता है।
कारण (R) : आत्मा की सत्ता नहीं है।
निम्नलिखित कूट : कूट से अपना उत्तर चुनिए :
- (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R) सही व्याख्या है (A) की
- (A) तथा (R) दोनों सही हैं किंतु (R) सही व्याख्या नहीं है (A) की
- (A) सही है किंतु (R) गलत है।
- (A) गलत है किंतु (R) सही है
उत्तर- 4
प्रतीत्यसमुत्पाद ही बुद्ध के उपदेशों का सार है। ब्राह्मण ग्रंथों द्वारा प्रतिपादित वेदों की अपौरुषेयता एवं आत्मा की अमरता के सिद्धांत को उन्होंने स्वीकार नहीं किया। परंतु, आत्मा के अस्तित्व को अस्वीकार करने के बावजूद वे पुनर्जन्म तथा कर्म के सिद्धांत को मानते थे। उनके अनुसार जीवन विभिन्न अवस्थाओं की संतति है, जो एक-दूसरे पर निर्भर करती है। किसी अवस्था की उत्पत्ति उसकी पूर्ववर्ती अवस्था से होती है। स्पष्ट है। कि कथन (A) गलत है किंतु (R) सही है।
69. बौद्ध धर्म के विषय में कौन-सा कथन सही है ?
- उसने वर्ण एवं जाति को अस्वीकार नहीं किया।
- उसने ब्राह्मण वर्ग की सर्वोच्च सामाजिक कोटि को चुनौती दी।
- उसने कुछेक शिल्पों को निम्न माना ।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
कूट :
- 1 तथा 2
- 2 तथा 3
- 1, 2 तथा 3
- उपरोक्त में कोई नहीं
उत्तर- 3
बौद्ध धर्म में वर्णव्यवस्था को स्वीकार तो किया गया लेकिन उसने ब्राह्मण वर्ण की सर्वोच्च सामाजिक स्थिति को स्वीकार नहीं किया। बौद्ध धर्म में कुछ शिल्पों को निम्न माना गया है।
70. बौद्ध धर्म के विस्तार के कारणों में सम्मिलित थे-
- धर्म की सादगी
- दलितों के लिए विशेष अपील
- धर्म की मिशनरी भावना
- स्थानीय भाषा का प्रयोग
- दार्शनिकों द्वारा वैदिक भावना की सुदृढ़ता
नीचे दिए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
कूट :
- 1, 2 और 3
- 2, 3 और 4
- 1,2, 3 और 4
- 2,3,4 और 5
उत्तर- 3
बौद्ध धर्म की सादगी, दलितों के लिए विशेष अपील, मिशनरी भावना तथा स्थानीय भाषा का प्रयोग बौद्ध धर्म को विस्तार के प्रमुख कारणों में सम्मिलित थे, जबकि दार्शनिकों द्वारा वैदिक भावना की सुदृढ़ता इसमें शामिल नहीं थी।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
71. आरंभिक मध्ययुगीन समय में बौद्ध धर्म का पतन किस/किन कारण /कारणों से शुरू हुआ?
- उस समय तक बुद्ध, विष्णु के अवतार समझे जाने लगे और वैष्णव धर्म का हिस्सा बन गए।
- अंतिम गुप्त राजा के समय तक आक्रमण करने वाली मध्य एशिया की जनजातियों ने हिंदू धर्म को अपनाया और बौद्धों को सताया।
- गुप्त वंश के राजाओं ने बौद्ध धर्म का पुरजोर विरोध किया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 1 और 3
- केवल 2 और 3
- 1.2 और 3
उत्तर – 1
आरंभिक मध्ययुगीन समय में भारत में बौद्ध धर्म का पतन इसलिए हुआ कि उस समय बुद्ध, विष्णु के अवतार समझे जाने लगे और वैष्णव धर्म का हिस्सा बन गए। कथन 2 और 3 सही नहीं हैं। अतः अभीष्ट उत्तर विकल्प (a) होगा।
72. भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
- सौत्रांतिक और सम्मितीय जैन मत के संप्रदाय थे।
- सर्वास्तिवादियों की मान्यता थी कि दृग्विषय (फिनोमिना) के अवयव पूर्णतः क्षणिक नहीं हैं, अपितु अव्यक्त रूप से सदैव विद्यमान रहते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर – 2
सौत्रांतिक और सम्मितीय जैन मत के संप्रदाय नहीं, अपितु बौद्ध मत के संप्रदाय हैं। अतः कथन (1) असत्य है। सर्वास्तिवाद में 3 शब्द हैं सर्वम + अस्ति + वाद। सर्वम अर्थात सभी तत्व, अस्ति अर्थात है। इस प्रकार तृतीय बौद्ध संगीति में जिन भिक्षुओं ने सभी तत्वों का अस्तित्व सभी कालों में स्वीकार किया वे संगीति छोड़कर कश्मीर चले गए और सर्वास्तिवादी कहलाए। कनिष्क के काल में चौथी बौद्ध संगीति कश्मीर में सवास्तिवादियों द्वारा ही आयोजित थी अब इनका प्रभाव लगभग पूरे देश में फैल गया।
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73. निम्नांकित कथनों पर विचार करें एवं ‘चैत्य’ तथा ‘विहार’ में अंतर हैं, इसे चुनें-
- विहार पूजा स्थल होता है, जबकि चैत्य बौद्ध भिक्षुओं का निवास स्थल है
- चैत्य पूजा स्थल होता है, जबकि विहार निवास स्थान है।
- दोनों में विशेषतः कोई अंतर नहीं है
- विहार एवं चैत्य दोनों ही निवास स्थान के रूप में प्रयोग हो सकते हैं
उत्तर – 2
‘चैत्य’ का शाब्दिक अर्थ है-चिता संबंधी । शवदाह के पश्चात बचे हुए अवशेषों को भूमि में गाड़कर उनके ऊपर जो समाधियां बनाई गई, उन्हीं को प्रारंभ में चैत्य या स्तूप कहा गया। इन समाधियों में महापुरुषो के धातु अवशेष सुरक्षित थे, अतः चैत्य उपासना के केंद्र बन गए।। कालांतर में बौद्धों ने इन्हें अपनी उपासना का केंद्र बना लिया। चैत्यगृहों के समीप ही भिक्षुओं के रहने के लिए आवास बनाए गए जिन्हें ‘विहार’ कहा गया।
74. कुछ शैलकृत बौद्ध गुफाओं को चैत्य कहते हैं, जबकि अन्य को विहार। दोनों में क्या अंतर है?
- विहार पूजा-स्थल होता है, जबकि चैत्य बौद्ध भिक्षुओं का निवास स्थान है
- चैत्य पूजा-स्थल होता है, जबकि विहार बौद्ध भिक्षुओं का निवास स्थान है
- चैत्य गुफा के दूर के सिरे पर स्तूप होता है, जबकि विहार गुफा पर अक्षीय कक्ष होता है
- दोनों में कोई वस्तुपरक अंतर नहीं होता
उत्तर- 2
75. सुल्तानी युग में बौद्धों की कौन-सी शाखा सबसे प्रभावशाली थी?
- थेरवाद
- हीनयान
- वज्रयान
- तंत्रयान
उत्तर- 3
मध्य काल में बौद्धों की वज्रयान शाखा सबसे अधिक प्रभावशाली थी। वज्रयान का सबसे अधिक विकास आठवीं शताब्दी में हुआ था तथा इसके सिद्धांत ‘मंजुश्रीमूलकल्प’ तथा ‘गुह्यसमाज’ नामक ग्रंथों में मिलते हैं।
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सामान्य ज्ञान भारतीय इतिहास Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म में प्रश्नोत्तरी के रूप में सामान्य ज्ञान और सामान्य जागरूकता प्रश्न और उत्तर की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। ये भारतीय इतिहास मॉक टेस्ट उन सभी विषयों को कवर करते हैं जो सभी छात्रों के लिए किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
Buddhism MCQ [70+ Ques] : बौद्ध धर्म प्रश्नोत्तरी
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