Jharkhand GK Part-4 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-4 For JPSC, JSSC CGL, All Exams – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो परीक्षा के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

Jharkhand GK Part-4 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-4 For JPSC, JSSC CGL, All Exams की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

301. ‘हो’ लोगों का निवास स्थान को किस नाम से जाना जाता है?

  1. कोल्हान 
  2. हो देशम
  3. पोरहाट
  4. हो जाति का देश

निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है?

  1. A और B दोनों
  2. B और C दोनों
  3. A, B और C तीनों
  4. A, B और D तीनों

उत्तर- 4

व्याख्या – ‘हो’ लोगों का निवास स्थान हो देशम (हो जाति का देश) या कोलहान (कोल स्थान) के नाम से जाना जाता था।

302. निम्न में से कौन ‘लड़ाका कोल’ के नाम से प्रसिद्ध थे?

  1. कोल
  2. मुण्डा
  3. हो 
  4. उराँव

उत्तर- 3

व्याख्या- ‘हो’ लोग बाह्य नियंत्रण से दीर्घकाल तक मुक्त रहने के फलस्वरूप ‘हो’ स्वतंत्रता प्रेमी एवं लड़ाकू स्वभाव के हो गये थे। इसी कारण कम्पनी काल में ‘लड़ाका कोल’ के नाम से प्रसिद्ध थे।

303. 1821 ई. में कर्नल रिचर्ड के नेतृत्व में एक बड़ी सेना ‘हो’ लोगों के विरूद्ध भेजी गई ‘हो’ लोगों ने एक महीने तक सामना किया उसके बाद कंपनी से संधि करना बेहतर समझा। निम्न में कौन-सा संधि की शर्त में शामिल था ?

  1. ‘हो’ लोगों ने कंपनी की अधीनता स्वीकार कर ली।
  2. ‘हो’ लोगों ने अपने राजाओं को पांच वर्षों तक 50 पैसा प्रति हल और उसके बाद 5 रुपया प्रति हल सालाना कर स्वीकार किया। 
  3. ‘हो’ लोगों ने उत्पीड़न किये जाने पर ही हथियार उठाने का वचन दिया ।
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 1

व्याख्या- ‘हो’ लोगों ने कंपनी की अधीनता स्वीकार कर ली। ‘हो’ लोगों ने अपने राजाओं को पाँच वर्षों तक 50 पैसा प्रति हल सालाना और उसके बाद 1 रुपया प्रति हल देना स्वीकार किया। हो लोगों ने यह भी वचन दिया की उत्पीड़न किये जाने पर हथियार उठाने के बजाय सरकार से फरियाद लगायेंगे।

304.  निम्न कथनों में गलत कथन की पहचान कीजिए ?

  1. ‘हो’ लोग पोरहाट के सिंह राजा के अधीन रहने को तैयार नहीं थे। 
  2. 1831-32 ई. में ‘हो’ लोगों ने कोल विद्रोह में सक्रिय रूप से भाग लिया।
  3. ‘हो’ विद्रोह को मेजर एस विलिकिन्सन दमन किया।
  4. इनमें सभी कथन सत्य है।

उत्तर – 4 

व्याख्या- उपरोक्त सभी कथन सही है।

305. निम्न कथनों पर विचार कजिए।

  1. ‘हो’ लोगों ने कंपनी के सामने आत्म समर्पण किया और पोरहाट के सिंह राजा के स्थान पर कंपनी को कर देने हेतु सहमत हुए।
  2. पोरहाट, सरयकेला, खरसावां और ओडिशा के कुछ भागों को मिलाकर कोलों के लिए अलग अंचल ‘कोल्हान’ नाम से एक नई प्रशासनिक इकाई का गठन किया गया।
  3. प्रशासनिक इकाई का सदर दफ्तर चाईबासा को बनाया गया?
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- कोल विद्रोह 1831-32 के परिणाम स्वरूप 1837 ई. में ‘हो’ लोगों ने आत्म-समर्पण किया और पोरहाट के सिंह राजा के स्थान पर सीधे कंपनी को कर देने के लिए सहमत हुए। पोरहाट, सरायकेला व खरसावा के शासकों से 23 पीर तथा ओडिशा से 4 पीर लेकर कोलो के लिए अलग अंचल ‘कोल्हान’ नाम से अलग प्रशासनिक इकाई गठन किया, जिसका दफ्तर चाईबासा को बनाया गया।

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306. ब्रिटिश सरकार के 560 से अधिक देशी रियासत थी जिसमें कितने रियासत झारखण्ड से संबंधित थे?

  1. 2
  2. 3
  3. 4
  4. 6

उत्तर- 1

व्याख्या- ब्रिटिश भारत की 560 से अधिक देशी रियासतों में झारखण्ड- बिहार में केवल दो देसी रियासतें थी-

  1. सरायकेला- सरायकेला की स्थापना ‘विक्रम सिंह’
  2. खरसावां – खरसावां की स्थापना विक्रम सिंह के द्वितीय पुत्र ने की थी।

307. सरायकेला रियासतें से संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-

  1. सरायकेला रियासत की स्थापना विक्रम सिंह ने किया था।
  2. सरायकेला रियासत में आरंभ में 12 गांव शामिल थे।
  3. 1820 ई. में सरायकेला नरेश की सहायता से तमाड़ के विद्रोही नेता रूदन को पकड़ा जा सकता था।
  4. 1857 के विद्रोह में विद्रोहियों का साथ देने के कारण दुमका राज्य का एक हिस्सा पोरहाट राजा को दे दिया गया।

निम्न का एक हिस्सा पोरहाट राजा को दे दिया गया।

  1. A और B दोनों
  2. B और C दोनों
  3. A और C दोनों
  4. A, B, C और D सभी

उत्तर- 3

व्याख्या – सरायकेला रियासत की स्थापना विक्रम सिंह ने की। आरंभ में इस रियासत में 10 गांव थे। 1820 ई. में सरायकेला नरेश की सहायता से तमाड़ के विद्रोही नेता ‘रूदन’ को पकड़ा जा सकता था। इतना ही नहीं 1857 के विद्रोह में कंपनी सरकार की सहायता की, जिस कारण से पोरहाट राज्य का एक हिस्सा सरायकेला नरेश को दे दिया गया था।

308. सरायकेला देशी रियासत को कब भारतीय संघ में शामिल किया गया ?

  1. 1956 ई. में राज्यों के पुनर्गठन के समय ।
  2. 1947 ई. में देश के स्वतंत्र होने पर। 
  3. 1946 ई. में संविधान सभा चुनाव के समय ।
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 2

व्याख्या- वर्ष 1947 ई. में देश के स्वतंत्र होने पर इसे भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया। 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के समय इसे बिहार राज्य में मिला दिया गया।

309. किस वर्ष एक सनद द्वारा सरायकेला की कर दाता रियासत के रूप में सम्पुष्टि की गई।

  1. 1857
  2. 1820
  3. 1899
  4. 1956

उत्तर- 3

व्याख्या- वर्ष 1899 में एक प्रमाण पत्र द्वारा सरायकेला की करदाता रियासत के रूप में सम्पुष्टि की गई।

310. सरायकेला नरेश आदित्य प्रताप सिंह देव ने किस वर्ष रियासत की शासन व्यवस्था में व्यापक सुधार किये ?

  1. 1939
  2. 1956
  3. 1946
  4. 1857

उत्तर- 1

व्याख्या – सरायकेला नरेश आदित्य प्रताप सिंह देव ने 1939 ई. में रियासत की शासन व्यवस्था में व्यापक सुधार किया।

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311. निम्न कथनों पर विचार कजिए-

  1. खरसावाँ रियासत की स्थापना सरायकेला रियासत के संस्थापक विक्रम सिंह के द्वितीय पुत्र ने की।
  2. वर्ष 1767 ई. में खरसावाँ रियासत का अंग्रेजों के साथ संबंध स्थापित हुआ।
  3. 1857 में खरसावाँ रियासत को ब्रिटिश सरकार से प्रमाण पत्र मिला।
  4. 1947 ई. में देश के स्वतंत्र होने पर इसे भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया। 

निम्न कथनों में कौन-सा कथन असत्य है?

  1. 1 और 2 दोनों 
  2. 2 और 3 दोनों
  3. 1 और 3 दोनों
  4. 1, 2, 3 और 4 सभी

उत्तर- 2

व्याख्या – खरसावाँ रियासत की स्थापना सरायकेला रियासत के संस्थापक विक्रम सिंह के द्वितीय पुत्र ने की। वर्ष 1793 ई. में खरसावाँ रियासत का अंग्रेजों के साथ संबंध स्थापित हुआ। 1899 ई. में खरसावाँ रियासत को ब्रिटिश सरकार से प्रमाण पत्र मिला। वर्ष 1947 ई. में देश के स्वतंत्र होने पर इसे भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया।

312.  निम्न में से किस वर्ष ‘हो’ लोगों ने आत्म-सम्र्पण किया और सीधा कंपनी को कर देने के लिए तैयार हुए?

  1. 1834 ई. 
  2. 1837 ई.
  3. 1841 ई.
  4. 1868 ई.

उत्तर- 2

व्याख्या-1837 ई. में ‘हो’ लोगों ने अंग्रजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

313. पलामू पर अंग्रेजी अधिपत्य कब स्थापित हुआ?

  1. 1737-38ई.
  2. 1788-90 ई.
  3. 1770-1772 ई.
  4. 1781-82 ई.

उत्तर- 3

व्याख्या – 1 जनवरी, 1771 ई. को कैप्टेन जैकब कैमक ने कम्पनी के हैरी पालकर एवं एडवर्ड गोल्डिंग को सैनिक दुकड़ियों के साथ पलामू अभियान में साथ देने को कहा 19 जनवरी, 1771 ई. को पटना काउंसिल ने कैप्टेन कैमक को आदेश दिया कि वह जल्दी से जल्दी पलामू पर कब्जा कर ले और मार्च, 1771 तक पलामू पर कब्जा कर लिया।

314. 1770 ई. में सतबरवा के निकट चैत्रमा की लड़ाई में किस चेरो राजा को पराजित कर उसके विरोधियों ने हत्या कर दी ?

  1. जयकृष्ण राय 
  2. सहबल राय 
  3. चित्रजित राय
  4. मेदिनी राय

उत्तर- 1

व्याख्या – पलामू के शासक जयकृष्ण राय के इशारे पर रंका के ठकुराई सयनाथ सिंह की हत्या कर दी गई। इसका बदला लेने के लिए सयनाथ सिंह के भतीजे जयनाथ सिंह ने चित्रजित राय से हाथ मिला लिया और

1770 ई. में सत बरबा के निकट चैत्रमा की लड़ाई में जयकृष्ण राय को हराकर मार डाला एवं पलामू के किला पर अधिकार कर लिया। 

315. पलामू के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-

  1. 1771 ई. में कैप्टेन जैकब कैमक ने पलामू किले पर अधिकार कर लिया।
  2. 1771 ई. में कैप्टेन जैकब कैमक के पलामू पर आक्रमण के समय पलामू के राजा चित्रजित राय थे।
  3. उदयंत राय अखैरी पटना जाकर जयकृष्ण राय के पौत्र गोपाल राय को पलामू की गद्दी दिलाने की योजना की।
  4. चेरो राजा चित्रचित राय एवं दिवानजयनाथ सिंह रामगढ़ भाग गये।

निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य है?

  1. केवल 1 
  2. केवल 2
  3. केवल 3
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या – पलामू के संबंध में उपरोक्त सभी कथन सत्य है।

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316. निम्न कथनों में असत्यकचन की पहचान कीजिए। 

  1. पलामू के जयमंगला सिंह, कुंडा के धीरज नारायण सिंह ने 1771 की लड़ाई में अंग्रेजों का साथ दिया था।
  2. 1 जुलाई, 1771 ई. को गोपाल राय को पलामू का राजा घोषित किया गया। 
  3. पलामू का सालाना कर 10,000 रुपया तय किया गया।
  4. इनमें सभी कथन सत्य है। 

इनमें सभी कथन सत्य है?

  1. केवल 1 
  2. केवल 2
  3. केवल 3
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 3

व्याख्या- पलामू के जय मंगला सिंह, कुंडा के धीरज नारायण एवं सिरिस – कुटुम्बा के नारायण सिंह ने पलामू अभियान में कैप्टेन कैमक की सहायता की थी1जुलाई, 1771 ई. में गोपाल राय को पलामू का राजा घोषित किया और सालाना कर की दर 4,000 रुपया तय किया।

317. अंग्रेजों का छोटानागपुर खास में प्रवेश के समय नागवंशी राजा कौन थे?

  1. ऐनी नाथ शाह
  2. रघुनाथ शाह 
  3. वर्पनाथ शाह
  4. दुर्जनशाल

उत्तर- 3

व्याख्या- पलामू की तुलना में छोटानागपुर खास क्षेत्र में अंग्रेजों का प्रवेश आसानी से हो गया क्योंकि छोटानागपुर खास के नागवंशी राजा दर्पनाथ शाह ने इसके लिए खुद पहल की थी

318. इतिहासकारों का मानना है कि नागवंशी शासक दर्पनाथ शाह अपने राज्य को अंग्रेजों के अधीन करने के लिए खुद पहल किया था। इसके पीछे क्या कारण था?

  1. दर्पनाथ शाह के शासनकाल में ‘लड़ाका कोलो’ ने उपद्रव मचा रखा था। 
  2. नागवंशी राज्य पर रामगढ़ राजा मुकुंद सिंह जब-तब आक्रमण करते रहता था।
  3. नागवंशी राजा दर्पनाथ शाह पलामू के चेरो के खिलाफ अंग्रेजों की सफलता से प्रभावित था।
  4. इनमें सभी कारण थे।

उत्तर- 4

व्याख्या- उपरोक्त सभी कारण सही है।

319. दर्पनाथ शाह पलामू के पतन के बाद 1771 ई. में स्वयं सतबरवा जाकर कैप्टेन जैकब कैमक से मिला उसने कंपनी की अधीनता स्वीकार की और कितने रुपये सालना कर देना स्वीकार किया ?

  1. 12,000 रुपये
  2. 50,000 रुपये
  3. 20,000 रुपये
  4. 1,00,000 रुपये

उत्तर- 1

व्याख्या- दर्पनाथ शाह पलामू किला के पतन के बाद 1771 ई. में स्वयं- सतबरवा जाकर कैप्टेन कैमक से मिला। उसने कंपनी की अधीनता स्वीकार कर ली और 12,000 रुपये सालाना कर देना स्वीकार किया।

320. ऐसा निम्न में से कौन-सा नागवंशी शासक हुआ जो अंग्रेजी अधिकारी कैप्टेन कैमक से टोपी अदला-बदली में ठगा गया ?

  1. दुर्जनशाल
  2. ऐनी शाह
  3. दर्पनाथ शाह
  4. दुर्जनशाल

उत्तर- 3

व्याख्या- जब दर्पनाथ शाह ने कंपनी की अधीनता स्वीकार की और 12,000 रुपये सालाना कर देना स्वीकार किया तो समझौता की पुष्टि के रूप में कैप्टेन कैमक ने अपनी टोपी दर्पनाथ शाह की पगड़ी से बदली। कैप्टेन कैमक की टोपी साधारण थी, जबकि नागवंशी राजा की पगड़ी झिरों से जड़ित थी।

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321. हजारीबाग क्षेत्र में अंग्रेजी कंपनी को सर्वाधिक विरोध का सामना किस राज्य से करना पड़ा ?

  1. कुंडा
  2. रामगढ़ 
  3. खड़गडीहा 
  4. छै

उत्तर- 2

व्याख्या- हजारीबाग क्षेत्र में स्थित राज्यों-कुंडा, खड्गडीहा, ‘छै’, केन्दी, एवं रामगढ़ में से कम्पनी सरकार को सबसे अधिक विरोध का सामना रामगढ़ राज्य की ओर से करना पड़ा। रामगढ़ का राजा मुंकुद सिंह शुरू से अंत तक अंग्रेजों का विरोध करता रहा।

322. रामगढ़ का ऐसा कौन शासक था जो शुरू से अंत तक अंग्रेजों का विरोध करता रहा ? 

  1. दलेल सिंह
  2. विष्णु सिंह
  3. मुकुंद सिंह
  4. अमर सिंह

उत्तर- 3

व्याख्या प्रश्न संख्या 36 की व्याख्या देखें।

323. हजारीबाग में अंग्रेजों का प्रवेश किस अंग्रेज अधिकारी के नेतृत्व में हुआ ?

  1. विलकिंसन
  2. फर्गुसन
  3. कैप्टेन कुक
  4. कैप्टेन जैकब कैमक

उत्तर- 4

व्याख्या- हजारीबाग में अंग्रेजों का प्रवेश कैप्टन जैकब कैमक के नेतृत्व में हुआ ।

324. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-

  1. मुकुंद सिंह हमेशा से अंग्रेज विरोधी गतिविधियों में शामिल था। 
  2. मुकुंद सिंह अंग्रेज विरोधी एक फ्रांसीसी को अपने राज्य में पनाह दिया था।
  3. 1771 ई. में पटना काउंसिल ने रामगढ़ नरेश को 20,000 सालाना कर देने को कहा लेकिन मुकंद सिंह साफ मना कर दिया।
  4. इनमें सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या- ऊपर दिये गये सभी कथन सत्य है।

325. सालाना कर देने का वार्ता असफल होने पर कैप्टेन कैमक ने किसकी सहायता से षड्यंत्रों के द्वारा रामगढ़ पर अधिकार करने में सफलता पाई ? 

  1. ठाकुर तेज सिंह
  2. नागवंशी राजा दर्जनशाह शाह
  3. कुंडा के शासक की सहायता से
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 1

व्याख्या- अंग्रेज, ठाकुर तेज सिंह की सहायता से रामगढ़ पर अधिकार करने पर सफल हो गये।

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326. वर्ष 1772 ई. में रामगढ़ नरेश मुकुंद सिंह और कैमक के बीच हुए रामगढ़ के युद्ध में मारे जाने वाला अंग्रेज अधिकारी का क्या नाम था, जो अपने एक सैनिक के द्वारा ही मारा गया। क्योंकि वह सैनिक मुकुंद सिंह के पक्षधर था?

  1. कैप्टन कैमक
  2. कैप्टन इवेंस
  3. मीर जुमला
  4. ठाकुर तेज सिंह

उत्तर- 2

व्याख्या- अंग्रेज अधिकारी कैप्टन इवेंस को उसके ही एक सैनिक ने मार डाला था।

327. रामगढ़ युद्ध 1772 ई. में मुकुंद सिंह और कैप्टेन जैकब कैमक के बीच हुआ, जिसमें मुकुंद सिंह की हार हुई तब रामगढ़ राजा ठाकुर तेज सिंह को बनाया गया और सालाना कितना रुपया कर तय किया गया ?

  1. 10,000 रुपये
  2. 20000 रुपये
  3. 30,000 रुपये
  4. 50,000 रुपये

उत्तर- 3

व्याख्या- मुकुंद सिंह के हार के बाद अंग्रेजों का सहायक तेज सिंह को रामगढ़ का राजा बनाया गया। और 30,000 रुपये सलाना कर तय किया गया।

328. किस वर्ष रामगढ़ पलामू और छोटानागपुर खास को मिलाकर रामगढ़ जिले का गठन किया गया ? 

  1. 1771 ई. 
  2. 1772 ई. 
  3. 1773 ई. 
  4. 1774 ई.

उत्तर- 3

व्याख्या- वर्ष 1773 ई. में रामगढ़, पलामू व छोटानागपुर खास को मिलाकर एक रामगढ़ जिला बनाया गया और उसे कैप्टेन कैमक के अधीन रखा गया।

329. किस वर्ष से राजमहल की शाही टकसाल में कंपनी के सिक्के ढाले जाने लगे?

  1. 1676 ई.
  2. 1776 ई. 
  3. 1876 ई.
  4. 1767 ई.

उत्तर- 2

व्याख्या- 1776 ई. से राजमहल के शाही टकसाल में कंपनी के सिक्के ढाले जाने लगे।

330. संथाल परगना पर कंपनी का अधिकार पूर्णरूप से कब स्थापित हुआ। 

  1. 1702 ई.
  2. 1767 ई. 
  3. 1763 ई. 
  4. 1857 ई.

उत्तर- 3

व्याख्या-1763 ई. में मीर कासिम के विरूद्ध मेजर एडम्स की विजय के फलस्वरूप राजमहल क्षेत्र पर कंपनी का एकाधिकार स्थापित हो गया।

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331. झारखण्ड के संदर्भ में 1857 के विद्रोह के निम्न में से कौन-सा / से कारण सही है।

  1. शासक वर्ग में असंतोष
  2. जागीरदारों-जमींदारों में असंतोष
  3. जनजातियों में असंतोष
  4. इसमें सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- झारखण्ड में 1857 ई. के विद्रोह के उपरोक्त सभी कारण सही है।

332. झारखण्ड के संदर्भ में 1857 के विद्रोह के निम्न में से कौन-सा कारण सही है?

  1. ब्रिटिश शासन तंत्र की अपर्याप्ता
  2. झारखण्ड का राजनीतिक निर्वासन-स्थली के रूप में उपयोग का असर
  3. बिहार के विद्रोह का असर
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- झारखण्ड में 1857 ई. के विद्रोह के उपरोक्त सभी कारण सही है।

333. पलामू का अंतिम चेरो शासक कौन था,जिसको बकाया कर की वसूली के नाम पर गद्दी से उतारा गया ? 

  1. चूड़ामन राय
  2. साहेब राय
  3. रणजीत राय
  4. जयकृष्ण राय

उत्तर- 1

व्याख्या- पलामू के अंतिम चेरो शासक चूड़ामन राय को बकाया कर की वसूली के नाम पर गद्दी से उतारा गया था।

334. झारखण्ड में 1857 का विद्रोह का आरंभ सर्वप्रथम कहाँ से हुआ ?

  1. देवघर 
  2. हजारीबाग
  3. राँची
  4. पलामू

उत्तर- 1

व्याख्या- झारखण्ड में सर्वप्रथम रोहिणी (देवघर) गांव स्थित घुड़सवार सैनिकों ने 12 जून, 1857 को विद्रोह की शुरूआत की।

335.झारखण्ड में 1857 के विद्रोह को क्रम में सजायें।

  1. हजारीबाग
  2. राँची
  3. पलामू
  4. सिंहभूम
  1. हजारीबाग > राँची > पलामू >सिंहभम
  2. हजारीबाग > राँची > सिंहभूम >पलामू
  3. हजारीबाग > पलामू > राँची > सिंहभूम
  4. राँची >हजारीबाग > सिंहभूम > पलामू

उत्तर- 2

व्याख्या- झारखण्ड में 1857 के विद्रोह का प्रारंभ रोहिणी गांव से 12 जून, 1857 को हुआ। हजारीबाग 30 जुलाई, राँची 2 अगस्त, सिंहभूम 3 सितम्बर एवं पलामू 26 सितम्बर को विद्रोह का आरंभ हुआ।

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336. झारखण्ड में 1857 विद्रोह आरंभ स्थल रोहिणी नामक गांव उस समय के किस जिला के अंतर्गत आता था ?

  1. देवघर
  2. धनबाद
  3. संथाल परगना
  4. राँची

उत्तर- 3

व्याख्या – झारखण्ड में 1857 विद्रोह का आरंभ स्थल रोहिणी नामक गांव संथाल परगना जिलान्तर्गत देवघर अनुमंडल में आता था।

337. झारखण्ड में 1857 विद्रोह का आरंभ स्थल रोहिणी नामक गांव सेना के किस रेजीमेंट कम्पनी का मुख्यालय था ?

  1. 31वीं
  2. 32वीं
  3. 33वीं
  4. 34वीं

उत्तर- 2

व्याख्या- रोहिणी नामक गांव में स्थल सेना के 32वीं रेजीमेंट की एक कंपनी का मुख्यालय था।

338. झारखण्ड में 1857 विद्रोह का आरंभ स्थल रोहिणी नामक गावं किस सेना का 32वीं रेजीमेंट कंपनी का मुख्यालय था?

  1. वायुसेना
  2. जल सेना
  3. स्थल सेना
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या – प्रश्न संख्या 7 की व्याख्या देखें।

339. 12 जून, 1857 को 32वीं रेजीमेंट का कमान किस अंग्रेज अधिकारी के हाथों में था।

  1. मेजर मैकडोनाल्ड
  2. ले. नार्मन लेस्ली 
  3. असिस्टेंट सर्जन ग्रांट
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- 12 जून, 1857 के दौरान 32वीं रेजीमेंट की कमान मेजर मैकडोनाल्ड के हाथ में था।

340. 12 जून, 1857 में रोहिणी गांव (देवघर) से प्रारंभ विद्रोह के बारे में कौन-सा कथन गलत है?

  1. इमान खाँ ने हमलावरों की पहचान की थी।
  2. मैकडोनाल्ड की तत्काल मौत हो गयी एवं नार्मन लेस्ली और ग्रांट घायल हो गये।
  3. रेजीमेंट का मुख्यालय रोहिणी से हटाकर भागलपुर कर दिया गया। 
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 2

व्याख्या- नार्मन लेस्ली की तत्काल मौत हो गई तथा मैकडोनाल्ड व ग्रांट घायल हो गये थे।

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341. हजारीबाग में सैनिक विद्रोह का प्रारंभ 30 जुलाई को हुआ उस समय हजारीबाग का मुख्य सहायक आयुक्त (प्रिंसिपल असिस्टेंट कमिश्नर) कौन था ?

  1. कमिश्नर डाल्टन
  2. मेजर मैकडोनाल्ड
  3. मेजर सिम्पसन
  4. विलियम कैलन

उत्तर- 3

व्याख्या – हजारीबाग में सैनिक विद्रोह 30 जुलाई, 1857 के समय हजारीबाग का मुख्य सहायक आयुक्त मेजर सिम्पसन तथा सैनिक कमांडर ‘डूं’ था।

342. हजारीबाग में 1857 के विद्रोह के विषय में क्या सही है?

  1. हजारीबाग का सैनिक विद्रोह, बिहार के दानापुर रेजिमेंट के सैनिक विद्रोह से प्रेरित था।
  2. रामगढ़ बटालियन के सैनिकों द्वारा प्रारंभ किया गया था। 
  3. रामगढ़ नरेश शम्भु नारायण सिंह ने बगोदर तार घर से इस विद्रोह की खबर गवर्नर जनरल लार्ड कैनिंग को भेजी थी।
  4. इनमें से सभी सही है।

 उत्तर- 4

व्याख्या- हजारीबाग से 1857 ई. के विद्रोह के संबंध में उपरोक्त सभी कथन सही है।

343. रामगढ़ बटालियन के विद्रोही सैनिक किसके नेतृत्व में रांची की ओर कूच किये?

  1. सुरेन्द्र शाही
  2. जमादार माधव सिंह
  3. जयमंगल पाण्डेय
  4. सुबेदार नादिर अली खाँ

उत्तर- 1

व्याख्या- रामगढ़ बटालियन के विद्रोही सैनिक जेल से छुड़ाये गये सुरेन्द्र शाही के नेतृत्व में राँची की ओर कूच किये।

344. राँची के कमिश्नर डाल्टन ने किसके नेतृत्व में एक सैन्य टुकड़ी हजारीबाग के विद्रोही सैनिकों का सामना करने के लिए भेजा था।

  1. जमादार माधव सिंह 
  2. सुबेदार नादिर अली खाँ
  3. जयमंगल पाण्डेय
  4. लेफ्टिनेंट ग्राहम

उत्तर- 4

व्याख्या- राँची के कमिश्नर डाल्टन ने ले. ग्राहम के नेतृत्व में सैनिक टुकड़ी हजारीबाग के विद्रोही सैनिकों के विरूद्ध भेजा था। 

345. राँची के कमिश्नर डाल्टन ने लेफ्टिनेंट ग्राहम के नेतृत्व में एक सैनिक टुकड़ी हजारीबाग के विद्रोही सैनिकों का सामना करने के लिए भेजा था, जिसमें से कुछ सैनिकों ने ही विद्रोह कर दिया था। निम्न में से कौन से सैनिक इनमें शामिल थे ? 

  1. जमादार माधव सिंह
  2. सूबेदार नादिर अली खाँ
  3. जयमंगल पाण्डे
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- उपरोक्त सभी सैनिकों ने विद्रोह कर दिया था।

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346. 2 अगस्त, 1857 को राँची में हुए विद्रोह में विद्रोही सैनिकों का नेतृत्व किसने किया?

  1. सुरेन्द्र शाही
  2. जयमंगल पाण्डेय
  3. पाण्डेय गणपत राय
  4. ठाकुर विश्वनाथ शाही

उत्तर- 4

व्याख्या- राँची में विद्रोही सैनिकों ने विश्वनाथ शाही को अपना नेता तथा पाण्डेय गणपत राय को प्रधान सेनापति बनाया।

347. 2 अक्टूबर, 1857 को हुए चतरा की लड़ाई के बारे में निम्न में से कौन-सा कथन सही है ?

  1. इस लड़ाई में जयमंगल पाण्डेय तोप चला रहा था।
  2. जमादार माधव सिंह जयमंगल पाण्डेय के साथ लड़ाई स्थल पर डटा रहा। 
  3. माधव सिंह को पकड़ने के लिए 5000 रुपये का इनाम रखा गया था।
  4. इनमें से सारे कथन गलत है।

उत्तर- 4

व्याख्या- 2 अक्टूबर, 1857 को चतरा की लड़ाई में सूबेदार नादिर अली खाँ तोप चला रहा था। जमादार माधव सिंह सिपाहियों की एक टुकड़ी के साथ भाग खड़ा हुआ। माधव सिंह को पकड़ने के लिए 1000 रुपयों के इनाम की घोषणा की गई। अतः सभी कथन गलत है।

348. 2 अक्टूबर, 1857 में चतरा की लड़ाई से संबंधित गलत कथन की पहचान करें।

  1. 3 अक्टूबर को जयमंगल पाण्डे और नादि अली पकड़े गए और 4 अक्टूबर को उन्हें आजीवन कारावास की सजा दे दी गई।
  2. विद्रोही नेता विश्वनाथ शाही और पाण्डेय गणपत राय भागने में सफल हुए। 
  3. चतरा की लड़ाई में मारे जानेवाले अंग्रेजों में विलियम कैलन, पैट्रिक बर्क, जेम्स रियान और डाइन प्रमुख थे। 
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- 3 अक्टूबर को जयमंगल पाण्डेय और नादिर पकड़े गए और 4 अक्टूबर को उन्हें फाँसी दिया गया।

349. चतरा की लड़ाई में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व करने वाले निम्न में से कौन शामिल थे

  1. मेजर इंगलिश
  2. मेजर सिम्पसन
  3. लेफ्टिनेंट अर्ल
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या – उपरोक्त सभी अंग्रेजी सेना का नेतृत्व कर रहे थे।

350. चतरा की लड़ाई में अंग्रेज अधिकारी मेजर इंगलिश ने विद्रोहियों पर काबू पाने के लिए कौन-सी नीति का आरंभ किया था ?

  1. छापामार नीति 
  2. दमन चक्र नीति
  3. 1857 का दमन की नीति
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – चतरा की लड़ाई में अंग्रेज अधिकारी मेजर इंगलिश ने विद्रोहियों पर काबू पाने के लिए दमन-चक्र नीति आरंभ किया था।

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351. चतरा की लड़ाई में पकड़े गये विद्रोही सैनिक जयमंगल पाण्डेय और नादिर अली को किस पेड़ पर लटकाकर फाँसी दिया गया था?

  1. कदम का पेड़
  2. बरगद का पेड़
  3. आम का पेड़
  4. सेमल का पेड़

उत्तर- 3

व्याख्या – जयमंगल पाण्डेय और नादिर अली को चतरा शहर की पश्चिमी सीमा पर स्थित एक तालाब के किनारे एक आम के पेड़ में फाँसी पर गया था। इस तालाब को आज भी स्थानीय जनता ‘फसिहारी पोखरा’ के नाम से जानती है।

352. चतरा की लड़ाई में पकड़े गए जय मंगल पाण्डेय और नादिर अली को जिस तालाब के किनारे फाँसी दी गई थी उसे किस नाम से जानते हैं? 

  1. सोनारी पोखरा
  2. भुतहा पोखरा
  3. फतिहारी पोखरा 
  4. मुड़मा पोखरा

उत्तर- 3

व्याख्या – प्रश्न संख्या 21 की व्याख्या देखें।

353. चतरा की लड़ाई से भाग खड़े हुए विद्रोही नेता विश्वनाथ शाही व पाण्डेय गणपत राय ने कहाँ के जंगल से युद्ध जारी रखा ?

  1. चतरा के जंगलों से
  2. लोहरदगा के जंगलों से
  3. लातेहार के जंगलों से
  4. पलामू के जंगलों से

उत्तर- 2

व्याख्या-  विश्वनाथ शाही व पाण्डेय गणपत राय ने लोहरदगा के जंगलों में छिपकर सरकार के विरूद्ध छापामार युद्ध जारी रखा।

354. निम्न कथनों पर विचार कीजिए।

  1. राँची के कमिश्नर ने उमराव सिंह उसके दीवान शेख भिखारी और उमराव सिंह के भाई घासी सिंह को पकड़ने के लिए मद्रासी फौज की. सहायता ली थी।
  2. मोरहाबादी में टैगोर हिल के निकट उमराव सिंह और शेख भिखारी को जनवरी, 1858 को फाँसी दे दी गई। 
  3. टैगोर हिल के फाँसी स्थल को आज भी ‘दुंगरी फाँसी’ के नाम से जाना जाता है।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या – कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उमराव सिंह और शेख भिखारी को फाँसी चुटुपालू घाटी में दिया गया पर वास्तव में ऐसा नहीं हुआ था।

355. निम्न में से कौन-सा अंग्रेज अधिकारी ने ठाकुर विश्वनाथ शाही एवं पाण्डेय गणपत राय को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया था। 

  1. राँची के कमिश्नर डाल्टन
  2. राँची के डिप्टी कमिश्नर कैप्टन ओक्स
  3. कैप्टन नेशन
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- उपरोक्त तीनों ने ठाकुर विश्वनाथ शाही एवं पाण्डेय गणपत राय को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया था।

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356. ठाकुर विश्वनाथ शाही और पाण्डेय गणपत राय किसकी गद्दारी की वजह से पकड़े गए थे? 

  1. विश्वनाथ दुबे
  2. महेश नारायण शाही
  3. a और b दोनों के गद्दारी से 
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या – लातेहार के विश्वनाथ दुबे एवं महेश नारायण शाही की गद्दारी की वजह से ठाकुर विश्वनाथ शाही और पाण्डेय गणपत राय पकड़े गये थे।

357. ठाकुर विश्वनाथ शाही एवं पाण्डेय गणपत राय को कहाँ फाँसी दी गई ?

  1. टैगोर हिल
  2. चुटुपालू में
  3. कमिश्नर कम्पाउंड
  4. शाहीद चौक में

उत्तर- 3

व्याख्या- पुराने कमिश्नर कम्पाड से उत्तर की ओर स्थित एक पेड़ में लटका कर विश्वनाथ शाही को 16 अप्रैल, 1858 ई. को फाँसी दे दी गयी।

358. मानभूम में 1857 की क्रांति के विषय में क्या सही है।

  1. 5 अगस्त 1857 ई. को पुरुलिया स्थित सैनिकों ने विद्रोह किया।
  2. मानभूम में सैनिक विद्रोह में संथाल सक्रिय रूप से भाग ले रहे थे। 
  3. प्रिंसिपल असिस्टेंट कमिश्नर जी.एन. ओक्स ने पंचेत के राज नीलमणि सिंह से मदद की गुहार लगाई लेकिन वह स्वयं सरकार का विरोधी बन गया था ।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या – मानभूम क्षेत्र में 1857 विद्रोह के संबंध में उपरोक्त सभी कथन सही है।

359. माउन्ट गोमेरी ने नवम्बर 1857 ई. में पंचेत के राजा नीलमणि सिंह को गिरफ्तार कर कहाँ के जेल में भेजा था।

  1. दिल्ली
  2. मुम्बई
  3. कलकता
  4. राँची

उत्तर- 3

व्याख्या- असिस्टेंट कमिश्नर जी. एन. ओक्स के सहयोगी कैप्टेन माउन्ट गोमेरी ने पंचेत के राजा नीलमणि सिंह को गिफ्तार कर कलकता स्थित अलीपुर जेल में रखा था।

360. 3 सितम्बर 1857 ई. को सैनिक विद्रोह कहाँ से प्रारंभ हुआ था।

  1. जमशेदपुर
  2. चाईबासा
  3. सरायकेला-खरसावां
  4. चक्रधरपुर

उत्तर- 2

व्याख्या- 3 सितम्बर, 1857 ई. को सैनिक विद्रोह सिंहभूम में भगवान सिंह एवं रामनाथ सिंह के नेतृत्व में चाईबासा से प्रारंभ हुआ था। 

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361. चाईबासा में सैनिक विद्रोह के पूर्व ही यहाँ के प्रिंसिपल असिस्टेंट कमिश्नर मेजर शिशमोर चाईबासा को किस राजा को सौंप कर भाग गया?

  1. चक्रधर सिंह
  2. हरि सिंह
  3. अर्जुन सिंह
  4. नीलमणि सिंह

उत्तर- 1

व्याख्या – मेजर शिशमोर ने चाईबासा को अंग्रेज समर्थक सरायकेला नरेश चक्रधर सिंह को सौंप कर भाग गया था।

362. निम्न कथनों में से कौन-सा कथन सिंहभूम विद्रोही सैनिक के बारे में गलत है।

  1. सभी विद्रोही सैनिकों की संजय नदी पार करके कुंवर सिंह से मिलने बिहार जाने की योजना थी। 
  2. सरायकेला नरेश चक्रधर सिंह एवं खरसावां नरेश ठाकुर हरि सिंह ने विद्रोही सैनिकों को संजय नदी पर रोक था।
  3. विद्रोही सैनिकों को अंग्रेज विरोधी पोरहाट नरेश अर्जुन सिंह ने सहायता की थी।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 1

व्याख्या – सिंहभूम के विद्रोही सैनिकों ने सरकारी खजाने लूट लिये, जेल से कैदियों को छुड़ा लिया। इसके बाद सभी विद्रोही सैनिकों ने संजय नदी पार कर राँची पहुँचने का निर्णय लिया था।

363. सिंहभूम के विद्रोही सैनिकों ने बंदूकों और खजानों को अर्जुन सिंह को सौंप कर उनकी सेवा में शामिल होना स्वीकार किया तब अर्जुन सिंह ने उनका वेतन कितना रुपया माहवार तय किया?

  1. रु.10
  2. रु.5
  3. रु.15
  4. रु.20

उत्तर- 2

व्याख्या- सिंहभूम के विद्रोही सैनिकों ने डुमरा चट्टी में संजय नदी पार करना चाहा लेकिन सरायकेला नरेश चक्रधर सिंह एवं खरसावाँ नरेश हरि सिंह एवं उसके समर्थकों के मुस्तैदी के कारण संजय नदी नहीं पार कर सका तब अंग्रेज विरोधी पोरहाट नरेश अर्जुन सिंह ने उनकी सहायता की और सैनिकों को अपने में मिला लिया और उन सैनिको का वेतन 5 रुपये माहवार तय किया गया।

364. अंग्रेज अधिकारी आर. सी. बर्च ने पोरहाट नरेश अर्जुन सिंह की गिरफ्तारी के बदले कितने रुपये के इनाम की घोषणा की?

  1. 500 रुपया
  2. 1,000 रुपये
  3. 1,500 रुपये
  4. 20,000 रुपये

उत्तर- 2

व्याख्या- जब आर. सी. बर्च ने पोरहाट नरेश अर्जुन सिंह को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा तो अर्जुन सिंह ने 17 सितम्बर, 1857 ई. को डुगडुगी ‘पिटवाकर अपने आप को ‘सिंहभूम का राजा’ घोषित कर दिया तब आर. सी. बर्च ने गिरफ्तारी के लिए 1000 रुपये का इनाम रखा।

365. अर्जुन सिंह विद्रोही सैनिकों के साथ राँची के कमिश्नर डाल्टन के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए पहुँचा था लेकिन डाल्टन ने किस तिथि को विद्रोही सैनिकों को फाँसी पर चढ़ा दिया था?

  1. 17 अक्तूबर, 1857 
  2. 17 सितम्बर, 1857
  3. 20 अक्तूबर, 1857
  4. 17 नवम्बर, 1857

उत्तर-3

व्याख्या – विद्रोही सैनिकों को कमिश्नर डाल्टन ने 20 अक्तूबर, 1857 को राँची में फाँसी पर लटका दिया, जिस जगह पर विद्रोही सैनिकों को फाँसी दी गई वह आज ‘शहीद चौक’ के नाम से जाना जाता है।

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366. पोरहाट नरेश अर्जुन सिंह का दीवान का क्या नाम था ?

  1. जग्गू
  2. रघुदेव
  3. वैद्यनाथ
  4. रघुवर दयाल सिंह

उत्तर- 1

व्याख्या- अर्जुन सिंह का दीवान जग्गू था जिसे कैप्टेन हेल ने पकड़ लिया और 20 नवम्बर, 1857 ई. को फाँसी पर लटका दिया और पोरहाट पर कब्जा कर लिया लेकिन अर्जुन सिंह भागने में सफल हो गया।

367. पोरहाट नरेश अर्जुन सिंह के विद्रोह को इतिहासकार किस तरह के विद्रोह के रूप में मानते है?

  1. यह एक सिपाही विद्रोह था।
  2. सिपाही विद्रोह न होकर एक व्यापक जनविद्रोह था। 
  3. यह विद्रोह बंदुकधारियों एवं तीर-धनुष धारियों के बीच एक संघर्ष था।
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 2

व्याख्या – अधिकतर इतिहासकार पोरहाट नरेश अर्जुन सिंह के विद्रोह को महज सैनिक विद्रोह न मानकर एक जन-आंदोलन मानते हैं।

368. पलामू में 1857 का विद्रोह 26 सितम्बर, 1857 को प्रारंभ हुआ। इस विद्रोह में किस समुदाय ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया?

  1. भोगता
  2. चेरों
  3. रक्सेल
  4. कोल

उत्तर- 1

व्याख्या- पलामू के विद्रोह में भोगताओं ने महत्वपूर्ण (जो खेरवार की एक शाखा है) भूमिका निभाई। भोगताओं के अलावा चेरो जनजाति भी इस आंदोलन में भाग लिये थे।

369. पलामू में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किसने किया?

  1. नीलाम्बर शाही
  2. पीताम्बर शाही
  3. नीलाम्बर और पीताम्बर दोनों
  4. रघुवर दयाल सिंह

उत्तर- 3

व्याख्या- 1857 के विद्रोह में पलामू से नेतृत्व भोगताओं में भोगता सरदार नीलाम्बर शाही व पीताम्बर शाही ने किया जबकि चेरो ने 26 सितम्बर, 1857 ई. को ही जपला के ‘भवानी बख्श राय’ के नेतृत्व में भाग लिया।

370. नीलाम्बर व पीताम्बर के वे दो गढ़ कौन से थे जहां से वे विद्रोही गतिविधियों को अंजाम दिया करते थे?

  1. शाहपुर व बाघमारा 
  2. भगीनाडीह व लेस्लीगंज
  3. सेनेया और चेमों
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 3

व्याख्या- सेनेया व चेमो नीलाम्बर व पीताम्बर के दो गढ़ थे जहाँ से विद्रोही गतिविधियाँ संचालित होती थी।

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371. 1857 के विद्रोह में भोगताओं ने पलामू के अतिरिक्त पलामू के बाहर से सहायता प्राप्त करने की कोशिश की। ऐसा निम्न में से कौन-सा स्थान था जहाँ उन्हें अपार सफलता मिली?

  1. शाहपुर
  2. बाघमारा
  3. खरौंधी
  4. शाहाबाद

उत्तर- 4

व्याख्या- भोगताओं ने पलामू से बाहर शहाबाद से सहायता प्राप्त की। शहाबाद के विद्रोहियों की संख्या 1100 तक पहुंच गई जिसका नेतृत्व घासी सिंह और राम बहादुर सिंह कर रहे थे।

372. अप्रैल 1859 में निलाम्बर और पीताम्बर शाही को किस स्थान में फाँसी पर लटकाया गया?

  1. लेस्लीगंज
  2. शाहपुर
  3. शहाबाद 
  4. मेवनीनगर

उत्तर- 1

व्याख्या- अप्रैल 1859 ई. में नीलाम्बर और पीताम्बर को फाँसी लेस्लीगंज (पलामू) में दे दी गयी। कहा जाता है कि पीताम्बर को फाँसी चढ़ाते वक्त फाँसी की रस्सी टूट गई थी लेकिन फाँसी के नियमों विरूद्ध उन्हें फाँसी पर दुबारा लटकाया गया।

373. निम्न में से कौन से अंग्रेज अधिकारी पलामू में सैनिक विद्रोह को दबाने में भाग नहीं लिया था?

  1. लेफ्टिनेंट ग्राहम
  2. राँची के कमिश्नर डाल्टन 
  3. मेजर मेकडोनेल
  4. इनमें सभी ने भाग लिया था।

उत्तर- 4

व्याख्या – डाल्टन उस समय राँची का कमिश्नर था और वह तब तक वहाँ रूका जब तक विद्रोहियों का सफाया नहीं हो गया। इनके अलावा कैप्टन नेशन ने भी भाग लिया था।

374. झारखण्ड में 1857 ई. के विद्रोह के स्वरूप पर विचार कीजिए।

  1. संथाल परगना एवं हजारीबाग में मुख्यतः सिपाही विद्रोह था 
  2. राँची, मानभूम व पलामू क्षेत्र में विद्रोह एक जन-विद्रोह था। 
  3. झारखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों के विद्रोह में सिंहभूम के विद्रोह का स्वरूप सबसे अधिक उग्र था।
  4. कुल मिलाकर झारखण्ड का विद्रोह जन-विद्रोह था।
  5. इनमें से सभी कथन सही है।

उत्तर- 5

व्याख्या- सभी कथन सही है।

375. 1857 के विद्रोह के दौरान कम्पनी सरकार को सहायता पहुंचाने वाले किशुन दयाल सिंह और रघुवर दयाल सिंह को कौन-सा खिताब प्रदान किया गया था ?

  1. राय बहादुर
  2. विक्टोरिया क्रॉस
  3. ऑर्डर ऑफ मेरिट
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- रंका के ठकुराई किशुन दयाल सिंह और चैनपुर के ठकुराई रघुवर दयाल सिंह को राय बहादुर का खिताब प्रदान किया गया था।

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376. कुछ देशी सैनिक सूबेदार शेख पंचकौड़ी, हवलदार आरजू एवं नायक तारा सिंह को कहाँ की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए ‘ऑर्डर ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया गया।

  1. राँची 
  2. चतरा
  3. रोहिणी
  4. पलामू

उत्तर- 2

व्याख्या- ये सभी देशी सैनिक थे उन्हें चतरा की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया।

377. 1857 ई. के विद्रोह के दौरान कम्पनी सरकार को सहायता पहुँचाने वाले दो अंग्रेज अधिकारी सर्जेंट डाइनन और लेफ्टिनेंट डॉट को किस सम्मान से सम्मानित किया गया।

  1. राय बहादुर
  2. ऑर्डर ऑफ मेरिट 
  3. विक्टोरिया क्रॉस
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 3

व्याख्या- दोनों अंग्रेज अधिकारियों को विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया।

378. निम्न में से किस इतिहासकार ने 1857 के विद्रोह को आरंभ में सैनिक विद्रोह व बाद में स्वतंत्रता संग्राम बताया है।

  1. सैय्यद अहमद खाँ
  2. आर. सी. मजुमदार
  3. ईश्वरी प्रसाद
  4. एस. एन. सेन

उत्तर- 4

व्याख्या – इतिहासकार एस. एन. सेन ने 1857 ई. के विद्रोह को पहले सैनिक विद्रोह और बाद में स्वतंत्रता संग्राम कहा।

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379. राँची में ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव ने किस सेना का गठन किया-

  1. मुक्तवाहिनी सेना
  2. मिश्रवाहिनी सेना
  3. झारखण्डी सेना
  4. क्रांतिकारी सेना

उत्तर- 1

व्याख्या- राँची में ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव ने मुक्तवाहिनी सेना का गठन किया तथा पाण्डेय गणपत राय को इस सेना का सेनापति नियुक्त किया गया। सेना के गठन में शेख भिखारी की भी अहम भूमिका थी।

380. रोहिणी गाँव किस नदी के किनारे बसा है?

  1. उत्तरी कोयल नदी
  2. अजय नदी
  3. दक्षिणी कोयल नदी
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 2

व्याख्या – व्याख्या-रोहिणी गाँव अजय नदी के किनारे है।

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381. नरमपंथी चरण में झारखण्ड के विषय में कौन-सा कथन गलत है?

  1. झारखण्ड के निवासियों ने कांग्रेस के प्रति अपार उत्साह दिखाया। 
  2. यहाँ के प्रतिनिधियों ने काँग्रेस के अधिवेशनों में (1885-1905) कर्म भाग नहीं लिया।
  3. कॉंग्रेस की स्थापना के साथ ही झारखण्ड राष्ट्रवादी गतिविधियों में कांग्रेस के साथ जुड़ गया। 
  4. इनमें से कोई गलत नहीं है।

उत्तर- 2

व्याख्या- झारखण्ड के प्रतिनिधियों ने कॉंग्रेस की स्थापना के साथ ही कांग्रेस के प्रत्येक अधिवेशन में भाग लिया।

382. झारखण्ड में उग्रवादी चरण के किस रूप का विकास हुआ? 

  1. काँग्रेस के भीतर उग्रवाद दल का।
  2. देश में क्रांतिकारी दल का उदय ।
  3. a और b दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या- भारतीय राजनीति में उग्रवाद का विकास दो रूपों में हुआ। पहला कांग्रेस के भीतर उग्रवाद दल का तथा दूसरा देश में क्रांतिकारी दल का उदय जहाँ तक झारखण्ड की बाद है, तो झारखण्ड में उग्रवाद के दूसरे रूप अर्थात क्रांतिकारी रूप का विकास हुआ।

383. गरमपंथी क्रांतिकारियों का राँची से नेतृत्व किसने किया?

  1. गणेश चन्द्र घोष
  2. शचिन्द्र कुमार सेन
  3. हेमन्त कुमार सेन
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- राँची गरमपंथी क्रांतिकारियों का एक प्रमुख केन्द्र था। गणेश चन्द्र घोष ने राँची से गरमपंथी क्रांतिकारियों का नेतृत्व किया।

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384. गरमपंथी आंदोलन में रांची के संबंध में क्या सही है।

  1. गरमपंथी क्रांतिकारी शचिन्द्र कुमार सेन जो हावड़ा के बेलुर मठ से डोरडा आ कर अपने पिता के साथ ठहरे थे ।
  2. राँची से गरमपंथी क्रांतिकारियों का नेतृत्व गणेश चन्द्र घोष ने किया था।
  3. a और b दोनों सही है।
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 3

व्याख्या- गरमपंथी आंदोलन में राँची के संबंध में उपरोक्त दोनों कथन सत्य है।

385. निम्न कथनों में से कौन-सा कथन गलत है।

  1. हजारीबाग जिलान्तर्गत गिरिडीह नगर में जनवरी 1913 ई. में ‘आवर स्वाधीन भारत’ शीर्षक वाले परचे खम्भों पर चिपकाये गए। 
  2. क्रिस्टों राय द्वारा ये परचे इलाहाबाद से गिरिडीह लाये गये थे। 
  3. खम्भों पर चिपकाने का काम निर्मल चन्द्र बनर्जी ने किया था।
  4. इनमें से सभी कथन सही है।

उत्तर- 2

व्याख्या- चौबीस परगना के क्रिस्टो राय द्वारा ये परचे बंगाल से गिरिडीह लाये गये थे। तथा इन्हें खम्भों पर चिपकाने का काम निर्मल चन्द्र बनर्जी ने किया था तथा इन क्रांतिकारियों को गिरिडीह के एक अबरख खान के मालिक मनोरंजन गुहठाकुरता धन मुहैया कराता था ।

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386. हजारीबाग के किस छात्र नेता को गरमपंथी चरण के दौरान गिरफ्तार किया गया था।

  1. बजरग सहाय
  2. कृष्ण बल्लभ सहाय
  3. राम विनोद सिंह
  4. निर्मल चन्द्र बनर्जी

उत्तर- 3

व्याख्या- रामविनोद सिंह नामक छात्र को 14 नवम्बर, 1918 ई. को गिरफ्तार कर लिया गया। बजरंग सहाय व कृष्ण बल्लभ सहाय ने गिरफ्तारी की निंदा की। राम विनोद सिंह को हजारीबाग का जतिन बाघा उपनाम से जाना जाता है।

387. सिंहभूम में गरमपंथी विचारधारा के विषय में निम्न कथनों में कौन-सा सही है? 

  1. टाटा कंपनी में कार्यरत दुर्गादास बनर्जी का क्रांतिकारियों से गहरा संबंध था। 
  2. ढाका निवासी सुरेन्द्र कुमार राय टाटा कंपनी में नौकरी के साथ-साथ क्रांतिकारियों को मदद पहुँचाया करते थे।
  3. a और b दोनों सही है। 
  4. इनमें से कोई नहीं है।

उत्तर- 3

व्याख्या- दुर्गादास बनर्जी का क्रांतिकारियों से गहरा संबंध था। उनके सहयोगी क्रांतिकारियों में ‘सत्य रंजन’ एवं मोहिनी मोहन राय का नाम उल्लेखनीय है। ढाका निवासी ‘सुरेन्द्र कुमार राय’ भी क्रांतिकारियों को मदद पहुँचाया करते थे।

388. उग्रवादी चरण के दौरान किस उग्रवादी नेता ने घोषणा की “रक्त रंजित क्रांति’ से ही भारत को मुक्त किया जा सकता है।

  1. सुरेन्द्र कुमार राय
  2. दुर्गादास बनर्जी
  3. गिरीन्द्र नाथ मुखर्जी
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- कलकता निवासी गिरीन्द्र नाथ मुखर्जी सिंहभूम में रहने वाले अपने भाई अमर नाथ मुखर्जी के साथ मिलकर यहाँ के नौजवानों को क्रांति का पाठ पढ़ाया करते थे। गिरीन्द्र नाथ मुखर्जी 1902 में अमेरिका एवं जापान की यात्रा की और न्यूयार्क में ही घोषणा की कि ‘रक्तरंजित ‘ क्रांति से ही भारत को मुक्त किया जा सकता है।

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389. झारखण्ड में ऐसा कौन-सा क्षेत्र था जहाँ उग्रवाद के दोनों रूपो का विकास हुआ।

  1. राँची
  2. हजारीबाग 
  3. सिंहभूम 
  4. संथाल परगना

उत्तर- 4

व्याख्या संथाल परगना झारखण्ड में एक ऐसा स्थान था जहां उग्रवाद के दोनों रूपों का विकास हुआ-

1. कांग्रेस के भीतर उग्रवाद दल का उदय तथा

2. देश में क्रांतिकारी दल का उदय ।

390. संथाल परगना के देवघर से संचालित ‘गोल्डेन लीग’ नामक संस्थान निम्न में से किसके लिए काम करती थी।

  1. विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार एवं स्वदेशी आंदोलन के लिए काम करती थी।
  2. वे बम बनाते थे और उनकी शक्ति का परीक्षण निकटवर्ती पहाड़ों पर जाकर कतरे थे।
  3. वे ‘अवर स्वाधीन भारत’ शीर्षक वाले परचे बनाया करते थे। 
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 1

व्याख्या- ‘गोल्डेन लीग’ संथाल परगना के देवघर से संचालित होती थी। यह संस्था विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार एवं स्वदेशी आंदोलन के लिए काम करती थी।

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391. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-

  1. अरविंद कुमार घोष और उनके भाई वारीन्द्र कुमार घोष देवघर के निकट रोहिणी ग्राम में लम्बी अवधि तक ठहरा करते थे।
  2. वारीन्द्र की प्रारंभिक शिक्षा देवघर में हुई थी।
  3. वारीन्द्र देवघर के ‘गोल्डेन लीग’ नामक संस्था के सदस्य बन गये थे।
  4. इनमें से सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या – उपरोक्त सभी कथन सही है।

392. अलीपुर बम कांड (1908 कलकता) से जुड़े युवा क्रांतिकारी झारखण्ड में किस स्थान पर रहकर बम बनाया करते थे? 

  1. गिरिडीह
  2. धनबाद
  3. राँची
  4. देवघर

उत्तर- 4

व्याख्या – अलीपुर बम कांड (1908 ई.) से जुड़े युवा बंगाली क्रांतिकारी देवघर के ‘सीलेर बाड़ी (सील्स लॉज) में छुप कर रहते थे, जहाँ वे यम बनाते थे और उनकी शक्ति का परिक्षण निकटवर्ती पहाड़ों पर जाकर किया करते थे।

393. निम्न में से किस क्रांतिकारी नेता के 1918 ई. की राजद्रोह समिति (Se- dition Committee) रिपोर्ट में संथाल परगना के क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े होने की बात कही गई थी ?

  1. सखाराम गणेश देउस्कर 
  2. भूपेन्द्र नाथ दत्त 
  3. वारीन्द्र कुमार घोष
  4. अरविंद घोष

उत्तर- 2

व्याख्या- देशेर कथा के विद्वान रचनाकार एवं देशभक्त सखाराम गणेश देउस्कर के शिष्य भूपेन्द्र नाथ दत्त को 1918 ई. की राजद्रोह समिति (Sedition Committee) रिपोर्ट में संथाल परगना के क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े होने की बात कही गई थी।

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394. निम्न में से किस नेताओं पर देवघर षड्यंत्र केस नहीं चलाया गया था?

  1. सुरेन्द्र नाथ भट्टाचार्य
  2. तेजेश चन्द्र घोष
  3. अशफाकुल्ला खाँ
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- 20 अक्तूबर, 1927 ई. को देवघर के एक छात्रावास से वीरेन्द्र नाथ भट्टाचार्य उनके भाई सुरेन्द्र नाथ एवं तेजेश चन्द्र घोष को गिरफ्तारी किया गया उनके पास से अवैध हथियार एवं क्रांतिकारी साहित्य बरामद हुए, उन पर देवघर षड्यंत्र केस चलाया गया था।

395. अप्रैल 1916 ई. में नजरबंद करके कलकता से राँची लाए गए मौलाना अबुल कलाम आजाद को सबसे पहले कहाँ रखा गया था।

  1. डाक बंग्ला
  2. मोरहाबादी
  3. अपर बाजार जामा मस्जिद के पास
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- ब्रिटिश सरकार ने होम रूल आंदोलन के सिलसिले में मौलाना अबुल कलाम आजाद को नजरबंद कर के कलकता से रांची लाया था। और उन्हें सबसे पहले ‘डाक बंग्ला’ में रखा गया था।

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396. मौलाना अबुल कलाम आजाद के बारे में निम्न कथनों में से कौन-सा कथन गलत है ?

  1. डाग बंगला में 10 दिन रहने के बाद वे अपर बाजार में रहने लगे।
  2. मोरहाबादी से वे अपर बाजार की जामा मस्जिद में नामाज अदा करने आते थे 1
  3. अगस्त 1917 ई. में अन्जुमन इस्लामिया, राँची तथा मदरसा इसलामिया, राँची की नीव रखी।
  4. इनमें से सभी कथन सही है।

उत्तर- 1

व्याख्या- मौलाना अबुल कलाम आजाद डाक बंगला में 10 दिन रहने के बाद मोरहाबादी में रहने लगे।

397. निम्न कथनों में गलत कथन की पहचान करें।

  1. गाँधी जी पटना से राँची आए और अबुल कलाम आजाद मोरहाबादी में मिले।
  2. 3 जनवरी, 1920 ई. को मौलाना अबुल कलाम आजाद राँची से दिल्ली रवाना हो गये।
  3. दोनों कथन गलत है।
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 3

व्याख्या: जब गाँधी जी पटना से राँची आए और अबुल कलाम आजाद से मिलना चाहा तो उनसे नहीं मिलने दिया गया। 3 जनवरी, 1920 ई. को मौलाना अबुल कलाम अजाद राँची से कलकता रवाना हो गये।

398. प्रथम बार महात्मा गाँधी राँची कब आये थे?

  1. 3 जून, 1917
  2. 3 जून, 1915
  3. 5 जुलाई, 1917
  4. 5 जुलाई, 1915

उत्तर- 1

व्याख्या- वर्ष 1917 में श्याम कृष्ण सहाय लंदन में थे। वहीं से उन्होंने गाँधीजी को राँची आने का आमंत्रण दिया और गांधी जी पहली बार 3 जून, 1917 को राँची आये।

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399. महात्मा गाँधी द्वारा चंपारण आंदोलन की रूपरेखा कहां रह कर तैयार किया गया था ?

  1. पटना
  2. राँची
  3. मोतिहारी
  4. कलकता

उत्तर- 2

व्याख्या- महात्मा गाँधी चंपारण सत्याग्रह के सिलसिले में बिहार के मोतिहारी से राँची पहुंचे थे। यहां आकार वे श्याम कृष्ण सहाय के यहां ठहरे थे और यही पर चांपारण आंदोलन की रूपरेखा तैयार किये थे।

400. महात्मा गाँधी ने राँची आने के बाद किस अंग्रेज अधिकारी से मुलाकात की ?

  1. कर्नल फास्टर
  2. लेफ्टिनेंट ग्राहम 
  3. मेजर मेकडोनाल्ड 
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 4

व्याख्या- महात्मा गाँधी ने राँची आने के बाद राजभवन में उन्होंने बिहार के लेफ्टिनेंट गवर्नर एडवर्ड अल्बर्ट गेट से मुलाकात की।

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