Jharkhand GK Part-3 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-3 For JPSC, JSSC CGL, All Exams – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो परीक्षा के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

Jharkhand GK Part-2 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-3 For JPSC, JSSC CGL, All Exams की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

201. मुगल विरोधी अफगानों में जुनैद झारखण्ड के रास्ते बिहार भागने का प्रयास किया लेकिन भागने के क्रम में जुनैद ने झारखण्ड के किस पहाड़ी क्षेत्र में शरण लिया, जिसके बाद मुगल फौज पीछा करती हुई उस पहाड़ी क्षेत्र में पहुंची थी? 

  1. राजमहल का पहाड़ी क्षेत्र
  2. रामपुर (आज का रामगढ़) का पहाड़ी क्षेत्र
  3. राँची का पहाड़ी क्षेत्र
  4. सिंहभूम का पहाड़ी क्षेत्र

उत्तर- 2

व्याख्या- मुगल विरोधी अफगानों में एक अफगानी ‘जुनैद’ झारखण्ड के रास्ते बिहार भागने का प्रयास किया। भागने के क्रम में जुनैद ने रामपुर (आज का रामगढ़) नामक पहाड़ी क्षेत्र में शरण लिया। मुगल फौज पीछा करती हुई रामपुर पहुंची। रामपुर की लड़ाई में मुगल फौज ने जुनैद को पराजित किया।

202. निम्न में से लगभग किस वर्ष तक झारखण्ड क्षेत्र में सक्रिय अकबर के सभी विरोधी अफगान या तो पराजित हो गये या उनकी मृत्यु हो गई।

  1. 1585
  2. 1576
  3. 1785
  4. 1556

उत्तर- 2

व्याख्या- 1576 ई. तक झारखण्ड क्षेत्र में सक्रिय अकबर के सभी विरोधी अफगान या तो पराजित हो गये या उनकी मृत्यु हो गई।

203. अकबर अपने शासनकाल में सर्वप्रथम कोकरह / खुखरा (नागवंश की तत्कालीन राजधानी) विजय की ओर ध्यान दिया इसका निम्न में से क्या कारण था?

  1. सामरिक कारण
  2. राजनीतिक कारण
  3. आर्थिक
  4. इनमें सभी

उत्तर-4

व्याख्या- सामरिक कारण- अकबर जानता था कि उसके पिता हुमायूँ के विरूद्ध शेर खाँ ने तथा स्वयं उसके विरूद्ध जुनैद आदि अफगानों ने इस क्षेत्र का बखूबी उपयोग किया था इसलिए इस क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित करना आवश्यक था।

राजनीतिक कारण- क्योंकि अकबर विस्तारवादी था इसलिए खुखरा को अपने साम्राज्य में लाना चाहता था।

आर्थिक कारण- कोकरह की शंख नदी में मिलने वाले हीरों ने अकबर को आकृष्ट किया।

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204. अकबर का नागवंशी शासक पर आक्रमण करने के पीछे आर्थिक कारणों में निम्न में से कौन-सा कारण सही है।

  1. अबुल फजल ने अकबरनामा में झारखण्ड के स्वर्णरेखा नदी में स्वर्ण की रेत पाये जाने का वर्णन ।
  2. कोकरह की शंख नदी में मिलने वाली हीरों ने अकबर का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया।
  3. दक्षिण भारत तक पहुंचने में यह नवीन मार्ग बड़े काम का साबित हो सकता था।
  4. इसमें सभी

उत्तर- 2

व्याख्या- अबुल फजल ने अकबरनामा में झारखण्ड के कोई स्वर्णरेखा नदी का वर्णन नहीं किया है। हालांकि उनके विचार में खुखरा तक पहुंचने के दुर्गम मार्ग कारण नागवंशी राजा को सुरक्षित बताया है। विकल्प (c) सही है, मगर यह आर्थिक कारण नहीं था। इसलिए विकल्प (b) सही है

205. 1585 ई. में अकबर ने शाहबाज खाँ कम्बू के नेतृत्व में खुखरा विजय के लिए एक सेना को भेजा था उस समय नागवंशी शासक कौन था, जिसने अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली ?

  1. यदुनाथ शाह
  2. मधुकरण शाह
  3. जगन्नाथ शाह
  4. प्रताप राय

उत्तर- 2

व्याख्या- 1585 ई. में अकबर ने शाहबाज खाँ कम्बू के नेतृत्व में एक सेना भेजी और उस समय के नागवंशी शासक मधुकरण शाह को मुगल अधीनता स्वीकार करना पड़ा।

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206. निम्न साहित्यकारों में से यह किसने कहा- “खुखरा के राजा ने मालगुजारी की स्थिति को स्वीकार कर लिया और इस तरह बादशाही हुकूमत के साये में आने का उसे सौभाग्य प्राप्त हुआ “।

  1. फिरदौसी
  2. विशाखदत्य
  3. अलबरूजी 
  4. अबुल फजल

उत्तर- 4

व्याख्या – यह वाक्य अकबर के दरबारी कवि अबुल फजल के द्वारा कहीं गयी थी। जिसने अकबरनामा पुस्तक की रचना की थी।

207. निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य है-

  1. शारीरिक क्षमता एवं विनीत स्वभाव को देखकर अकबर ने मधुकरण शाह को स्वतंत्र कर वापस खुखरा भेज दिया था। 
  2. मधुकरण शाह ने ओडिशा के शासक कुतुल खाँ व उसके बेटे निसार खाँ के विरूद्ध मुगल मनसबदार मान सिंह का 1590-92 ई. में साथ दिया था।
  3. 16वीं सदी के अंत तक खुखरा का स्वतंत्रता अब मुगल के हाथों में चला गया था।
  4. इनमें सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या- नागवंशी शासक मधुकरण शाह को जब बंदी बनाकर मुगल दरबार में ले जाया गया जहां उनकी शारीरिक क्षमता एवं विनीत स्वभाव से प्रसन्न होकर बादशाह अकबर ने उसे स्वतंत्र कर वापस खुखरा भेज दिया। तब मधुकरण शाह ने ओडिशा के शासक कुतुल खाँ व उसके बेटे निसार खाँ के विरूद्ध मुगल मनसबदार मान सिंह के नेतृत्व में 1590-92 ई. अभियान में मुगलों का साथ दिया था। इस तरह 16वीं सदी ई. के अंत तक खुखरा का एकांकीपन समाप्त हो गया और यह क्षेत्र मुगलों के नियंत्रण में आ गया।

208. किस मुगल शासक के शासनकाल में मानभूम एवं हजारीबाग वाले क्षेत्र सर्वप्रथम मुगलों के सम्पर्क में आये।

  1. बाबर
  2. अकबर
  3. हुमायूँ
  4. जहाँगीर

उत्तर- 2

व्याख्या- मानभूम और हजारीबाग वाले क्षेत्र सर्वप्रथम अकबर के समय मुगलों के सम्पर्क में आये।

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209. निम्न में से कौन 1590-91 ई. में मिदनापुर जाते समय मानभूम से गुजरा एवं परा तथा तेलकुप्पी मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया ?

  1. राजा मान सिंह
  2. रणजीत सिंह
  3. मधुकरण शाह
  4. अकबर

उत्तर- 1

व्याख्या- 1590-91 ई. में राजा मान सिंह मिदनापुर जाते हुए मानभूम से गुजरा। उसने परा तथा तेलकुप्पी के मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया। 

210.  अबुल फजल की ‘आईन-ए-अकबरी’ के अनुसार हजारीबाग का छै तथा चम्पा नामक दो स्थान परगनों के रूप में बिहार सूवा (बिहार प्रांत) में शामिल थे। इसकी सालाना मालगुजारी कितने रुपये तय की गई ?

  1. 5,000
  2. 10,000
  3. 1,500
  4. 15.500

उत्तर- 4

व्याख्या- ‘आईन-ए-अकबरी के अनुसार हजारीबाग का छै तथा चम्पा नामक दो स्थानों की सालाना मालगुजारी 15,500 रुपये तय की गई थी। 

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211. पलामू पर राजा मान सिंह का आक्रमण के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है? 

  1. मान सिंह 1589 ई. में बिहार के मुगल सुबेदार बना।
  2. चेरो शासक भगवत राय को पलामू की गद्दी से हटाकर मेदिनी राय को पलामू का शासक बनाया गया।
  3. 1605 ई. में मुगल बादशाह अकबर की मृत्यु से फैली गड़बड़ी का फायदा उठाकर चेरो ने मुगल फौज को मार भगाया। 
  4. इनमें सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 2

व्याख्या- 1589 ई. में राजा मान सिंह बिहार का मुगल सुबेदार बना। राजा मान सिंह 1590 ई. में चेरों राजा भगवत राय को पराजित किया लेकिन उसे पलामू का राजा बने रहने दिया गया और वहां मुगल फौज रख दी गई। लेकिन 1605 ई. में मुगल बादशाह अकबर की मृत्यु से फैली गड़बड़ी का चेरो ने भरपूर फायदा उठाया और मुगल सेना को मार भगाया। अतः विकल्प (b) सत्य नहीं है।

212. निम्न में से किस मुगल शासक के शासनकाल में सिंहभूम सर्वप्रथम मुगल से शामिल हो गया।

  1. बाबर
  2. अकबर
  3. हुमायूँ
  4. जहांगीर

उत्तर- 2

व्याख्या- अकबर के शासनकाल में वर्ष 1592 के ओडिशा अभियान के समय राजा मान सिंह सिंहभूम होकर गुजरा और पोरहाट के तत्कालीन सिंहवंशी राजा रणजीत सिंह को मुगलों की अधीनता स्वीकार करायी।

213. वर्ष 1592 के ओडिशा अभियान के समय मान सिंह सिंहभूम होकर गुजरा। उस समय पोरहाट के किस तत्कालीन सिंहवंशी राजा ने मुगलों की अधीनता स्वीकार कर ली और वह राजा मान सिंह के अंगरक्षक दल में शामिल हो गया।

  1. अर्जुन सिंह
  2. महिपाल सिंह
  3. रणजीत सिंह
  4. दलेल सिंह

उत्तर- 3

व्याख्या- प्रश्न संख्या 139 की व्याख्या देंखे।

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214. 1592 ई. में राजा मान सिंह ने संथाल के किस स्थान को बंगाल की राजधानी बनाया।

  1. देवघर
  2. राजमहल
  3. रोहिणी
  4. इनमें से कोई नहीं ।

उत्तर- 2

व्याख्या- 1592 ई. में राजा मान सिंह ने राजमहल (साहेबगंज जिला) को बंगाल की राजधानी बनायी। मान सिंह ने परकोटा और महलवाले नगर का नाम ‘अकबर नगर’ रखा।

215. मुगल इतिहास- ग्रंथों में झारखण्ड के किस राजवंश के शासकों को “जमींदार-ए- खान- अलामा (अर्थात हीरा खान का मालिक) कहा गया है?

  1. नागवंशी शासक
  2. चेरो शासक
  3. सिंहभूम के सिंहवंश
  4. मानभूम के पंचेत वंश

उत्तर- 1

व्याख्या- मुगल इतिहास ग्रंथों में कोकरह के नागवंशी राजा को ‘जमींदार-ए-खान (अर्थात हीरा खान का मालिक) कहा गया है।

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216. जहाँगीर ने अपनी आत्मकथा….. ..में स्थानीय लोगों द्वारा शंख नदी में हीरे प्राप्त करने के तरीके का वर्णन किया है।

  1. जमींदार-ए- खान- अलामा
  2. तुजुक ए-जहाँगीरी
  3. अकबरनामा
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या- जहाँगीर ने अपनी आत्मकथा ‘तुजुक-ए-जहाँगीरी’ में स्थानीय लोगों द्वारा शंख नदी से हीरा प्राप्त होने के तरीकों का वर्णन किया है।

217. मुगल बादशाह जहाँगीर के समय निम्न में कौन नागवंशी शासक थे?

  1. मधुकरण शाह
  2. दुर्जनशाल
  3. दर्प नारायण
  4. बाघदेव सिंह

उत्तर- 2

व्याख्या- नागवंशी शासक दुर्जनशाल (मधुकरण शाह का उत्तराधिकारी) मुगल बादशाह जहाँगीर के समकालीन था।

218.  सन्1615 ई. में से जहाँगीर ने निम्न में किसे बिहार का सुबेदार नियुक्त किया और उसे कोकरह के हीरा खानों पर अधिकार करने का आदेश दिया?

  1. जफर खाँ
  2. अफजल खाँ
  3. इब्राहिम खाँ
  4. खानजादा

उत्तर- 3

व्याख्या- मुगल बादशाह जहाँगीर ने सन् 1615 ई. में इब्राहिम खाँ को बिहार का सुबेदार नियुक्त किया और उसे कोकरह के हीरा खानों पर अधिकार करने का आदेश दिया।

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219. इब्राहिम खाँ ने दुर्जनशाल को बंदी बनाकर कहाँ के किले में रखा था?

  1. दिल्ली
  2. लखनऊ
  3. पटना
  4. ग्वालियर

उत्तर- 4

व्याख्या- मुगल बादशाह जहाँगीर ने दुर्जनशाल को बंदी बनाकर ग्वालियर के किले में भेज दिया जहाँ वह 12 वर्षों तक कैद रहा।

220. जहाँगीर ने हीरों के पारखी के रूप में प्रसिद्ध दुर्जनशाल को किस पद्वी से सम्मानित किया था?

  1. बादशाह
  2. जर्मीदार-ए- खान-अलामा
  3. इनमें से कोई नहीं
  4. शाह

उत्तर : (d)

व्याख्या – 1527 ई. में मुगल दरबार में एक हीरे की असलियत को लेकर विवाद पैदा हो गया तो बादशाह जहाँगीर ने हीरों के पारखी के रूप में प्रसिद्ध दुर्जनशाल को ग्वालियर के किले से बुला लिया। दुर्जनशाल ने हीरों की पहचान कर ली। खुश होकर बादशाह जहाँगीर ने उसे ‘शाह’ की पदवी दी।

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221. दुर्जनशाल के द्वारा हीरों की पहचान कर लिये जाने पर खुश होकर बादशाह जहाँगीर ने उसे ‘शाह’ की पदवी दी और मुक्त कर दिया। साथ ही जहाँगीर ने उसका खोया हुआ राज्य भी वापस कर दिया बदले में दुर्जनशाल ने कितने रुपये सालाना कर देना स्वीकार किया ?

  1. 600 रुपये
  2. 6,000 रुपये
  3. 60,000 रुपये
  4. 6,00,000 रुपये

उत्तर- 2

व्याख्या – दुर्जनशाल के द्वारा हीरों की पहचान करने पर जहाँगीर ने खुश होकर उसे ‘शाह’ की पदवी दी साथ ही उसे मुक्त कर दिया और उसका खोया हुआ राज्य वापस कर दिया, बदले में दुर्जनशाल ने उसे 6,000 रुपये सालाना कर देना स्वीकार किया।

222. मुगल बादशाह जहाँगीर के समकालीन चेरो शासक कौन था?

  1. सहबल राय
  2. अनन्त राय
  3. a और b दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- मुगल बादशाह जहाँगीर के शासनकाल के समय पलामू का चेरोवंशी शासक ‘अनन्त राय’ (भागवत राय का उत्तराधिकारी) तथा वर्ष 1612 ई. में अनन्त राय के मरणोपरांत सहबल राय पलामू का शासक बना।

223. सन् 1607 ई. में जहाँगीर ने किसे बिहार का सुबेदार नियुक्त किया और उसे पलामू के चेरो शासक अनन्त राय पर आक्रमण करने के लिए भेजा था ?

  1. मनकली खाँ
  2. अफजल खाँ
  3. जफर खाँ
  4. इब्राहिम खाँ

उत्तर- 2

व्याख्या- जहाँगीर के शासनकाल में मुगल-चेरो संबंध सौहाद्रपूर्ण नहीं रह गये थे। इस कारण 1607 ई. में अफजल खाँ को बिहार का सूबेदार नियुक्त किया गया और उसे अनन्त राय पर आक्रमण करने का आदेश दिया गया, मगर यह अभियान अधूरा रह गया।

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224. मुगल बादशाह जहाँगीर ने किस चेरो शासक को मनोरंजनार्थ एक बाघ से निहत्था लड़ने को कहा। इस असमान द्वंद्व युद्ध में वह मारा गया?

  1. सहबल राय
  2. मेदनी राय
  3. चुन राय
  4. सुखर राय

उत्तर- 1

व्याख्या- सहबल राय, अनन्त राय के मरणोपरांत वर्ष 1612 ई. में पलामू का शासक बना। वह अत्यंत शक्तिशाली शासक था। वह बंगाल की ओर जाने-आने वाले मुगल काफिलों को लूट लिया करता था इसी कारण जहाँगीर ने सहबल राय को पकड़ कर दिल्ली लाने का आदेश दिया। दिल्ली में शरीर सौष्ठव के धनी सहबल राय को बादशाह जहाँगीर ने मनोरंजनार्थ एक बाघ से निहत्था लड़ने को कहा। इस असमान द्वंद्व युद्ध में सहबल राय मारा गया।

225.  जहाँगीर के शासन काल में बिहार के मुगल सुवेदार अफजल खाँ ने बंगाल के मुगल सुवेदार इस्लाम खाँ से मिलकर पंचेत के किस जमींदार पर आक्रमण कर दिया और पंचेत के जमींदार ने बिना प्रतिरोध के सेनापति शेख कमाल के समक्ष आत्म-समर्पण कर दिया ?

  1. महिपाल सिंह
  2. पुरूषोत्तम सिंह
  3. वीर हमीर
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- बिहार के मुगल सुबेदार अफजल खाँ ने बंगाल के मुगल सूबेदार इस्लाम खाँ से मिलकर पंचेत के जमींदार वीर हमीर पर आक्रमण कर दिया। वीर हमीर ने बिना प्रतिरोध के सेनापति शेख कमाल के समक्ष आत्म-समर्पण कर दिया।

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226. मुगल बादशाह जहाँगीर की बेगम नूरजहाँ के राजनीतिक मामलों में दखलंदाजी से त्रस्त दक्षिण के सुवेदार शहजादा खुर्रम ने सन् 1622 ई. में विद्रोह कर दिया और वर्धमान होता हुआ झारखण्ड के किस स्थान पर पहुँचा जहाँ उसका सामना मुगल सूवेदार इब्राहिम से हुआ था ?

  1. हजारीबाग
  2. मानभूम
  3. पलामू
  4. राजमहल

उत्तर- 4

व्याख्या- मुगल बादशाह जहाँगीर की बेगम नूरजहाँ के राजनीतिक मामलों में दखलंदाजी से त्रस्त दक्षिण के सूबेदार शाहजहाँ खुर्रम ने 1622 ई. में विद्रोह कर दिया और वर्धमान होता हुआ राजमहल पहुँचा। वहाँ उनका सामना बंगाल के मुगल सूबेदार इब्राहिम से हुआ। इब्राहिम मारा गया और राजमहल पर शाहजहाँ का अधिकार हो गया था।

227. शाहजहाँ के समकालिन नागवंशी शासक कौन था? 

  1. मधुकर शाह 
  2. दुर्जन शाल 
  3. रघुनाथ शाह 
  4. राम शाह

उत्तर- 2

व्याख्या- नागवंशी शासक दुर्जनशाल जो जहाँगीर द्वारा बंदी बनाये जाने के बाद छोड़ दिया गया, शाहजहाँ के भी समकालीन था। 

228. दुर्जनशाल ने 1627 ई. में अपनी राजधानी खुखरा के स्थान पर कहाँ स्थापित किया था?

  1. पालकोट
  2. पालकोट भौरों
  3. दोइसा
  4. चुटिया

उत्तर- 3

व्याख्या – सन् 1627 ई. में दुर्जनशाल मुगल कैद से अपनी राजधानी कोकर लौटा। उसने 1640 ई. तक शासन किया। उसने इस दौरान अपनी राजधानी खुखरा के स्थान पर ‘दोइसा’ को बनाया। राजधानी परिवर्तन का मूल कारण सुरक्षा की दृष्टि से किया गया था। नई राजधानी सामरिक दृष्टि से अधिक सुरक्षित थी।

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229. निम्न में से किसने दोइसा में नवरत्नगढ़ नामक राजप्रसाद का निर्माण करवाया था ?

  1. मधुकर शाह 
  2. प्रताप कर्ण 
  3. रघुनाथ
  4. दुर्जनशाल

उत्तर- 4

व्याख्या- दुर्जनशाल ने अपनी राजधानी दोइसा में अनेक सुन्दर भवनों का निर्माण करवाया जिसमें नवरत्नगढ़ नामक ‘राजप्रसाद’ सर्वाधिक महत्वपूर्ण था ।

230. निम्न में से किस नागवंशी शासक ने मुगल बादशाह की देखा-देखी नवरत्नगढ़ नामक राज प्रसाद के भवन में झरोखा दर्शन की व्यवस्था की थी ?

  1. मधुकरण शाह
  2. प्रताप कर्ण
  3. दुर्जनशाल
  4. रघुनाथ शाह

उत्तर- 3

व्याख्या – दुर्जनशाल ने मुगल बादशाह की देखा देखी इस भवन में ‘झरोखा-दर्शन’ की व्यवस्था की। इसके तहत राजा झरोखे से प्रजा को दर्शन देता था

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231. दोइसा लगभग कितने वर्षों तक नागवंशी राजाओं की राजधानी रहीं 

  1. 100 वर्षों
  2. 200 वर्षों
  3. 150 वर्षों
  4. 250 वर्षों

उत्तर- 1

व्याख्या- दोइसा लगभग एक सौ वर्षों तक नागवंशियों की राजधानी बना रहा।

232. नागवंशी शासक रघुनाथ शाह किस मुगल बादशाह के समकालीन था?

  1. अकबर
  2. शाहजहाँ
  3. जहांगीर
  4. औरंगजेब

उत्तर- (*)

व्याख्या- शाहजहाँ का शासन काल 1628-1658 ई. के बीच रहा, जबकि दुर्जनशाल के मरणोपरांत रघुनाथ शाह नागवंशी शासक बना, जिसका कार्यकाल 1640 से 1690 के बीच रहा। अतः इससे स्पष्ट होता है कि रघुनाथ शाह, शाहजहाँ और औरंगजेब दोनों के समकालीन था।

233. शाहजहाँ के समकालीन पलामू के चेरो शासक निम्न में से कौन था?

  1. मेदिनी राय
  2. सहबल राय
  3. प्रताप राय
  4. अनन्त राय

उत्तर- 3

व्याख्या – पलामू के चेरो शासक प्रताप राय (सहबल राय का उत्तराधिकारी) मुगल बादशाह शाहजहाँ के समकालीन था। 

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234. पुराना पलामू किला का निर्माण किस चेरोवंशी शासक के समय में हुआ था?

  1. मेदिनी राय
  2. प्रताप राय
  3. सहबल राय
  4. अनंत राय

उत्तर- 2

व्याख्या- पलामू के पुराने किले का निर्माण चेरो शासक प्रताप राय के समय में हुआ था।

235. सन् 1632 ई. में बिहार के मुगल सुबेदार अब्दुल्ला खाँ को पलामू का क्षेत्र जागीर के रूप में दिया गया, उसका सालाना कर कितने रुपये तय किया गया ?

  1. 1,00,000
  2. 10,00,000
  3. 1,60,000
  4. 1,36,000

उत्तर- 4

व्याख्या- 1632 ई. में बिहार के मुगल सूबेदार अब्दुल्ला खाँ को पलामू का क्षेत्र जागीर के रूप में दिया गया, जिसका सालाना कर 1,36,000 रुपये तय किया गया।

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236. मुगल बादशाह शाहजहाँ के बिहार के सुवेदार शाइस्ता खाँ कब पलामू पर आक्रमण किया था ?

  1. 12 अक्तूबर, 1641 ई.
  2. 16 अक्तूबर, 1642 ई.
  3. 18 अक्तूबर, 1643 ई.
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- मुगल बादशाह शाहजहाँ ने शाइस्ता खाँ का बिहार का नया सूबेदार नियुक्त किया और पलामू पर अधिकार करने का आदेश दिया। शाइस्ता खाँ दल-बल के साथ 12 अक्तूबर, 1641 ई. को पलामू पर आक्रमण किया।

237. मुगल बादशाह शाहजहाँ के बिहार के सुबेदार शाइस्ता खाँ जब 12 अक्टूबर, 1641 ई. को पलामू पर आक्रमण किया तो पलामू शासक प्रताप राय ने कितने रुपये कर देने तथा पटना में हाजरी लगाने की बात स्वीकारी।

  1. 80,000 रुपये
  2. 8,000 रुपये
  3. 8,00,00 रुपये
  4. 1,00,000 रुपये

उत्तर- 1

व्याख्या- शाइस्ता खाँ के आक्रमण से बचने के लिए प्रताप राय ने 80,000 रुपये सालाना कर एवं पटना में हाजरी लगाने की बात स्वीकार की।

238. जब जबरदस्त खाँ के नेतृत्व में बिहार का मुगल सूबेदार इतिकाद खाँ को चेरो शासक प्रताप राय पर आक्रमण करने भेजा गया तो प्रताप राय ने मुगलों की अधिनता स्वीकार करते हुए कितने रुपये का कर देना स्वीकार किया?

  1. 1 लाख सालाना
  2. 5 लाख सालाना
  3. 1 करोड़ सालाना
  4. 5 करोड़ सालाना

उत्तर- 1

व्याख्या- शाइस्ता खाँ के आक्रमण के एक वर्ष बित जाने के बाद जब प्रताप राय ने कर नहीं चुकाया तब शाहजहाँ ने जबरदस्त खाँ को आक्रमण करने का आदेश दिया। आदेश पाकर जबरदस्त खाँ ने प्रताप राय को मुगलों की अधीनता स्वीकार कराई तथा एक लाख रुपया सालाना कर तय किया।

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239. पलामू अभियान में सफल जबरदस्त खाँ जब मुगल दरबार में पहुँचा तो उसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने कितने हजारी मनसबदार नियुक्त किया ? 

  1. 1 हजारी
  2. 5 हजारी
  3. 6 हजारी
  4. 2 हजारी

उत्तर- 4

व्याख्या- जबरदस्त खाँ की सफलता से खुश होकर शाहजहाँ ने जबरदस्त खाँ को 2 हजारी मनसबदार नियुक्त किया।

240. किस पंचेत राजा ने मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा पराजित होने पर अपनी राजधानी परिवर्तन किया था ?

  1. वीर हमीर
  2. गौमुखी राजा
  3. वीर नारायण सिंह
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या – शाहजहाँ के शासनकाल में मानभूम क्षेत्र (आज का धनबाद) में मुगलों का हस्तक्षेप काफी बढ़ गया। पंचेत राजा वीर नारायण सिंह’ मुगलों के हाथों पराजित हुआ और उसे अपनी राजधानी परिवर्तन करनी पड़ी।

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241.  शाहजहाँ के समय 1639 ई. बंगाल सूबा की राजधानी झारखण्ड के किस क्षेत्र में थी, बाद में बंगाल सूवा की राजधानी उस स्थान से हटाकर झारखण्ड क्षेत्र में सिर्फ एक शाही टकसाल रह गया।

  1. मानभूम
  2. पलामू
  3. खुखरा
  4. राजमहल

उत्तर- 4

व्याख्या- शाहजहाँ के शासन काल में 1639 ई. में बंगाल सूबा की राजधानी राजमहल (झारखण्ड के साहेबगंज जिला में स्थित) में थी । बाद में बंगाल सूबा की राजधानी राजमहल के स्थान पर ढाका हो गया। राजमहल में सिर्फ एक शाही टकसाल रह गया।

242. मुगल बादशाह औरंगजेब ने किन शासकों से निकट सम्पर्क स्थापित किया ?

  1. नागवंश
  2. चेरो वंश
  3. a और b दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- मुगल बादशाह औरंगजेब ने नाग वंश एवं चेरो वंश के शासको से निकट सम्पर्क स्थापित किया। नाग वंश एवं चेरो वंश को छोड़कर झारखण्ड के अन्य क्षेत्रीय राजवंशों पर मुगल बादशाह औरंगजेब का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा।

243.  मुगल बादशाह औरंगजेब के समकालीन नागवंशी शासक निम्न में से कौन थे ?

  1. रघुनाथ शाह
  2. रामशाह
  3. a और b दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- रघुनाथ शाह तथा राम शाह दोनों औरगजेब के समकालीन थे। रघुनाथ शाह ने राँची के बोड़या में मदन मोहन मंदिर का निर्माण कराया।

244.  पलामू के राजा मेदनी राय ने पलामू के पुराने किले के निकट एक पहाड़ पर किला बनवाया जिसे नया किला कहा जाता है वहाँ विशाल फाटक लगाया गया। यह फाटक आज नागपुरी दरवाजे के नाम से जाना जाता है। मेदनी रा यह फाटक कहाँ से प्राप्त किया था? 

  1. नागवंशी शासक के पास से
  2. सिंहभूम के सिंह वंश के शासकों के पास से
  3. रामगढ़ राजाओं के पास से
  4. मानभूम राजाओं के पास से

उत्तर- 1

व्याख्या – मेदनी राय ने नागवंशी राजा पर आक्रमण किया उसकी राजधानी दोइसा को लूटा-खसोटा। लूट के सामान में पत्थर का विशाल फाटक भी शामिल था, जिसे मेदिनीराय ने पलामू के पुराने किले के निकट की एक पहाड़ी पर नवनिर्मित किला में लगवाया। यह फाटक आज भी नागपुरी दरवाजा के नाम से प्रसिद्ध है।

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245. बोड़या (राँची) स्थित मदन मोहन मंदिर का निर्माण किस नागवंशी राजा ने करवाया था ?

  1. राम शाह
  2. रघुनाथ शाह
  3. दुर्जनशाल
  4. मधुकरण शाह

उत्तर- 2

व्याख्या- रघुनाथ शाह पर मेदिनी राय के आक्रमण का कोई खास असर  नहीं पड़ा और नागवंशी शासक इस चोट से जल्दी ही उभर गए। रघुनाथ शाह अपने राज्य में अनेक सुन्दर इमारतें बनवाया, बोड़या (रांची) स्थित मदन मोहन मंदिर भी रघुनाथ शाह के शासन काल में बनाया गया था।

246. चुटिया स्थित राम-सीता मंदिर का निर्माण किस नागवंशी शासक के शासनकाल में हुआ था ?

  1. राम शाह
  2. दुर्जनशाल
  3. रघुनाथ शाह
  4. मधुकरण शाह

उत्तर- 3

व्याख्या – रघुनाथ शाह के शासनकाल में हरि ब्रह्मचारी ने राम-सीता मंदिर (चुटिया) का निर्माण करवाया था। रघुनाथ शाह अत्यत धार्मिक प्रकृति और दानी स्वभाव का था।

247. नागवंश का कौन-सा ऐसा शासक हुआ जिसका मुगल बादशाह औरंगजेब के साथ संबंध सौहाद्रपूर्ण थे-

  1. मधुकरण शाह
  2. दुर्जनशाल
  3. रघुनाथ शाह
  4. राम शाह

उत्तर- 4

व्याख्या-  राजा राम शाह नागवंश का ऐसा राजा हुआ, जिसका संबंध मुगल बादशाह के साथ सौहाद्रपूर्ण थे।

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248. पलामू के चेरोवंशी शासकों में सर्वाधिक शक्तिशाली शासक कौन था, जिसने गद्दी पर बैठते ही मुगलों की अधीनता अस्वीकार कर दिया ?

  1. मेदनी राय
  2. सहबल राय 
  3. चुन राय 
  4. सुरवर राय

उत्तर- 1

व्याख्या – मेदनी राय चेरो वंश का ऐसा शासक हुआ, जिसने पलामू के गद्दी पर बैठते ही मुगलों की अधीनता अस्वीकार कर दिया और अपने आप को स्वतंत्र घोषित किया।

249. इनमें से कौन-सा कथन गलत है?

  1. बिहार के मुगल सूबेदार दाऊद खाँ चेरो शासक मेदिनी राय के विरूद्ध1660 में अभियान किया था।
  2. पलामू के नये किले के निकट ओरगा नदी के तट पर चेरों और मुगलों का आमना-सामना हुआ था।
  3. इस लड़ाई में चेरो ने अपनी वीरता का परिचय दिया और अपना विजय सुनिश्चित किया।
  4. इनमें से सभी कथन सत्य है

उत्तर – 3

व्याख्या – जब मेदिनी राय मुगल अधिनता अस्वीकार कर दिया और अपने आप को स्वतंत्र घोषित किया, तब मुगल बादशाह के बिहार के सूबेदार दाऊद खाँ 1660 में पलामू पर आक्रमण किया। मेदनी राय और दाऊद खाँ का सामना पलामू के नये किले के निकट ओरगा नदी के तट पर हुआ। दोनों के बीच लड़ाई हुई. जिसमें चेरो वीरता पूर्वक लड़े, लेकिन मुगलों के सामने टिक नहीं सके।

250. मुगल बादशाह औरंगजेब के बिहार के सूबेदार दाऊद खाँ के झारखण्ड पर आक्रमण के दौरान कुंडा के किस शासक ने इस्लाम धर्म को स्वीकार कर लिया इसे चेरो बर्दाश्त नहीं कर पाये और मेदनी राय के इशारे पर सुखर राय ने उसकी हत्या कर दी ?

  1. चुन राय
  2. राम शाह
  3. शोभा सिंह
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या – कुंडा के शासक राय ने दाऊद खाँ के भय से इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। किन्तु धर्म परिवर्तन चेरो बर्दाश्त नहीं कर पाये और मेदिनी राय के इशारे पर ‘सुरवर राय’ (चुन राय का भाई) ने चुन राय की हत्या कर दी।

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251. पलामू विजय के बाद दाऊद खाँ ने किसे पलामू का फौजदार नियुक्त किया ?

  1. इतिकात खाँ
  2. शाइस्ता खाँ 
  3. अब्दुल्ला खाँ
  4. मनकली खाँ

उत्तर- 4

व्याख्या – पलामू विजय के बाद दाऊद खाँ वहाँ कुछ दिन रहकर आवश्यक प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित किया और उसने मनकली खाँ को पलामू का फौजदार नियुक्त किया।

252. दाऊद खाँ पलामू से पटना लौटते समय पलामू किला का सिंह द्वार अपने साथ ले गया जिसे कहाँ लगवाया था ?

  1. पटना
  2. औरंगाबाद
  3. दिल्ली
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – दाऊद खाँ पलामू विजय के बाद अपने साथ पलामू किला का सिंह द्वारा ले गया और उसने दाऊनगर (औरंगाबाद जिला) में लगवाया।

253. निम्न कथनों में कौन-सा कथन असत्य है?

  1. मेदनी राय पलामू में दाऊद अभियान के दौरान सरगुजा में शरण लिया था।
  2. सन् 1666 में मनकली खाँ के तबादला होने पर मेदिनी राय ने शीघ्र ही पलामू को आर्थिक दुर्वस्था से उबारकर समृद्धि के शिखर पर ला बिठाया।
  3. पलामू वासी मेदिनी राय के शासनकाल को स्वर्ण युग की सज्ञा देते है।
  4. इनमें सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या- जय मेदिनी राय, दाऊद खाँ से हार गया तो वह किला छोड़कर भाग निकला और सुरगुजा में जा के शरण लिया। लेकिन वर्ष 1666 में मनकली खाँ का तबादला हो जाने पर मेदिनी राय पलामू लौट आया। और अपने खोये हुए राज्य पर अधिकार कर लिया। उसने जल्द ही पलामू को अत्यंत समृद्ध बना दिया। इसी कारण आज भी पलामूवासी मेदिनी राय के शासनकाल को चेरो शासन के स्वर्ण युग के रूप में स्मरण करते हैं।

254. किस शासक के अधीन पलामू की सुधरी हुई दशा को देखकर औरंगजेब ने पलामू को उसके अधीन ही बने रहने दिया जबकि औरंगजेब ने उसे जीत लिया था?

  1. रूद्र राय
  2. दिकपाल राय
  3. साहेब राय
  4. मेदिनी राय

उत्तर- 4

व्याख्या – पलामू मेदिनी राय के शासन काल में अति समृद्ध हो गया। ऐसी सुधरी हुई दशा को देखकर औरंगजेब ने पलामू को उसके अधीन ही बने रहने दिया।

255. निम्न में से कौन-सा पोरहाट नरेश मुगल बादशाह औरंगजेब के समकालीन था ?

  1. महिपाल सिंह
  2. राजा मानसिंह
  3. रणजित सिंह
  4. अर्जुन सिंह-1

उत्तर- 1

व्याख्या – पोरहाट नरेश महिपाल सिंह औरंगजेब के समकालीन था. लेकिन कहीं से भी सिंहभूम पर औरंगजेब की संप्रभुता का कोई प्रमाण नहीं मिलता है।

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256. निम्न में से किस के द्वारा कुण्डा राज्य की स्थापना की गयी था।

  1. राम सिंह
  2. महिपाल सिंह
  3. दलेल सिंह
  4. यदुनाथ शाह

उत्तर- 1

व्याख्या – हजारीबाग क्षेत्र में औरंगजेब के शासन काल में पाँच प्रमुख राज्य थे- कुडा, रमगढ़, कैदी, छै, एवं खड्गडीहा जिसमें रामगढ़ राज्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण था। ‘कुंडा’ राज्य की स्थापना औरंगजेब के एक पदाधिकारी और बुंदेला राजपूत ‘राम सिंह’ ने की।

257. औरंगजेब के शासन काल में 1667 ई. में दलेल सिंह रामगढ़ राज्य का शासक बना। उसने 1670 ई. में बादम के स्थान पर निम्न में से किसको अपनी राजधानी बनायी।

  1. पद्मा
  2. ईचाक
  3. रामगढ़
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या – औरंगजेब के शासनकाल में 1667 ई. में दलेल सिंह रागमढ़ राज्य का शासक बना। उसने 1670 ई. में बादम के स्थान पर रामगढ़ को अपनी राजधानी बनाया।

258. हजारीबाग क्षेत्र में औरंगजेब के शासन काल में कितने प्रमुख राज्य क्षेत्र थे?

  1. 7
  2. 6
  3. 4
  4. 5

उत्तर- 4

व्याख्या – हजारीबाग क्षेत्र में औरंगजेब के शासनकाल में पाँच प्रमुख राज्य थे। कुंडा, रामगढ़ केंदी. छै एवं खड्गडीहा जिसमें रामगढ़ राज्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण था।

259. औरंगजेब के शासन काल में हजारीबाग क्षेत्र में पाँच राज्य जिसमें कुंडा, रामगढ़, कैदी, छै एवं खड़गडीहा राज्य था। इनमें से किसमें आज का प्रसिद्ध इटखोरी मंदिर आता था?

  1. रामगढ़
  2. खड़गडीहा
  3. कुण्डा
  4. छै

उत्तर- 4

व्याख्या –  ‘छै’ राज्य के पाँच भाग थे रामपुर, जोगाडीह, परबरिया, इटखोरी व पित्ती।

260. बंगाल की राजधानी राजमहल से ढाका ले जाने के कारण बंगाल के शोभा सिंह और ओडिशा के रहीम खाँ ने राजमहल पर अधिकार कर लिया। यह देखते हुए औरंगजेब ने 1697 ई. में किसके नेतृत्व में अभियान के लिए भेजा था?

  1. इतिकाद खाँ
  2. दाऊद खाँ
  3. जबरदस्त खाँ
  4. खाइस्ता खाँ

उत्तर- 3

व्याख्या – बंगाल की राजधानी राजमहल से ढाका ले जाने के कारण बंगाल के शोभा सिंह और ओडिशा के रहीम खाँ ने राजमहल पर अधिकार कर लिया। यह देखते हुए मुगल बादशाह ने 1667 में जबरदस्त खों को राजमहल अभियान के लिए भेजा। जबरदस्त खाँ राजमहल को छुड़ाने में कामयाब हुआ।

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261. छोटानागपुर खास का नागवंशी शासक रामशाह किस परवर्ती मुगल बादशाह के था ?

  1. बहादुरशाह-1
  2. जहादर शाह
  3. फर्रुखसियर
  4. मुहम्मदशाह

उत्तर- 1

व्याख्या – छोटानागपुर खास का नागवंशी शासक राम शाह (1690-1715) उत्तर- मुगलकालीन बादशाहों में बहादुरशाह प्रथम (1707-12) ई. का समकालीन था।

262. छोटानागपुर खास का नागवंशी शासक यदुनाथ शाह किस परवर्ती मुगल बादशाह का समकालीन था ?

  1. बहादुरशाह -1 
  2. जहांदर शाह 
  3. फर्रुखसियर 
  4. मुहम्मदशाह

उत्तर- 3-4

व्याख्या- नागवंशी शासक रामशाह के मरणोपरांत यदुनाथ शाह मासक बना यदुनाथ शाह 1715 से 1724 ई. के बीच शासन किया, उसके समकालीन उत्तर मुगल बादशाह फर्रुखसियर (1713-19 ई.) तथा मुहम्मद शाह (1719-24) दोनों थे।

263. छोटानागपुर खास का नागवंशी शासक यदुनाथ शाह के शासन काल में किस पलामू चेरों शासक 1719 ई. में टोरी परगना पर कब्जा कर उससे कर वसूलता था जो उस शासक के मृत्यु तक बना रहा ? 

  1. रूद्र राय 
  2. दिकपाल राय 
  3. साहेब राय 
  4. रणजीत राय

उत्तर- 4

व्याख्या- पलामू के चेरो शासक रणजीत राय ने 1719 ई. में टोरी परगना पर कब्जा कर लिया। टोरी परगना पर उसका अधिकार उसकी मृत्यु तक अर्थात 1722 ई. तक बना रहा।

264. मुगल बादशाह के बिहार के सूबेदार सरबुलंद खाँ ने 1717 ई. में यदुनाथ शाह पर आक्रमण किया। यदुनाथ शाह ने कितने रुपये नजराना देकर अपनी जान छुड़ाई।

  1. 1 लाख रुपये
  2. 1 करोड़ रुपये
  3. 50 लाख रुपये
  4. इनमें से कोई नही

उत्तर- 1

व्याख्या – बिहार के मुगल सूबेदार सरबुलद खाँ ने 1717 ई में यदुनाथ शाह पर आक्रमण किया। यदुनाथ शाह ने लाख रुपये नजराना देकर अपनी जान छुड़ाई।

265. किस आक्रमणकारी के आक्रमण ने यह स्पष्ट कर दिया था कि छोटानागपुर के नागवंशी राजा की राजधानी दोइसा सुरक्षित न था इसलिए यदुनाथ शाह दोइसा के स्थान पर पालकोट को नई राजधानी बनाया?

  1. शाइस्तता खाँ
  2. जबरदस्त खाँ
  3. सरबुलद खाँ
  4. इतिकाद खाँ

उत्तर- 3

व्याख्या – बिहार के मुगल सुबेदार सरबुलंद खाँ के 1717 ई. के आक्रमण ने यह स्पष्ट कर दिया था की राजधानी दोइसा सुरक्षित न था. इसलिए यदुनाथ शाह ने दोहसा के स्थान पर पालकोट को अपनी नई राजधानी बनाई।

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266. यदुनाथ शाह के मरणोपरांत शिवनाथ शाह छोटानागपुर खास का नागवंशी शासक बना। उसके समय में 1730 ई. में बिहार के किस मुगल सुबेदार ने शिवनाथ शाह से 12,000 रुपये नजराना वसुला।

  1. सरबुलंद खाँ 
  2. इतिकाद खाँ 
  3. दाऊद खाँ
  4. फखरूद्दौला खाँ

उत्तर – 4

व्याख्या – यदुनाथ शह के मरणोपरात शिवनाथ शाह (1724-33 ई) छोटानागपुर खास का नागवशी शासक बना। उसके समय में 1730 ई. में बिहार के मुगल सूबेदार फखरूद्दौला ने शिवनाथ शाह से 12,000 रुपये नजराना वसूला।

267. छोटानागपुर खास का नागवंशी शासक उदयनाथ शाह के समय 1733 में निम्न में किसे बिहार का सुबेदार नियुक्त किया गया था ?

  1. सुबेदार फर्रुखदुला
  2. सुबेदार अलीवर्दी
  3. सुबेदार जबरदस्त खाँ
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – शिवनाथ शाह के मरणोपरांत उदयनाथ शाह (1733-40) छोटानागपुर खास का नागवशी शासक बना। उसके समय में 1733 ई. में बिहार का सुबेदार अलीवर्दी खाँ को बनाया गया।

268. निम्न में से किस नागवंशी शासक के शासनकाल में मराठों ने नागवंश पर सर्वप्रथम आक्रमण किया था ?

  1. शिवनाथ शाह
  2. उदयनाथ शाह
  3. श्याम सुन्दरनाथ शाह
  4. यदुनाथ शाह

उत्तर- 3

व्याख्या – उदयनाथ शाह के मरणोपरांत श्याम सुन्दरनाथ शाह (1740-45 1) छोटानागपुर खास का नागवशी राजा बना। उनके समय सन 1742 ई में मराठों ने सर्वप्रथम आक्रमण किया। आक्रमण का यह सिलसिला सदी के प्रथम दशक तक चलता रहा।

269. श्याम सुन्दरनाथ शाह के शासन काल से ही झारखण्ड पर मुगलों का प्रभाव लगभग समाप्त हो गया था। इसका मुख्य कारण निम्न में से क्या था?

  1. इस समय तक अंग्रेजों का प्रभाव अधिक बढ़ गया था।
  2. उत्तर मुगलकालीन शासक अब अधिक शक्तिशाली नहीं रह गये थे। 
  3. मराठा आक्रमणों के फलस्वरूप झारखण्ड में मुगल प्रभाव का अंत हो गया।
  4. इनमें से सभी कारण सही है।

उत्तर- 3

व्याख्या – ये सभी कारण भी है लेकिन सबसे अधिक प्रभावी कारण मराठा आक्रमणों के फलस्वरूप झारखण्ड में मुगल प्रभाव का अंत हो गया। 

270. पलामू के चेरो शासक साहेब राय निम्न में से किस उत्तर मुगलकालीन शासक का समकालीन था-

  1. बहादुर शाह 1
  2. जहाँदार शाह
  3. फरूखसियर
  4. इनमें सभी

उत्तर- 4

व्याख्या – पलामू के चेरो शासक साहेब राय (1697-1716 ई) उत्तर मुगलकालीन बादशाह बहादुरशाह प्रथम (1707-12). जहाँदार शाह (1712-13 ई) व फर्रुखसियर (1713-19 ई) के समकालीन थे।

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271. पलामू के किस चेरोवंशी शासक के शासनकाल में उस समय के बिहार के मुगल सूबेदार सरबुलंद खाँ द्वारा पलामू पर आक्रमण किया गया था ?

  1. साहेब राय
  2. जयकृष्ण राय
  3. रणजीत राय
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या – बिहार के मुगल सूबेदार सरबुलंद खाँ ने, पलामू के चेरों वशी शासक रणजीत राय के विरूद्ध आक्रमण किया था।

272. पलामू के चेरों शासक रणजीत राय के निम्न में वे कौन एक संबंधी थे जिन्होने रणजीत राय को हराकर मार डाला और पलामू राज्य लिया?

  1. जयकृष्ण राय
  2. काशीराम राय
  3. मणिनाथ राय
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या – पलामू के पेरो शासक रणजीत राय के एक संबधी जयकृष्ण (1722-40 है) ने रणजीत राय को हराकर मार डाला और पलामू का राज्य हथिया लिया।

273. 1733 ई. में बने बिहार के मुगल सूबेदार अलीवर्दी खाँ ने अपने झारखण्ड अभियान के दौरान पलामू के चेरॉवशी शासक जयकृष्ण राय के लिए कितने रुपये का सालाना कर निर्धारित किया ?

  1. 10,000 रुपये
  2. 20,000 रुपये
  3. 50,000 रुपये
  4. 5,000 रुपये

उत्तर- 4

व्याख्या- 1733 ई. में बने बिहार के नायब सूबेदार अलीवर्दी खाँ ने अपने झारखण्ड अभियान के दौरान पलामू के चेरोवंशी शासक जयकृष्ण राय के लिए 5,000 रुपये सालाना कर निर्धारित किया।

274. 1740 ई. में बिहार के किस मुगल सूबेदार का आक्रमण बिहार के मुगल अधिकारियों द्वारा पलामू के चेरो के मामलों में अंतिम हस्तक्षेप था ?

  1. अलीवर्दी खाँ
  2. हिदायत अली खाँ
  3. जैनुद्दीन अहमद खाँ
  4. इनमें सभी

उत्तर- 2

व्याख्या – 1740 ई. में बिहार के मुगल सूबोर जैनुद्दीन अहमद खाँ के सैन्य अधिकारी हिदायत अली खाँ ने पलामू का सालाना कर 50,000 रुपये निर्धारित किया। सम्भवतः हिदायत अली खाँ का आक्रमण बिहार के मुगल अधिकारियों द्वारा पलामू के चेरो के मामलों में अंतिम हस्तक्षेप था।

275. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-

  1. 1742-43 में पलामू पर मुगलों के प्रभाव के स्थान पर मराठा प्रभाव हावी हो गया।
  2. 1765 ई. तक चेरोवंशी शासक जयकृष्ण राय का दरबार षड्यंत्रों का अखाड़ा बन गया था।
  3. 1765 के बाद पलामू पर अंग्रेजी हुकुमत कायम हो गया
  4. इनमें से सभी कथन सत्य है।
  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 2 और 3 दोनों
  4. इनमें सभी

उत्तर- 4

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276. सिंहभूम के सिंहवंशी शासक काशीराम सिंह (महिपाल सिंह का उत्तराधिकारी) किस परवर्ती मुगल बादशाह के समकालीन था ?

  1. बहादुरशाह प्रथम
  2. जहाँदार शाह
  3. फर्रुखसियर
  4. मुहम्मद शाह

उत्तर- 1

व्याख्या- सिंहभूम का सिंहवंशी शासक काशीराम सिंह परवर्ती मुगल बादशाहों में बहादुरशाह प्रथम (1707-12 ई.) का समकालीन था

277. सिंहभूम का सिहवंशी शासक अर्जुन सिंह ने अपने चाचा को एक जागीर दी जिसे ‘सिंहभूम पीर’ कहा जाता था इसमें कितने गाँव शामिल था ?

  1. 10 गाँव
  2. 12 गाँव
  3. 15 गाँव
  4. 18 गाँव

उत्तर- 2

व्याख्या- अर्जुन सिंह-II का लालन-पालन उसके चाचा विक्रम सिंह ने किया था इसलिए उसने अपने चाचा को एक जागीर दी जिसे ‘सिंहभूम पीर’ सरायकेला कहा जाता था तथा जिसमें 12 गांव शामिल थे ।

278. सरायकेला राज्य की स्थापना निम्न में से किसने किया था?

  1. अर्जुन सिंह – II
  2. विक्रम सिंह
  3. जगन्नाथ सिंह
  4. छत्रपति सिंह

उत्तर- 2

व्याख्या- विक्रम सिंह अपने भतीजा (अर्जुन सिंह II) के द्वारा दी गई जागीर जिसमें 12 गाँव थे का विस्तार कर उसे एक राज्य का रूप दिया, जिसकी राजधानी सरायकेला को बनाया। बाद में यह राज्य ‘सरायकेला राज्य’ के नाम से जाना गया।

279. सिंहभूम के किस सिंहवंशी राजा के समय में कोल व हो जनजातियों ने राज्य में उपद्रव मचा रखा था। हो आदिवासियों का उपद्रव इतना बढ़ गया था कि पोरहाट नरेश को छोटानागपुर खास के नागवंशी शासक दर्पनाथ शाह की सहायता लेनी पड़ी।

  1. अमर सिंह
  2. अर्जुन सिंह – ॥
  3. जगन्नाथ- IV
  4. विक्रम सिंह

उत्तर- 3

व्याख्या- सिंहभूम के सिंहवंशी राजा जगन्नाथ शाह-IV के समय कोल व हो जनजातियों ने राज्य में उपद्रव मचा रखा था।

280. सिंहभूम के किस सिंहवंशी शासक के शासनकाल में अंग्रेज सर्वप्रथम 1767 ई. में सिंहभूम में प्रविष्ट हुए ?

  1. अमर सिंह
  2. अर्जुन सिंह- ॥
  3. विक्रम सिंह
  4. जगन्नाथ सिंह – IV

उत्तर- 4

व्याख्या – पोरहाट नरेश जगन्नाथ सिंह के शासन काल में अंग्रेज सर्वप्रथम 1767 ई. में सिंहभूम में प्रविष्ट हुए।

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281. निम्न कथनों पर विचर कीजिए- 

  1. सन् 1740 ई. में हिदायत अली खाँ ने रामगढ़ का सालाना कर 12,000 रुपये निर्धारित किया।
  2. 1747 ई. में भास्कर राव पंडित के नेतृत्व में रामगढ़ पर मराठा आक्रमण हुआ था।
  3. 1763 ई. में बंगाल के नवाब मीर कासिम मरफत खाँ और असदुल्लाह खाँ के नेतृत्व में रामगढ़ नरेश विष्णु सिंह के विरुद्ध एक सेना भेजी थी।
  4. दलेल सिंह के मरणोपरांत विष्णु सिंह (1724-63) रामगढ़ नरेश बना था।
  1. A, B, C दोनों
  2. A, B, C तीनों
  3. B, C, D तीनों
  4. केवल B और C

उत्तर- 2

व्याख्या – बंगाल के नवाब अलीवर्दी खाँ ने 1740 ई. में हिदायत अली खाँ को सालाना कर वसूलने के लिए रामगढ़ भेजा। हिदायत अली खाँ ने रामगढ़ का सालाना कर 12,000 रुपये निर्धारित किया। 1763 ई. में बंगाल के नवाब मीर कासिम, मरफत खाँ और असदुल्ला खाँ के नेतृत्व में रामगढ़ नरेश विष्णु के विरूद्ध एक सेना भेजी थी।

282. रामगढ़ राज्य के किस शासक ने रामगढ़ राज्य की गद्दी पर बैठते ही ‘छै’ राज्य को रामगढ़ राज्य में मिला लिया था?

  1. मुकुंद सिंह
  2. विष्णु सिंह
  3. दलेल सिंह
  4. राम सिंह

उत्तर- 1

व्याख्या- विष्णु सिंह के मरणोपरांत उसका भाई मुकुंद सिंह रामगढ़ की गद्दी पर बैठा। मुकुंद सिंह ने ‘छै’ राज्य को रामगढ़ राज्य में मिला लिया।

283. निम्न में से किस वर्ष फर्रुखसियर अपने पिता के प्रतिनिधि के रूप में राजमहल आया था ?

  1. 1707 ई.
  2. 1710 ई.
  3. 1713 ई.
  4. 1715 ई.

उत्तर- 2

व्याख्या- 1710 ई. में फर्रुखसियर अपने पिता के प्रतिनिधि के रूप में राजमहल आया।

284. वर्ष 1711 ई. में बंगाल का कौन नवाब ने राजमहल आया और राजमहल की किलाबंदी की और घाटों की सुरक्षा का इंतजाम किया?

  1. इज्जुद्दौला
  2. अलीवर्दी खाँ
  3. अताउल्ला खाँ
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या- 1757 ई. में सिराजुदौला राजमहल में पकड़ा गया। उसके हत्यारे मीरन को राजमहल में ही दफनाया गया। 1740 ई. की गिरिया की लड़ाई के लिए अलीवर्दी खाँ तेलियागढ़ी होकर आगे बढ़ा।

285. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-

  1. वर्ष 1733 ई. में अताउल्ला खाँ को राजमहल का फौजदार नियुक्त किया गया।
  2. 1757 ई. में सिराजुदौला राजमहल में पकड़ा गया।
  3. 1740 ई. की गिरिया की लड़ाई के लिए अलीवर्दी खाँ तेलियागढ़ी होकर आगे बढ़ा था।
  4. उत्तर मुगल काल में मुगल बादशाहों और उनके सूबेदारों की झारखण्ड पर पकड़ कमजोर पड़ गई थी। 

निम्न कथनों में से गलत कथन की पहचान कीजिए।

  1. सभी कथन गलत है
  2. 2 और 3 कथन गलत है
  3. 3 और 4 कथन गलत है।
  4. कोई कथन गलत नहीं है

उत्तर- 4

व्याख्या- उपरोक्त कोई भी कथन गलत नहीं है।

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286. निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य है ?

  1. अंग्रजों का झारखण्ड में प्रवेश सिंहभूम क्षेत्र से 1767 ई. में हुआ। 
  2. झारखण्ड में कंपनी सरकार की सत्ता निश्चित रूप से पूर्ण होने में लगभग सात दशक का समय लगा।
  3. आर्थिक व सामरिक कारणों से प्रेरित अंग्रेजों का झारखण्ड में प्रवेश राजनीतिक अवसरवादिता का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
  4. इनमें सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या- अंग्रेजों का झारखण्ड में 1767 ई. में सिंहभूम क्षेत्र से प्रवेश आरंभ हुआ। इस प्रक्रिया को पूर्णता तब प्राप्त हुई, जब 1837 ई. में सिंहभूम के कोल्हान क्षेत्र पर कम्पनी की सत्ता निश्चित रूप से स्थापित हो गई। आर्थिक व सामरिक कारणों से प्रेरित अंग्रेजों का झारखण्ड में प्रवेश राजनीतिक अवसरवादिता का उदाहरण प्रस्तुत करती है।

287. अंग्रेजों के झारखण्ड प्रवेश के क्या कारण थे?

  1. नये व सुरक्षित व्यापरिक मार्ग की जरूरत।
  2. झारखण्ड का शरण स्थली के रूप में इस्तेमाल पर रोक।
  3. मराठों के आक्रमणों से कम्पनी के सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा ।
  4. इनमें से सभी ।

उत्तर- 4  

व्याख्या- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को अपने व्यापार के विस्तार के लिए नये व सुरक्षित व्यापारिक मार्ग की जरूरत थी। यह जरूरत झारखण्ड के क्षेत्रीय राज्यों से संबंध या उन पर अधिकार के माध्यम से पूरी हो सकती थी। झारखण्ड दक्षिण बिहार के विद्रोही जमींदारों की शरण- स्थली बन गया था। जब कभी बकाया कर की वसूली के लिए उन पर दबाव डाला जाता था तो वे भागकर झारखण्ड में शरण लेते थे।

288. वर्ष 1766 ई. में किस बंगाल इंजीनियर को झारखण्ड से होकर आने-जाने के रास्ते का पता लगाने के लिए दक्षिण बिहार भेजा गया।

  1. मेजर एडम्स
  2. फरग्युसन
  3. डू ग्लोंस
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- वर्ष 1766 ई. में बंगाल के इंजीनियर के ‘डू ग्लॉस’ को झारखण्ड से होकर आने-जाने के रास्ता का पता लगाने के लिए दक्षिण बिहार भेजा गया।

289. बंगाल के तत्कालीन किस राजस्व अधिकारी ने बंगाल के गवर्नर हेनरी बेरेलस्ट (1767-69) को जुलाई 1768 ई. में एक पत्र लिखा : दक्षिण बिहार के जमींदार अत्यंत उपद्रवी हैं। जब कभी उनके विरूद्ध फौज भेजी जाती है, वे झारखण्ड के पहाड़ियों में आश्रय ले लेते हैं। इस स्थिति में परिवर्तन लाने का एक ही तरीका है कि पलामू किला पर कब्जा कर लिया जाए, क्योंकि छोटानागपुर खास के पहाड़ी मार्गों का प्रहरी यही किला है। 

  1. मेजर एडम्स
  2. डू ग्लॉस
  3. फरग्युसन
  4. टामस रमबोल्ड

उत्तर- 4

व्याख्या इसका सही उत्तर टामस रमबोल्ड है।

290. झारखण्ड में अंग्रेजों का प्रवेश सिंहभूम की ओर से हुआ। उस समय पोरहाट पर किसका शासन था।

  1. ढाल राजाओं का
  2. ‘हो’ लोगों का
  3. सिंह राजाओं का
  4. नागवंशी शासकों का

उत्तर- 3

व्याख्या- झारखण्ड में अंग्रेजों का प्रवेश सिंहभूम की ओर से हुआ। उस समय सिंहभूम प्रमुख राज्य था। ढालभूम पर ढाल राजाओं का, सिंह राजाओं का पोरहाट तथा ‘हो’ लोगों का कोल्हान पर शासन था।

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291. अंग्रेज अधिकारी ने जनवरी 1767 ई. में किसको सिंहभूम पर आक्रमण करने का जिम्मा सौंपा ?

  1. टामस रमबोल्ड
  2. मेजर एडम्स
  3. डू ग्लोंस
  4. फरग्यूसन

उत्तर- 4

व्याख्या- जनवरी 1767 ई. में फरग्युसन को सिंहभूम पर आक्रमण करने का जिम्मा सौंपा गया।

292. फरग्यूसन ने ढालभूम के राजा को किस स्थान पर पराजित किया?

  1. जामबनी में
  2. जमशेदपुर में
  3. सरायकेला
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- जनवरी 1767 ई. में फरग्युसन को सिंहभूम पर आक्रमण करने का जिम्मा सौंपा गया। फरग्युसन ने ढालभूम राजा को जामबनी (पूर्वी सिंहभूम) में पराजित किया।

293. निम्न में से कहाँ के राजा ने 1767 ई. में जब देखा की अंग्रेजों को रोकना संभव नहीं है तो उसने अपनी समस्त संपत्ति सहित अपने भवन को आग लगा दिया।

  1. पोरहाट
  2. घाटशिला
  3. कोल्हान
  4. मानभूम

उत्तर- 2

व्याख्या – 1767 ई. में जब फरग्युसन ढालभूम के राजा को पराजित किया और घाटशिला की ओर बढ़ा तो घाटशिला के शासक ने जब देखा कि अंग्रेजों को रोकना संभव नहीं है, तो उसने अपनी समस्त संपत्ति सहित अपने महल को आग लगा दिया।

294. 22 मार्च 1767 ई. को फरग्युसन ने घाटशिला के जलते महल पर अपना कब्जा जमाया। उसके बाद राजा के भतीजे जगन्नाथ ढाल को राजा बनाया गया। तब जगन्नाथ ढाल कितने रुपये कर देना स्वीकार किया?

  1. 5,000 रुपये
  2. 55,00 रुपये
  3. 10,000 रुपये
  4. 50,000 रुपये

उत्तर- 2

व्याख्या- घाटशिला के जलते महल पर 22 मार्च 1767 ई. को फरग्युसन का कब्जा हुआ। उसके भतीजे जगन्नाथ ढाल को राजा बनाया गया उसने 5,500 रुपये सालाना कर देना मंजूर किया।

295. किस वर्ष कंपनी को अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए पोरहाट राज्य में हस्तक्षेप करना पड़ा ?

  1. 1767
  2. 1769
  3. 1773
  4. 1781

उत्तर – 3

व्याख्या- नमक के कुछ व्यापारी मिदनापुर से नमक न लेकर ओडिशा से लेते थे जो उन दिनों मराठों के अधीन था। इस नमक को वे सिंहभूम होकर पार कर लेते थे। पोरहाट राजा इस प्रक्रिया को प्रोत्साहित करता था इस कारण से वर्ष 1773 ई. में कंपनी को अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए पोरहाट राज्य में हस्तक्षेप करना पड़ा।

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296. कंपनी के किस एक अधिकारी ने पोरहाट राजा को एक समझौता करने पर वाध्य किया कि वह भविष्य में कभी भी कंपनी क्षेत्र के रैयतों और व्यापारियों को अपने राज्य में शरण नहीं देगा ?

  1. लेफ्टिनेंट रूक
  2. कैप्टेन चार्ल्स मॉर्गन
  3. कैप्टेन फोरबिस
  4. टामस रमबोल्ड

उत्तर- 3

व्याख्या कंपनी के एक अधिकारी कैप्टेन फोरबिस ने पोरहाट राजा को एक समझौता करने पर बाध्य किया कि वह भविष्य में कभी भी कम्पनी क्षेत्र के रैयतों और व्यापारियों को अपने राज्य में शरण नहीं देगा।

297. 1809 ई. में कहाँ के राजा ने सरायकेला-खरसावाँ के निरंतर बढ़ते प्रभाव से त्रस्त होकर अपने राज्य को कंपनी के संरक्षण में लेने की प्रार्थना की, जो स्वीकृत नहीं हुई?

  1. सिंहभूम के
  2. कोल्हान
  3. पोरहाट
  4. इनमें सभी से

उत्तर- 3

व्याख्या – वर्ष 1809 में पोरहाट राजा ने सरायकेला-खरसावाँ के निरंतर बढ़ते प्रभाव से त्रस्त होकर अपने राज्य को कम्पनी के संरक्षण में लिए जाने की प्रार्थना की, जो स्वीकृत नहीं हुई।

298. किस पोरहाट राजा ने 1 फरवरी, 1820 ई. को असिस्टेंट पॉलिटिकल एजेन्ट कैप्टेन रसेल से लम्बी बातचीत के बाद संरक्षण संधि पर हस्ताक्षर किये?

  1. जगन्नाथ ढाल
  2. जगन्नाथ सिंह – IV
  3. वीर सिंह
  4. घनश्याम सिंह

उत्तर- 4

व्याख्या- पोरहाट राजा घनश्याम सिंह को अपने राज्य पर शासन करने में ‘लड़ाका कोलो’ ने विवश कर रखा था। इस कारण से घनश्याम सिंह ने 1 फरवरी, 1820 ई. को असिस्टेंट पॉलिटिकल एजेंट कैप्टेन रसेल से बातचीत करने के बाद संरक्षण संधि पर हस्ताक्षर किये, कंपनी की अधीनता स्वीकार की और सालाना कर देना स्वीकार किया।

299. 1 फरवरी, 1820 ई. को असिस्टेंट पॉलिटिकल एजेन्ट कैप्टेन रसेल से लम्बी बातचीत के बाद पोरहाट राजा घनश्याम सिंह संरक्षण संधि पर हस्ताक्षर किया और कम्पनी की अधीनता स्वीकार की और सालाना कर देना स्वीकर किया इसके पीछे क्या कारण था?

  1. पोरहाट राजा कंपनी की मदद से सरायकेला खरसावा पर अपनी संप्रभुता स्थापित करना चाहता था।
  2. वह सरायकेला के शासक से अपनी कुल देवी पौरी देवी की मूर्ति हासिल करना चाहता था। 
  3. वह मानता था कि ‘हो’ उनकी प्रजा थे और वह ‘हो’ लोगों से अपनी सता कंपनी की मदद से स्थापित करना चाहता था।
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या – उपरोक्त सभी कथन सही है।

300. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-

  1. पोरहाट राजा की कुल देवी पारी देवी की चुराई गई मूर्ति को सरायकेला शासक अभिराम सिंह ने खरीदा था। 
  2. पोरहाट राजा समझता था कि मूर्ति चोरी हो जाने से यह निःसंतान था।
  3. वर्ष 1837 में अंग्रेजों ने ‘हो’ लोगों का दमन कर उन्हें पोरहाट नरेश की प्रमुखत्ता मानने और कर देने के लिए विवश किया।
  4. मेजर मैकडोनाल्ड ने सरायकेला के कुँवर अजम्बर सिंह को मूर्ति पोरहाट राजा को वापस लौटाने के लिए विवश किया।

निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है? 

  1. A और B दोनों
  2. A B और C तीनों
  3. A, B, C और D चारों
  4. C और D दोनों

उत्तर- 1

व्याख्या- वर्ष 1821 में अंग्रेजों ने हो’ लोगों को दमन कर उन्हें पोरहाट नरेश की प्रभुसत्ता मानने और कर देने के लिए विवश किया। मेजर डब्ल्यू आर. गिलबर्ड ने सरायकेला के कुँवर अजम्बर सिंह को मूर्ति पोरहाट राजा को वापस लौटाने के लिए विवश किया। 

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