Jharkhand GK Part-7 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-7 For JPSC, JSSC CGL, All Exams – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो परीक्षा के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

Jharkhand GK Part-7 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान

यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-7 For JPSC, JSSC CGL, All Exams की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।

601. झारखण्ड के किस जनजातीय विद्रोह का परिणाम था कि 1834 में ‘दक्षिण पश्चिमी सीमांत एजेन्सी’ नाम से एक प्रशासनिक इकाई का गठन किया गया ?

  1. कोल विद्रोह
  2. हो विद्रोह
  3. बिरसा आदोलन
  4. टाना भगत आंदोलन

उत्तर- 1

व्याख्या – कोल विद्रोह में छोटानागपुर खास, पलामू, सिंहभूम व मानभूम के कुछ जनजातियों ने भाग लिया सिर्फ हजारीबाग एक ऐसा क्षेत्र था जो इस विद्रोह से अछूता रहा।

602. झारखण्ड के बहादुर कोलों के बारे में अंग्रेज अधिकारी ‘हंटर’ ने 40 साल बाद “स्टैटिकल एकाउंटस ऑफ बंगाल” नामक किताब लिखी उसने लिखा…. कोल लोग जो आज भी ऐसे गीत गाते हैं जो याद दिलाते हैं कि उनके पूर्वज 1832 में किस प्रकार वीरगति को प्राप्त हुए?

  1. नगरी के बहादुर कोल
  2. हजारीबाग के कोल
  3. राँची के बहादुर कोल
  4. सिंहभूम के कोल

उत्तर- 1

व्याख्या- झारखण्ड के बहादुर कोलों के बारे में अंग्रेज अधिकारी हंटर ने अपने किताब “स्टैटिकल एकाउटस ऑफ बंगाल” में लिखा है कि नगरी के बहादुर कोल लोग जो आज भी ऐसी गीत गाते हैं जो याद दिलाते है कि उनके पूर्वज 1832 में किस प्रकार वीरगति को प्राप्त हुए।

603. किसने लिखा है: ‘कोल विद्रोह कृषक असंतोष कि अभिव्यक्ति मात्र न होकर आदिवासियों की स्वतंत्रता की लड़ाई थी। जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन का उन्मूलन था’।

  1. मेजर रफसेज
  2. चार्ल्स मेटकाफ
  3. कर्नल जॉन्स
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर – 2

व्याख्या- अनेक इतिहासकारों ने कोल विद्रोह पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये जिसमें चार्ल्स मेटकाफ ने लिखा है: कोल विद्रोह कृषक असंतोष की अभिव्यक्ति मात्र न होकर आदिवासियों की स्वतंत्रता की लड़ाई थी,जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन का उन्मूलन था।

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604.  कोल विद्रोह का का कारण था-

  1. भूमि संबंधी असंतोष
  2. जमींदारों-जागीरदारों द्वारा उत्पीड़न व शोषण 
  3. अंग्रेजों की दखलअंदाजी
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- कोल विद्रोह का निम्नलिखित कारण थे।

1.भूमि संबंधी असंतोष

2. जमींदारों एवं जगीरदारों द्वारा उत्पीड़न व शोषण

3.अंग्रेजों की दखलअंदाजी

4.ठेकेदारों,साहूकारों,व्यापारियों एवं अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा शोषण 

5.गैर-आदिवासियों द्वारा आदिवासियों की जमीन के अलावा उनकी स्त्रियों का छीना जाना

605. कोल विद्रोह का निम्न में से कौन-सा तत्कालिक कारण है? 

  1. गैर-आदिवासियों द्वारा आदिवासियों की जमीन के अलावा उनकी स्त्रियों का छिना जाना
  2. न्यायालयों में निराशा
  3. जमींदारों एवं जागीरदारों द्वारा उत्पीड़न शोषण
  4. इनमें सभी।

उत्तर- 1

व्याख्या – कोल विद्रोह का तत्कालिक कारण गैर-आदिवासियों द्वारा आदिवासियों के जमीन के अलावा उनकी स्त्रियों का छीना जाना था।

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606. छोटानागपुर में 1824 ई. में ‘आबकारी कर’ लगाया गया इसके तहत हंड़िया पर कौन-सा कर लगया गया ?

  1. पतचुई
  2. हड़िया कर
  3. खोर पास कर
  4. हम्टा

उत्तर- 1

व्याख्या – छोटानागपुर में 1824 ई. में आबकारी कर लगाया गया। इसके तहत ‘हड़िया’ (चावल से बनायी जाने वाली शराब) पर पतचुई नामक कर लगाया गया।

607. आबकारी कर को कब समाप्त कर दिया गया ?

  1. 1824
  2. 1825
  3. 1826
  4. 1827

उत्तर – 3

व्याख्या – आदिवासियों के घोर विरोध के चलते वर्ष 1826 में आबकारी कर को समाप्त कर दिया गया।

608. कोल विद्रोह का आरंभ किस स्थान में हुआ?

  1. तमाड़ के लंगा गांव
  2. नगरी गांव, रांची
  3. देवघर के रोहिनी
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- अपमानित और उत्पीड़ित मानकी व सुर्गा मुण्डा ने आदिवासियों की एक सभा ‘तमाड़ के लंगा’ गांव में बुलायी। इस सभा की व्यवस्था बंदगांव के बिंदराई मानकी ने किया था।

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609.  कोल विद्रोह का नेतृत्व किसने किया?

  1. सिंगराई मानकी
  2. सुर्गा मुण्डा
  3. बुद्ध भगत
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या-  कोल विद्रोह का नेतृत्व सिंगराई मानकी,सुर्गा मुण्डा, बुद्ध भगत व अन्य लोगों ने किया।

610. कोल विद्रोह का युद्ध का सूचक क्या था?

  1. भाला
  2. कुल्हाड़ी 
  3. तीर
  4. पत्थर का टुकड़ा

उत्तर- 3

व्याख्या- कोल विद्रोह दिसम्बर, 1831 ई.में शुरू हुआ और जंगल की आग की तरह फैलता गया। इसका कारण था यूरोपीय धर्मयुद्ध के क्रॉस की तरह युद्ध-सूचक तीर को गाँव-गाँव घुमाया गया और अधिक से अधिक आदिवासी को शामिल करने का प्रयास किया गया।

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611. मानभूम में विद्रोह का दमन निम्न में किस अंग्रेज अधिकारी ने किया? 

  1. कैप्टेन विलकिनसन
  2. जिला मजिस्ट्रेट एच. पी. रसेल
  3. मेजर मैकडोनाल्ड
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – मानभूम में कोल विद्रोह का दमन जिला मजिस्ट्रेट एच. पी. रसेल और सेनानायक हार्सबर्ग ने किया।

612. कोल विद्रोह जिसने झारखण्ड में प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की नींव रखी, का दमन किस अंग्रेज सेनानायक ने किया ? 

  1. एच.पी. रसेल
  2. मेजर मैकडोनाल्ड 
  3. कैप्टेन विलिकिन्सन
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या  – कैप्टेन विलकिन्सन ने भी कोल विद्रोह का दमन किया। जो उस में दक्षिण-पश्चिम सीमात एजेंसी के एजेंट थे।

613. दक्षिण पश्चिम सीमांत एजेंसी के प्रथम एजेंट कौन थे।

  1. एच. पी. रसेल
  2. मेजर मैकडोनाल्ड
  3. कैप्टेन विलकिन्सन
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या – दक्षिण-पश्चिम सीमात एजेंसी (South-Western frontier Agency-SWFA) की स्थापना 1834 ई. को विद्रोह के बाद छोटानागपुर क्षेत्र में लागू किया गया। इन क्षेत्रों में बंगाल के सामान्य कानून के स्थान पर नया कानून-1833 ई. को रेगुलेशन XII – लागू किया गया। 1833 ई. के रेगुलेशन XIII के तहत छोटानागपुर खास, पलामू, खडगडीहा, रामगढ़ और कोरूडा को भूतपूर्व रामगढ़ जिला से अलग कर इन्हें जंगल महाल व ट्रिव्युवरी महाल के एक नन- रेगुलेशन प्रांत के रूप में संगठित किया गया, जिसे दक्षिण-पश्चिमी सीमांत एजेन्सी नाम दिया गया। 

इस प्रशासनिक क्षेत्र की जिम्मेवारी ए. जी.जी. (Agent to Governer Gerneral-A.G.G.) को सौंपी गई। गर्वनर जेनरल के प्रथम एजेंट के रूप में कैप्टेन थॉमस विलकिन्सन को नियुक्त किया गया।

614. झारखण्ड क्षेत्र का पहला नागरिक प्रशासक कौन था?

  1. अगस्टीन क्लीवलैंड
  2. ई. रफसेज
  3. कैप्टेन विलकिन्सन
  4. एच. पी. रसेल

उत्तर- 3

व्याख्या- कैप्टन विलकिन्सन झारखण्ड क्षेत्र का प्रथम नागरिक प्रशासक माना जाता है।

615. कोल विद्रोह के नेतृत्वकर्ता के संबंध से निम्न कथन में कौन-सा/से कथन सत्य है?

  1. कोल विद्रोह के नेतृत्वकर्ता सुर्गा मुंडा सिल्ली के रहने वाले थे।
  2. कोल विद्रोह के प्रमुख नेता बुद्ध भगत बंदगांव के रहने वाले थे। 
  3. कंपनी सरकार के विरूद्ध उरांव विद्रोह का नेतृत्व जतरा भगत ने किया था।
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 4

व्याख्या- कोल विद्रोह के नेतृत्व कर्ता सुर्गा मुण्डा बंदगाँव के रहने वाले थे। कोल विद्रोह के प्रमुख नेता बुद्ध भगत सिल्ली के रहने वाले थे। कंपनी सरकार के विरूद्ध उरांव विद्रोह का नेतृत्व बुद्ध भगत ने किया।

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616. निम्न में किसने “कहा कि कोल विद्रोह को कुचलने में लगभग 5000 वर्गमील भूमि वीरान कर दी गई।”

  1. कैप्टेन विलकिन्सन
  2. विल्सन
  3. मेजर मैकडोनाल्ड
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – विल्सन एक इतिहासकार एवं अंग्रेज अधिकारी थे जिसने कहा कि कोल विद्रोह तथा उसके दमन के क्रम में धन-जन आदि की इतनी क्षति हुई कि एक खुशहाल इलाका मरघट में तब्दील हो गया। विल्सन का अनुमान है कि कोल विद्रोह को कुचलने में लगभग 5000 वर्गमील भूमि वीरान कर दी गई।

617. कोल विद्रोह के परिणाम के विषय में कौन-सा कथन सही है।

  1. जमींदारी – घटवाली व्यवस्था की पुनर्स्थापना।
  2. अस्थायी पुलिस चौकियों की स्थापना एवं पुलिस बल में बढ़ोतरी
  3. इनमें सभी सही हैं दक्षिण पश्चिम सीमांत एजेंसी की स्थापना

उत्तर- 3

व्याख्या- कोल विद्रोह का अनेक परिणाम हुए जिसमें अपार धन-जन की क्षति, अस्थायी पुलिस चौकियों की स्थापना से पुलिस बल में वृद्धि, जमींदारी- घटवाली व्यवस्था की पुनर्स्थापना तथा दक्षिण-पश्चिमी सीमांत एजेंसी की स्थापना 1834 ई. किया गया।

618. कोल विद्रोह के बाद छोटानागपुर की शासन व्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया। इन क्षेत्रों में बंगला के सामान्य कानून (General Regulation) के स्थान पर नया कानून – 1833 ई. का रेगुलेशन XIII लागू किया गया। इसके तहत छोटानागपुर के कुछ क्षेत्रों, को मिलाकर क्या गठन किया गया ?

  1. नन- रेगुलेशन प्रांत
  2. पुलिस चौकियों की स्थापना
  3. न्यायालय का गठन 
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- नन- रेगुलेशन प्रांत के रूप में संगठित किया गया जिसे ‘दक्षिण-पश्चिमी सीमांत एजेंसी’ का नाम दिया गया। नन-रेगुलेशन प्रांत का अर्थ था ऐसा क्षेत्र जहां ब्रिटिश भारत का कानून पूर्णतया लागू नहीं किये जा सकते थे और जहाँ अधिक निरंकुशता से शासन चलाया जा सकता था। इस प्रशासनिक क्षेत्र की जिम्मेवारी ए. जी. जी. (Agent to Governer Gerneral – A.G.G.) को सौंपी गई। गर्वनर जेनरल के प्रथम एजेंट के रूप में ‘कैप्टेन विलकिन्सन’ को नियुक्त किया गया।

619. कोल विद्रोह के दौरान कंपनी सरकार की सहायता करने वाले को ‘राजा’ एवं ‘दिलावर जंग’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। निम्न में यह सम्मान किसे प्राप्त नहीं था।

  1. शेख अब्रूला
  2. रण बहादुर राय
  3. खान बहादुर खान
  4. मोहम्मद अब्दुला

उत्तर – 4

व्याख्या- विद्रोह के दौरान कंपनी सरकार की सहायता करने वाले शेख अबरूला (टेकारी महाराज का तहसीलदार), खान बहादुर खान (टेकारी नरेश का पुत्र) को राजा एवं दिलावर जग की उपाधि से सम्मानित किया गया।

620. विलकिन्सन को जन साधारण में किस नाम से जाना जाता था ?

  1. लाल बाग
  2. किसुन साहब
  3. लिबिन साहब
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – विलकिन्सन को जनसाधरण में ‘किसुन साहब’ के नाम से जाना जाता था। ‘लाल बाबा’, लाल हेम्ब्रम तथा ‘लिबिन साहब’, फादर लिवेंस को बोला जाता है।

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  • भूमिज विद्रोह (1832-1833 ई.)

621. 1832 1833 ई. में हुए भूमिज विद्रोह में कहां के भूमिज आदिवासियों के विद्रोह को भूमिज विद्रोह की संज्ञा दी गई है?

  1. मानभूम
  2. संथाल परगना
  3. पलामू
  4. सिंहभूम

उत्तर- (a)

व्याख्या- 1832-1833 ई में मानभूम में हुए भूमिज आदिवासियों के विद्रोह को भूमिज विद्रोह कहा जाता है।

622. 1832-1833 ई. में हुए भूमिज विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?

  1. रघुनाथ महतो 
  2. गंगा नारायणसिंह
  3. जयनाथ सिंह
  4. इनमे से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – भूमिज विद्रोह का नेतृत्व बड़ाभूम (वीरभूम) की जागीर के एक दावेदार गंगा नारायण ने किया। अंग्रेजों ने इस विद्रोह को “गंगा नारायण का हंगामा’ की संज्ञा दी।

623, भूमिज विद्रोह के निम्न कारणों में से कौन-सा कारण सही है?

  1. अंग्रेजों द्वारा गंगा नारायण के चाचा (रघुनाथ सिंह) को गलत तरीके से उत्तराधिकारी बनाया जाना था, जबकि जनजातीय परंपरा के अनुसार गंगा नारायण के पिता (लक्षमण सिंह) को उत्तराधिकारी बनाया जाना चाहिए था।
  2. रघुनाथ सिंह का बेटा माध्व सिह’ ने घटवालों पर अतिरिक्त कर लगा दिया था। यहां तक उसने राज्य के सारे घरों पर टैक्स लगा दिया था जिसे ‘घर टकी’ कहते थे।
  3. आदिवासी समझते थे कि गंगा नारायण काल का अवतार है और उस पर काली की कृपा है। 
  4. इनमें से सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या इनमें से सभी कथन सत्य है।

624. भूमिज विद्रोह का तात्कालिक कारण निम्न में से क्या था?

  1. जमींदारों की जमीन को कम्पनी द्वारा हड़पना 
  2. घटवालों द्वारा बढ़े हुए कर को ना चुकाना
  3. 26 अप्रैल, 1832 ई. को बड़ाभूम राज्य के दीवान माधव सिंह की गंगा नारायण के हाथों क्रूर हत्या
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 3

व्याख्या – भूमिज विद्रोह का तत्कालिक कारण 26 अप्रैल, 1832 ई. को बड़ाभूम राज्य के दीवान माधव सिंह की गंगा नारायण के हाथों क्रूर हत्या के साथ भूमिज विद्रोह की शुरूआत हुई।

625. भूमिज विद्रोह के विषय में निम्न कथनो में कौन-सा कथन सही नहीं है।

  1. 1832 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना बरकन्द्राज ब्रेडन और लेफ्टिनेंट ट्रिमर के नेतृत्व में आ पहुंची थी।
  2. डेन्ट को ही भूमिज विद्रोह के दमन का मुख्य श्रेय जाता है। 
  3. गंगा नारायण सिंह पर घोषित ईनाम बड़ाभूम के राजा गंगा गोविन्द सिंह को दे दिया गया।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर- 3

व्याख्या – गंगा नारायण के मारे जाने से कैप्टेन विलकिन्सन ने राहत की सांस ली और गंगा नारायण सिंह को जिन्दा या मुर्दा लाने वाले के लिए घोषित ईनाम 5000 रुपये का सरकारी इनाम खरसावां के ठाकुर चैत्रन सिंह को दिया गया।

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626. भूमिज विद्रोह के क्या परिणाम हुए?

  1. जंगल महल जिला को समाप्त कर दिया गया। 
  2. मानभूम को जिला बनाया गया जिसका मुख्यालय मानभूम बाजार को बनाया गया।
  3. दोनों a और b सही है।
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 3

व्याख्या – भूमिज विद्रोह ने स्पष्ट कर दिया कि जंगल महाल में प्रशासकीय परिवर्तन की आवश्यकता है। इसी के परिणाम स्वरूप जंगल महल को समाप्त कर दिया गया। इस जिला के सोने पहाड़ी, शेरगढ़ और विष्णुपुर को वद्रमान का अंग बनाया गया। शेष भाग तथा मिदनापुर से अलग किए गए ढालभूम को मिलाकर मानभूम जिला बनाया गया।

  • संथाल विद्रोह

627. संथाल विद्रोह का प्रारंभ कब हुआ ?

  1. 1831-32
  2. 1855-56
  3. 1858-95
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या – संथाल विद्रोह 1855-56 में प्रारंभ हुआ। इसे सथाल हुल भी में कहा जाता है। हुल का शाब्दिक अर्थ है विद्रोह या बागवत। दरअसल संथाली विद्रोह करते वक्त हुल-हुल चिल्लाते थे. जिसके चलते इसे ‘संथाल हुल’ की संज्ञा दी गयी।

628. संथाल विद्रोह के कारणों के संबंध में कौन से इतिहासकार ने यह कहा थ कि ‘संथाल विद्रोह आर्थिक कारणों से आरंभ हुआ लेकिन शीघ्र है। उसका उद्देश्य विदेशी शासन का अंत करना हो गया।

  1. मुंशी जीवनलाल
  2. दुर्गादास बदोपाध्याय
  3. आर सी मजुमदार
  4. सैयद अहमद खां 

उत्तर- 3

व्याख्या – आर. सी. मजुमदार ने संथाल विद्राह के कारण के बारे में कहा ‘संथाल विद्रोह आर्थिक कारणों से आरंभ हुआ लेकिन शीघ्र ही उसका उद्देश्य विदेशी शासन का अंत करना हो गया क्योंकि उन्होंने यह देखा कि अंग्रेज अधिकारी उनकी शिकायतों पर तनिक भी ध्यान नहीं देते है। वे तो शासकों को प्रश्रय देते हैं। अतः ब्रिटिश शासन का अंत ही उनकी स्थिति सुधार सकता है।

629.  संथाल विद्रोह के संबंध में निम्न कारणों में क्या सही है?

  1. जमींदारों का अत्याधिक माग 
  2. महाजनों का ऋण
  3. पुलिस का व्यवहार
  4. इनमें सभी

उत्तर- 4

व्याख्या – संथाल विद्रोह के संबंध में ऊपर दिये सभी कारण सही है।

630. संथाल विद्रोह का तत्कालिक कारण क्या था? 

  1. संथालों की स्त्रियों का इज्जत लूटना है।
  2. बढ़ी हुई कर को ना चुकाना
  3. सरकार द्वारा भागलपुर से बर्द्धमान के बीच रेल पटरी बिछाने के काम में संथालों से बेगारी करवाना
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 3

व्याख्या – संथालों को सरकार ने भागलपुर- बर्द्धमान रेल परियोजना के तहत रेल पटरी बिछाने के काम में संथालों को बड़ी संख्या में बेगारी करने के लिए मजबूर किया। जिन लोगों ने ऐसा करने से इनकार किया उन्हें कोड़ों से पीटा गया। संथालों ने इसका प्रतिकार करने का निश्चय किया और यह विद्रोह भड़क उठा।

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631. 30 जून 1855 ई. को भोगनाडीह में हुए सभा के संबंध में निम्न में कौन-सा कथन सही नहीं है।

  1. इस सभा में सिद्धू को राजा कान्हु को मंत्री चुना गया।
  2. सभा में चांद को सेनापति तथा भैरव को प्रशासक चुना गया। 
  3. इस सभा में करीब 400 गांवों के 6000 संथाल एकत्र हुए।
  4. इनमें से सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 2

व्याख्या – 30 जून 1855 ई. को भोगनाडीह में एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें 400 गांवों के 6000 संथाल एकत्र हुए और एक स्तर में सिद्धू को राजा, कान्हु को मंत्री, चांद को प्रशासक तथा भैरव को ‘सेनापति’ चुना गया।

632. संथाल विद्रोह का उद्देश्य निम्न में से क्या नहीं था? 

  1. दिकुओं अर्थात परेशान करने वालों लोगों को भगाना
  2. विदेशियों का राज हमेशा के लिए खत्म करना
  3. सतयुग का राजा-न्याय का धर्म का अपना राज्य स्थापित करना 
  4. कंपनी सरकार को झारखण्ड से पूरी तरह समाप्त करना।

उत्तर- 4

व्याख्या – कंपनी सरकार को झारखण्ड से पूरी तरह खत्म करना संथाल विद्रोह के उद्देश्य में शामिल नहीं था।

633. संथाल विद्रोह में निम्न में कौन-सी वस्तु को यूरोपीय धर्मयुद्ध के क्रॉस की तरह गांव-गांव घुमाया गया और अधिक से अधिक संथालों को शामिल करने का प्रयास किया गया।

  1. तीर
  2. साल का पत्ता
  3. साल वृक्ष की टहनी
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- साल वृक्ष की टहनी को यूरोपीय धर्मयुद्ध के क्रास की तरह गांव-गांव घुमाया गया और अधिक से अधिक संथालों को शामिल करने का प्रयास किया गया।

634. निम्न में से कौन-सा कथन संथाल विद्रोह के नेतृत्वकर्ता के संबंध में सही है।

  1. दामिन-ए-कोह में विद्रोह का नेतृत्व सिद्ध, कान्हु, चांद तथा भैरव ने किया। 
  2. हजारीबाग से इस विद्रोह का नेतृत्व अर्जुन मांझी, लुबाई मांझी भैरव मांझी ने किया।
  3. बीरभूम में इस विद्रोह का नेतृत्व गोरा मांझी ने किया।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर – 4

व्याख्या- बाराहाइत (बड़हैत) विद्रोही नेताओं का मुख्य केन्द्र था। यहीं से वे विद्रोह का संचालन करते थे। संथाल परगना (दामिन ए- कोह) में इस विद्रोह का नेतृत्व सिद्ध, कान्हु, चांद तथा भैरव ने किया।

635. संथाल विद्रोह के बारे में निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य नहीं है। 

  1. संथाल विद्रोह को दबाने के लिए कंपनी सरकार ने मेजर बरो’ के नेतृत्व में सेना की 20 टुकड़ियां भेजी थी।
  2. उपद्रवग्रस्त इलाकों में मार्शल लॉ लागू किया गया और विद्रोही नेता को पकड़ने पर 5,000 रुपये का ईनाम घोषित किया गया।
  3. इस विद्रोह के दमन का मुख्य श्रेय मेजर बरो’ को दिया जाता है।
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- संथाल विद्रोह को दबाने के लिए कंपनी सरकार ने मेजर बरो’ के नेतृत्व में सेना की 10 टुकड़ियां भेजी थी। उपद्रव ग्रस्त इलाकों में मार्शल ला लागू किया गया और विद्रोहियों को पकड़ने पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया। विद्रोह के दमन का मुख्य श्रेय कैप्टेन अलेक्जेंडर को दिया जाता है। लेफ्टिनेंट थामसन और लेफ्टिनेंट रिड ने सहयोगी की भूमिका निभाई।

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636. निम्न में से किस स्थान पर कंपनी सरकार ने अंग्रेजों की सुरक्षा के लिए मारतेल टॉवर’ बनाया था। यह टॉवर 30 फीट ऊंचा तथा उसका घेरा 20 फीट था?

  1. साहेबगंज
  2. हजारीबाग
  3. पाकुड़
  4. गोड्डा

उत्तर- 3

व्याख्या- कंपनी सरकार ने अंग्रेजों की सुरक्षा के लिए पाकुड़ में मारतेल ‘टॉवर’ बनाया था। वह टॉवर 30 फिट ऊंचा तथा उसका घेरा 20 फीट था। अंदर से गोली चलाने के लिए उसमें छेद बने हुए थे। 

637. संथाल विद्रोह के नेता को किस स्थान पर फांसी दी गयी थी?

  1. भगनाडीह
  2. जामताड़ा
  3. बड़हैत
  4. पाकुड़

उत्तर- 3

व्याख्या- सबसे पहले सिद्ध दिसम्बर 1855 ई. में पकड़े गये और उन पर भागलपुर के न्यायालय में संक्षिप्त मुकदमा चलाने के बाद 5 दिसम्बर, 1855 ई. को बड़ौत में फांसी पर लटकाया गया। इसके बाद भागलपुर के पास युद्ध में चांद तथा भैरव गोली के शिकार हुए। जामताड़ा के उत्तर-पूर्व में उमरबंदा के पास कान्हू गिरफ्तार हुए और 23 फरवरी, 1856 में उसके गांव भगनाडीह के ठाकुरबाड़ी के प्रांगण में फांसी दी गई।

638. संथाल विद्रोह के परिणाम के संबंध में निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य है?

  1. संथाल परगना के अंदर यूरोपीय मिशनरियों को छोड़कर दूसरों का प्रवेश निषिद्ध हो गया था।
  2. एलिस एडम्स की रिपोर्ट पर आधारित 1855 के एक्ट-37 के अनुसार ‘दामिन-ए-कोह’ का नाम बदलकर संथाल परगना कर दिया गया। 
  3. जॉर्ज मूल (भागलपुर के कमिश्नर) की सहायता से पुलिस कानून लाया गया जिसे ‘चूल नियम’ कहा गया।
  4. इनमें से सभी सही।

उत्तर- 4

व्याख्या- संथाल विद्रोह के परिणाम के समय में उपरोक्त सभी कथन सत्य हैं।

639. संथाल विद्रोह को निम्न में से किसने भारत की प्रथम जनक्रांति माना है, जो अंग्रेजी हुकूमत को तो नहीं उखाड़ सकी पर सफाहोड आंदोलन को जन्म देने का कारण जरूर बन गई।

  1. मुंशी जीवन 
  2. दुर्गा दास
  3. कार्ल मार्क्स
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- जर्मनी के समकालीन चिंतक कार्लमार्क्स ने अपनी पुस्तक ‘नोट्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री’ में जून 1855 की संथाल क्रांति को जनक्रांति बताया है।

640. निम्न में से किसने संथाल विद्रोह को मुठभेड़ की संज्ञा दी है।

  1. एल. एस. एस. ओ. मुले
  2. कार्ल मार्क्स
  3. एलिस एडम्स
  4. जार्ज मूल

उत्तर- 1

व्याख्या- एल. एस. एस. ओ. मुले ने संथाल विद्रोह को मुठभेड़ की संज्ञा दी है।

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641. संथाल विद्रोह का स्वरूप कैसा था ?

  1. सामाजिक आधार
  2. सुसंगठित विद्रोह
  3. व्यापक क्षेत्र में फैला था
  4. केवल a और b

उत्तर- 4

व्याख्या- संथाल विद्रोह के अपने सामाजिक आधार थे। इस विद्रोह में संथाल के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों ने भाग लिया था। इस विद्रोह में स्त्रियों ने भी भाग लिया। जैसे फूलों और झानो। संथाल विद्रोह एक सुसंगठित विद्रोह था जो उसकी एकजुटता और नेतृत्व से पता चलाता है। लेकिन यह विद्रोह सीमित क्षेत्र में फैला था।

642. ऐसा किसने कहा था-‘अब विदेशी शासन का अंत निकट है तथा ब्रिटिश व उनके समर्थ गंगा के पार लौट जायेंगे और आपस में लड़ मरेंगे”?

  1. बिरसा मुण्डा
  2. सिद्ध-कान्हु
  3. तिलका मांझी
  4. गंगा नारायण सिंह

उत्तर- 2

व्याख्या- सिद्धु-कान्हु ने यह भरी सभा में घोषणा की कि ‘ठाकुर जी ने उन्हें निर्देश दिया है आजादी के लिए अब हथियार उठा लो’ ।

643. इनमें से किस आंदोलन को मुक्ति आंदोलन की संज्ञा दी जाती है?

  1. संथाल विद्रोह
  2. बिरसा आंदोलन
  3. तमाड़ विद्रोह
  4. तिलका आंदोलन

उत्तर- 1

व्याख्या- इतिहासकारों ने संथाल हूल को ‘मुक्ति आंदोलन’ का दर्जा दिया है। हूल को कई अर्थों में समाजवाद के लिए पहली लड़ाई माना गया है।

644. संथाल विद्रोह के संबंध में निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य है। 

  1. इस विद्रोह को संथाल परगना की प्रथम जनक्रांति माना जाता है।
  2. संथाल परगना का जिलाधीश एशली एडेन था। 
  3. इस विद्रोह में व्यापक नरसंहार होने के कारण इसे – खूनी विद्रोह’ भी कहा जाता है।
  4. इनमें से सभी सही है।

उत्तर – 4

व्याख्या – संथाल विद्रोह के संबंध में सभी कथन सत्य हैं।

645. संथाल विद्रोह के नेता सिद्ध-कान्हु के पिता का नाम क्या था ?

  1. सुगना मुण्डा
  2. चुन्नू मांझी
  3. माध्व मांझी
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या- संथाल विद्रोह के नेता सिद्ध-कान्हु के पिता का नाम चून्नू मांझी था।

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646. झारखण्ड में साल के किस महीने को शहीदों का महीना माना जाता है?

  1. जून
  2. जुलाई
  3. सितम्बर
  4. अप्रैल

उत्तर- 1

व्याख्या- झारखण्ड के इतिहास के पन्नों में जल, जंगल, जमीन, इतिहास-अस्तित्व बचाने के संघर्ष के लिए 30 जून को संथाल विद्रोह प्रारंभ हुआ था इसी दिन को हुल दिवस मनाया जाता है। यह महीना ‘शहीदों का महीना’ माना जाता है।

647. अपना देश अपना राज का नारा किस विद्रोह के दौरान दिया गया?

  1. हो विद्रोह
  2. कोल विद्रोह
  3. तमाड़ विद्रोह
  4. संथाल विद्रोह

उत्तर- 4

व्याख्या- ‘करो या मरो’, ‘अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो’ ‘अपना देश अपना राज्य’ ‘जमींदार महाजन, पुलिस और सरकारी कर्मचारियों का नाश’ आदि सभी नारे संथाल विद्रोह के दौरान दिये गये।

  • सरदारी लड़ाई (1858-95 ई.)

648. निम्न में से किस लड़ाई को मुल्की या मिल्की लड़ाई भी कहा जाता है?

  1. बिरसा आंदोलन
  2. कोल विद्रोह 
  3. सरदारी लड़ाई
  4. संथाल विद्रोह

उत्तर- 3

व्याख्या- सरदारी लड़ाई को मुल्की (मातृभूमि) की लड़ाई या मिल्की (जमीन) की लड़ाई भी कहते हैं। इस लड़ाई का नेतृत्व कोल सरदारों ने किया, जो कोल विद्रोह (1831-32) के समय अपनी मातृभूमि की जमीन छोड़कर असम के चाय बगानों में काम करने के लिए भाग गये थे ।

649. सरदारी लड़ाई कितने चरणों में चली?

  1. तीन
  2. चार
  3. पांच
  4. दो

उत्तर- 1

व्याख्या- सरदारी लड़ाई को तीन चरणों में विभाजित किया जाता है। प्रथम चरण (1858-81 ई.) भूमि आंदोलन से संबंधित था। दूसरी चरण (1881-90 ई.) पुनर्स्थापना आंदोलन तथा तीसरा चरण (1890-95ई.)

राजनीतिक आंदोलन से संबंधित था।

650. सरदारी आंदोलन का प्रथम चरण (1858-81 ई.) जो भूमि से संबंधित था, का आरंभ कहां से हुआ ?

  1. संथाल परगना
  2. पलामू
  3. छोटानागपुर
  4. सिंहभूम

उत्तर- 3

व्याख्या- भूमि आंदोलन का प्रारंभ छोटानागपुर खास से हुआ। सोनपुर, दसिया, दोइसा और खुखरा आंदोलन के मुख्य केन्द्र थे।

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651. सरदारी आंदोलन के प्रथम चरण की लड़ाई को देखते हुए कंपनी सरकार ने निम्न में कौन-सा कदम उठाई ?

  1. भुइंहरी काश्तों के सर्वेक्षण का निर्णय लिया।
  2. भुईहरी काश्तों के सर्वेक्षण का जिम्मा लाल लोक नाथ को सौंपा गया।
  3. 1867 को छोटानागपुर टेन्योर एक्ट पारित किया गया, जिसके अनुसार पिछले 20 वर्षों में जिन रैयतों से भुईहरी जमीन छीनी गयी थी उन्हें जमीन वापस लौटा दिया जाना था।
  4. इनमें सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- यहां दो शब्द इस्तेमाल हुआ है।

1. भुईहरी – उरांव की जमीन

2. रैयत – रैयत के अंतर्गत वैसे व्यक्ति को शामिल किया जाता है जिन्हें खेती करने के लिए भूमि धारण का अधिकार प्राप्त हो । 

652. सरदारी लड़ाई के द्वितीय चरण में किसके नेतृत्व में 1881 ई. में सरदारो के दल ने छोटानागपुर को स्वतंत्र घोषित कर दिया ?

  1. लिमेंस
  2. डॉ. नाट्रोट
  3. जॉन बॉपहिस्ट
  4. इनमें से कोई नहीं ।

उत्तर- 3

व्याख्या- सरदारी लड़ाई के द्वितीय चरण में मुख्य जोर पुराने मूल्यों की पुनर्स्थापना पर था इसलिए इसे पुनर्स्थापना आंदोलन नाम दिया गया। 1881 ई. में सरदारों के एक दल ने, जिसका नेतृत्व जॉन बॉपहिस्ट कर रहा था। अपने को छोटानागपुर खास राज्य की पुरानी राजधानी दोइसा में स्थापित कर छोटानागपुर को स्वतंत्र घोषित कर दिया।

653. सरदारी लड़ाई से आदिवासियों पर क्या प्रभाव पड़ा ?

  1. सरदारी लड़ाई से आदिवासियों में चैत्रना जगी और वे अधिकारों की लड़ाई लड़ना सीख गए। 
  2. वास्तव में पृथक झारखण्ड राज्य के परिकल्पना का बीज सरदारी लड़ाई ने ही बोया।
  3. a और b दोनों सही हैं
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 3

व्याख्या – सरदारी लड़ाई के तृतीय चरण (1890-95 ई.) में आंदोलन का स्वरूप राजनीतिक हो गया। इसी आंदोलन से आदिवासियों में चैत्रना जगी और वे अधिकारों की लड़ाई लड़ना सीख गये। वास्तव में इसने ही पृथक झारखण्ड राज्य के परिकल्पना का बीज बोया।

  • खरवार / खेरवार आंदोलन (1874 ई.)

654. खेरवार आंदोलन के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है? 

  1. यह आंदोलन बाद में एकेश्वरवाद एवं सामाजिक सुधार की शिक्षा देने लगा।
  2. शुरू से ही यह आंदोलन राजस्व बंदोबस्ती की गतिविधियों के विरूद्ध एक अभियान का रूप धारण किया हुआ था।
  3. इस आंदोलन का नेतृत्व खेरवार जनजाति के भागीरथ मांझी ने किया।
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 3

व्याख्या- झारखण्ड के सुधारवादी आंदोलन में खेरवार आंदोलन का प्रमुख स्थान है। यह आंदोलन प्रारंभ में एकेश्वरवाद एवं सामाजिक सुधार की शिक्षा देता था, लेकिन बाद में राजस्व बंदोबस्ती की गतिविधियों के विरूद्ध एक अभियान का रूप धारण किया। इस आंदोलन का नेतृत्व खेरवार जनजाति के भागीरथ मांझी ने किया। इसी कारण इसे ‘ भागीरथ मांझी का आंदोलन भी कहा जाता है।

655. खेरवार आंदोलन के संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?

  1. राजस्व बंदोबस्ती गतिविधियों को सुधार की प्राप्ति के लिए भागीरथ मांझी ने जो मार्ग अपनाया वह धर्म आधारित एवं अहिंसक था।
  2. भगीरथ मांझी ने आंदोलन की शुरूआत 1874 ई. में की।
  3. राँची में इस आंदोलन का नेतृत्व दुबु बाबा ने किया।
  4. इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- 3

व्याख्या- लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भगीरथ मांझी ने जो मार्ग अपनाया वह धर्म-आधारित एवं अहिंसक था। गोड्डा जिले के तलडीहा गांव निवासी भगीरथ मांझी ने इस आंदोलन की शुरूआत 1874 ई. में की। इन्होंने अपने आप को बौंसी गांव का राजा नियुक्त किया। दुबु बाबा ने इस आंदोलन का नेतृत्व हजारीबाग से किया।

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656. वर्ष 1881 ई. में खेरवार आंदोलन के दूसरे चरण की शुरूआत किसके नेतृत्व में हुई थी ?

  1. दुबु बाबा
  2. दुविधा गोसाई
  3. ज्ञान परगनैत
  4. सुगना मुण्डा

उत्तर- 2

व्याख्या- वर्ष 1881 में हुए खेरवार आंदोलन जो विशेषतः जनगणना के विरूद्ध था, का नेतृत्व दुविधा गोसाई ने किया लेकिन उनकी गिरफ्तारी के साथ ही खेरवार आंदोलन का द्वितीय चरण भी समाप्त हो गया।

657. झारखण्ड के किस आंदोलनकर्ता ने सिद्ध व कान्हु के जन्म स्थल को तीर्थस्थल के रूप में मान्यता प्रदान किया था?

  1. बिरसा मुण्डा
  2. भागीरथ मांझी
  3. तिलका मांझी
  4. गंगा नारायण सिंह

उत्तर- 2

व्याख्या- भागीरथ मांझी ने संथाल विद्रोह के नेता सिद्ध व कान्हु के जन्म स्थल को तीर्थ स्थल के रूप में मान्यता प्रदान किया।

658. भागीरथ मांझी ने आत्मसमर्पण के भाव के आधार पर उपासकों को कितने वर्गों में विभाजित किया था।

  1. 3
  2. 5
  3. 7
  4. 4

उत्तर- 1

व्याख्या- आत्म समर्पण के भाव के आधार पर उपासकों को तीन वर्ग में बांटा

1. सफाहोड़ – पूर्ण समर्पण भाव से उपासना वाले उपासक

2. बाबाजिया – उदासीन भाव से उपासना करने वाले उपासक

3. मेल बरागर – बेमन से उपासना करने वाले उपासक

  • सफाहोड़ आंदोलन (1870 ई.)

659. निम्न में से किस आंदोलन को ‘खेरवार आंदोलन का उपधारा’ माना जाता है?

  1. सरदारी लड़ाई
  2. बिरसा आंदोलन
  3. सफाहोड़ आंदोलन
  4. संथाल हुल

उत्तर- 3

व्याख्या – खेरवार आंदोलन की एक उपधारा सफाहोड़ आंदोलन का नेतृत्व लाल हेम्ब्रम (लाल बाबा) ने किया था। लाल हेम्ब्रम ने चारित्रिक शुद्धता पर विशेष बल दिया। 

660. निम्न में से किसने संथाल परगना में ‘देशो द्वारक दल का गठन किया?

  1. भगीरथ मांझी
  2. बिरसा मुण्डा
  3. लाल हेम्ब्रम
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- सफाहोड़ आंदोलन के दौरान ‘लाल बाबा’ ने देशो द्वारक की स्थापना की। इस आंदोलन में लाल बाबा को पैका मुर्मू, पगान मंराडी, रमिक लाल सोरेन तथा भतू सोरेन का सहयोग प्राप्त था।

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661. सफाहोड़ आंदोलन का संबंध किस जनजाति से है?

  1. मुण्डा
  2. संथाल
  3. चेरो
  4. मांझी

उत्तर- 1

व्याख्या – सफाहोड़ आंदोलन का अर्थ होता है सिंगबोंगा के प्रति समर्पण। सफाहोड़ आंदोलन में मुण्डा जनजातियों ने भाग लिया था।

  • मुण्डा उलगुलान / बिरसा आंदोलन (1899-1900 ई.)

662. निम्न में कौन-सा आंदोलन 19वीं सदी के आदिवासी आंदोलन में सर्वाधिक संगठित व व्यापक आंदोलन था ? 

  1. संथाल
  2. बिरसा आंदोलन
  3. तिलका आंदोलन
  4. सरदारी आंदोलन

उतर- 2

व्याख्या-  बिरसा आंदोलन 19वीं सदी के आदिवासी आंदोलनों में सर्वाधिक संगठित व व्यापक आंदोलन था, जो वर्तमान झारखण्ड राज्य के राँची जिले के दक्षिणी भाग में 1899-1900 ई. में हुआ। इसे मुण्डा उलगुलान (मुण्डा) विद्रोह भी कहा जाता है।

663. बिरसा आंदोलन के निम्न कारणों में से कौन-सा कारण सही नहीं है?

  1. खूंटकट्टी व्यवस्था की समाप्ति
  2. मिशनरियों का कोरा आश्वासन
  3. बढ़ालतों से निराशा
  4. इनमें से सभी सही है।

उतर – 4

व्याख्या – खूंटकट्टी व्यवस्था – मुण्डा जनजाति में प्रचलित सामूहिक भू-स्वामित्व वाली भूमि व्यवस्था को समाप्त कर व्यक्तिगत भू-स्वामित्व वाली भूमि व्यवस्था’ का प्रचलन किया गया। मुण्डाओं को भूमि संबंधी समस्याओं के समाधान का लालच देकर उन्हें अपने धर्म-ईसाई धर्म में दीक्षित करना प्रारंभ कर दिया। किंतु वे भूमि की मूल समस्या का कोई समाधान नहीं कर पाए।

664. बिरसा आंदोलन का तात्कालिक कारण क्या था ?

  1. खूँटकट्टी व्यवस्था की समाप्ति
  2. मिशनरियों का कोरा आश्वासन
  3. अदालतों से निराशा 
  4. 1894 का छोटानागपुर सुरक्षा कानून

उतर – 4

व्याख्या – 1894 के छोटानागपुर में सुरक्षा कानून बन जाने से जंगलपुत्र आदिवासी निर्वाह के सर्वप्रमुख साधन से वंचित हो गए। भूख से बिलबिलाते मुण्डाओं को आंदोलन करने के सिवा कोई रास्ता न बचा।

665. बिरसा आंदोलन के संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सही नहीं है?

  1. बिरसा आंदोलन का नेतृत्व बिरसा मुण्डा ने किया था।
  2. बिरसा मुण्डा का जन्म 15 नवम्बर, 1875 ई. को झारखण्ड राज्य के राँची जिला में हुआ था। 
  3. बिरसा मुण्डा के पिता का नाम दाउद मुण्डा था।
  4. ‘चालकंद गांव’ बिरसा मुण्डा के अनुयायों का तीर्थ स्थल था।

उतर – 3

व्याख्या – बिरसा आंदोलन का नेतृत्व विरसा मुण्डा ने किया। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर, 1875 ई. को झारखण्ड राज्य के राँची जिले के खूंटी अनुमंडल के तमाड़ थाना के अन्तर्गत उलिहातू गांव में हुआ था। उनके पिता सुगना मुण्डा एक बटाईदार थे। बाद में उनके माता-पिता। चालकंद गांव में जाकर बसे गये। आगे चलकर यही गांव बिरसा मुण्डा के अनुयायियों का तीर्थ स्थल बना।

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666. बिरसा मुण्डा निम्न में से कौन से धर्म के अनुयायी थे ?

  1. ईसाई धर्म
  2. वैष्णव धर्म
  3. सिंगबोंगा धर्म
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

बिरसा मुण्डा ने सर्वप्रथम ईसाई धर्म-प्रचारकों से कुछ शिक्षा ग्रहण की तथा उसके बाद उस पर वैष्णन संप्रदायक का प्रभाव पड़ा। अगस्त 1895 में उन्होंने एक नये धर्म सिंगबोंगा धर्म का प्रतिपादन किया।

667. बिरसा मुण्डा के संबंध में निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य नहीं है। 

  1. बिरसा मुण्डा अपने पहले आंदोलन में मुण्डा जनजाति को संगठित नहीं कर सके थे।
  2. वे एकेश्वरवाद में विश्वास करते थे।
  3. वे अपने आपको धर्मेश का दूत घोषित किये थे।
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 3

व्याख्या- वर्ष 1893-94 में बिरसा ने वन विभाग द्वारा ग्राम की बंजर जमीनों को अधिग्रहित करने के विरूद्ध आंदोलन में भाग लिया, परंतु इस आंदोलन में वे मुण्डा जनजातियों को संगठित नहीं कर सके। तब 1895 में उन्होंने एक नये धर्म ‘सिंगबोंगा धर्म: का प्रतिपादन कर धार्मिक स्तर पर लोगों को संगठित करना प्रारंभ किया। बिरसा मुण्डा ने अनेक देवी-देवताओं को छोड़कर एक देवता सिंगबोंगा की आराधना करने का संदेश दिया दूसरे शब्दों में वे एकेश्वरवाद के समर्थक थे।

668. निम्न में से यह किसने लिखा है कि “बिरसा का एक मुक्तिदाता के रूप से अविर्भाव कोई अनायास घटना नहीं थी। तत्कालीन परिस्थितियों एवं विभिन्न धर्मों के सम्पर्क ने बिरसा को भगवान बनने में सहायता पहुंचायी।

  1. गया मुण्डा
  2. कुमार सुरेश सिंह
  3. फादर हॉफमैन
  4. जयपाल सिंह मुण्डा

उत्तर- 2

व्याख्या- उपरोक्त लेख कुमार सुरेश सिंह के द्वारा लिखी गई है।

669. बिरसा ने अपने अनुयायियों को तीर और तलवार चलाने के प्रशिक्षण का कार्य किसे सौंपा ?

  1. गया मुण्डा
  2. मदरा मुण्डा
  3. कोन्ता मुण्डा
  4. आनन्द पाण्डेय

उत्तर- 1

व्याख्या- बिरसा ने अपने अनुयायियों को तीर व तलवार चलाने की शिक्षा की व्यवस्था की। अपने एक अनुयायी गया मुण्डा को प्रशिक्षण का कार्य सौंपा तथा उसे सेनाध्यक्ष भी बनाया।

670. बिरसा आंदोलन का उद्देश्य क्या है?

  1. आर्थिक उद्देश्य
  2. राजनीतिक उद्देश्य
  3. धार्मिक उद्देश्य
  4. इनमें सभी

उत्तर- 4

व्याख्या – आर्थिक उद्देश्य में सभी बाहरी तथा विदेशी तत्वों को बाहर निकालना विशेषकर मुण्डाओं की जमीन हथियाने वाले जमीदारों को भगाना एवं जमीन को मुण्डाओं के हाथ में वापस लाना। राजनीतिक उद्देश्य में अंग्रेजों के राजनीतिक प्रभुत्व को समाप्त करना तथा स्वतंत्र मुण्डा राज की स्थापना करना। धार्मिक उद्देश्य में ईसाई धर्म का विरोध करना तथा ईसाई बन गए असंतुष्ट मुण्डाओं को अपने धर्म में वापस लाना।

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671. बिरसा मुण्डा को प्रथम बार कब जेल जाना पड़ा ?

  1. 1894
  2. 1895
  3. 1897
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या-1995 के अंत में बिरसा को ब्रिटिश सरकार के विरूद्ध षडयंत्र रचने के आरोप में 2 साल के लिए जेल भेज दिया गया।

672. बिरसा मुण्डा को कब जेल से रिहा किया गया।

  1. 27 नवम्बर, 1897
  2. 30 नवम्बर, 1897
  3. 30 नवम्बर, 1899
  4. 27 नवम्बर 1899

उत्तर- 2

व्याख्या- महारानी विक्टोरिया के शासन की हीरक जयन्ती के उपलक्ष्य में 30 नवम्बर, 1897 ई. को बिरसा को हजारीबाग जेल से रिहा कर दिया गया।

673. बिरसा आंदोलन का मुख्य केन्द्र निम्न में से कहाँ था?

  1. खूँटी
  2. राँची
  3. चालकंद 
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या: खूँटी बिरसा के सैनिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र था। 1899 ई. में क्रिसमस की पूर्व संध्य (अर्थात 24 दिसम्बर) पर बिरसा मुण्डा ने मुण्डा जाति का शासन स्थापित करने के लिए विद्रोह का ऐलान किया।

674. निम्न में से यह कथन किसका है- “दिकुओं से अब हमारी लड़ाई होगी और उनके खून से जमीन इस तरह लाल होगी जैसे लाल झंडा”।

  1. बिरसा मुण्डा
  2. तिलका मांझी
  3. भागीरथ मांझी
  4. सिद्ध-कान्हु

उत्तर- 1

व्याख्या- बिरसा आंदोलन के दौरान बिरसा मुण्डा ने कहा था।

675.  देश के किस समाचार पत्र ने बिरसा आंदोलन को प्रकाशित किया एवं बिरसा पंथियों के समर्थन में समाचार प्रकाशित किए?

  1. बंगाल गजट
  2. बंगाली
  3. दर्पण
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2

व्याख्या- बिरसा आंदोलन को देश के समाचार पत्रों ने विशेषकर सुरेन्द्र नाथ बनर्जी का कलकत्ता से प्रकाशित पत्र ‘बगाली’ प्रमुख था,बिरसा पंथियों के समर्थन में समाचार प्रकाशित किये।

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676. वर्ष 1900 में बिरसा आंदोलनकारियों और अंग्रेज अधिकारी कमिश्नर फारवेस व डिप्टी कमिश्नर स्ट्रीट फील्ड के बीच युद्ध कहाँ हुआ था?

  1. सैल रकब पहाड़ी 
  2. डुमरी पहाड़ी
  3. डोम्बारी
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- 13 अप्रैल, 1919 जालियांवाला बाग हत्याकांड से 20 साल पहले 9 जनवरी, 1899 को राँची के खूँटी अनुमंडल के अड़की ब्लॉक स्थित डोंबारी बुरू (मुंडारी शब्द बुरू का अर्थ पर्वत होता है) में निर्दोष लोगों पर चारों तरफ से घेर कर गोलियों से भून दिया था। इतिहासकार गिरिधारी राम गंझू के अनुसार इस नरसंहार में एक बच्चा बच गया था, जिसे एक अंग्रेज ने गोद ले लिया था। यह बच्चा आगे चलकर जयपाल सिंह मुण्डा बना। डोम्बारी पहाड़ी को ही डुमरी पहाड़ी और सैल रकब पहाड़ी कहा जाता है।

677. 3 फरवरी 1900 ई. को बिरसा मुण्डा को निम्न में से किस स्थान पर पकड़ा गया था? 

  1. खूँटी
  2. डुम्बारी पहाड़ी
  3. सिंहभूम
  4. राँची

उत्तर- 3

व्याख्या- बिरसा मुण्डा के सेनाध्यक्ष गया मुण्डा को इटकी (राँची) में मारा गया जबकि 3 फरवरी, 1900 ई. को बिरसा मुण्डा को सिंहभूम में पकड़ा गया तथा 9 जून, 1900 ई. को बिरसा मुण्डा को ‘राँची’ जेल में ‘हैजा’ से मृत्यु हो गई।

678. बिरसा के सेनाध्यक्ष गया मुण्डा की पत्नी मानकी’ को कितने वर्षों की सजा दी गई थी?

  1. 2
  2. 3
  3. 4
  4. 7

उत्तर- 1

व्याख्या- गया मुण्डा की पत्नी मानकी को 2 वर्षों की सजा दी गई थी।

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679. बिरसा आंदोलन के परिणाम स्वरूप निम्न में क्या परिवर्तन हुए?

  1. 1902 में गुमला एवं 1903 में खूँटी का अनुमंडल के रूप में स्थापना।
  2. 1908 का छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम लागू किया गया। 
  3. बैठ बेगारी (बंधुआ मजदूरी) पर प्रतिबंध लगाया गया।
  4. इनमें से सभी।

उत्तर- 4

व्याख्या- हालांकि बिरसा आंदोलन स्वतंत्र मुण्डा राज्य की स्थापना करने में विफल रहा, लेकिन 1902 में गुमला एवं 1903 में खूंटी की अनुमंडल के रूप में स्थापना की गई। 1908 में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम को लागू किया गया। बैठ बेगारी पर प्रतिबंध लगया गया तथा लगान की दर कम की गई।

680. निम्न में से किसने 1908 के छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम को “भारतीय मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए किया गया बहुत ही स्तुत्य ” प्रयास बताया ?

  1. फादर लिवेंस
  2. फादर हॉफमैन
  3. एन्डू कैम्पबेल
  4. विलकिसन

उत्तर- 2

व्याख्या- फादर हॉफमैन ने 1908 के छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम को ‘भारतीय मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए किया गया बहुत ही स्तुत्य प्रयास” बताया।

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681. मुण्डा समाज के लोग आज भी भगवान बिरसा को और किस नाम से जानते है?

  1. धरती आबा
  2. धरती के पिता
  3. विश्वपिता का अवतार
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- बिरसा मुण्डा को आज भी मुण्डा समाज बिरसा भगवान, धरती आबा (धरती के पिता), विश्वपिता का अवतार आदि के रूप में याद करते है। उनके द्वारा चलाया गया धर्म बिरसाईत पंथ था। आज उनके गांव चालकंद को तीर्थ स्थल का दर्जा प्राप्त है।

682. बिरसा मुण्डा के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है ?

  1. बिरसा के पिता का नाम सुगना मुण्डा था
  2. बिरसा के माता का नाम करमी मुण्डा था
  3. बिरसा के बचपन का नाम दाउद मुण्डा था
  4. इनमें सभी कथन सत्य है।

उत्तर- 4

व्याख्या- बिरसा का नामकरण वृहस्पतिवार के दिन जन्म लेने के कारण बिरसा किया गया। बिरसा के बड़े भाई का नाम कोन्ता मुण्डा था। बिरसा के आरंभिक शिक्षक का नाम जयपाल नांग एवं बिरसा के धार्मिक गुरु का नाम आनंद पाण्डेय था।

683.  बिरसा मुण्डा के प्रमुख विचारों में निम्न में कौन-सा विचार सही नहीं है?

  1. उपासना के लिए मंदिर आवश्यक 
  2. हिंसा का मार्ग और पशु-बलि का निषेध
  3. हड़िया समेत सभी प्रकार के मद्यपान का निषेध
  4. इनमें सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- बिरसा ने अनेक देवी-देवताओं के स्थान पर सिर्फ एक सिंगबोंगा की उपासना पर बल दिया। उन्होंने उपासना के लिए सबसे उपयुक्त स्थल के रूप में गांव के सरना को मान्यता प्रदान किया। हिंसा का परित्याग और पशु-बलि का निषेध तथा हड़िया समेत सभी प्रकार के मद्यपान का निषेध बताया।

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684. सन् 1895 में वारंट के आधार पर बिरसा मुण्डा को गिरफ्तार करने वाला पुलिस विभाग के डिप्टी सुपरिटेंडेंट का नाम क्या था ?

  1. कमिश्नर फारबेस
  2. जॉन रीड
  3. जी.आर.के.मेयर्स
  4. इनमे से कोई नहीं

उत्तर- 3

व्याख्या- सन् 1895 में वारंट के आधार पर बिरसा मुण्डा को गिरफ्तार करने वाला पुलिस विभाग के डिप्टी सुपरिटेंडेंट जी.आर.के.मेयर्स था। दूसरी बार बिरसा मुण्डा 3 फरवरी, 1900 ई. को गिरफ्तार हुए।

685. ब्रिटिश सरकार ने बिरसा मुण्डा को पकड़वाने के लिए कितना रुपया का ईनाम रखा था?

  1. 1000 रुपया
  2. 500 रुपया
  3. 5000 रुपया
  4. 10,000 रुपया

उत्तर- 2

व्याख्या- ब्रिटिश सरकार ने बिरसा मुण्डा को पकड़ने वाले के लिए 500 रुपये के इनाम की घोषणा की थी। बंदगाँव के जगमोहन सिंह के आदमियों में वीर सिंह महली आदि को बिरसा को पकड़वाने के लिए यह इनाम दिया गया।

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686. निम्न में से किसने “मुंडा विद्रोह को तीन दशक के कुशासन का परिणाम माना?

  1. छोटानागपुर के तत्कालीन कमिश्नर फोरबेस
  2. जी. आर. के. मेयर्स
  3. फादर हॉफमैन
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1

व्याख्या- कमिश्नर फोरबेस ने मुण्डा विद्रोह को तीन दशक के कुशासन का परिणाम माना। फोरबेस के सिफारिश के आधार पर सरकार ने लिस्टर एवं जॉन रीड के अधीन 1902 से 1910 तक रांची जिले में भूमि की पैमाईस और बंदोबस्ती की कार्रवाई की। इसके तहत मुण्डाओं के जमीन से संबंधित खतियान तैयार किये गये।

687. बिरसा मुण्डा के बारे में यह कथन किसका है-

  1. कमीश्नर फोरबेस
  2. लाल हेम्ब्रम
  3. भागीरथ मांझी
  4. महाश्वेता देवी

उत्तर- 4

व्याख्या- कुमार सुरेश सिंह ने लिखा है कि “बिरसा का एक मुक्तिदाता के रूप में आविर्भाव कोई अनायास घटना नहीं थी। तत्कालीन परिस्थितियों एवं विभिन्न धर्मो के संपर्क ने हीं बिरसा को भगवान बनने में सहायता पहुंचायी।”

688.  बिरसा मुण्डा के जीवन पर लिखा गया उपन्यास ‘अरण्येर अधिकार’ के रचनाकार निम्न में कौन है?

  1. कुमार सुरेश सिंह
  2. महाश्वेता देवी
  3. जोसेफ लिस्टर
  4. देवमनियाँ भगत

उत्तर- 2

व्याख्या- महाश्वेता देवी ने बिरसा मुण्डा के जीवन पर आधारित ” अरण्येर अधिकार (जंगल का अधिकार)” नाम से एक ऐतिहासिक उपन्यास की रचना 1975 ई. में की।

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689. कटोंग बाबा कटोंग किस विद्रोह के गीत थे?

  1. तिलका आंदोलन
  2. कोल विद्रोह
  3. संथाल विद्रोह
  4. बिरसा मुण्डा आंदोलन

उत्तर- 4

व्याख्या- आंदोलन के दौरान बिरसा के अनुयायियों द्वारा गया जानेवाला एक गीत ‘कटोंग बाबा कटोंग, साहेब कटोंग कटोंग रानी कटोंग कटोंग अर्थात काटो बाबा, काटो! यूरोपियों को काटो, काटो! दूसरी जातियों को काटो, काटो ।

  • टाना भगत आंदोलन (1714 ई.)

690. टाना भगत आंदोलन निम्न में से किस प्रकार का आंदोलन था?

  1. राजनीतिक
  2. धार्मिक
  3. संस्कृतिकरण
  4. आर्थिक आंदोलन

उत्तर- 3

व्याख्या- ‘टाना’ का शब्दिक अर्थ है टानना या खींचना। चूंकि ये भगत अपनी बदतर हुई स्थिति को टानकर या खींचकर दूर फेंकना चाहते थे तथा उन्नत अवस्था को प्राप्त करना चाहते थे इसलिए इन्हें ‘टाना भगत’ कहा गया और इनके आंदोलन को ‘टाना आदोलन’ इस तरह यह आंदोलन एक प्रकार का संस्कृतिकरण आंदोलन था।

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691. टाना भगत आंदोलन शुरूआत में किस रूप में हुआ ?

  1. धार्मिक 
  2. आर्थिक
  3. राजनीतिक 
  4. a और b दोनों

उत्तर- 4

व्याख्या- टाना भगत आंदोलन की शुरूआत धार्मिक व आर्थिक आंदोलन के रूप में हुई, बाद में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़कर यह राजनीतिक आंदोलन बन गया।

692. टाना भगत आंदोलन की शुरूआत कब हुई थी ?

  1. 21 अप्रैल, 1914
  2. 17 अप्रैल, 1914
  3. 1 अप्रैल, 1914
  4. 18 अप्रैल 1914

उत्तर- 1

व्याख्या- टाना भगत आंदोलन के जनक जतरा भगत का जन्म 2 अक्टूबर, 1888 ई. को गुमला जिले के विशुनपुर प्रखण्ड के चिंगरी नावाडोली गांव में हुआ थ। इनके पिता का नाम कोहरा था माता का नाम लिवरी भगत था। इनकी पत्नी का नाम बुधनी भगत था। आंदोलन की शुरूआत 21 अप्रैल, 1914 को हुई थी।

693. टाना भगत के आंदोलन के जनक जतरा भगत किससे ओझा का प्रशिक्षण ले रहे थे ?

  1. बुधनी भगत
  2. श्री तुरीया भगत
  3. सोमा मुण्डा
  4. कोंडा मुण्डा

उत्तर- 2

व्याख्या- जतरा भगत ‘हेसराग गांव’ के श्री तुरीया भगत से मती (ओझा) का प्रशिक्षण ले रहे थे।

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694.  जतरा भगत की विचारधारा किस प्रकार की थी?

  1. केवल उरांव देवता ‘धर्मेश’ की आराधना की जाय।
  2. पशु बलि, मांस खाने और शराब पीने का परित्याग किया जाय।
  3. गाय और बैल पवित्र है, उनको काम में नहीं लाया जाना चाहिए।
  4. इनमें सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- जतरा भगत ने आदिवासियों से यह भी कहा कि वे जमीदारों, अन्य धार्मावलंबियों तथा गैर-आदिवासियों के यहाँ कुलियों एवं मजदूरों के रूप में काम न करें।

695. निम्न में से किसने टाना भगत आंदोलन का प्रचार-प्रसार करने में अपनी भूमिका निभाई ?

  1. देवमनियाँ भगत
  2. बलराम भगत
  3. शिबू भगत
  4. इनमें से सभी

उत्तर- 4

व्याख्या- टाना भगत आंदोलन के प्रचार-प्रसार में सिसई थाना क्षेत्र के भुरी गांव निवासी देवमनियां भगत, मांडर क्षेत्र में शिबू भगत घाघरा क्षेत्र में बेलगाडा निवासी भीखू भगत आदि शामिल थे।

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696. निम्न में से किसके कहने पर माँस खाने के कारण टाना भगतों के दो वर्ग बन गए?

  1. देवमनियाँ भगत
  2. जतरा भगत
  3. शिबू भगत
  4. बलराम भगत

उत्तर- 3

व्याख्या- शिबू भगत ने टाना भगतों को मांस खाने को कहा तो टाना भगतों के दो वर्ग बन गए पहला वर्ग- ‘अरूवा भगत’ और दूसरा जुलाहा भगत। शाकाहारी भगतों को ‘अरूवा भगत’ एवं मांशाहारी भगतों को जुलाहा भगत कहा गया।

697. टाना भगतों ने कहाँ के राजा पद को समाप्त करने की मांग की ?

  1. नागवशी राजा
  2. पलामू
  3. सिंहभूम (पोरहाट
  4. मानभूम राजा

उत्तर- 2

व्याख्या- टाना भगतो ने पलामू राजा के समक्ष चार सूत्री मांग रखी। 

1.उन्हें स्वशासन प्रदान किया जाए।

2. राजा का पद समाप्त किया जाए।

3 समानता स्थापित किया जाए।

4. भूमि कर को समाप्त किया जाए क्योंकि भूमि ईश्वर प्रदत्त है। 

698. टाना भगत किसके नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये ?

  1. शिबु भगत
  2. सिद्ध भगत
  3. माया भगत
  4. देवमनिया भगत

उत्तर- 2

व्याख्या- टाना भगत में कुछ यह भी समझते थे कि गांधी जी के रूप में जतरा भगत का पुनर्जन्म हुआ है। अतः महात्मा गांधी ने जब 1921 में असहयोग आंदोलन आरंभ किया, तो कुठू थाना के ‘सिद्धू भगत’ के नेतृत्व टाना भगत पहली बार भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए।

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699. किस राष्ट्रीय नेता ने कहा “टाना भगत मेरे सर्वाधिक प्रिय अनुयायी है”।

  1. महात्मा गांधी
  2. सरदार पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. जवाहर लाल नेहरू

उत्तर- 1

व्याख्या- ‘टाना बाबा टाना, टान टुन टाना” भजन गाते टाना भगतों की टोली गांधी जी को अत्यंत प्रिय लगती थी। गांधजी ने कहा ‘टाना भगत उनके सर्वाधिक प्रिय अनुयायी है।

700.  वर्ष 1940 में कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में टाना भगतों ने महात्मा गांधी को कितने रुपये की थैली भेंट की थी। 

  1. 4000 रुपये 
  2. 400 रुपये 
  3. 40 रुपये
  4. 1000 रुपये

उत्तर- 2

व्याख्या- 1940 में कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में टाना भगतों ने महात्मा गांधी को 400 रुपये की थैली भेंट की।

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