Delhi Sultanate Gulam Vansh Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत गुलाम वंश प्रश्नोत्तरी | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “मध्यकालीन भारत का इतिहास” Delhi Sultanate Gulam Vansh Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत गुलाम वंश प्रश्नोत्तरी – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो किसी न किसी परीक्षा में पहले पूछे जा चुके है। लगभग भारत की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न बार – बार दोहराये जाते रहें है।

Delhi Sultanate Gulam Vansh Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत गुलाम वंश प्रश्नोत्तरी

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “मध्यकालीन भारत का इतिहास” Delhi Sultanate Gulam Vansh Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत गुलाम वंश प्रश्नोत्तरी की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

1. गुलाम वंश का संस्थापक कौन था? UPPCS (Pre) 1990

  1. इल्तुतमिश
  2. अलाउद्दीन खिलजी
  3. बलवन
  4. कुतुबुद्दीन ऐबक

उत्तर – 4

1206 से 1290 ई. तक दिल्ली सल्तनत के सुल्तान गुलाम वंश के सुल्तानों के नाम से विख्यात हुए, जिसका संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक था। यद्यपि वे एक वंश के नहीं थे, वे सभी तुर्क थे तथा उनके वंश पृथक पृथक थे। साथ ही, वे स्वतंत्र माता-पिता की संतान थे। अतः इन सुल्तानों को गुलाम वंश के सुल्तान कहने के स्थान पर प्रारंभिक तुर्क सुल्तान या दिल्ली के ‘ममलूक सुल्तान’ कहना अधिक उपयुक्त है।

2. दिल्ली सल्तनत का कौन-सा सुल्तान ‘लाख बख्श’ के नाम से जाना जाता है? JPSC (Pre) 2003

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. मुहम्मद बिन तुगलक
  4. कुतुबुद्दीन ऐबक

उत्तर – 4

अपनी उदारता के कारण कुतुबुद्दीन ऐबक इतना अधिक दान करता था कि उसे ‘लाख बख्श’ (लाखों को देने वाला) के नाम से पुकारा गया। फरिश्ता ने लिखा है कि यदि व्यक्ति किसी की दानशीलता की प्रशंसा करते थे, तो उसे अपने युग का ऐबक पुकारते थे। इसकी एक उपाधि ‘कुरान ख्वा’ भी थी। ऐबक को साहित्य से अनुराग था और स्थापत्य कला में रुचि थी। तत्कालीन विद्वान हसन निजामी और फक्र-ए-मुदब्बिर को उसका संरक्षण प्राप्त था।

उन्होंने ऐबक को अपने ग्रंथ समर्पित किए थे। ऐबक ने दिल्ली में कुव्वत-उल-इस्लाम और अजमेर में ‘ढाई दिन का झोपड़ा’ नामक मस्जिदों का निर्माण कराया था। उसने दिल्ली में स्थित ‘कुतुबमीनार का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जिसे इल्तुतमिश ने पूरा करवाया। ज्ञातव्य है कि ऐबक ने सुल्तान की उपाधि नहीं ली थी, किंतु प्रश्नानुसार विकल्प (d) सही उत्तर है।

3. ‘ढाई दिन का झोपड़ा’ क्या है? 56th to 59th BPSC (Pre) 2015

  1. मस्जिद
  2. मंदिर
  3. संत की झोपड़ी
  4. मीनार

उत्तर – 1

उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

4. निम्नलिखित में से किसने प्रसिद्ध कुतुबमीनार के निर्माण में योगदान नहीं दिया? UPPCS (Mains) 2013

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. ग्यासुद्दीन तुगलक
  4. फिरोजशाह तुगलक

उत्तर – 3

कुतुबमीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने आरंभ किया और इसका निर्माण कार्य इल्तुतमिश के काल में पूरा हुआ। फिरोजशाह तुगलक शासनकाल में इसकी चौथी मंजिल को काफी हानि पहुंची थी, जिस के पर फिरोज ने चौथी मंजिल के स्थान पर दो और मंजिलों का भी निर्माण करवाया। ग्यासुद्दीन तुगलक ने इसके निर्माण में कोई योगदान नहीं दिया था।

5. कुतुबुद्दीन ऐबक की राजधानी थी- UPPCS (Pre) 1990

  1. लाहौर
  2. दिल्ली
  3. अजमेर
  4. लखनौती

उत्तर – 1

मुहम्मद गोरी की मृत्यु (1206) के बाद लाहौर के विशिष्ट जनों एवं अमीरों ने कुतुबुद्दीन ऐबक को सार्वभौम शक्तियां ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया। अतः उसने लाहौर जाकर सत्ता ग्रहण की तथा 1206 ई. में औपचारिक रूप से सिंहासनारूढ़ हुआ। ऐबक की राजधानी लाहौर थी।

गद्दी पर बैठने के बाद ऐबक के सामने सबसे बड़ी कठिनाई गोरी के दास और उसके राज्य के उत्तराधिकारी ताजुद्दीन यल्दौज और नासिरुद्दीन कुबाचा की तरफ से थी। ऐबक ने अपनी बहन की शादी कुबाचा से कर उसे अपने पक्ष में कर किंतु यल्दौज की तरफ से खतरा बना रहा। यही कारण था कि ऐबक सदा लाहौर में ही रहा। उसे दिल्ली आने का कभी अवसर नहीं मिला।

6. सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐवक की मृत्यु कैसे हुई? IAS (Pre) 2003

  1. उनके एक महत्वाकांक्षी कुलीन व्यक्ति ने कपट से छुरा मारकर उनकी हत्या कर दी 
  2. पंजाब पर अधिकार जमाने के लिए गजनी के शासक ताजुद्दीन यदौज के साथ हुए युद्ध में उनकी मृत्यु हुई
  3. बुंदेलखंड के किले कालिंजर को घेरा डालते समय उन्हें चोटें लगी जिसके कारण बाद में उनकी मृत्यु हो गई
  4. चौगान की क्रीड़ा के दौरान अश्व से गिरने के पश्चात उनकी मृत्यु हो गई

उत्तर – 4

कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु चौगान के खेल (आधुनिक पोलो की भांति का एक खेल) में घोड़े से गिरने के दौरान 1210 ई. में हुई थी। उसे लाहौर में दफनाया गया। उसे गुलाम वंश का संस्थापक माना जाता है।

7. निम्नलिखित में से किसने दिल्ली को सल्तनत की राजधानी के रूप में स्थापित किया था? UPPCS (Mains) 2012

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक 
  2. इल्तुतमिश
  3. रजिया
  4. मुइज्जुद्दीन गोरी

उत्तर – 2

इल्तुतमिश (1210-1236 ई.) ने दिल्ली को सल्तनत की राजधानी के रूप में स्थापित किया था। इससे पूर्व ऐबक ने लाहौर से ही शासन किया था। इल्तुतमिश ने ही भारत में सल्तनत काल में सर्वप्रथम शुद्ध अरबी सिक्के चलाए थे। सल्तनत युग के दो महत्वपूर्ण सिक्के चांदी का टंका (175 ग्रेन) और तांबे का जीतल उसी ने आरंभ किए तथा सिक्कों पर टकसाल का नाम लिखवाने की परंपरा शुरू की।

8. दिल्ली का वह प्रथम सुल्तान कौन था जिसने नियमित सिक्के जारी किए तथा दिल्ली को अपने साम्राज्य की राजधानी घोषित किया? UPPCS (Mains) 2014

  1. नासिरुद्दीन महमूद
  2. इत्सुतमिश
  3. आराम शाह
  4. बलबन

उत्तर – 2

9. निम्नलिखित में से कौन-सी इल्तुतमिश के राज्यकाल में सल्तनत की राजधानी थी? U.P.R.O/A.R.O. (Pre) 2016

  1. आगरा
  2. लाहौर
  3. बदायूं
  4. दिल्ली

उत्तर – 4

उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

10. सल्तनत के निम्नलिखित सुल्तानों में से किसने सर्वप्रथम अपनी राजधानी दिल्ली स्थानांतरित की थी? UPPCS (Mains) 2016

  1. आराम शाह
  2. बलवन
  3. इल्तुतमिश
  4. कुतुबुद्दीन ऐबक

उत्तर – 3

11. दिल्ली का प्रथम मुस्लिम शासक कौन था? UPPCS (Pre) 2002

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. रजिया
  4. बलवन

उत्तर – 2

वस्तुत: दिल्ली का पहला सुल्तान इल्तुतमिश था। उसने सुल्तान के पद की स्वीकृति गोर के किसी शासक से नहीं अपितु खलीफा से प्राप्त की।खलीफा ने इल्तुतमिश के शासन की पुष्टि उस सारे क्षेत्र में कर दी जो उसने विजित किया और उसे ‘सुल्तान-ए-आजम’ की उपाधि प्रदान की। इस प्रकार वह कानूनी तरीके से दिल्ली का प्रथम स्वतंत्र सुल्तान था।

व्यावहारिक दृष्टि से उसने दिल्ली की गद्दी के दावेदार ताजुद्दीन यल्दौज और नासिरुद्दीन कुबाचा को समाप्त किया, भारत में तुर्की राज्य को संगठित किया, मंगोल आक्रमण से बचाया, राजपूतों की शक्ति को तोड़ने का प्रयत्न किया, सुल्तान के पद को वंशानुगत बनाया, दिल्ली को तुर्की राज्य की राजधानी के अनुरूप वैभवपूर्ण बनाया और अपने नाम के सिक्के चलाए ।

12′ ‘गुलाम का गुलाम’ किसे कहा गया था? UPPCS (Pre) 2016

  1. मो. गोरी
  2. कुतुबुद्दीन ऐबक
  3. बलवन
  4. इल्तुतमिश

उत्तर – 4

‘गुलाम का गुलाम’ इल्तुतमिश को कहा जाता है। मो. गोरी के गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक ने इल्तुतमिश को खरीदा था। ऐबक ने आरंभ से ही इसे ‘सर-ए-जहांदार’ (अंगरक्षकों का प्रधान) का महत्वपूर्ण पद दिया। ऐबक ने अपनी पुत्री का विवाह इल्तुतमिश से किया था।

13. निम्नलिखित में से कौन मध्यकालीन भारत की प्रथम महिला शासिका थी? UPPCS (GIC) 2010

  1. रजिया सुल्तान
  2. चांदबीबी
  3. दुर्गावती
  4. नूरजहा

उत्तर – 1

मध्यकालीन भारत की प्रथम महिला शासिका रजिया सुल्तान (1236-40) थी। व्यक्तिगत दृष्टि से उसने भारत में पहली बार स्त्री के संबंध में इस्लाम की परंपराओं का उल्लंघन किया और राजनीतिक दृष्टि से उसने राज्य की शक्ति को सरदारों अथवा सूबेदारों में विभाजित करने के स्थान पर सुल्तान के हाथों में केंद्रित करने पर बल दिया तथा इस प्रकार उसने इल्तुतमिश के संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न राजतंत्र के सिद्धांत का समर्थन किया, जो उस समय की परिस्थितियों में तुर्की राज्य के हित में था।

14. मंगोल आक्रमणकारी चंगेज खां भारत की उत्तर-पश्चिम सीमा पर निम्न में से किसके काल में आया था? UPPCS (Pre) 1993

  1. अलाउद्दीन खिलजी
  2. इल्तुतमिश
  3. बलबन
  4. ऐबक

उत्तर – 2

मंगोल नेता चंगेज खां भारत की उत्तर-पश्चिम सीमा पर इल्तुतमिश के शासनकाल में आया था। चंगेज खां के प्रकोप से रक्षार्थ ख्वारिज्म शाह का पुत्र जलालुद्दीन मंगबरनी सिंधु घाटी पहुंचा। संभवत: चंगेज खां ने इल्ततुमिश के पास अपने दूत भेजे थे कि वह मंगबरनी की सहायता न करे, अतः इल्तुतमिश ने उसकी कोई सहायता न की और जब मंगबरनी 1224 ई. में भारत से चला गया तो इस समस्या का समाधान हो गया।

15. इल्तुतमिश ने बिहार में अपना प्रथम सूबेदार नियुक्त किया? 52nd BPSC (Pre) 2008

  1. ऐवाज
  2. नासिरुद्दीन महमूद
  3. अलीमर्दान
  4. मलिक जानी

उत्तर – 4

इल्तुतमिश ने बिहार शरीफ एवं बाढ़ पर अधिकार कर राजमहल की पहाड़ियों में तेलियागढ़ी के समीप हिसामुद्दीन ऐवाज को पराजित किया। ऐवाज ने इल्तुतमिश की अधीनता स्वीकार कर ली। इल्तुतमिश ने ऐवाज के स्थान पर मलिक जानी को बिहार का सूबेदार नियुक्त किया।

16. रजिया बेगम को सत्ताच्युत करने में किसका हाथ था? UP Lower Sub. (Pre) 2004

  1. अफगानों का
  2. मंगोलों का
  3. तुर्कों का 
  4. अरबों का

उत्तर – 3

रजिया बेगम को सत्ताच्युत करने में तुर्की का हाथ था। उन्होंने भटिंडा के गवर्नर मलिक अल्तूनिया के नेतृत्व में रजिया के विरुद्ध विद्रोह कर उसे सत्ता से हटाया था।

17. दिल्ली के सुल्तान बलबन का पूरा नाम बलबन था? CGPCS (Pre) 2004

  1. जलालुद्दीन
  2. इल्तुतमिश
  3. गयासुद्दीन
  4. कुतुबुद्दीन

उत्तर – 3

सुल्तान बलबन का पूरा नाम गयासुद्दीन बलबन था। बलबन ने 1266 से 1287 ई. तक सुल्तान के रूप में सल्तनत की बागडोर संभाली। उसे उलूग खां के नाम से भी जाना जाता है। उसका वास्तविक नाम बहाउद्दीन था। इल्तुतमिश की भांति वह भी इल्बरी तुर्क था।

18. दिल्ली के किस सुल्तान के विषय में कहा गया है कि उसने रक्त और लौह” की नीति अपनाई थी? UPPCS (Mains) 2009

  1. इल्तुतमिश
  2. बलवन
  3. जलालुद्दीन फिरोज खिलजी 
  4. फिरोजशाह तुगलक

उत्तर – 2

बलबन के विषय में कहा गया है कि उसने रक्त और लौह की नीति अपनाई थी। बलबन के राजत्व सिद्धांत की दो मुख्य विशेषताएं थीं : प्रथम, सुल्तान का पद ईश्वर के द्वारा प्रदत्त होता है और द्वितीय, सुल्तान का निरंकुश होना आवश्यक है। उसके अनुसार “सुल्तान पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि ( नियामत-ए-खुदाई) है और उसका स्थान पैगंबर के पश्चात है।

सुल्तान को कार्य करने की प्रेरणा और शक्ति ईश्वर से प्राप्त होती है। इस कारण जनसाधारण या सरदारों को उसके कार्यों की आलोचना का अधिकार नहीं है।”

19. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन बलबन के संबंध में सही नहीं है? CGPCS (Pre) 2008

  1. उसने नियामत-ए-खुदाई के सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
  2. उसने इक्तादारी व्यवस्था का प्रारंभ किया।
  3. उसने तुर्कान-ए-चहलगानी का प्रभाव समाप्त किया।
  4. उसने बंगाल के विद्रोह का दमन किया।

उत्तर – 2

बलवन का वास्तविक नाम बहाउद्दीन था। नासिरुद्दीन महमूद ने उसे उलुग खां की उपाधि दी थी। ‘जिल्ले अल्लाह’ की उपाधि उसने स्वयं धारण की थी। उसका शासनकाल 1266 से 1287 ई. तक था। बलबन अपने राजत्व संबंधी विचारों के लिए प्रसिद्ध है। उसके राजत्व के सिद्धांत का स्वरूप और सार फारस के राजत्व से प्रेरित था।

बलबन ने राजा को नियामते खुदाई (ईश्वर का प्रतिनिधि) बताया है। सत्ता ग्रहण करने के बाद बलवन ने इल्तुतमिश द्वारा गठित ‘तुर्कान-ए-चहलगानी’ के गठन को समाप्त किया। बलबन के काल में एकमात्र विद्रोह 1279 ई. में बंगाल के सूबेदार तुगरिल खां ने किया था, जिसे बलबन ने दबाया तथा विद्रोहियों को मृत्युदंड दिया। इक्तादारी व्यवस्था का प्रचलन बलबन ने नहीं बल्कि इल्तुतमिश ने किया था।

20. निम्नलिखित सुल्तानों में से किसने गढ़मुक्तेश्वर की मस्जिद की दीवारों पर अपने शिलालेख में स्वयं को ‘खलीफा का सहायक’ कहा है? U.P.R.O. /A.R.O. (Mains) 2014

  1. बलबन
  2. कैकुबाद
  3. जलालुद्दीन खिलजी
  4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर – 1

बलबन ने गढ़मुक्तेश्वर के मस्जिद के दीवारों पर उत्कीर्ण शिलालेख पर स्वयं को ‘खलीफा का सहायक कहा है।

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सामान्य ज्ञान Delhi Sultanate Gulam Vansh Quiz [20 Ques] : दिल्ली सल्तनत गुलाम वंश प्रश्नोत्तरी के रूप में सामान्य ज्ञान और सामान्य जागरूकता प्रश्न और उत्तर की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। ये भारतीय इतिहास मॉक टेस्ट उन सभी विषयों को कवर करते हैं जो सभी छात्रों के लिए किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

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