Jharkhand GK Part-2 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-2 For JPSC, JSSC CGL, All Exams – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो परीक्षा के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

Jharkhand GK Part-2 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-2 For JPSC, JSSC CGL, All Exams की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

101. मौर्यत्तर काल में झारखण्ड के वैदेशिक व्यापारिक संपर्क की पुष्टि निम्न में से किस बात से होती है?

  1. सिंहभूम में रोमन सम्राटों के सिक्के मिले हैं।
  2. चाईबासा से इण्डों सीथियन सिक्के प्राप्त हुए हैं।
  3. कनिष्क के कुछ सिक्के राँची से प्राप्त हुए हैं।
  4. a और b दोनों

उत्तर- 4

व्याख्या- कनिष्क के सिक्के राँची से प्राप्त होना इस बात की पुष्टि करता है कि राँची कनष्कि के नियंत्रणाधीन था ना कि वैदेशिक सम्पर्क की पुष्टि करता है, इसलिए सिर्फ a और b सही है।

102. झारखण्ड क्षेत्र में बौद्ध धर्म के प्रचार हेतु अशोक ने एक धर्म अधिकारी भेजा था, जिसका नाम था ?

  1. नागसेन
  2. राहुल
  3. संघमित्रा
  4. रक्षित

उत्तर- 4

व्याख्या- अशोक द्वारा भेजे गये धर्म प्रचारक दलों में एक आटवी जनजातियों के बीच भी भेजा गया था। इस दल के नेता का नाम ‘रक्षित’था।

103. कुषाण शासक कनिष्क के शासन काल में झारखण्ड कनिष्क के क्षत्रप के नियंत्रणाधीन था।

  1. रक्षित
  2. आटविक
  3. वनपाल
  4. वंशफर

उत्तर- 4

व्याख्या- 78 ई. से 101 ई. तक कुषाण शासक कनिष्क के शासन काल में झारखण्ड कनिष्क के क्षत्रप ‘वंशफर’ के नियंत्रणाधीन में था।

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104. मगध की सैन्य सफलता का प्रमुख कारण क्या था ?

  1. मगध की सेना हेतु झारखण्ड क्षेत्र से हाथी की आपूर्ति
  2. मगध सेना में झारखण्ड के जनजातियें की नियुक्ति
  3. झारखण्ड के जनजातियों द्वारा सेना के लिए लौह धातु का निर्माण
  4. उपरोक्त सभी कारण सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या-

→ मौर्य काल में मगध महाजनपद हेतु झारखण्ड का विशिष्ट महत्व बना रहा क्योंकि

→ मगध की सेना में यहाँ से हाथी की आपूर्ति होती थी

→ सेना के लिए झारखण्ड के जनजातियों की नियुक्ति होती थी।

→ झारखण्ड के लौह धातु का उपयोग हथियारों के निर्माण में होता था जिसका निर्माण झारखण्ड के जनजातियों द्वारा किया जाता था। 

→ इन्द्रवाहक नदी (ईब और शंख नदी के बीच का क्षेत्र) से हीरे प्राप्त किए जाते थे।

105. समुद्रगुप्त का वह दरबारी कवि कौन था जिसके द्वारा रचित प्रयाग प्रशास्ति में समुद्रगुप्त की सामरिक विजयों का वर्णन मिलता है। इन विजयों में से एक आटविक विजय थी जिसमें झारखण्ड भी शामिल था।

  1. वाणभट्ट
  2. शूद्रक
  3. हरिषेण
  4. दण्डी

उत्तर- 3

व्याख्या – गुप्त वंश का सबसे महान शासक समुद्रगुप्त (355-80 ई.) था। समुद्रगुप्त के दरवारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग प्रशस्ति में समुद्रगुप्त की सामारिक विजयों का वर्णन मिलता है। इन विजयों में से एक आटविक विजय थी, जिसमें झारखण्ड भी शामिल था।

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106. समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति में छोटानागपुर को किस नाम से जाना जाता था।

  1. कुकुटदेश
  2. कुक्कुट लाड
  3. फिक्कट प्रदेश
  4. मरूड देश

उत्तर- 4

व्याख्या – समुद्र गुप्त के प्रयाग प्रशस्ति में छोटानागपुर को मुरूड देश कहा गया है। जबकि वायु पुराण में मुरण्ड कहा गया है।

107. निम्न में से किसके शासनकाल में भारत आये चीन यात्री फाहियान उस शासक से संथाल परगना (साहेबगंज) में मिला और झारखण्ड को ‘कुक्कुटलाड’ से संबोधित किया?

  1. समुद्रगुप्त
  2. चंद्रगुप्त विक्रमादित्य 
  3. कुमारगुप्त
  4. स्कन्धगुप्त

उत्तर – 2

व्याख्या- गुप्त वंश के प्रसिद्ध शासक चंद्रगुप्त-2 विक्रमादित्य का शासन उज्जैन से लेकर बंगाल तक विस्तृत था और इसमें झारखण्ड भी था जिसे चन्द्रगुप्त-2 विक्रमादित्य के राज्यकाल में भारत आये चीनी यात्री फाहियान ने ‘कुक्कुटलाड’ कहा है।

108. निम्न में से कौन-सा स्थान गुप्तकालीन नहीं है?

  1. महुदी पहाड़
  2. सतगांवा गाँव
  3. पिठोरिया
  4. बेलवादाग ग्राम

उत्तर- 4

व्याख्या – गुप्तकालिन अवशेषों में महुदी पहाड़ जो हजारीबाग जिला में है। पर पत्थरों को काटकर बनाये गए चार मंदिर, सतगांवा नामक गाँव जो हजारीबाग जिला में है के आस-पास के मंदिर तथा पिठोरिया जो राँची में स्थित है के एक पहाड़ी पर स्थित एक कुआँ। बेलवावाग ग्राम एक बौद्धकालिन स्थल है जो खूंटी जिला में है यहाँ से एक बौद्ध विहार का अवशेष प्राप्त हुआ है।

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109. निम्न कथनों में कौन-सा कथन गौड़ शासक शशांक के संबंध में सही नहीं है।

  1. गौड़ शासक शशांक एक कट्टर शैवोपासक था।
  2. शशांक बौद्धों का उत्पीड़न किया।
  3. 8वीं सदी ई. तक झारखण्ड में हिन्दु धर्म का प्रभुत्व पूर्ण रूप से स्थापित हो गया।
  4. इनमें से सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या – गौड़ शासक शशांक के संबंध में सभी कथन सत्य है।

110. निम्न में से आज के किस स्थान पर हर्षवर्द्धन चीनी यात्री ह्वेनसांग से पहली बार मिला और उससे प्रभावित हुआ?

  1. राजमहल
  2. सिंहभूम
  3. मानभूम
  4. छोटानागपुर

उत्तर- 1

पुष्यभूति वंश के सबसे शक्तिशाली शासक हर्षवर्द्धन के विस्तृत साम्राज्य में काजंगल (राजमहल) का छोटा राज्य भी शामिल था। काजंगल में ही हर्षवर्द्धन चीनी यात्री ह्वेनसांग से पहली बार मिला और उससे प्रभावित हुआ।

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111. पश्चिम की ओर से हर्षवर्द्धन तथा पूर्व की ओर से मास्कर वर्मन द्वारा दबाये जाने पर शशांक अपनी राजधानी पौडूवर्धन खाली कर दिया और फिर उसने अपनी राजधानी कहां स्थापित की ?

  1. दक्षिण बिहार 
  2. पलामू
  3. मानभूम
  4. सिंहभूम

उत्तर- 1

व्याख्या-  उस समय का दक्षिण विहार का मतलब आज का झारखण्ड था।

112. गौड़ शासक शशांक ने किस नदी के किनारे अपनी राजधानी स्थापित की थी?

  1. स्वर्णरेखा नदी
  2. ब्रह्मणी नदी
  3. दामोदर नदी
  4. मयूराक्षी नदी

उत्तर- 1

व्याख्या – गौड़ शासक शशाक ने संपूर्ण झारखण्ड पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। उसने बड़ाभूम परगना के बड़ा बाजार अथवा पाट कुभ परगना के दालमी नामक स्थान में अपनी राजधानी स्थापित की जो स्वर्णरेखा नदी के किनारे है।

113. प्राचीन भारत का एकमात्र राजा कौन था जिसने झारखण्ड में अपनी राजधानी बनाई थी

  1. चन्द्रगुप्त मौर्य
  2. समुद्रगुप्त
  3. शशांक
  4. विक्रमादित्य

उत्तर- 3

व्याख्या- शशांक प्राचीन भारत का एकमात्र राजा था जिसने झारखण्ड मैं अपनी राजधानी स्थापित की।

114. शशांक के समकालीन नागवंशी राजा कौन थे ?

  1. हरिराय
  2. गजराय राय
  3. a और b दोनों
  4. फनीमुकुट राय

उत्तर- 3

व्याख्या- हरिराय (563-601 ई) तथा गजराय (601-627 ई ) दोनों शशांक के समकालीन नागवशी राजा थे। शशाक ने सिंहभूम के बेनुसागर में शिव मंदिर का निर्माण करवाया।

115. गुमला स्थित महामाया मंदिर का निर्माण किस नागवंशी शासक ने करवाया था ?

  1. प्रताप राय
  2. फणि मुकुट राय
  3. यदुनाथ शाह
  4. गजघट राय

उत्तर- 4

व्याख्या – महामाया मंदिर गुमला जिले के घाघरा थाना स्थित हापामुनि गाँव में स्थित है। महामाया मंदिर का निर्माण नागवंश शासक गजघंट राय ने 908 ई. में कराया था। इस मंदिर का प्रथम पुरोहित हरिनाथ नामक मराठा ब्राह्मण था जो गजघंट राय का धार्मिक गुरु था।

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116. गुमला चैनपुर के निकट टांगीनाथ के प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण किस काल में हुआ था ?

  1. गुप्त काल
  2. गुप्तोत्तर काल
  3. मौर्य काल
  4. पूर्व मध्य काल

उत्तर- 4

व्याख्या – गुमला चैनपुर के निकट टांगीनाथ के प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण पूर्व मध्यकाल में हुआ था। यह भगवान परशुराम का तपस्थल है।

117. इटखोरी (चतरा) से किस शासक के शिलालेख की प्राप्ति हुई है?

  1. महेन्द्रपाल
  2. कुमारगुप्त
  3. समुद्रगुप्त
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर- 1

व्याख्या –  इटखोरी (चतरा) से प्रतिहार शासक महेन्द्र पाल (885-910 ई ) के शिलालेख की प्राप्ति हुई है। हालांकि जिस समय में प्राचीन भद्रकाली मंदिर का निर्माण हुआ था उस समय बंगाल पर पाल वंश का शासन था।

118. रजरप्पा का छिन्नमस्तिका शक्ति पीठ की स्थापना किस काल में किया गया था?

  1. गुप्त काल
  2. पूर्व मध्य काल
  3. गुप्तोत्तर काल
  4. मौर्यत्तर काल

उत्तर- 2

व्याख्या – रजरप्पा का छिन्नमस्तिका शक्ति पीठ पूर्व मध्यकाल में हुआ। यह छिन्नमस्तिका बौद्ध वज्रयोगिनी का ही हिन्दु प्रतिरूप है।

119. झारखण्ड शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम 13वीं सदी के एक ताम्र पत्र में मिला है। यह ताम्र पत्र किसके द्वारा जारी किया था?

  1. नरसिंह देव
  2. नरसिंह देव-11
  3. चन्द्रगुप्तन
  4. चन्द्रगुप्त-1

उत्तर- 2

व्याख्या – 13वीं सदी में ओडिशा के राजा नरसिंह देव द्वितीय ने खुद को झारखण्ड का राजा घोषित किया। इन्हीं के द्वारा जारी ताम्र पत्र में सर्वप्रथम झारखण्ड शब्द का उल्लेख मिला है।

120. पूर्व मध्य काल के संस्कृत साहित्य में झारखण्ड को किस नाम से संबोधित किया गया है।

  1. कलिद देश
  2. कुक्कुट प्रदेश
  3. किक्कट देश
  4. झारखण्ड

उत्तर- 1

व्याख्या – पूर्व मध्य काल के संस्कृत साहित्य में झारखण्ड को कलिंद देश कहा गया है।

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121. झारखण्ड में राज्य निर्माण का आरंभ करने का श्रेय निम्न में किसकों जाता है? 

  1. सदानों
  2. संथालों
  3. मुण्डाओ
  4. उराव

उत्तर- 3

व्याख्या- झारखण्ड में राज्य निर्माण का आरंभ करने का श्रेय मुण्डाओं को जाता है। ‘रिसा’ मुण्डा प्रथम व्यक्ति था जिसने झारखण्ड में राज्य निर्माण की प्रक्रिया शुरू की।

122. रिसा मुण्डा प्रथम व्यक्ति था जिसे झारखण्ड में राज्य निर्माण का श्रेय जाता है, उसने निम्न में से किसे मुण्डाओं का शासक चुना?

  1. सुतिया पाहन
  2. मणि मुकुट राय
  3. मदरा मुण्डा
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या – रिसा मुण्डा प्रथम व्यक्ति था जिसने झारखण्ड में राज्य- निर्माण की प्रक्रिया शुरू की। उसने सुतिया पाहन को मुण्डाओं का शासक चुना। सुतिया पाहन ने अपने नवस्थापित राज्य का नाम अपने नाम पर सुतिया नागखड रखा।

123. सुतिया पाहन ने अपने नवस्थापित राज्य का शासन संचालित करने के लिए कितने गढ़ों में विभक्त किया?

  1. 7
  2. 7
  3. 13 
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या – सुतिया पाहन ने अपने नवस्थापित राज्य का नाम अपने नाम पर ‘सुतिया नागखड़’ रखा। उसने अपने राज्य का शासन संचालन के लिए 7 गढ़ों में विभक्त किया-

  1. लोहागढ़ – लोहरदगा 
  2. हजारीबाग – हजारीबाग
  3. पालुनगढ़ – पलामू
  4. मानगढ़ – मानभूम
  5. सिंहगढ़ – सिंहभूम
  6. केसलगढ़-
  7. सुरगुमगढ़ –  सुरगुज्जा

124. सुतिया पाहन ने अपने राज्य के शासन संचालन के लिए 7 गढ़ों में विभक्त किया था इन सात गढ़ों को कितने परगनों में विभक्त किया था?

  1. 7
  2. 21
  3. 19
  4. 18

उत्तर- 2

व्याख्या – सुतिया पाहन ने अपने 7 गढ़ों को 21 परगना में विभक्त किया।

125. मुण्डाओं का अंतिम राजा कौन हुआ?

  1. फणि मुकुट राय
  2. रिसा मुण्डा
  3. मदरा मुण्डा
  4. सुतिया पाहन

उत्तर- 3

व्याख्या – सुतिया नागखंड राज्य प्रायः समस्त झारखण्ड क्षेत्र में फैला था। दुर्भाग्य से यह राज्य ज्यादा स्थायी सिद्ध नहीं हो सका। मदरा मुण्डा मुडाओ का अंतिम राजा साबित हुआ।

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126. मुण्डाओं के राजा का स्थान किस वंश के शासक ने लिया?

  1. पलामू का रक्सैल वश 
  2. सिंहभूम का सिंह वंश
  3. मानभूम का मान वंश
  4. छोटानागपुर का नाग वश

उत्तर- 4

व्याख्या- मुण्डा राज्य का स्थान नागवंश ने लिया। छोटानागपुर खास के नागवंश के संस्थापक का नाम फणिमुकुट राय था। मदरा मुण्डा ने फनीमुकुट राय को गोद लिया था।

127. नागवंशी राज्य की स्थापना निम्न में से किस सदी में की गई थी ?

  1. 8वीं सदी ई.
  2. 9वीं सदी ई
  3. 10वीं सदी ई.
  4. र्वी सदी ई.

उत्तर- 3

व्याख्या-  नागवश राज्य की स्थापना के समय को लेकर विवाद है। लेकिन “जे रोड” का मत ज्यादा तर्क संगत हैं, उनके अनुसार नागवशी राज्य की स्थापना 10वीं सदी ई. में हुई।

128. नागवंश का प्रथम शासक कौन हुआ?

  1. फणि मुकुट राय
  2. प्रताप राय
  3. मदरा मुण्डा
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- फणि मुकुट राय पुडरिक नाग एवं वाराणसी की ब्राह्मण पार्वती का पुत्र था। जिसे सुतिया नागखण्ड के अंतिम शासक मदरा मुण्डा की सहमति से शासक चुना गया।

129. नागवंशी शासक फणि मुकुट राय ने अपनी राज्य का शासन अच्छी तरह चलाने के लिए कितने परगनों में विभक्त किया?

  1. 7
  2. 22
  3. 66
  4. 18

उत्तर- 3

व्याख्या- फणि मुकुट राय ने अपने शासन काल में अपने राज्य को 66 परगनों में विभक्त किया था।

22 परगने- घटवारी में

18 परगने- खुखरागढ़

18 परगने- दोइसागढ़

8 परगने- जरचीगढ़

130. फणि मुकुट राय के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है?

  1. फणि मुकुट राय पंचेत के राजा की मदद से क्योंझर नरेश को पराजित किया था।
  2. फणि मुकुट राय अपनी राजधानी सुतियाम्बे में एक सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया था।
  3. अपने राज्य में गैर-आदिवासियों को बसाया था।
  4. इनमें से सभी।

उत्तर- 4

व्याख्या उपरोक्त सभी कथन सही है।

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131. चौथा नागवंशी शासक कौन था जिसने अपनी राजधानी सुतियाम्बे से बदलकर चुटिया ले गया ?

  1. मुकुट राय 
  2. मदन राय
  3. प्रताप राय 
  4. भीम कर्ण

उत्तर- 3

व्याख्या-  फणि मुकुट राय के बाद क्रमश: मुकुट राय मदन राय तथा प्रताप राय नागवंशी राज्य के शासक बने। चौथा नागवंशी राजा प्रताप राय सुतियाम्बे से राजधानी बदल कर चुटिया ले गया।

 132. गौड़ शासक शशांक द्वारा झारखण्ड क्षेत्र पर आक्रमण के समय नागवंश पर किसका शासन चल रहा था ?

  1. मुकुट राय 
  2. मदन राय 
  3. सुंदर राय 
  4. हरि राय 

उत्तर- 3

व्याख्या- गौड़ शासक शशांक 602 ई. 625 ई. तक झारखण्ड क्षेत्र पर शासन रहा और उस समय (561-606) नागवंश पर सुन्दर राय का शासन रहा उसके बाद 607-643 ई. तक मुकुंद राय का शासन रहा। इस प्रकार गौड़ शासक सुंदर राय तथा मुकुंद राय दोनों का समकालिन था।

133. निम्न में से किस नागवंशी शासक की मृत्यु नदी में डुबने से हुई थी ? 

  1. मुकुंद राय 
  2. सुन्दर राय 
  3. उमेदनी राय 
  4. हरि राय 

उत्तर- 1

व्याख्या-  नागवंशी शासक मुकुंद राय की मृत्यु नदी में डुबने से हुई. जिसके बाद उमेदनी राय नागवंश शासक बने।

134. निम्न में से किस नागवंश शासक ने जनी शिकार प्रथा का प्रचलन शुरू किया था?

  1. कंचन राय 
  2. मुकुंद राय 
  3. उमेदनी राय 
  4. सुन्दर राय

उत्तर- 1

व्याख्या – नागवंशी राजधानी पविरागढ़ में थी. लेकिन कंचन राय ने कंचनगढ़ को अपना केन्द्र बनाया था। इसके समय इनके राज्य में 12 वर्षों का अकाल पड़ा. इसी कारण वे अपनी राज्य के स्त्रियों को कुछ छुट प्रदान करते हुए जनी शिकार प्रथा का प्रचलन शुरू किया था।

135. नागवंश का कौन-सा ऐसा पहला शासक हुआ जिसने ‘राय’ के स्थान पर कर्ण की उपाधि धारण की ?

  1. प्रताप राय 
  2. मुकुंद राय 
  3. सुन्दर राय 
  4. भीम कर्ण

उत्तर- 4

व्याख्या – नागवंश राजा भीमकर्ण (1095-1184) एक प्रतापी शासक था, जिसने ‘राय’ के स्थान पर कर्ण की उपाधि धारण की। यह उपाधि परिवर्तन कल्युरि राजवंश से संपर्क का परिणाम था क्योंकि कल्चुरि नरेशों की उपाधि कर्ण थी।

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136. बरवा की लड़ाई निम्न में से किस शासकों के बीच हुआ था ?

  1. प्रताप राय और सरगुजा के रक्सेल राजा। 
  2. भीम कर्ण और सरगुजा के रक्सेल राजा।
  3. शिवदास कर्ण और रामगढ़ राजा बाघदेव सिंह।
  4. भीम कर्ण और रामगढ़ राजा बाघदेव सिंह ।

उत्तर- 2

व्याख्या – भीम कर्ण ने सरगुजा के रक्सेल राजा को पराजित किया था और अपने राज्य क्षेत्र का विस्तार किया था।

137. मीम कर्ण ने अपनी राजधानी चुटिया के स्थान पर खुखरा को बनाया इसके के पीछे कौन-सा कारण नहीं था?

  1. भीम कर्ण ने बरवा की लड़ाई में सरगुजा के रक्सेल राजा को परिजित किया था इसी कारण से।
  2. मुस्लिम आक्रमणकारियों के संभावित आक्रमण से बचने के लिए।
  3. खुखरा नागवंशी राज्य के प्रायः मध्य भाग में पड़ता था, अतः राजधानी बनने के लिए उपयुक्त स्थल था।
  4. इसमें से सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 1

व्याख्या – भीम कर्ण को अपनी राजधानी चुटिया से खुखरा हस्तांतरण का मुख्य दो कारण था पहला मुस्लिम आक्रमणकारियों के संभावित आक्रमण से बचने के लिए क्योंकि चुटिया, बंगाल पर आक्रमण करने वाले तुर्की के मार्ग के अत्यंत निकट था तथा दूसरा खुखरा नागवशी राज्य के प्राय मध्य भाग में पड़ता था. अतः राजधानी बनने के लिए बहुत उपयुक्त स्थल था।

138. गुमला जिला के घाघरा में स्थित हापामुनी मंदिर का निर्माण शिवदास कर्ण ने किस सदी में करवाया था? 

  1. 13वीं सदी 
  2. 14वीं सदी 
  3. 15वीं सदी 
  4. 16वीं सदी 

उत्तर- 3

व्याख्या- 15वीं सदी ई. के प्रारंभ में शिवदास कर्ण एक महत्वपूर्ण नागवंशी शासक हुआ। उसने 1401 ई. में घाघरा (गुमला जिला) में हापामुनि मंदिर की स्थापना की और उसने भगवान विष्णु की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा राज्य के राजगुरु सियानाथ देव जो एक महराठा ब्राह्मण थे के हाथों करवाई।

139. निम्न में से कौन लोदी वंश के सुल्तानों के समकालीन नहीं था?

  1. प्रताप कर्ण
  2. छात्र कर्ण
  3. विराट कर्ण
  4. शिवदास कर्ण

उत्तर- 4

व्याख्या – दिल्ली सल्तनत के लोदी वंश (1451-1527) ई. के सुल्तानों के समकालीन नागवंशी राजाओं के नाम थे प्रताप कर्ण छत्र कर्ण एवं विराट कर्ण।

140. तमाड़ के राजा ने राजधानी खुखरागढ़ की घेराबंदी कर प्रताप कर्ण को किले में बंदी बना दिया था, तब प्रताप कर्ण को किसने सहायता की थी?

  1. काशीनाथ सिंह
  2. दर्प नारायण सिंह
  3. हंसराज देव
  4. बाघदेव सिंह

उत्तर- 4

व्याख्या – तमाड़ के घटवार राजा ने राजधानी खुखरागढ़ की घेराबंदी कर प्रताप कर्ण को किले में बंदी बना दिया। प्रताप कर्ण ने खैरागढ़ के खरवार राजा बाघदेव की सहायता से किले की घेराबंदी से मुक्ति पाई। बदले में प्रताप कर्ण ने बाघदेव सिंह को कर्णपुरा का क्षेत्र दे दिया।

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141. किस नागवंशी राजा के समय में वासुदेव (विष्णु) की मूर्ति कोराम्बे में प्रतिष्ठापित की गई ?

  1. प्रताप राय
  2. छत्र कर्ण
  3. दुर्जन शाह
  4. यदुनाथ शाह

उत्तर – 2

व्याख्या- छत्र कर्ण के समय में वासुदेव (विष्णु) की मूर्ति कोराम्बे में प्रतिष्ठापित की गई। इस मूर्ति से आकृष्ट होकर बंगाल के प्रसिद्ध वैष्णव संत चैत्रन्य महाप्रभु मथुरा जाने के क्रम में 16वीं सदी के आरंभ में झारखण्ड आये।

142. नागवंश के बारे में कौन-सा कथन सत्य है?

  1. सुतियाम्बे नागवंश की प्रथम राजधानी और रातूगढ़ अंतिम राजधानी थी
  2. प्रताप उदयनाथ शाहदेव ने अपनी राजधानी पालकोट में स्थापित किया।
  3. यदुनाथ शाहदेव ने अपनी राजधानी रातुगढ़ बनाया था।
  4. इनमें सभी सत्य है।

उत्तर- 1

व्याख्या – नागवशी शासको की अंतिम राजधानी रातुगढ़ थी जो प्रताप उदयनाथ शाहदेव द्वारा स्थापित किया गया था। यदुनाथ शाहदेव के द्वारा पालकोट में राजधानी स्थापित किया गया था।

सुतियाम्बे – फणि मुकुट राय

चुटिया – प्रताप राय

खुखरा- भीम कर्ण

दोइसा – दुर्जन शाह

पालकोट भौरों – जगन्नाथ शाहदेव

रातुगढ़ – प्रताप उदय नाथ शाहदेव

143. पलामू में रक्सेलों की कितनी शाखाएं स्थापित हुई?

  1. 2
  2. 3
  3. 4
  4. 6

उत्तर- 1

व्याख्या- पलामू में रक्सेलों की दो शाखाएँ स्थापित हुई पहली शाखा ‘देवगन’ और दूसरी कुंडेलवा शाखा ।

144. पलामू के रक्सेल वंश निम्न में से किसके द्वारा अपदस्थ कर दिये गये ?

  1. नागवंशी शासको के द्वारा 
  2. गोमुखी राजा के द्वारा
  3. गोड़ शासक शशांक के द्वारा
  4. चेरों शासकों के द्वारा

उत्तर- 4

व्याख्या – रक्सेलों की देवगन शाखा ने देवगन में किले का निर्माण करवाया और उसे राजधानी का दर्जा दिया। इसी प्रकार रक्सेलों की कुंडेलवा शाखा ने कुडेलवा किले का निर्माण करवाया और उसे राजधानी बनाया लेकिन 16वीं सदी ई के आरंभ में ये चेरो के द्वारा अपदस्थ कर दिये गये।

145. दुर्जन शाह के सम्बंध में सही कथन की पहचान करें।

  1. दुर्जन शाह ने दोइसा को अपनी राजधानी बनाया था।
  2. दुर्जन शाह ने नवरत्नगढ़ नामक भवन का निर्माण करवाया।
  3. दुर्जन शाह हीरा का पारखी था। 
  4. उपरोक्त सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या- सभी कथन सत्य है। हीरा का पारखी होने के कारण ही दुर्जन शाह को शाह की उपाधि दी गई थी। इसने पाँच मंजिला नवरत्नगढ़ नामक भवन का निर्माण करवाया। जहाँगीर ने इसे ग्वालियर के किले में कैद कर दिया था। 12 वर्ष बाद इसे इस शर्त पर मुक्त किया गया कि वह 6000 रुपये वार्षिक कर की अदायगी करेगा।

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146. जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था ?

  1. रघुनाथ शाह
  2. शिवदास कर्ण
  3. एनी शाह
  4. प्रताप राय

उत्तर- 3

व्याख्या – जगन्नाथ मंदिर का निर्माण नागवंशी शासक एनी शाह के द्वारा 1691 ई. में राँची के जगन्नाथपुर में करवाया गया था। एनी शाह ने सतरंजी में अपनी राजधानी बनाई थी।

147. मदनमोहन मंदिर का निर्माण किसने करवाया था ?

  1. उदयनाथ शाहदेव
  2. रघुनाथ शाह 
  3. भीम कर्ण
  4. शिवादस कर्ण

उत्तर- 2

व्याख्या – रघुनाथ शाह के द्वारा राँची के बोड़ेया में मदनमोहन मंदिर तथा चुटियाँ में राम-सीता मंदिर का निर्माण करवाया गया था।

148. नागवंश का अंतिम राजा कौन था ?

  1. रघुनाथ शाह
  2. उदयनाथ शहदेव
  3. चिंतामणि शरण नाथ शाहदेव
  4. एनी शाह

उत्तर- 3

व्याख्या – चिंतामणि शरण नाथ शाहदेव नागवंश का अंतिम राजा था।

149. निम्न में से किस जनजाति के अनुसार सिंहभूम का नामकरण उनके कुल देवता सिंगबोंगा के नाम पर हुआ है?

  1. संथाल
  2. मुण्डा
  3. उराव
  4. हो

उत्तर- 4

व्याख्या-  ‘हो’ जनजाति के अनुसार सिंहभूम का नामकरण उनके कुल देवता सिंगबोंगा के नाम पर हुआ है। 

150. सिंह वंश के पारिवारिक इतिहास ग्रंथ ‘वंश प्रभा लेखन’ के अनुसार सिंहभूम में सिंह वंश की कितनी शाखाएं स्थापित हुई?

  1. 2
  2. 3
  3. 4
  4. 6

उत्तर- 1

व्याख्या सिंह वंश के पारिवारिक इतिहास गथ वंश प्रभा लेखन के अनुसार सिंहभूम में सिंह वंश की दो शाखाएँ स्थापित हुई। 8वीं सदी ई के आरंभ में पहली शाखा तथा 13वीं सदी ई के आरंभ में दूसरी शाखा ।

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151. सिंह वंश की पहली शाखा का संस्थापक निम्न में से कौन था ?

  1. काशी राम सिंह
  2. अर्जुन सिंह-1
  3. काशी नाथ सिंह
  4. त्रिलोचन सिंह

उत्तर- 3

व्याख्या – सिंह वंश की पहली शाखा का संस्थापक काशीनाथ था। इसके बाद इस शाखा में तेरह राजा हुए। दुर्भाग्य से इस वंश के बारे में अधिक जानकारी नहीं है।

152. निम्न में से कौन सिंह वंश के विषय में गलत कथन को दर्शाता है?

  1. सिंह वंश की पहली शाखा में 23 राजा हुए। 
  2. आरंभ में इन पर नागवंशी राजाओं का प्रभाव था।
  3. बाद में वे स्वतंत्र रूप से शासन करने लगे थे।
  4. इनमें में से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- सिंहभूम के सिंह वश की पहली शाखा में 13 राजा हुए। आरंभ में इन पर नागवंशी राजाओं का प्रभाव था। बाद में वे स्वतंत्र रूप से शासन करने लगे थे।

153. सिंह वंश की दूसरी शाखा की स्थापना निम्न में से किसके गया ?

  1. काशीराम सिंह
  2. दर्पनाथ सिंह
  3. दर्प नारायण सिंह
  4. काशीनाथ सिंह

उत्तर- 3

व्याख्या- सिंहभूम के सिंह वंश की दूसरी शाखा की स्थापना 1205 ई. में दर्प नारायण सिंह ने की थी।

154. सिंह वंश के निम्न में से किस शासक ने बनाई क्षेत्र में पोहराट के नाम से नई राजधानी स्थापित की ?

  1. दर्प नारायण सिंह
  2. अर्जुन सिंह
  3. काशी राम सिंह
  4. काशीनाथ सिंह

उत्तर- 3

व्याख्या – दर्प नारायण सिंह के मरणोपरांत युधिष्ठिर शासक बना मगर उसका शासनकाल संक्षिप्त रहा। युधिष्ठिर के बाद उसका पुत्र काशीराम सिंह उत्तराधिकारी हुआ तथा बनाई क्षेत्र में पोरहाट के नाम से नई राजधानी की स्थापना की।

155. सिंह वंश के किस शासक के शासनकाल में राज्य की कुल देवी के रूप में पौरी देवी की प्राण-प्रतिष्ठा की गई ?

  1. अच्युत सिंह 
  2. त्रिलोचन सिंह 
  3. अर्जुन सिंह
  4. दर्प नारायण सिंह

उत्तर- 1

व्याख्या-  काशीराम सिंह के बाद अच्युत सिंह सिंह वंश का शासक बना अच्युत सिंह के शासन काल में ही राज्य की कुल देवी-पौरी देवी की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। अच्युत सिंह के बाद त्रिलोचन सिंह और फिर अर्जुन सिंह सिंह वंश के शासक बने।

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156. निम्न में से किस सिंहवंशी राजा को बंदी बनाकर कटक में रखा गया था?

  1. काशी राम सिंह
  2. अर्जुन सिंह प्रथम
  3. जगन्नाथ सिंह द्वितीय
  4. अच्युत सिंह

उत्तर- 2

व्याख्या- अर्जुन सिंह प्रथम को बनारस से तीर्थयात्रा कर के लौटने के क्रम में बंदी बनाकर कटक में रखा गया था। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। जगन्नाथ सिंह द्वितीय के काल में भूइयों जनजाति के लोगों ने विद्रोह किया था।

157. मानभूम राजाओं का शासन क्षेत्र निम्न में से किस स्थान पर था ?

  1. हजारीबाग तथा मानभूम
  2. देवघर तथा मानभूम
  3. बिरभूम तथा मानभूम
  4. केवल मानभूम

उत्तर- 1

व्याख्या- 8वीं सदी ई. के दूधपानी (हजारीबाग के दूधपानी नामक स्थान) एवं 14वीं सदी ई. के गोविन्दपुर शिलालेख (धनबाद के निकट गोविन्दपुर) में यह उल्लेख मिलता है की मानवशी नरेशों का शासन क्षेत्र हजारीबाग एवं मानभूम था।

158. मानभूम के मानवंश के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है?

  1. मानवंशी राजा अत्याचारी शासक थे। 
  2. मानवंशी राजाओं के शासन क्षेत्र से सबर जनजाति इस क्षेत्र को छोड़कर कही और बस गये। 
  3. मानवंशी नरेशों का शासन क्षेत्र हजारीबाग एवं मानभूम था।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या – मानवशी राजा अत्याचारी शासक थे। 10वीं सदी ई. के आंदोलन का मुख्य कारण राजाओं का अत्याचार ही था। इसी कारण सबर जनजाति को यह क्षेत्र छोड़ना पड़ा तथा पचेत जाकर बसना पड़ा।

159. किस वंश के राजा गौमुखी राजा कहलाते थे? 

  1. मानवश
  2. पंचेत राजा 
  3. सिह वश
  4. चेरो वंश

उत्तर- 2

व्याख्या – पंचेत राज्य धनबाद का सबसे शक्तिशाली वंश था। यहाँ के राजा का राज्य चिह्न कपिला गाय का पूँछ अर्थात चवर था। यहाँ के राजा गौमुखी राजा कहलाते थे।

160. किस वंश के काल में भूमिज स्वराज आंदोलन हुआ था ?

  1. पंचेत वश
  2. मानवश
  3. सिंह वश
  4. रक्सेल वश

उत्तर- 2

व्याख्या- मानभूम राजाओं के काल में 10वीं सदी में भूमिज स्वराज आदोलन हुआ था।

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161. रामगढ़ राज्य के संस्थापक का क्या नाम था ?

  1. सिंहदेव सिंह 
  2. बाघदेव सिंह 
  3. हेमंत सिंह 
  4. दलेल सिंह 

उत्तर- 2

व्याख्या – रामगढ़ राज्य के संस्थापक का नाम बाघदेव सिंह था। बाघदेव सिंह ने 1368 ई. के लगभग में इस राज्य की स्थापना की। बाघदेव सिंह अपने बड़े भाई सिंहदेव के साथ नागवंशी नरेश की सेवा में थे। बाद में अपने स्वामी से मतभेद होने पर वे बङ्कगांव क्षेत्र में कर्णपुरा चले गये और वहाँ के स्थानीय शासक को पराजित कर कर्णपुरा पर अधिकार कर लिया।

162. बाघदेव सिंह ने अपने राज्य का प्रथम राजधानी निम्न में से किसे बनाया था? 

  1. सिसिया
  2. बादम
  3. उरदा
  4. रामगढ़

उत्तर- 1

व्याख्या- बाघदेव सिंह अपनी प्रथम राजधानी सिसिया को बनाया।

163. निम्न में से किस रामगढ़ राजा ने अपनी राजधानी उरदा के स्थान पर बादम को बनाया?

  1. बाघदेव सिंह 
  2. सिंहदेव सिंह
  3. हेमंत सिंह
  4. दलेल सिंह

उत्तर- 3

व्याख्या – हेमंत सिंह ने अपनी राजधानी उरदा की जगह बादम को बनाया। 

164. निम्न में से किस रामगढ़ राजा ने बादम के स्थान पर रामगढ़ को राज्य की राजधानी बनाया?

  1. दलेल सिंह 
  2. हेमंत सिंह 
  3. सिंहदेव सिंह 
  4. बाघदेव सिंह

उत्तर- 1

व्याख्या- दलेल सिंह ने बादम के स्थान पर 1670 ई. में रामगढ़ को राज्य की राजधानी बनाया।

165. दलेल सिंह ने अपनी राज्य की राजधानी बादम के स्थान पर रामगढ़ परिवर्तन का मूल कारण निम्न में से क्या था?

  1. भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से असुरक्षित होना।
  2. रामगढ़ नरेशों की दूसरी शाखा का शासन स्थापित होने के कारण।
  3. मुहम्मद-बिन-तुगलक के सेनापति मलिक बया द्वारा हजारीबाग पर आक्रमण के कारण।
  4. इनमे सभी

उत्तर- 1

व्याख्या- दलेल सिंह द्वारा राज्य की राजधानी परिवर्तन का मूल कारण बादम का भौगोलिक व सामरिक दृष्टि से असुरक्षित होना था। मुहम्मद-बिन-तुगलक के सेनापति मलिक बया द्वारा हजारीबाग पर आक्रमण 1340 ई की घटना है, जबकि उस समय रामगढ़ राज्य की स्थापना भी नही हुई थी तथा दलेल सिंह द्वारा राज्य की राजधानी परिवर्तन की घटना 1670 ई. की बात है।

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166. निम्न में से कौन सिंहदेव के वंशज थे, जो 1772 ई. में रामगढ़ नरेश बनें?

  1. महादेव नारायण सिंह
  2. हेमंत सिंह
  3. तेज सिंह
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या – रामगढ़ राज्य के संस्थापक बाघदेव सिंह के बड़े भाई सिंहदव के वंशज 1772 ई. में रामगढ़ नरेश बने। इस तरह राज्य पर राजकुल की दूसरी शाखा का शासन स्थापित हुआ।

167. रामगढ़ नरेश तेज सिंह (177280) जो राजकुल की दूसरी शाखा के शासक थे ने अपनी शासन का संचालन किस स्थान से किया ?

  1. रामगढ़ से
  2. बादाम से
  3. ईचाक से
  4. पदमा से

उत्तर- 3

व्याख्या – तेज सिंह जो राज्य की दूसरी शाखा के शासक थे ने अपनी शासन का संचालन यानी अपनी राजधानी ईचाक से आरंभ की।

168. रामगढ़ राज्य की तीसरी शाखा का प्रथम शासक कौन था ?

  1. तेज सिंह
  2. ब्रह्मदेव नारायण सिंह
  3. कामाख्या नारायण सिंह
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या- 1980 ई. में रामगढ़ राज्य की बागडोर राजकुल की तीसरी शाखा के हाथ में चली गयी। इस शाखा के प्रथम शासक ब्रह्मदेव नारायण सिंह थे।

169. रामगढ़ राज्य की तीसरी शाखा के प्रथम शासक ब्रह्मदेव नारायण सिंह ने अपनी राजधानी कहां स्थापित की ?

  1. ईचाक
  2. पदमा
  3. रामगढ़
  4. बादम

उत्तर- 2

व्याख्या- रामगढ़ राज्य की तीसरी शाखा के प्रथम शासक ब्रह्मदेव नारायण सिंह ने अपनी राजधानी पदमा में स्थापित की।

170. कामाख्या नारायण सिंह रामगढ़ राज्य शासक कब बने?

  1. 1837
  2. 1863
  3. 1943
  4. 1937

उत्तर- 4

व्याख्या- 1937 ई. में कामख्या नारायण सिंह रामगढ़ राज्य के शासक बने, 26 जनवरी 1955 ई. को बिहार राज्य भूमि सुधार अधिनियम की धारा 3 के तहत रामगढ़ राज्य का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया।

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171. रामगढ़ राज्य की राजधानियों का सही क्रम निम्न में से कौन है?

  1. सिसिया, बादम, उरदा, रामगढ़, इचाक, पदमा
  2. सिसिया, उरदा, बादम, रामगढ़, पदमा, इचाक
  3. सिसिया, उरदा, बादम, रामगढ़, इचाक, पदमा
  4. रामगढ़, सिसिया, उरदा, बादम, इचाक, पदमा

उत्तर- 3

व्याख्या-

संस्थापक                   राजधानी

  1. बाघदेव सिंह            सिसिया
  2. बाघदेव सिंह             उरदा
  3. हेमंत सिंह                बादम
  4. दलेल सिंह              रामगढ़
  5. तेज सिंह                 इचाक
  6. बह्मदेव नारायण सिंह   पदमा

172. खड़गडीहा राज्य के संस्थापक का क्या नाम था ?

  1. कवि गंगाधर
  2. दुर्जनशाल
  3. हंसराज देव
  4. वीर नारायण सिंह

उत्तर- 3

व्याख्या –  खड्गडीहा राज्य की स्थापना 15वीं सदी ई. में हुई। इस राज्य के संस्थापक का नाम हंसराज देव था, जो दक्षिण भारत से यहां आया था।

173. हंसराज देव ने बंदावत जाति के शासक को पराजित कर किस क्षेत्र पर अपना प्रभाव स्थापित किया था?

  1. राँची
  2. पलामू
  3. हजारीबाग
  4. रामगढ़

उत्तर- 3

व्याख्या- हंसराज देव ने बंदावत जाति के शासक को पराजित कर हजारीबाग पर अधिकार कर लिया था।

174. मानभूम का सबसे शक्तिशाली राज्य कौन था जिसे काशी नरेश के पुत्र ने स्थापना की ?

  1. मान वंश
  2. सिंह वंश
  3. पंचेत राज्य
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- पंचेत राज्य मानभूम क्षेत्र का सबसे शक्तिशाली राज्य था। कुछ इतिहासकारों के अनुसार काशीपुर नरेश के पुत्र ने पंचेत राज्य की स्थापना की।

175. पंचेत राज्य का राज्य चिह्न निम्न में से क्या था?

  1. कपिला गाय की पूंछ
  2. कपिला गाय की चाँवर
  3. कपिला गाय की सिंघ 
  4. a और b दोनों

उत्तर- 4

व्याख्या- कपिला गाय द्वारा पालित होने के कारण राजा ने कपिला गाय की पूँछ अथवा चँवर को पंचेत राज्य का राज्य-चिह्न बनाया। इसी कारण वह गोमुखी राजा के नाम से प्रसिद्ध हुआ ।

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176. निम्न में से किन राजाओं ने पंचेतों ने वैवाहिक सम्बंध स्थापित किया और मिलकर क्योंझर क्षेत्र पर विजय हासिल किया।

  1. रामगढ़
  2. नागवंशी राजा
  3. मानभूम राजा
  4. चेरो राजा

उत्तर- 2

व्याख्या- नागवंशियों ने पंचेत राज्य से वैवाहिक सम्बंध स्थापित किए। पंचेत जेसे शक्तिशाली राज्य के साथ मिल कर ओडिशा के क्योंझर क्षेत्र पर विजय हासिल किया।

177. निम्न में से कौन-सा कथन ढालभूम का ढाल वंश के बारे में सत्य है?

  1. पूर्वी सिंहभूम का ढालभूम क्षेत्र ढाल वंश का शासन क्षेत्र था।
  2. ढाल वंश के संस्थापक का पिता धोबी जाति का तथा माता ब्राह्मण जाति की थी।
  3. ढालवंशी शासक नरबली प्रथा के पोषक थे।
  4. इनमें सभी।

उत्तर- 4

व्याख्या- ढालभूम के ढाल वंश के संबंध में उपरोक्त सभी कथन सत्य हैं।

178. पलामू के चेरो वंश के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है?

  1. पलामू में चेरो वंश की स्थापना 15वीं सदी में हुई।
  2. पलामू के चेरों ने पलामू के रक्सेलों को अपदस्थ कर अपने वंश का शासन स्थापित किया।
  3. a और b दोनों सही है। 
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 2

व्याख्या- पलामू की चेरो वंश की स्थापना 16वीं सदी ई. में हुई।

179. चेरो वंश की स्थापना किसने की थी?

  1. सहबल राय
  2. भागवत राय
  3. महारत चेरो
  4. मेदनी राय

उत्तर- 2

व्याख्या- चेरो वंश की स्थापना भागवत राय ने की थी। सहबल राय के समय चेरो राज्य का विस्तार ( जी.टी. रोड) हजारीबाग चौपारण तक विस्तारित हो गया। मेदनीराय चेरो वंश का महानतम राजा था। महारत चेरो के शासन काल में शेर शाह के सेनापति खवास खाँ ने चेरो पर आक्रमण किया और श्याम सुंदर नाम की सफेद हाँथी साथ ले गया।

180. किस चेरो राजा को शेर के पिंजरे में बंद कर दिया गया था जहाँ उसकी मौत हो गई?

  1. अनंत राय 
  2. तेज राय 
  3. सहबल राय 
  4. साहब राय

उत्तर- 3

व्याख्या-  सहबल राय को गिरफ्तार कर के शेर के पिंजरे में बंद कर दिया गया था जहाँ उसकी दद्रनाक मौत हो गई।

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181. पलामू किले का निर्माण किसने करवाया था ?

  1. प्रताप राय
  2. मेदनी राय
  3. भागवत राय
  4. जय किशन राय

उत्तर- 1

व्याख्या – पलामू के पुराने किले का निर्माण प्रताप राय ने करवाया था। प्रताप राय एक प्रतापी चेरो शासक था जो शाहजहाँ के समकालीन था।

182. किस चेरो राजा को न्याशी राजा कहाँ जाता है?

  1. मेदनी राय 
  2. साहब राय 
  3. भगवत राय 
  4. रंजित राय 

उत्तर- 1

व्याख्या- मेदनी राय को न्याशी राजा कहा जाता है। इसके शासनकाल को चेरो राजवंश का स्वर्ण युग कहते है। मेदनी राय औरंगजेब का समकालीन था। मेदनीराय ने नया पलामू किले का निर्माण करवाया था। मेदनी राय ने नागवंशी राजा रघुनाथ शाह के समय दोइसा पर आक्रमण किया तथा नवरत्नगढ़ का विशाल प्रस्तर दरवाजा उखाड़कर पलामू किले में लगवाया जिसे नागपुरी दरवाजा कहते हैं।

183. औरंगा का युद्ध कब हुआ था? 

  1. 1560
  2. 1660
  3. 1760
  4. 1860

उत्तर- 2

व्याख्या – औरंगा का युद्ध 1660 में साहब राय और दाउद खाँ के बीच हुई थी।

184. सल्तनतकालीन झारखण्ड के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है?

  1. झारखण्ड सल्तनत काल में सदैव स्वतंत्र बना रहा।
  2. इस काल में बीरभूम के राजा द्वारा सिंहभूम पर आक्रमण हुआ था।
  3. ओडिशा के शासक कपिलेन्द्र गजपति द्वारा संथाल परगना पर आक्रमण हुआ था।
  4. इनमें सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या- सल्तनत काल में बीरभूम के राजा द्वार सिंहभूम पर आक्रमण, दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद-बिन-तुगलक के सेनापति मलिक बया द्वारा हजारीबाग पर आक्रमण (1840) तथा ओडिशा के शासक कपिलेन्द्र गजपति द्वारा संथाल परगना पर आक्रमण आदि का कोई स्थायी प्रभाव नहीं पड़ा और झारखण्ड सल्तनत काल में सदैव स्वतंत्र बना रहा।

185. निम्न में से किस शासक ने 1204-05 ई. में झारखण्ड के रास्ते से गुजर कर बंगाल के सेनवंशी शासक लक्ष्मण सेन की राजधानी नदिया पर आक्रमण किया?

  1. मुहम्मद गोरी
  2. कुतुबुद्दीन ऐबक
  3. बलबन
  4. बख्तियार खिलजी

उत्तर- 4

व्याख्या – कुदुबुद्दीन ऐबक के सेनापति बख्तियार खिलजी 1204-05 ई. में झारखण्ड के रास्ते से गुजर कर बंगाल के सेनवंशी शासक लक्ष्मण सेन की राजधानी नदिया पर आक्रमण किया।

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186. गुलाम वंश के सुलतानों इल्तुतमिश व बलबन के समय में कौन-सा नागवंशी शासक का शासन चल रहा था ?

  1. प्रताप कर्ण 
  2. छत्र कर्ण 
  3. हरि कर्ण
  4. भीम कर्ण

उत्तर- 3

व्याख्या- गुलाम वंश के सुल्तानों इल्तुतमिश व बलबन के समय नागवंशी शासक हरि कर्ण था।

187. 1310 ई. में अलाउद्दीन खिलजी के किस सेनापति ने नागवंशी शासक को कर देने के लिए विवश किया था?

  1. बख्तियार खिलजी
  2. छज्जू मलिक 
  3. मलिक बया
  4. सैफुद्दीन

उत्तर- 2

व्याख्या- खिलजी वंश के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति छज्जू मल्लिक ने नागवंशी शासक को कर देने के लिए विवश किया था।

188. संथाली स्रोत के अनुसार किसके नेतृत्व में हजारीबाग पर 1340 ई. में आक्रमण हुआ था?

  1. मलिक बया 
  2. इब्राहिम अली
  3. जलाल खाँ
  4. छज्जु मलिक

उत्तर- 2

व्याख्या- तुगलक वंश के सुल्तान मुहम्मद-बिन-तुगलक के सेनापति मलिक बया हजारीबाग क्षेत्र के चई-चम्पा तक आ पहुँचा था, जबकि संथाली स्रोत के अनुसार, यह आक्रमण इब्राहिम अली के नेतृत्व में 1340 ई. में हुआ था।

189. तुगलक वंश के किस शासक ने हजारीबाग के सतगावां क्षेत्र के एक बहुत बड़े इलाके को जीत लिया तथा सतगाँवा को इस विजित क्षेत्र की राजधानी बनाया?

  1. मुहम्मद बिन तुगलक
  2. फिरोज तुगलक
  3. गयासुद्दीन तुगलक
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या- मुहम्मद बिन तुगलक के उत्तराधिकारी फिरोज तुगलक ने वर्चस्व की लड़ाई में बंगाल के शम्सुद्दीन इलियास शाह को पराजित किया और हजारीबाग के सतगाँवा क्षेत्र के एक बहुत बड़े इलाके को जीत लिया तथा सतगावां को इस विजित क्षेत्र की राजधानी बनाया।

190. निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?

  1. सैय्यद वंश के सुल्तानों ने झारखण्ड में कोई हस्तक्षेप नहीं किया 
  2. लोदी वंश के सुल्तान शक्तिशाली शासक थे और उनका प्रभाव झारखण्ड पर हमेशा बना रहा।
  3. नागवंशी शासक प्रताप कर्ण, छत्र कर्ण एवं विराट कर्ण लोदी वंश के सुल्तानों के समकालीन थे।
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 2

व्याख्या- लोदी वंश के सुल्तान अपेक्षाकृत कमजोर सुल्तान थे इसलिए वे झारखण्ड में हस्तक्षेप करने की स्थिति में नहीं थे।

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191. ओडिशा के शासक कपिलेन्द्र गजपति ने झारखण्ड पर आक्रमण कर झारखण्ड के किस शासक के बहुत बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया?

  1. नागवंशी शासक 
  2. पंचेत शासक
  3. चेरो शासक
  4. सिंहभूम का सिंह वंश

उत्तर- 1

व्याख्या – कपिलेन्द्र गजपति ने ओडिशा में गजपति वंश की स्थापना की। उसके नेतृत्व में गजपति वंश दक्षिण पूर्वी भारत का एक महाशक्ति बन गया। उसने संथाल परगना तथा हजारीबाग को छोड़कर नागवंशी राज्य पर कब्जा जमा लिया इस प्रकार झारखण्ड के कुछ भाग पर कपिलेन्द्र गजपति का शासन स्थापित हो गया।

192. निम्न में से किस शासक ने झारखण्डी सुल्तान की पट्टी धारण की ?

  1. आदिल शाह-1
  2. आदिल शाह-2
  3. कपिलेन्द्र गजपति
  4. फिरोज तुगलक

उत्तर- 2

व्याख्या- आविल शाह-2 खानदेश का एक अत्यंत शक्तिशाली शासक था। उसने विपुल शक्ति संगठित कर लिया था। उसने सैन्य दल को झारखण्ड तक भेजा और झारखण्डी सुल्तान की पदवी धारण की।

193. निम्न में से कौन-सा कथन बावर-हुमायूँ कालीन झारखण्ड के संबंध में सही है?

  1. मुगल बादशाहों बाबर एवं हुमायूँ के शासन काल में झारखण्ड उसके प्रभाव क्षेत्र के दायरे से बाहर था। 
  2. बाबर और हुमायूँ के शासन काल में झारखण्ड मुगल विरोधी अफगानों का आश्रय स्थल बन गया था।
  3. हुमायूँ के सबसे बड़े शत्रु शेरशाह ने मुगल-अफगान संघर्ष में इस क्षेत्र का कई बार उपयोग किया था। 
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- बायर हुमायूँ कालीन झारखण्ड के संबंध में उपयुक्त सभी कथन सत्य है।

194. शेरशाह ने बंगाल पर अधिकार के क्रम में झारखण्ड के किस रास्ते का उपयोग किया था?

  1. तेलियागढ़ 
  2. बगोदर
  3. सरिया
  4. बरही

उत्तर- 1

व्याख्या- शेर खाँ का पुत्र जलाल खाँ तेलियागढ़ (राजमहल के निकट, साहेबगंज जिला) की नाकाबंदी करने में लगा था।

195. शेर खाँ का पुत्र जलाल खाँ झारखण्ड के किस क्षेत्र की नाकेबंदी करने में लगा था ?

  1. रोहतासगढ़
  2. तेलियागढ़
  3. भुरकुडा
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या- शेर खाँ का पुत्र जलाल खाँ तेलियागढ़ (राजमहल के निकट, साहेबगंज जिला) की नाकाबंदी करने में लगा था

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196. झारखण्ड में मुसलमानों का मार्ग प्रशस्त करनेवाला निम्न में से कौन शासक था?

  1. खवास खाँ
  2. गौंड़ शासक शशांक
  3. शेरशाह
  4. अकबर

उत्तर-3

व्याख्या- झारखण्ड में मुसलमानों के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करने वाला शेर खाँ ही था।

197. शेर खाँ ने अपने किस सेनापति को झारखण्ड के पलामू क्षेत्र के चेरो शासक महारथ चेरा पर आक्रमण कर उसका दमन करने के लिए भेजा था?

  1. जलाल खाँ
  2. इब्राहिम अलि
  3. खवास खाँ
  4. छज्जू मलिक

उत्तर- 3

व्याख्या- 1538 ई. में शेर खाँ ने अपने सेनापति खवास खाँ को झारखण्ड के पलामू क्षेत्र के चेरों शासक महारथ चेरो पर आक्रमण कर उसका दमन करने के लिए भेजा।

198. अहमद यादगार (तारीख-ए-शेरशाही के लेखक) के अनुसार शेरशाह के झारखण्ड पर आक्रमण का सबसे मुख्य उद्देश्य क्या था ?

  1. यहां के जनजातियों को सिपाही में भर्ती कर उसका उपयोग हुमायूँ के विरूद्ध करना ।
  2. यहां के जंगलों में छिपकर हुमायूँ के विरूद्ध संघर्ष करना ।
  3. श्याम सुन्दर नामक एक हाथी को प्राप्त करना था ।
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 3

व्याख्या- यहाँ दिया गया सभी विकल्प सही है लेकिन प्रश्न में मुख्य उद्देश्य पुछा है इसलिए अहमद यादगार के अनुसार श्याम सुन्दन नामक एक सफेद हाथी को प्राप्त करना मुख्य उद्देश्य था ।

199. किस मुगल शासक के शासन काल में मुगल साम्राज्य एवं झारखण्ड के बीच वास्तविक सम्पर्क स्थापित हुआ?

  1. हुमायूँ 
  2. अकबर
  3. जहाँगीर
  4. शाहजहाँ

उत्तर – 2

व्याख्या- अकबर के शासन काल के 30वें वर्ष (1585 ई.) में मुगल स एवं झारखण्ड के बीच वास्तविक सम्पर्क स्थापित हुआ।

200. अकबर विरोधी अफगानों में गाजी एवं हाजी बंधु, जुनैद एवं वायजिव प्रमुख थे। इन अफगानियों ने अकबर के विरुद्ध किस क्षेत्र का उपयोग किया?

  1. झारखण्ड
  2. बिहार
  3. ओडिशा
  4. मध्यप्रदेश

उत्तर- 1

व्याख्या – अकबर विरोधी अफगानों में गाजी एवं हाजी बंधु, जुनैद एवं वायजिव प्रमुख थे। इन अफगानियों ने अकबर के विरुद्ध झारखण्ड क्षेत्र का उपयोग किया।

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