Jharkhand GK Part-5 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-5 For JPSC, JSSC CGL, All Exams – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो परीक्षा के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

Jharkhand GK Part-5 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-5 For JPSC, JSSC CGL, All Exams की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

401. महात्मा गाँधी पहली बार जून 1917 में किसके साथ झारखण्ड आये थे?

  1. ब्रज किशोर बाबू
  2. कस्तूरबा गाँधी
  3. देवदास गाँधी
  4. इनमें सभी के साथ

उत्तर- 4

व्याख्या- प्रथम बार महात्मा गाँधी के साथ में पत्नी देवदास गाँधी, तथा ब्रज किशोर बाबू आए थे। कस्तुरबा गाँधी, पुत्र

402. झारखण्ड में रॉलेट एक्ट के संबंध में कौन-सा कथन सही नहीं है-

  1. राँची से रॉलेट एक्ट के विद्रोह का नेतृत्व रामदीन पाण्डेय एवं गुलाब तिवारी ने किया।
  2. पलामू में जिला स्कूल के शिक्षक रामदीन पाण्डेय ने किया।
  3. जमशेदपूर एवं चाईबासा में भी रॉलेट एक्ट का विरोध किया गया।
  4. इनमेंसे सभी सही है।

उत्तर- 1

व्याख्या- राँची में इसका नेतृत्व बारेश्वर सहाय एवं गुलाब तिवारी ने किया। पलामू में जिला स्कूल के शिक्षक रामदीन पाण्डेय ने किया।

403. जिला कांग्रेस समितियों की स्थापना के संबंध में कौन-सा युग्म सही नहीं है?

  1. पलामू जिला कांग्रेस समिति – 1919 
  2. राँची जिला कांग्रेस समिति – 1920 
  3. हजारीबाग जिला कांग्रेस समिति – 1920
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या- पलामू जिला कांग्रेस कमिटी की स्थापना विन्देश्वरी पाठक एवं भागवत पाण्डेय ने किया था।

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404. असहयोग आंदोलन 1920-21 ई. के दौरान जब गाँधी जी राँची आये थे तो इस बार वे कहाँ ठहरे थे ?

  1. श्याम कृष्ण सहाय के घर
  2. मोरहाबादी
  3. भीमराज वंशीधर मोदी धर्मशाला
  4. राँची के राज भवन में

उत्तर- 3

व्याख्या – असहयोग आंदोलन के दौरान जब गाँधी जी राँची आये थे तो इस बार वे भीमराज बंशीधर मोदी धर्मशाला में ठहरे थे और उसी के सामने विदेशी कपड़ों की होली जलाई गई थी।

405. असहयोग आंदोलन के दौरान पलामू का राजा किसे घोषित किया गया था ?

  1. देवकी प्रसाद सिन्हा
  2. विन्देश्वरी पाठक
  3. भागवत पाण्डेय
  4. धनी सिंह खेरवार

उत्तर- 4

व्याख्या- पलामू के आदिवासी नेता धनी सिंह खरवार जब वर्ष 1920 ई. के कलकता अधिवेशन से लौटे तो पलामू में एक सभा हुई इस सभा में जंगलों को काट कर कपास की खेती करने का निर्णय लिया गया तथा इसी सभा में धनी सिंह खेरवार को पलामू का राजा घोषित किया गया।

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406. 10 अक्तूबर, 1920 ई. को बिहारी स्टूडेंट्स कॉंफ्रेंस का 15वाँ अधिवेशन कहाँ हुआ था ? 

  1. पटना
  2. राँची
  3. डाल्टनगंज 
  4. हजारीबाग

उत्तर- 3

व्याख्या- असहयोग आंदोलन के दौरान 10 अक्तूबर, 1920 ई. को ‘डाल्टेनगंज’ में बिहारी छात्र सम्मेलन (बिहारी स्टूडेंट्स कॉफ्रेंस) का 15वाँ अधिवेशन हुआ। इस अधिवेशन की अध्यक्षता ‘सी. एफ. एंडुज ने की।

407. कांग्रेस के विशेष अधिवेशन (कलकत्ता अधिवेशन) 1920 के तत्काल बाद डाल्टेनगंज में राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना की गई जिसके प्रधानाध्यापक किन्हें बनाया गया था?

  1. धनी सिंह खेरवार
  2. विन्देश्वरी पाठक
  3. भागवत पाण्डेय
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या- विन्देश्वरी पाठक को डाल्टनगंज राष्ट्रीय विद्यालय का प्रथम प्रधानाध्यापक बनाया गया था।

408. नवम्बर 1921 ई. में असहयोग आंदोलन के दौरान झारखण्ड के किस स्थान पर वार्षिक पिंजरापोल समारोह हुआ।

  1. हजारीबाग 
  2. राँची 
  3. डालटेनगंज 
  4. दुमका

उत्तर- 2

व्याख्या- राँची में असहयोग आंदोलन के दौरान वार्षिक पिंजरापोल समारोह हुआ था।

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409. असहयोग आंदोलन के दौरान हजारीबाग से निम्न में से किसे जेल भेजा गया ?

  1. बजरंग सहाय
  2. कृष्ण वल्लभ सहाय
  3. सरस्वती देवी
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- वर्ष 1920 में हजारीबाग जिला कांग्रेस कमिटी की स्थापना के साथ ही 1921 में असहयोग आंदोलन तीव्र हो गया इसके फलस्वरूप बजरंग सहाय, कृष्ण वल्लभ सहाय, सरस्वती देवी, त्रिवेणी प्रसाद एवं शालिग्राम सिंह को जेल भेज दिया गया था।

410. बिहारी छात्र सम्मेलन (बिहारी स्टूडेंट्स कॉंफ्रेंस) का 16वाँ अधिवेशन कहाँ हुआ था ? 

  1. डाल्टनगंज 
  2. राँची 
  3. हजारीबाग 
  4. पटना

उत्तर- 3

व्याख्या- बिहारी छात्र सम्मेलन का 16वाँ अधिवेशन हजारीबाग में हुआ इसकी अध्यक्षता ‘सरला देवी’ ने की।

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411. संथाल परगना में असहयोग आंदोलन के बारे में क्या सही है? 

  1. जामताड़ा हाई स्कुल के छात्रों ने 13 जनवरी, 1921 ई. को स्कूल का बहिष्कार किया।
  2. देवघर हाई स्कूल के छात्रों ने जिसमें पंडित विनोदानंद झा व प्रफुल्ल चंद्र सेन प्रमुख थे। राष्ट्रीय स्कूल की स्थापना की मांग की।
  3. जनवरी 1922 ई. में साहेबगंज की हड़ताल हुई।
  4. इनमें सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या- संथाल परगना में असहयोग आंदोलन से संबंधित उपरोक्त सभी कथन सत्य है।

412. असहयोग आंदोलन के दौरान मानभूम के कौन से नेता को सजा प्राप्त हुई थी ?

  1. स्वामी सोमेश्वरानंद
  2. रामेश्वर चौबे
  3. जयराम साहू
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- असहयोग आंदोलन के दौरान मानभूम क्षेत्र के स्वामी सोमेश्वरानंद को सजा प्राप्त हुई थी।

413. असहयोग आंदोलन के दौरान संथाल परगना से निम्न में से कौन से नेता को सजा प्राप्त हुई थी ?

  1. जिया साहू
  2. राम जानकी साहू
  3. भोली सिंह व फूलन सिंह 
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- असहयोग आंदोलन के दौरान संथाल परगना से जिया साहू, राम जानकी साहू, भोली सिंह एवं फूलन सिंह को सजा मिली थी।

414. असहयोग आंदोलन के दौरान निम्न में से कौन से नेता को सिंहभूम से सजा प्राप्त हुई थी ?

  1. बिशुन राम महरी
  2. हाजी अब्दुल्ला
  3. a और b दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या – असहयोग आदोलन के दौरान सिंहभूम से बिशुन राम महरी व हाजी अब्दुल्ला को राजनीतिक बदी बनाया गया था।

415. असहयोग आंदोलन के बाद राँची से होने वाली राष्ट्रीय गतिविधियों में कौन-सा कथन सही नहीं है?

  1. पी सी मिश्रा एवं देवकी प्रसाद तिलक स्वराज्य कोष के लिए धन एकत्र करने में लग गये थे।
  2. 1925 ई. में गाँधीजी जब राँची आये तो लोगों ने यथा शक्ति चन्दा दिया।
  3. राँची में देवकी प्रसाद की अध्यक्षता में साइमन कमीशन का बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित हुआ। 
  4. इनमें से सभी कथन गलत है।

उत्तर-3

व्याख्या- 18 दिसम्बर, 1927 ई को रांची में नागरिकों की एक सभा हुई जिसमें एस. के. सहाय की अध्यक्षता में साइमन कमीशन का बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित हुआ।

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416. असहयोग आंदोलन के बाद पलामू से होने वाली राष्ट्रीय गतिविधियाँ में कौन-सा कथन सही है? 

  1. गाँधीजी जनवरी 1927 में डाल्टेनगंज आये थे।
  2. गाँधीजी ने डाल्टेनगंज में एक जनसभा की जिसमें कई महिलाओं में उन्हें किमती आभूषण दिये।
  3. साइनम कमीशन का जब राँची में विरोध हुआ तब प्रदर्शन में पलामू के निवासी कोहड़ा पाण्डेय भी शामिल थे।
  4. इनमें से सभी कथन सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या- पलामू से होने वाली राष्ट्रीय गतिविधियों के संबंध में उपरोक्त सभी कथन सही है।

417. वर्ष 1923 को जब प्रांतीय लेजिस्लेटिव काउंसिल बनी तो निम्न में से कौन स्वराज पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में चुने गये । 

  1. कृष्ण बल्लभ सहाय
  2. श्याम कृष्ण सहाय
  3. पी. सी मित्रा
  4. देवकी प्रसाद

उत्तर- 1

व्याख्या- 1 जनवरी, 1923 ई को स्वराज पार्टी की स्थापना मोतीलाल नेहरू तथा चितरजन दास के द्वारा की गई। 1923 ई. में जब प्रांतीय लेजिस्लेटिव काउंसिल बनी तो कृष्ण बल्लभ सहाय स्वराज पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में चुने गये।

418. 1925 ई. में जब गाँधीजी झारखण्ड आये तो हजारीबाग में भी उनका भाषण समारोह हुआ। इस समारोह में उन्हें कितनी राशि भेंट दी गयी?

  1. 300
  2. 600
  3. 1200
  4. 1300

उत्तर- 4

व्याख्या- 1925 ई. में जब गाँधीजी झारखण्ड आये तो हजारीबाग में भी उनका भाषण समारोह हुआ और उसके बाद उन्हें एक मंजूषा के साथ 1300 रुपये की थैली भेंट की गई। 

419. वर्ष 1923 ई. में हुए प्रांतीय लेजिस्लेटिव काउंसिल के चुनाव में संथाल परगना से कौन विजयी‌ हुए थे?

  1. कृष्ण बल्लभ सहाय 
  2. श्याम कृष्ण सहाय
  3. रामेश्वर लाल
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर – 3

व्याख्या- रामेश्ववर लाल प्रातीय लेजिस्लेटिव काउंसिल के लिए दक्षिण संथाल परगना निर्वाचन क्षेत्र से स्वराज्य पार्टी के टिकट पर विजयी हुए।

420. वर्ष 1923-1929 के दौरान सिंहभूम क्षेत्र के विषय में क्या सही है? 

  1. वर्ष 1924 ई में सिंहभूम के आदिवासियों ने हाट कर न देने का आदोलन चलाया आदोलन के नेता विष्णु माहुरी को गिरफ्तार कर लिया गया।
  2. सी एफ एण्ड्रज के आग्रह पर अगस्त 1925 ई में गाँधीजी जमशेदपुर आये। 
  3. जमशेदपुर की सभा मे गाँधी जी को 5000 रुपये ‘देशबंधु स्मृति कोष’ के लिए दिये गये।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या – सिंहभूम क्षेत्र के विषय में उपरोक्त सभी कथन सही है।

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421. निम्न में से किस राष्ट्रीय नेता को वर्ष 1928 ई० में जमशेदपुर लेबर यूनियन (टाटा लेबर एसोसिएशन) का सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाया गया ?

  1. महात्मा गाँधी
  2. सुभाष चन्द्र बोस
  3. राजेन्द्र प्रसाद
  4. जवाहर लाल नेहरू

उत्तर- 2

व्याख्या – सुभाष चंद्र बोस 18 अगस्त, 1928 ई. को जमशेदपुर पहुचे और 20 अगस्त को उन्हें जमशेदपुर लेबर यूनियन (टाटा लेबर एसोसिएशन) का सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाया गया था। वे 9 वर्षों तक (1928-37) इस यूनियन के अध्यक्ष रहे।

422. वर्ष 1928 ई. में चाईबासा के किस पत्रिका के संपादक आनंद कमल चक्रवर्ती को ब्रिटिश विरोधी प्रकाशन के लिए बंदी बना लिया गया। 

  1. तरूण संघ 
  2. तरूण शक्ति 
  3. रक्तरंजित 
  4. गोल्डेन लीग 

उत्तर- 2

व्याख्या – वर्ष 1928 ई में चाईबासा की पत्रिका ‘तरूण’ शक्ति के संपादक आनंद कमल चक्रवर्ती को ब्रिटिश विरोधी प्रकाशन के लिए बंदी बना लिया गया।

423. 26 जनवरी, 1930 को राँची में स्थानीय काँग्रेस कमिटी के अध्यक्ष कौन थे, जिनके नेतृत्व में झण्डा फहराया गया और पूर्ण स्वाधीनता दिवस अत्यंत उत्साह पूर्वक मनाया गया ?

  1. श्याम कृष्ण सहाय
  2. नागरमल मोदी
  3. कृष्ण वल्लभ सहाय
  4. पी सी मित्र

उत्तर- 4

व्याख्या- 26 जनवरी 1930 को रांची में स्थानीय कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पी. सी. मित्र थे जिनके नेतृत्व में झण्डा फहराया गया और पूर्ण स्वाधीनता दिवस अत्यंत उत्साह पूर्वक मनाया गया।

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424. 26 जनवरी, 1930 को हजारीबाग में किसने भारी लाठी चार्ज के बीच कचहरी पर झण्डा फहराकर पूर्ण स्वाधीनता दिवस मनाया?

  1. बजरंग सहाय
  2. कृष्ण वल्लभ सहाय
  3. सरस्वती देवी
  4. त्रिवेणी प्रसाद

उत्तर- 2

व्याख्या – हजारीबाग में कृष्ण वल्लभ सहाय ने भारी लाठी चार्ज के बीच कचहरी पर झण्डा फहराकर पूर्ण स्वाधीनता दिवस मनाया।

425. झारखण्ड में सविनय अवज्ञा आंदोलन के सम्बंध में कौन-सा कथन सत्य है ?

  1. झारखण्ड के आदिवासीयों ने इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
  2. राँची का तरुण संघ समारोह कराने में सबसे आगे था।
  3. 1930 के स्वाधीनता दिवस का आयोजन ह बाग व गिरिडीह में भी हुआ।
  4. उपरोक्त सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या – झारखण्ड में सविनय अवज्ञा आदोलन से संबधित उपरोक्त सभी कथन सही है।

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426. सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान हजारीबाग में कृष्ण वल्लभ सहाय ने किस तालाब के निकट नमक बनाकर नमक कानून को चुनौती दी थी ?

  1. धोबिया तालाब
  2. हजारीबाग छठ तालाब
  3. खजांची तालाब
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- झारखण्ड में हजारीबाग सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक प्रमुख केन्द्र था। कृष्ण वल्लभ सहाय ने हजारीबाग के खजाची तालाब के निकट नमक बनाकर नमक कानून को चुनौती दी थी। उन्हें एक वर्ष की सजा मिली।

427. सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान सिंहमूम क्षेत्र के विषय में क्या गलत है? 

  1. सिंहभूम क्षेत्र के जमशेदपुर नामक स्थान पर नमक सत्याग्रह का नेतृत्व ननी गोपाल मुखर्जी ने किया
  2. 16 नवम्बर 1930 ई. को गोलमुरी मैदान में झंडा फहराकर जवाहर दिवस मनाया गया।
  3. 3 मार्च 1932 ई. को सविनय अवज्ञा आदोलन के दौरान महात्मा गाँधी, सरदार पटेल आदि नेताओं के गिरफ्तारी के विरोध में गोलमुरी मैदान में सभा आयोजन किया गया था।
  4. इनमें से सभी कथन सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या – सविनय अवज्ञा आदोलन के दौरान सिंहभूम क्षेत्र के विषय में उपरोक्त सभी कथन सही है।

428. पलामू में सविनय अवज्ञा के विषय में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?

  1. पलामू में सविनय अवज्ञा आदोलन के दौरान नमक सत्याग्रह का नेतृत्व चद्रिका प्रसाद वर्मा एव शुत्रधन प्रसाद ने
  2. पलामू में संपूर्ण किसान आदोलन का नेतृत्व यदुवंश सहाय ने किया। 
  3. चंद्रिका प्रसाद वर्मा एवं सोनार सिंह खरवार ने चंदवा में शिवपुर व कुम्भवा गांव में नमक बनाकर नमक कानून तोड़ा।
  4. इसमें से सभी कथन सही है।

उत्तर- 1

व्याख्या – पलामू में सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान नमक सत्याग्रह का नेतृत्व चंद्रिका प्रसाद वर्मा एव सोनार सिंह खेरवार ने किया था।

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429. झारखण्ड के संथाल परगना में सविनय अवज्ञा आंदोलन का नेतृत्व किसने किया था?

  1. शशि भूषण राय
  2. विनोदानंद झा
  3. श्रीमति शैलबाला राय
  4. शशिधर बनर्जी

उत्तर- 3

व्याख्या- झारखण्ड में संथाल परगना भी सविनय अवज्ञा आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। संथाल परगना में श्रीमती शैलबाला राय के नेतृत्व में महिलाओं ने नमक कानून को चुनौती दी।

430. जनवरी 1937 में भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत चुनाव कराये गए जिसमे झारखण्ड की क्षेत्रीय विधायिका के लिए आदिवासी सुरक्षित सीटों की संख्या कितनी थी?

  1. 5
  2. 6
  3. 10
  4. 15

उत्तर- 2

व्याख्या- जनवरी 1937 में भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत चुनाव कराये गये जिसमें झारखण्ड की क्षेत्रीय विधायिका के लिए आदिवासी सुरक्षित सीटों की संख्या 6 थी।

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431. निम्न कथनों में कौन-सा कथन सही है?

  1. 29 मार्च, 1940 ई. को महात्मा गाँधी अंतिम बार राँची आये। 
  2. महात्मा गाँधी को अंतिम बार झारखण्ड आने का उद्देश्य निवारण बाब को देखना था।
  3. a और b दोनों सही है।
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 3

व्याख्या- 1940 में महात्मा गाँधी अतिम दफा राँची आये थे, तभी वे निवारण बाबू को देखने निवारणपुर गये थे। फिर यहा से 45 किमी दूर मार्च महीने में रामगढ़ में कांग्रेस के 53वें वार्षिक अधिवेशन में हिस्सा लेने गये थे।

432. मानसिक यातना से उबरने के लिए सुभाषचंद्र बोस ने छोटानागपुर के किस स्थान पर रहकर स्वास्थ्य लाभ लिया?

  1. राँची
  2. जमशेदपुर
  3. धनबाद 
  4. पलामू

उत्तर- 3

व्याख्या – कांग्रेस के 52वें अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बावजूद गाँधीजी के समर्थकों के असहयोग के कारण सुभाषचंद्र बोस ने अध्यक्ष पद से 29 अप्रैल 1940 को इस्तीफा दे दिया इस कारण से हुए मानसिक यातना से उभरने के लिए सुभाष चन्द्र बोस ने छोटानागपुर के धनबाद के निकट एक एकांत स्थल जामादोबा में रहकर स्वास्थ्य लाभ लिया।

433. निम्न में से कौन-सा कथन गलत है? 

  1. रामगढ़ अधिवेशन झारखण्ड की धरती पर संपन्न होने वाले कांग्रेस का पहला एवं एकमात्र अधिवेशन था।
  2. 19 एवं 20 मार्च, 1940 ई. को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 53वाँ वार्षिक अधिवेशन राँची जिला अंतर्गत रामगढ़ में मौलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में हुआ। 
  3. राजेन्द्र प्रसाद को स्वागत समिति का अध्यक्ष बनाया गया था ।
  4. इनमें से कोई नहीं ।

उत्तर- 2

व्याख्या- 19 एवं 20 मार्च, 1940 ई. को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 53वाँ वार्षिक अधिवेशन हजारीबाग जिला अंतर्गत रामगढ़ में मौलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में हुआ।

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434. निम्न में से कौन-सा कथन कांग्रेस का 53वाँ वार्षिक अधिवेशन के बारे में सही है।

  1. रामगढ़ अधिवेशन में अभियंत्रण कार्य रामजी प्रसाद वर्मा की देख-रेख में किया गया। 
  2. बिजली का प्रबंधन गया कॉटन मिल के मालिकों ने किया।
  3. चरखा संघ के सचिव लक्ष्मी नारायण ने एक खादी प्रदर्शनी का आयोजन किया।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या- काँग्रेस के 53वें अधिवेशन के विषय में उपरोक्त सभी कथन सही है।

435. कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन के बारे में निम्न कथनों में गलत कथन की पहचान करें-

  1. स्वागत समिति की ओर से बिहार की प्राचीन गरिमा पर केन्द्रित एक स्मारिका प्रतिनिधियों के बीच वितरित की गई जिसका संपादन जयचन्द विद्यालंकर ने किया था।
  2. बिहार के ऐतिहासिक घटनाओं पर केन्द्रीत चित्रवली भी प्रतिनिधियों के बीच वितरित की गई, जिसका चित्रंकन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के निर्देशन में किया गया था।
  3. a और b दोनों गलत 
  4. a और b दोनों सही

उत्तर- 2

व्याख्या- बिहार के ऐतिहासिक घटनाओं पर केन्द्रित चित्रवली भी प्रतिनिधियों के बीच वितरित की गई, जिसका चित्रंकन ईश्वरी प्रसाद वर्मा के निर्देशन में किया गया था।

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436. कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन के बारे में निम्न कथनों में गलत कथन की पहचान कीजिए-

  1. रामगढ़ अधिवेशन का मुख्य प्रवेश द्वार का नाम बिरसा मुण्डा के नाम पर बिरसा द्वारा रखा गया था।
  2. सभा स्थल का नाम मजहर उलहक के नाम पर मजहर नगर रखा गया था।
  3. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने स्वागत भाषण दिया था।
  4. इनमें से सभी कथन सही है।

उत्तर- 3

व्याख्या- कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में राजेन्द्र प्रसाद को स्वागत समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। इसलिए डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने स्वागत भाषण दिया।

437. रामगढ़ अधिवेशन में निम्न में से यह कथन किसका है। “भारत को बिना उसकी इच्छा के लड़ाई में धकेल दिया गया है। हम ब्रिटिश साम्राज्यवाद को विजयी बनाकर अपनी गुलामी की अवधी को नहीं बढ़ाना चाहते”……।

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नहेरू
  3. मौलाना अबुल कलाम आजाद
  4. राजेन्द्र प्रसाद

उत्तर- 3

व्याख्या- झारखण्ड में कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में मौलाना अबुल कलाम आजाद को अध्यक्ष बनाया गया था और अबुल कलाम ने अध्यक्षीय भाषण में ऐसा कहा था।

438. झारखण्ड में कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कौन-सा एक मात्र प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसका अनुमोदन आचार्य जे. बी. कृपलानी ने किया।

  1. भारत छोड़ो का प्रस्ताव
  2. सत्याग्रह का प्रस्ताव
  3. सविनय अवज्ञा का प्रस्ताव 
  4. असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव

उत्तर- 2

व्याख्या- पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कांग्रेस का एकमात्र प्रस्ताव सत्याग्रह का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसका अनुमोदन आचार्य जे. बी. कृपलानी ने किया।

439. रामगढ़ अधिवेशन के दौरान ही निकटवर्ती स्थान ‘बिहटा’ में ‘अखिल भारतीय समझौता विरोधी सम्मेलन (All India Antipromise Con ference) आयोजित किया गया। इस सम्मेलन के सभापति कौन थे?

  1. सुभाष चन्द्र बोस
  2. भगत सिंह
  3. रतन टाटा
  4. विनोबा भावे

उत्तर- 1

व्याख्या- रामगढ़ अधिवेशन के दौरान ही निकटवर्ती स्थान ‘बिहटा’ में अखिल भारतीय समझौता विरोधी सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन के सभापति सुभाष चन्द्र बोस एवं इसका मुख्य प्रस्तावक सहजानंद सरस्वती थे।

440. रामगढ़ अधिवेशन से संबंधित प्रमुख कथनों पर विचार किजिए। 

  1. रामगगढ़ अधिवेशन की एक विशेषता यह भी थी कि यही सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व में ‘अखिल भारतीय फारवार्ड ब्लॉक’ का जन्म हुआ। 
  2. रामगढ़ में ही मानवेंद्र नाथ राय ने ‘रेडिकल डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना की।
  3. a और b दोनों सही है।
  4. a और b दोनों गलत है।

उत्तर- 3

व्याख्या- रामगढ़ अधिवेशन के संबंध में दोनों कथन सही है।

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441. भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत 9 अगस्त 1942 को होते ही रांची से किसे 10 अगस्त, 1942 को गिरफ्तार किया गया ?

  1. नारायण चन्द्र लाहिरी
  2. नागरमल मोदी
  3. मोती लाल अमेठिया
  4. शिव नारायण मोदी

उत्तर- 1

व्याख्या- भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत 9 अगस्त, 1942 को हुआ और राँची से इस आंदोलन के दौरान प्रथम गिरफ्तार व्यक्ति नारायण चंद्र लाहिरी थे।

442. हजारीबाग में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत 11 अगस्त, 1942 को किसके नेतृत्व में प्रारंभ हुआ?

  1. जय प्रकाश नारायण
  2. कृष्ण वल्लभ सहाय
  3. श्रीमती सरस्वती देवी 
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- हजारीबाग में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत 11 अगस्त, 1942 को श्रीमति सरस्वती देवी के नेतृत्व में किया गया था।

443. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हजारीबाग के संबंध में कौन-सा कथन गलत है?

  1. 9 नवम्बर, 1942 को जय प्रकाश नारायण हजारीबाग जेल से फरार हो गये थे।
  2. जय प्रकाश नारायण अपने सात साथियों के साथ फरार हो गये थे।
  3. जय प्रकाश नारायण को फरार होते देख राम नारायण सिंह, कृष्ण वल्लभ सहाय, सुखलाल सिंह को हजारीबाग जेल से भागलपुर जेल स्थानान्तरित कर दिया गया।
  4. इनमें से सभी कथन सही है।

उत्तर- 2

व्याख्या- 9 नवम्बर, 1942 ई. को जय प्रकाश नारायण अपने 5 साथियों राम नंदन मिश्र, योगेन्द्र शुक्ल, सूरज नारायण सिंह, गुलाबी सोनार व शालिग्राम सिंह के साथ फरार हो गये थे।

444. सिंहभूम में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ निम्न में किसके नेतृत्व में हुआ?

  1. रामानंद तिवारी
  2. रामचंद्र पालिवाल
  3. राम नारायण सिंह
  4. सुखलाल सिंह

उत्तर- 1

व्याख्या- सिंहभूम ( जमेशदपुर) में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रारंभ रामानंद तिवारी के नेतृत्व में हुआ, लेकिन पुलिस ने उन्हें 33 नेताओं साहित गिरफ्तार कर हजारीबाग जेल भेज दिया।

445. दुमका में किसके नेतृत्व में 19 अगस्त, 1942 को विशाल जुलूस का आयोजन किया गया था?

  1. प्रेमा देवी एवं जामवंती देवी 
  2. मोती लाल केरजीवाल एवं अशोक बोस
  3. राम जीवन एवं हिम्मत सिंह
  4. इनमें से कोई नहीं ।

उत्तर- 1

व्याख्या- दुमका में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान प्रेमा देवी और जामवंती देवी के नेतृत्व में 19 अगस्त, 1942 को विशाल जुलूस का आयोजन किया गया था।

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446. देवघर में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रांरभ 11 अगस्त, 1942 को किसके नेतृत्व में हुआ ?

  1. गौरी शंकर डालमिया 
  2. विनोदानंद झा
  3. जानकी खरवार
  4. इनमें से कोई नहीं 

उत्तर- 2

व्याख्या- देवघर में विनोदानन्द झा ने भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया था।

447. पलामू के जपला में भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किसने किया?

  1. राजेन्द्र प्रसाद 
  2. नंदलाल प्रसाद
  3. दशरथ राम 
  4. मिथलेश कुमार सिंह

उत्तर- 4

व्याख्या- मिथलेश कुमार सिंह जपला सीमेंट फैक्टरी में जपला मजदूर संघ के सचिव थे। इन्हीं के नेतृत्व में 13 अगस्त, 1942 ई. को भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ हुआ।

448. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान झारखण्ड से अंतिम गिरफ्तार व्यक्ति निम्न में से कौन थे?

  1. विनोदानंद झा
  2. छविलाल झा
  3. वाचस्पति त्रिपाठी
  4. कृष्ण वलल्भ सहाय

उत्तर- 3

व्याख्या- 1943 ई. तक भारत छोड़ो आंदोलन समाप्त हो गया। झारखण्ड के संदर्भ में 22 अगस्त, 1943 ई. को वाचस्पति त्रिपाठी की गिरफ्तारी भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ी अंतिम घटना मानी जाती है। 

449. राँची जिला स्कूल के विद्यार्थियों ने जुलूस निकालकर भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत कब की- 

  1. 9 अगस्त, 1942
  2. 10 अगस्त, 1942
  3. 14 अगस्त, 1942
  4. 17 अगस्त, 1942

उत्तर- 3

व्याख्या- 14 अगस्त, 1942 ई. को रांची के जिला स्कूल के विद्यार्थियों ने जुलूस निकालकर भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की।

450. क्रिशचन स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन के संस्थापक निम्नलिखित में से किस मिशन से संबंधित थे?

  1. रोमन कैथोलिक मिशन 
  2. गॉस्सनर इवेंजेलिकल लुथरन मिशन
  3. द युनाइटेड फ्री ऑफ स्कॉटलैंड मिशन
  4. ऐंग्लिकन मिशन

उत्तर- 4

व्याख्या- झारखण्ड के पृथ्थकीकरण आंदोलन का बीज ‘ढाका’ विद्यार्थी परिषद् की सभा (1912) में बोया गया था और इसी सभा में ऐंग्लिकन मिशन राँची से भाग लेनेवाले जे. बारथोलोमन ने 1912 में ही किया था।

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451. निम्नलिखित संस्थाओं में से किस संस्था का नाम बदलकर ” छोटानागपुर उन्नति समाज कर दिया गया ? 

  1. क्रिशचन स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन
  2. किसान सभा
  3. छोटानागपुर कैथोलिक सभा 
  4. छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी सभा

उत्तर- 1

व्याख्या- 1915 ई. में जे. बारथोलोमन ‘संत पाल स्कूल राँची’ में शिक्षक बन गए। उसके बाद इस संगठन में नये लोग आ गये और फिर जे. बारथोलोमन को बहिष्कृत करके ‘क्रिशचन स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन’ का नाम बदलकर’ छोटानागपुर उन्नति समाज’ कर दिया गया।

452. छोटानागपुर उन्नति समाज के निर्माण में मुख्य भूमिका किसका है?

  1. बंदीराम उरांव
  2. ठेबले उरांव
  3. पॉल दयाल
  4. रेवरेंड जुएल लकड़ा

उत्तर- 4

व्याख्या- छोटानागपुर उन्नति समाज की स्थापना 1915 में हुई थी इसका सुझाव ऐंग्लिकन मिशन के बिशप केनेडी के द्वारा दिया गया था इसके निर्माण में ‘रेवरेंड जुएल लकड़ा’ की मुख्य भूमिका थी। इसके अन्य प्रमुख नेता थे, बंदीराम उरांव, ठेवले उरांव व पॉल दयाल थे।

453. छोटानागपुर उन्नति समाज का मुख्य उद्देश्य क्या था ?

  1. छोटानागपुर की प्रगति
  2. आदिवासी जन समुदाय में सामाजिक, राजनीतिक और अर्थिक प्रगति । 
  3. छोटानागपुर और संथाल परगना की प्रगति
  4. a और b दोनों

उत्तर- 4

व्याख्या छोटानागपुर उन्नति समाज के केवल दो उद्देश्य थे प्रथम छोटानागपुर की प्रगति और दूसरा आदिवासी जन समुदाय में सामाजिक राजनीतिक व आर्थिक सुधार करना

454. साइमन कमीशन को राँची आने पर किस संस्था ने अपना ज्ञापन सौंप था?

  1. क्रिशचन स्टूडेन्ट्स आर्गेनाइजेशन 
  2. छोटानागपुर उन्नति समाज
  3. किसान सभा
  4. छोटानागपुर कैथोलिक सभा

उत्तर- 2

व्याख्या- दिसम्बर 1928 ई. में जब साइमन कमीशन राँची आया तो छोटानागपुर उन्नति समाज की ओर से बिशप बान ह्यूक और रेंवरेंड जुएल लकड़ा के नेतृत्व में एक ज्ञापन सौंपा गया था।

455. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ?

  1. छोटानागपुर उन्नति समाज द्वारा सौंपा गया ज्ञापन में आदिवासियों को विशेष सुविधा की मांग की गयी।
  2. एक अलग प्रशासनिक इकाई की मांग की गयी। 
  3. कमीशन ने छोटानागपुर उन्नति समाज की सारी मांगों को ठुकरा दिया।
  4. इनमें से सभी सही हैं।

उत्तर- 4

व्याख्या – छोटानागपुर उन्नति समाज के द्वारा सौंपा गया ज्ञापन में आदिवासियों को विशेष सुविधा तथा अलग प्रशासनिक इकाई की मांग की गयी थी लेकिन कमीशन ने साफ इनकार कर दिया।

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456. निम्नलिखित में ऐसा कौन-सा संगठन था जिसने झारखण्ड के शोषित किसान समुदाय को शोषक जमींदार के खिलाफ संगठित किया? 

  1. छोटानागपुर उन्नति समाज 
  2. छोटानागपुर संयुक्त संघ
  3. किसान सभा
  4. छोटानागपुर सभा

उत्तर- 3

व्याख्या- वर्ष 1930 में छोटानागपुर उन्नति समाज में मतभेद के कारण कुछ सदस्यों ने एक समांतर संगठन किसान सभा का गठन किया जिसका मुख्य उद्देश्य झारखण्ड के शोषित किसान समुदाय को शोषक जमींदार के खिलाफ संगठित करना था।

457.  ‘किसान सभा’ के प्रथम अध्यक्ष कौन बनाए गए ?

  1. रेवरेंड जुएल लकड़ा 
  2. बंदीराम उरांव
  3. ठेवले उरांव
  4. पॉल दयाल

उत्तर- 3

व्याख्या- वर्ष 1930 में छोटानागपुर उन्नति समाज के कुछ सदस्यों ने आपसी मतभेद के कारण एक समांतर संगठन ‘किसान सभा का गठन किया, जिसके प्रथम अध्यक्ष ‘ठेवले उरांव’ एवं पहले सचिव पॉल दयाल’ थे ।

458. छोटानागपुर कैथोलिक सभा की स्थापना कब की गई ?

  1. 1930
  2. 1933
  3. 1937
  4. 1938

उत्तर- 2

व्याख्या- कैथोलिकों जिन्हें अभी तक किसी संगठन में स्थान नहीं मिला था, अपने हितों की रक्षा के लिए वर्ष 1933 में छोटानागपुर कैथोलिक सभा की स्थापना की।

459. ‘छोटानागपुर कैथोलिक सभा’ के प्रथम महासचिव कौन बनाए गए? 

  1. बोनिफेस लकड़ा 
  2. जुएल लकड़ा 
  3. पॉल दयाल 
  4. इग्नेस बेक 

उत्तर- 4

व्याख्या- ‘आचार्य बिशप सेबरिन’ की प्रेरणा से छोटानागपुर कैथोलिक सभा की स्थापना 1933 में किया गया। इसके प्रथम अध्यक्ष ‘बेनिफेस लकड़ा’ एवं इसके प्रथम महासचिव इग्नेस बेक थे।

460. छोटानागपुर – संथाल परगना आदिवासी सभा की स्थापना के पीछे क्या कारण थे?

  1. बिहार-ओडिशा संयुक्त प्रांत से ओडिशा को अलग कर नये प्रांत का गठन 1936 में किया जाना 
  2. बिहार में गठित कांग्रेसी मंत्रिमंडल में झारखंडियों को एक भी स्थान न मिलना ।
  3. 1937 के चुनाव में छोटानागपुर कैथोलिक सभा के अलावा किसी भी संगठन को एक भी सीट नहीं प्राप्त होना।
  4. a और b दोनों

उत्तर- 4

व्याख्या – a और b दोनों कथन सही कारण है। 

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461. जनवरी 1937 में भारत शासन अधिनियम 1935 के तहत प्रांतीय विधानसभा के चुनाव हुए। इस चुनाव में छोटानागपुर क्षेत्र से केवल एक पार्टी के उम्मीदवार ही जीत पाये। वह पार्टी कौन-सी थी ?

  1. छोटानागपुर उन्नति समाज
  2. किसान सभा
  3. छोटानागपुर कैथोलिक सभा
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- 1937 के चुनाव में कॉंग्रेस के साथ-साथ छोटानागपुर उन्नति समाज, किसान सभा, छोटानागपुर कैथोलिक सभा आदि ने भाग लिया। इस चुनाव में केवल छोटानागपुर कैथोलिक सभा ने दो उम्मीदवार खड़ा किया और दोनों उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।

462. छोटानागपुर – संथाल परगना आदिवासी सभा का गठन कितने आदिवासी संगठनों को मिलाकर किया गया ?

  1. 3
  2. 5
  3. 4
  4. 6

उत्तर- 2

व्याख्या- 31 मई, 1938 ई. को राँची के हिंदपीढ़ी मुहल्ले के सभा भवन में छोटानागपुर उन्नति समाज की वार्षिक आम सभा हुई। इसमें 5 आदिवासी संगठनों, छोटानागपुर उन्नति समाज, किसान सभा, छोटानागपुर कैथोलिक सभा, मुंडा सभा एवं ‘हो माल्टो मारंग सभा को मिलाकर छोटानागपुर संथाल परगना आदिवासी सभा का गठन किया गया।

463. छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी सभा का प्रथम अध्यक्ष किसे बनाया गया?

  1. थियोडोर सुरीन 
  2. बंदीराम उरांव
  3. पॉल दयाल
  4. जयपाल सिंह

उत्तर- 1

व्याख्या- 31 मई 1938 ई. को राँची में छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी सभा का गठन किया गया इसके प्रथम अध्यक्ष थियोडोर सुरीन, उपाध्यक्ष बंदीराम उरांव एवं पॉल दयाल सचिव चुने गये।

464. छोटानागपुर – संथाल परगना आदिवासी सभा का मुख्य उद्देश्य क्या था?

  1. छोटानागपुर को एक अलग प्रांत का निर्माण करना।
  2. संथाल परगना को एक अलग प्रांत का निर्माण करना।
  3. छोटानागपुर एवं संथाल परगना को मिलाकर एक अलग प्रांत का निर्माण करना।
  4. उपरोक्त में सभी ।

उत्तर- 3

व्याख्या – छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी सभा का मुख्य उद्देश्य छोटानागपुर संथाल परगना को मिलाकर एक अलग प्रांत का निर्माण करना था।

465. छोटानागपुर – संथाल परगना आदिवासी सभा का नाम बदल कर क्या कर दिया गया ?

  1. ऑल इंडिया झारखण्ड पार्टी। 
  2. हुल झारखण्ड पार्टी।
  3. अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् ।
  4. आदिवासी महासभा ।

उत्तर- 4

व्याख्या- जनवरी, 1939 में छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी सभा का नाम बदल कर ‘आदिवासी महासभा’ कर दिया गया। 

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466. वास्तविक अर्थ में झारखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन का आरंभ कब हुआ?

  1. 1950
  2. 1939
  3. 1938
  4. 1932

उत्तर- 2

व्याख्या- वर्ष 1939 से ही झारखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन की शुरूआत मानी जाती है क्योंकि इसी वर्ष जयपाल सिंह का इस आंदोलन में प्रवेश हुआ था इसी कारण से वास्तविक अर्थ में इसी वर्ष झारखण्ड राज्य निर्माण का आरंभ हुआ। ज्यादातर इतिहासकार 1939-40 ई. से मानते हैं।

467. 20-21 जनवरी 1939 को छोटानागपुर संथाल परगना आदिवासी समा की ऐतिहासिक एवं दूसरी महासभा राँची में हरमू नदी के किनारे समा भवन में हुई। इस महासभा की अध्यक्षता किसने की ?

  1. जयपाल सिंह 
  2. सैम्यूल पूर्ति 
  3. निर्मल मुण्डा
  4. थियोडोर सुरीन

उत्तर- 1

व्याख्या- छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी सभा की दूसरी महासभा की अध्यक्षता जयपाल सिंह ने की तथा स्वागत समिति के अध्यक्ष सैम्यूल पूर्ति थे।

468. 20-21 जनवरी 1939 को छोटानागपुर संथाल परगना आदिवासी समा के दूसरे अधिवेशन का आयोजन किया गया तो इसके निर्णय के बारे में क्या सही है?

  1. इसी सभा में जयपाल सिंह का नाम मरंग गोमके (बड़े गुरुजी) दिया गया।
  2. छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी सभा का नाम बदलकर आदिवासी महासभा कर दिया गया।
  3. इसी महासभा में पहली बार छोटानागपुर- संथाल परगना को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग की गई।
  4. इनमे से सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या- छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी सभा के दूसरे अधिवेशन में ही जयपाल सिंह को सम्मान देने के लिए मरंग गोमके नाम दिया गया तथा इसी सभा में छोटानागपुर संथाल परगना आदिवासी सभा का नाम बदलकर आदिवासी महासभा किया गया तथा इसी सभा में छोटानागपुर – संथाल परगना को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग की गई।

469. छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी सभा का सस्थापक इनमें से किसे माना जाता है?

  1. थियोडोर सुरीन 
  2. बंदीराम उरांव
  3. पॉल दयाल
  4. जयपाल सिंह

उत्तर- 1

व्याख्या- थियोडार सुरीन को छोटानागपुर संथाल परगना आदिवासी सभा का संस्थापक माना जाता है।

470. 21 जनवरी, 1939 ई. को जयपाल सिंह ने बिहार से छोटानागपुर – संथाल क्षेत्र के अलगाव का प्रस्ताव पेश किया, जिसके बारे में क्या सही है? 

  1. जयपाल सिंह द्वारा पेश किए प्रस्ताव का अनुमोदन जमशेदपुर के एन. एन. रक्षित ने किया।
  2. इसी सभा में ‘पृथक्करण संघ’ के गठन का निर्णय लिया। 
  3. पृथक्करण संघ का अध्यक्ष देवकी नंदन सिंह को बनाया गया।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या- 21 जनवरी 1939 ई. को जयपाल सिंह द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव का अनुमोदन जमशेदपुर के एन. एन. रक्षित ने किया और इसी दिन पृथक्करण संघ की स्थापना किया गया, जिसके अध्यक्ष देवकी नंदन सिंह को बनाया गया।

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471. वर्ष 1939 ई. में रामबहादुर सतीश चंद्र सिन्हा ने बिहार विधानसभा में छोटानागपुर – संथाल परगना को बिहार से अलग करने का प्रस्ताव पेश किया। इस समय बिहार के मुख्यमंत्री कौन थे?

  1. राजेन्द्र प्रसाद
  2. श्री कृष्ण सिंह
  3. जयपाल सिंह
  4. श्री कृष्ण राय

उत्तर- 2

व्याख्या- 1939 ई. में बिहार के मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह थे।

472. निम्नलिखित में से कौन से राष्ट्रीय नेता दिसम्बर, 1939 ई. में झारखण्ड के जमशेदपुर आए और उन्होंने छोटानागपुर-संथाल परगना प्रांत की मांग को ठुकराकर जयपाल सिंह से कांग्रेस को समर्थन करने को कहा?

  1. जवाहर लाल नेहरू
  2. सुभाष चन्द्र बोस
  3. गांधी जी
  4. श्रीकृष्ण सिंह

उत्तर- 2

व्याख्या- सुभाष चन्द्र बोस वो नेता थे जिन्होंने जयपाल सिंह मुंडा को कांग्रेस का समर्थन करने को कहा।

473. 1 जनवरी, 1946 ई. को कहीं ‘झारखण्ड-छोटानागपुर – पाकिस्तान’ कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया?

  1. राँची
  2. पटना
  3. जमशेदपुर 
  4. गया

उत्तर- 1

व्याख्या- 30-31 दिसम्बर एवं 1 जनवरी, 1946 ई. को राँची में ‘झारखण्ड छोटानागपुर पाकिस्तान’ कान्फ्रेंस का अयोजन किया गया, जिसमें बंगाल व बिहार के मुस्लिम नेता हसन शहीद सुहरावर्दी तलफ उर रहमान ने भाग लिया था।

474. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-

  1. 1946 में हुए प्रांतीय विधान मंडल के चुनाव में खूँटी में आदिवासी महासभा की ओर से जयपाल सिंह उम्मीदवार बनें। 
  2. कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार डॉ. पूर्ण चन्द्र मित्र को बनाया।
  3. इस चुनाव में जयपाल सिंह हार गये। 
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या- 1946 में हुए प्रांतीय विधानमंडल के चुनाव में आदिवासी महासभा ने खूँटी से जयपाल सिंह को उम्मीदवार बनाया, जबकि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के रूप में डॉ. पूर्ण चन्द्र मित्र को खड़ा किया, लेकिन 2 मार्च, 1946 को हुए ‘तपकरा गोलीकांड’ के बाद भी जयपाल सिंह को हार का सामना करना पड़ा।

475. निम्न कथनों पर विचार कीजिए ?

  1. जयपाल सिंह 1946 में पहली बार मुस्लिम लीग के सहयोग से संविधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
  2. मुस्लिम लीग द्वारा प्रयोजित ‘प्रत्यक्ष कार्रवाई’ के दिन जयपाल सिंह का मुस्लिम लीग से मोहभंग हुआ।
  3. a और b दोनों सही हैं। 
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- मुस्लिम लीग ने जयपाल सिंह को प्रांतीय विधानमंडल के चुनाव में चुनाव फंड के लिए अच्छा-खासा आर्थिक सहयोग दिया था और बाद में मुस्लिम लीग के सहयोग से ही संविधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इसमें मुस्लिम लीग का एकमात्र उद्देश्य था – खनिज एवं अन्य प्राकृति संसाधनों से संपन्न छोटानागपुर पठार को पूर्वी पाकिस्तान में मिला लेना।

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476. सरायकेला एवं खरसावां को ओडिशा में मिलाये जाने के विरोध में 1 जनवरी, 1948 ई. को आदिवासी महासभा ने सिंहभूम जिला के खरसावां हाट मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन किया था इस जनसभा में निम्न में से कौन-सा नारा लगा था ?

  1. झारखण्ड अबुआ 
  2. ओडिशा जारी कबुआ
  3. मरंग गोमके की जय
  4. ये सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- छोटानागपुर के कमिश्नर के अधीन दो छोटी देशी रियासतों सरायकेला एवं खरसावां को ओडिशा में मिलाये जाने के विरोध में । जनवरी, 1948 को आदिवासी महासभा ने सिंहभूम जिला के खरसावां हाट मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया, जिसमें “झारखण्ड अबुआ, ओडिशा जारी कबुआ (अर्थात झारखण्ड अपना है, ओडिशा शासन नहीं चाहिए)”, मरंग गोमके की जय आदि नारे लगे।

477. किस प्रसिद्ध समाजवादी नेता ने खरसावां गोलीकांड पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे आजाद भारत का जालियावाला बाग हत्याकांड की संज्ञा दी ? 

  1. राम मनोहर लोहिया
  2. महात्मा गांधी
  3. स्वामी दयानंद सरस्वती
  4. पंडित जवाहर लाल नेहरू

उत्तर- 1

व्याख्या- 1 जनवरी, 1948 को आदिवासी महासभा ने सरायकेला एवं खरसावां को ओडिशा में मिलाये जाने के विरोध में खरसावां में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया था। ओडिशा पुलिस उत्तेजित भीड़ पर गोली चलाने लगी, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गये और 400 लोग घायल हो गये। इसी घटना को समाजवादी नेता ‘राम मनोहर लोहिया’ ने आजाद भारत का जालियावाला बाग हत्याकांड की संज्ञा दी।

478. निम्न कथनों में सही कथनों की पहचान करें।

  1. भारत सरकार ने सरायकेला एवं खरसावां को ओडिशा प्रांत में विलय कर दिया। 
  2. एक अनुमण्डल (Sub division) के रूप में सरायकेला-खरसावां को सिंहभूम जिले के साथ जोड़ दिया गया।
  3. 26 जनवरी, 1950 को भारत सरकार ने सरायकेला एवं खरसावां को सिंहभूम जिले के साथ विलय की पुष्टि एक अधिसूचना के जरिये की । 
  4. इनमें से कोई नहीं ।

उत्तर- 2

व्याख्या- भारत सरकार ने सरायकेला खरवासा को ओडिशा प्रांत में विलय को रद्द कर दिया और इसे बिहार प्रांत में ही रखने का आदेश जारी किया। इस प्रकार 1 जनवरी, 1948 से 18 मई 1948 तक कुल 139 दिन तक सरायकेला खरसावां ओडिशा के अधीन रहा। इसे सिंहभूम जिले के अंतर्गत एक अनुमंडल के रूप में जोड़ दिया। इसकी पुष्टि 27 जुलाई, 1949 को अधिसूचना जारी की गई।

479. आजादी के बाद आदिवासी महासभा का पहला वार्षिक अधिवेशन राँची में 28 फरवरी, 1948 ई. को हुआ। इस अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की थी?

  1. महात्मा गांधी
  2. सुभाष चन्द्र बोस
  3. जयपाल सिंह
  4. जय प्रकाश नारायण

उत्तर- 3

व्याख्या आजादी के बाद आदिवासी महासभा के पहले अधिवेशन की अध्यक्षता जयपाल सिंह मुंडा ने की।

480. 31 दिसम्बर, 1949 ई. को आदिवासी महासभा का नाम बदलकर ‘झारखण्ड पार्टी’ कर दिया गया इसका प्रथम अध्यक्ष किसे बनाया गया?

  1. सुशील कुमार बागे
  2. जयपाल सिंह
  3. राम मनोहर लोहिया
  4. जय प्रकाश नारायण

उत्तर- 2

व्याख्या- आदिवासी महासभा ने ‘जमशेदपुर’ में एक संयुक्त सम्मेलन आयोजित किया। यह सम्मेलन 31 दिसम्बर 1949 एवं 1 जनवरी, 1950 को ‘दो’ दिनों तक चला। प्रथम दिन (31 दिसम्बर, 1949) को आदिवासी महासभा का नाम बदल कर झारखण्ड पार्टी कर दिया गया तथा दूसरे दिन (1 जनवरी, 1950) को जयपाल सिंह को इसका प्रथम अध्यक्ष चुना गया। अधिकारिक तौर पर झारखण्ड पार्टी की स्थापना 1 जनवरी, 1950 माना जाता है।

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481. झारखण्ड पार्टी की स्थापना कब हुई ?

  1. 31 दिसम्बर, 1949 
  2. 1 जनवरी, 1950
  3. 1 जनवरी, 1948
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – 31 दिसम्बर, 1949 को ही आदिवासी महासभा का नाम बदल कर झारखण्ड पार्टी कर दिया गया था, लेकिन अध्यक्षीय भाषण 1 जनवरी, 1950 को हुआ। इसी कारण से झारखण्ड पार्टी की स्थापना 1 जनवरी, 1950 माना जाता है।

482. निम्न कथनों में कौन-सा कथन सही है ?

  1. 2 जुलाई, 1951 ई. को सोशलिस्ट पार्टी के नेता जयप्रकाश नारायण रांची के सामलौंग आये।
  2. झारखण्ड पार्टी ने अपना प्रस्ताव जयप्रकाश नारायण के पास रखा था।
  3. जय प्रकाश नारायण ने छोटानागपुर संथाल परगना को विशेष दर्जा या अलग राज्य का दर्जा दिये जाने का समर्थन किया।
  4. इनमें सभी सही है।

उत्तर- 4

व्याख्या- जय प्रकाश नारायण के संबंध में उपरोक्त सभी कथन सही है।

483. 1952 के चुनाव के संबंध में झारखण्ड पार्टी के बारे में क्या सही नहीं है

  1. बिहार विधान सभा चुनाव 1952 में झारखण्ड पार्टी को 33 सीटें मिलीं।
  2. झारखण्ड पार्टी प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरी।
  3. जयपाल सिंह बिहार विधानसभा के विपक्ष के नेता बने।
  4. इनमें सभी सही है।

उत्तर- 3

व्याख्या- 1952 में बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ, जिसमें झारखण्ड पार्टी 33 सीट पाकर बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के रूप में उमरी तथा ‘सुशील कुमार बागे बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता बने।

484. छोटानागपुर की किस संस्था (पार्टी) ने “छोटानागपुर सेपरेशन दि ओनली सॉल्यूशन” शीर्षक से 36 पृष्ठों की एक पुस्तिका 7 अप्रैल, 1954 को जारी की?

  1. छोटानागपुर संथाल परगना आदिवासी महासभा
  2. झारखण्ड पार्टी
  3. छोटानागपुर संयुक्त संघ 
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 3

व्याख्या- 1954 ई. को ‘छोटानागपुर संयुक्त संघ’ का गठन किया गया और सुखदेव महतो को संघ का अध्यक्ष बनाया गया। छोटानागपुर संयुक्त संघ ने ही छोटानागपुर सेपरेशन:दि ओनली सॉल्यूशन’ शीर्षक से 36 पृष्ठों की पुस्तिका 7 अप्रैल, 1954 को जारी की।

485. छोटानागपुर संयुक्त संघ के अध्यक्ष राम नारायण सिंह को किस उपनाम से जाना जाता था ? 

  1. शेर-ए-छोटानागपुर 
  2. छोटानागपुर केशरी
  3. a और b दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या – सुखदेव महतो को छोटानागपुर संयुक्त संघ का प्रथम अध्यक्ष बनाया गया। बाद में राम नारायण सिंह को इस संघ का अध्यक्ष बनाया गया। रामगढ़ अधिवेशन (1940) में महात्मा गांधी ने राम नारायण सिंह को शेर-ए-छोटानागपुर और छोटानागपुर केसरी की उपाधि दी थी। 

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486. निम्न कथनों में गलत कथनों की पहचान कीजिए ?

  1. 25 जुलाई, 1956 ई. को ‘बिहार एवं पश्चिम बंगाल राज्य स्थानांतरण विधेयक, 1956 लोक सभा में पेश किया गया। क्षेत्र 
  2. 1 नवम्बर, 1956 को झारखण्ड क्षेत्र का 2407 वर्गमील क्षेत्र, जिसमें पुरुलिया शामिल था पश्चिम बंगाल को दे दिया गया। 
  3. राज्य पुनर्गठन आयोग ने झारखण्ड की माँग को स्वीकार कर लिया।
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 3

व्याख्या – 25 जुलाई, 1956 ई. को बिहार एवं पश्चिम बंगाल राज्य क्षेत्र स्नानांतरण विधेयक 1956 लोक सभा में पेश हुआ। संसद की स्वीकृति के बाद 1नवम्बर,1956 को झारखण्ड का 2407 वर्गमील भूमि जिसमें पुरुलिया भी शामिल था बंगाल को दे दिया गया। राज्य पुनर्गठन आयोग ने कहा झारखण्ड नहीं बनेगा, विकास बोर्ड बनाइये तब 9 साल बाद 1964 में एक क्षेत्रीय विकास बोर्ड बना।

487. झारखण्ड पार्टी का विलय काग्रेस में कब किया गया?

  1. 20 जून, 1963 
  2. 30 मई, 1969
  3. 20 मार्च, 1970
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या – बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कांग्रेस के विनोदानन्द झा के प्रयास से झारखण्ड पार्टी का वर्ष 1963 में 20 जून को कांग्रेस में कि विलय कर दिया गया।

488. निम्न में से कौन-सा टाइम पीरियड झारखण्ड आंदोलन का बिखराव का दौर रहा।

  1. 1696-1976 तक
  2. 1963-1973 तक
  3. 1955-1975 तक
  4. 1950-1960 तक

उत्तर- 2

व्याख्या – 1963 में झारखण्ड पार्टी का कांग्रेस में विलय के बाद लगभग 10 वर्षों तक झारखण्ड आंदोलन के बिखराव का दौर रहा।

489. 1963 से 1973 ई. तक के काल को झारखण्ड आंदोलन का बिखराव का दौर कहा जाता है क्योंकि झारखण्ड पार्टी कई टुकड़ों में बंट गयी। इनमें से वह कौन-सी पार्टी नहीं है जो झारखण्ड पार्टी के बिखराव से बनी है? 

  1. bबिरसा सेवा दल 
  2. ऑल इंडिया झारखण्ड पार्टी
  3. हुल झारखण्ड पार्टी
  4. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा

उत्तर- 4

व्याख्या – 1963-1973 तक के काल को झारखण्ड आदोलन का बिखराव का दौर कहा जाता है क्योंकि इसी समय झारखण्ड पार्टी कई टुकड़ों में बंट गई, जिसमें बिरसा सेवा दल 1965, ऑल इंडिया झारखण्ड पार्टी 1967,हुल झारखण्ड पार्टी 1969 शामिल है।

490. निम्नलिखित का सही मिलान कीजिए- 

  1. बिरसा सेवा दल                       I. 1967
  2. ऑल इंडिया झारखण्ड पार्टी     ॥. 1965
  3. हुल झारखण्ड पार्टी                III. 1930
  4. किसान सभा                        iv. 1969

        A      B     C     D

  1.   i       ii      iii     iv
  2.   ii      i      iv      v
  3.   iii      i      ii      iv
  4.   iv     iii     ii      i

उत्तर- 2

व्याख्या- 

बिरसा सेवादल  – 1965

ऑल इंडिया झारखण्ड पार्टी  – 1967

हुल झारखण्ड पार्टी      – 1969

किसान सभा  – 1930

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491. निम्नलिखित का सही मिलान कीजिए-

  1. बिरसा सेवा दल     i. ठेबले उरांव
  2. ऑल इंडिया झारखण्ड पार्टी ii. ललित कुजूर 
  3. हुल झारखण्ड पार्टी     iii. जस्टिन रिचर्क
  4. सान सभा             iv. बागुन सुम्बई

A     B    C   D

  1. i       iv    iii    ii
  2. ii      iv    iii    i
  3. iii      ii     i    iv
  4. iv      iii    ii   i

उत्तर- 2

व्याख्या- 

बिरसा सेवा दल       – ललित कुजूर

ऑल इंडिया झारखण्ड पार्टी    – बागुन सुम्बई

हुल झारखण्ड पार्टी    –  जस्टिन रिचर्ड

किसान सभा       –  ठेबले उरांव

492. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की स्थापना कब की गई ?

  1. 1972
  2. 1963
  3. 1973
  4. 1969

उत्तर- 3

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की स्थापना 4 फरवरी, 1973 ई को धनबाद के गोल्फ मैदान में विनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन तथा अरूण कुमार राय के द्वारा किया गया था।

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493. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ?

  1. बिनोद बिहारी महतो
  2. शिबू सोरेन
  3. ए के राय
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- बिनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन एवं ए के राय ने मिलकर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की। विनोद बिहारी महतो इसके अध्यक्ष एव शिबू सोरेन इसके महासचिव बनाये गए।

494. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के प्रथम महासचिव किन्हें बनाया गया था?

  1. बिनोद बिहारी महतो
  2. सोरेन
  3. ए. के. राय
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – प्रश्न संख्या 48 की व्याख्या देखें।

495. निम्न में से कौन झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का उद्देश्य नहीं था?

  1. अलग झारखण्ड की माग ।
  2. गैर-आदिवासियों को अत्याचार से मुक्ति दिलाना।
  3. नौकरी में स्थानीय लोगों को अवसर । 
  4. झारखण्ड केवल आदिवासियों के लिए हो।

उत्तर- 4

व्याख्या – झामुमो के तीन मुख्य उद्देश्य थे प्रथम अलग झारखण्ड की मांग, दूसरा गैर-आदिवासियों को अत्याचार से मुक्ति दिलाना एवं तीसरा नौकरी में स्थानीय लोगों को अवसर।

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496. निम्नलिखित का सही मिलान कीजिए।

  1. बिनोद बिहारी महतो      i. झारखण्ड पार्टी
  2. शिबू सोरेन             ii. मार्क्सवादी समन्वय समिति
  3. अरुण कुमार राय        iii. शिवाजी समाज
  4. जयपाल सिंह             iv. सोनोत संथाल समाज

      A      B      C    D

  1. i         ii       iii   vi
  2. iii       iv       ii    i
  3. ii        iv       ii    i
  4. iv      iii       ii    i

उत्तर- 2

व्याख्या – झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की स्थापना से पूर्व इसके संस्थापकों ने एक-एक संगठन की स्थापना की थी जिसमे बिनोद बिहारी महतो ने शिवाजी समाज की स्थापना 1969 में शिबू सोरेन ने सोनोत (शुद्ध) संथाल समाज की स्थापना 1970 ई. में एवं अरुण कुमार राय (ए के राय) ने मार्क्सवादी समन्वय समिति की स्थापना 1971 में किया गया था। झारखण्ड पार्टी की स्थापना जनवरी 1950 ई. को जयपाल सिंह मुंडा के द्वारा की गई थी।

497. किस वर्ष राजधानी पटना में आदिवासियों का जुलूस निकाला गया जिसका मुख्य उद्देश्य राजधानी वासियों को झारखण्ड समर्थक शक्ति से परिचित कराना बताया गया।

  1. 1971
  2. 1973
  3. 1977
  4. 1978

उत्तर- 4

व्याख्या – वर्ष 1978 में शिबू सोरेन एवं ए. के .राय के नेतृत्व में पटना में आदिवासियों का जुलूस निकाला गया इसका एकमात्र उद्देश्य था राजधानी वासियों को झारखण्ड समर्थन शक्ति से परिचित करना।

498. 1980 के बिहार विधान सभा चुनाव में किस कांग्रेसी नेता के पहल पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा एवं कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन हुआ, जिसमें झामुमो ने 13 सीट पर जीत दर्ज की।

  1. बिनोद बिहारी महतो 
  2. बिश्वेश्वर प्रसाद केसरी 
  3. ज्ञानरंजन
  4. डॉ राम दयाल मुण्डा

उत्तर – 3

व्याख्या – झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की स्थापना 1973 में किया गया मगर पार्टी ने 1977 के बिहार विधानसभा में चुनाव भाग नहीं लिया। लेकिन 1980 के चुनाव में राँची के कांग्रेसी नेता ज्ञानरंजन की पहल पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा एवं कांग्रेस के बीच चुनावी गठबधन हुआ और इस चुनाव में झामुमो ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की।

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499. 19 नवम्बर, 1981 ई. को राँची विश्वविद्यालय में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की स्थापना की गई इसके प्रथम विभागाध्यक्ष कौन बने? 

  1. डॉ रामदयाल मुंडा
  2. शिबू सोरेन
  3. जय प्रकाश नारायण
  4. इंदर सिंह नामधारी

उत्तर- 1

व्याख्या – राँची विश्वविद्यालय में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के प्रथम विभागाध्यक्ष डॉ. रामदयाल मुण्डा को बनाया गया था।

500. छोटानागपुर के भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने इंदर सिंह नामधारी की अध्यक्षता में ‘वनांचल’ नाम से नया राज्य बनाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर आंदोलन आरंभ करने का संकल्प कहाँ लिया ? 

  1. पलामू के बेतला नेशनल पार्क में।
  2. हरमू (राँची) के सभा भवन में।
  3. हिंदपीढ़ी मुहल्ले के सभा भवन में।
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 1

व्याख्या – 14 जनवरी, 1984 ई. को पलामू के बेतला नेशनल पार्क में छोटानागपुर के भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने इंदर सिंह नामधारी की अध्यक्षता में वनांचल नाम से नया राज्य बनाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर आंदोलन आरंभ करने का संकल्प व्यक्त किया।

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