Jharkhand GK Part-8 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान | UPSCSITE

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नमस्कार दोस्तों, UPSC SITE आपके लिए लेकर आया है “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-8 For JPSC, JSSC CGL, All Exams – Objective Question Answer, जिनकी प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है। हमारे संग्रह टेस्ट्स को प्रैक्टिस करने के बाद आपको अपनी तैयारी में अंतर समझ आने लग जायेगा। क्यूंकि हमने यहां पर केवल उन्ही प्रश्नो को सम्मिलित किया है जो परीक्षा के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
Jharkhand GK Part-8 For JPSC, JSSC CGL, All Exams : झारखंड सामान्य ज्ञान
यहां टॉपिक वाइज प्रश्नोत्तरी दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होने वाली है। यह “झारखंड सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी” Jharkhand GK Part-8 For JPSC, JSSC CGL, All Exams की टेस्ट सीरीज सभी एस्पिरेंट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुसार स्मार्ट स्टडी करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाली है।
701. झारखण्ड के किस संप्रदाय को गांधीजी से प्रभावित स्वतंत्रता आंदोलन का शुद्ध आदिवासी रूप कहा जाता है?
- संथाल
- बिरहोर
- ‘हो’
- टाना भगत
उत्तर- 4
व्याख्या- टाना भगत संप्रदाय को गांधी जी से प्रभावित स्वतंत्रता आंदोलन को शुद्ध आदिवासी रूप कहा जाता है।
702. विशुद्ध गांधीवादी तरीके से लड़ा गया पहला आदिवासी अहिंसक आंदोलन निम्न में से कौन था?
- टाना भगत आंदोलन
- हरिबाबा आंदोलन
- बिरसा आंदोलन
- खेरवार आंदोलन
उत्तर- 1
व्याख्या विशुद्ध गांधीवादी तरीके से लड़ा गया पहला आदिवासी अहिंसक आंदोलन टाना भगत आंदोलन था।
703. निम्न में किस आंदोलन में जर्मन बाबा के गीत गाकर उनके समर्थक उन्हें आह्वान करते थे ?
- पहाड़िया आदोलन
- बिरसा आंदोलन
- टाना भगत आंदोलन
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 3
व्याख्या- निरक्षर और भोले आदिवासियों ने ‘जर्मन कैंसर बाबा’ को एक अज्ञात किन्तु शक्तिशाली मसीहा मान लिया। वस्तुतः उन दिनों जर्मनी की सफलता की चर्चा सर्वत्र हुआ करती थी. भोले उरांवों ने अज्ञात किंतु शक्तिशाली मसीहा के रूप में ‘जर्मन कैंसर बाबा’ की कल्पना कर ली।
- हरिबाबा आंदोलन
704. हरिबाबा आंदोलन का मुख्य केन्द्र कहाँ था ?
- राँची
- हजारीबाग
- सिंहभूम
- पलामू
उत्तर- 3
व्याख्या- 1930 के दशक में सिंहभूम के ‘दुका हो’ (जो हरिबाबा के नाम से जाने जाते थे), ने एक आंदोलन चलाया जिसे ‘हरिबाबा आंदोलन’ कहा गया।
705. हरिबाबा आंदोलन में झारखण्ड के किस समुदाय ने भाग लिया?
- भोगता
- उराँव
- हो
- कोल
उत्तर- 3
व्याख्या- हरिबाबा आंदोलन द्वारा ‘हो’ जनजाति के लोगों को संगठित करने का प्रयास किया गया ताकि वे बाहरी लोगों के अत्याचार से बच सके।
706. गांधी जी के आत्मशुद्धि और त्याग को झारखण्ड के किस आंदोलन में अपनाया गया?
- ताना भगत आंदोलन
- हरिबाबा आंदोलन
- बिरसा आंदोलन
- इनमें सभी
उत्तर- 2
व्याख्या- गांधीजी के आत्मशुद्धि और त्याग को हरिबाबा आंदोलन ने अपनाया क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि इस आंदोलन के जरिये वे दिकुओं को भगा सकते हैं।
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- सामान्य भूगोल का परिचय
707. झारखण्ड भारत के किस भाग में स्थित है?
- उत्तर-पूर्वी
- दक्षिण-पश्चिम
- उत्तर-पश्चिम
- दक्षिण-पूर्व
उत्तर- 1
व्याख्या- झारखण्ड भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। जहाँ से कर्क रेखा झारखण्ड के लगभग बीच से गुजरती है।
708. झारखण्ड किस गोलार्द्ध में स्थित है?
- पूर्व
- पश्चिम
- उत्तरी
- दक्षिण
उत्तर- 3
व्याख्या- भारत का विषुवत रेखा के उत्तर में स्थित होने के कारण हम यह कह सकते हैं कि झारखण्ड भी उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।
709. क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का भारत में कौन-सा स्थान हैं?
- 14वाँ
- 15वाँ
- 16वाँ
- 13वाँ
उत्तर- 2
व्याख्या- झारखण्ड का क्षेत्रफल 79.714 वर्ग किमी (भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट-2019 में 79,716 वर्ग किमी) है जिसका देश में स्थान 15वाँ है।
710. जनसंख्या की दृष्टि से झारखण्ड का भारत में कौन-सा स्थान हैं?
- 13वाँ
- 14वाँ
- 15वाँ
- 16वाँ
उत्तर- 2
बाख्या वर्ष-2011 की जनगणना के अनुसार झारखण्ड की कुल जनसंख्या 3,29,88,134 है। इस दृष्टि से देश में झारखण्ड का स्थान 14वाँ है।
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711. राज्य की भूगर्भिक संरचना में सबसे प्राचीनतम चट्टान निम्न में से कौन-सा है ?
- आर्कियन ग्रेनाइट नीस एवं धरवाड़ की चट्टाने ।
- विंध्यन श्रेणी की चट्टाने ।
- गोंडवाना श्रेणी की चट्टाने
- राजमहल ट्रैप या दक्कन लावा की चट्टाने ।
उत्तर- 1
व्याख्या- राज्य की भूगर्भिक संरचना में सबसे प्राचनीतम चट्टान आर्कियन, ग्रेनाइट, नीस एवं धरवाड़ की चट्टानें है जबकि सबसे नवीनतम चट्टान / मिट्टी जलोढ़ निक्षेप की मृदा है।
712. . झारखण्ड में किस प्रकार की जलवायु पायी जाती है?
- उष्ण कटिबंधीय मानूसनी प्रकार
- शीतोष्ण कटिबंधीय
- ध्रुवीय प्रकार
- इनमें सभी प्रकार के
उत्तर- 1
व्याख्या झारखण्ड प्रदेश का उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में स्थित होने के कारण यहाँ की जलवायु उष्ण कटिबंधीय मानसूनी प्रकार की है। यह क्षेत्र मानसूनी जलवायु के अंतर्गत आनेवाले प्रत्येक मौसम के उतार-चढ़ाव को झेलता है।
713. झारखण्ड में किस प्रकार की मिट्टी पायी जाती है?
- अवशिष्ट मृदा
- लेटेराइट मिट्टी
- काली मिट्टी
- इनमें सभी
उत्तर- 4
व्याख्या- झारखण्ड में पायी जानेवाली मिट्टी अवशिष्ट प्रकार की है। यहाँ काली मिट्टी और लेटेराइट मिट्टी पायी तो जाती है पर वह अवशिष्ट प्रकार की है।
714. राज्य के कुल क्षेत्रफल के कितने प्रतिशत भाग पर वन पाया जाता है?
- 29.61%
- 29.76%
- 29.63%
- 29.64%
उत्तर- 2
व्याख्या- भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट-2021 के अनुसार झारखण्ड के क्षेत्रफल से वन का प्रतिश 29.62% से बढ़कर 29.76% हो गया है।
715. निम्न में से किसे ‘भारत का रूर प्रवेश’ कहा गया है?
- झारखण्ड
- बिहार
- ओडिशा
- छत्तीसगढ़
उत्तर- 1
व्याख्या- खनिज संसाधन की दृष्टि से झारखण्ड भारत का सबसे धनी प्रदेश है इसलिए झारखण्ड को भारत का रूर प्रदेश कहा जाता है। वास्तव में सर जर्मनी का एक नगरीय क्षेत्र है।
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716. झारखण्ड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार क्या है?
- कृषि और कृषि संबंधित गतिविधियाँ।
- खनिज व उन पर आधारित उद्योग।
- सेवा क्षेत्र।
- इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- 2
व्याख्या- झारखण्ड खनिज संसाधन से परिपूर्ण होने के कारण यहाँ की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार खनिज एवं उस पर आधारित उद्योग है। हालांकि यहाँ के लोगों की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है।
717. झारखण्ड में कितने प्रमुख औद्योगिक केन्द्र है?
- 4
- 5
- 6
- 7
उत्तर- 1
व्याख्या- झारखण्ड में चार प्रमुख औद्योगिक केन्द्र है। जमशेदपुर, राँची, बोकारो व धनबाद।
- स्थिति एवं विस्तार
718. झारखण्ड राज्य भारतीय उप महाद्वीप के किस भाग में स्थित है
- पूर्वी
- पश्चिमी
- उत्तरी
- दक्षिणी
उत्तर- 1
व्याख्या- झारखण्ड राज्य भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित है।
719. झारखण्ड राज्य का आक्षांशीय विस्तार कितना है?
- 21°58’10” से 25:1915* उत्तरी अक्षांश के मध्य।
- 83°19’50* से 87-57 उत्तरी अक्षांश के मध्य ।
- 21°58’15” से 25°58’10” उत्तरी अक्षांश के मध्य।
- इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- 1
व्याख्या- झारखण्ड की भौगोलिक स्थिति 21°58’10 से 25°19’15” उत्तरी अक्षांश तथा 8331950 से 87°57* पूर्वी देशांतर के मध्य है।
720. झारखण्ड का देशांतरीय विस्तार कितना है?
- 21°58’10” से 25-1915* पूर्वी देशांतर के मध्य ।
- 21°58’15° से 25458*10* पूर्वी देशांतर के मध्य।
- 83°19’50 से 8757- पूर्वी देशांतर के मध्य ।
- इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- 3
व्याख्या प्रश्न संख्या 13 की व्याख्या देखें।
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721. झारखण्ड की उत्तर से दक्षिण तक कितनी लम्बाई कितनी है?
- 163km
- 380km
- 363 km
- 480km
उत्तर- 2
व्याख्या झारखण्ड का विस्तार उत्तर से दक्षिण तक 380 किलोमीटर तथा पूर्व से पश्चिम तक 463 किमी है। इस राज्य का कुल क्षेत्रफल 79.716 वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 2.42% है।
722. झारखण्ड की पूरब से पश्चिम तक चौड़ाई कितनी है?
- 463 km
- 380km
- 363km
- 480km
उत्तर- 1
व्याख्या प्रश्न संख्या 15 के व्याख्या देखें।
723. झारखण्ड का क्षेत्रफल कितना है? (2019 वन रिपोर्ट के अनुसार)
- 79,714 km
- 1792 km²
- 79.716 km²
- 77,922 km²
उत्तर- 3
व्याख्या प्रश्न संख्या 15 के व्याख्या देखें।
724. झारखण्ड भारत के कुल क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत है?
- 4.42%
- 3.72%
- 5.42%
- 2.42%
उत्तर- 4
व्याख्या प्रश्न संख्या 15 के व्याख्या देखें।
725. 2011 की जनगणना के अनुसार झारखण्ड की कुल जनसंख्या कितनी है?
- 3.298 मिलियन
- 329.8 मिलियन
- 32.98 मिलियन
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 3
व्याख्या- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखण्ड की जनसंख्या 3,29,88,134 है, जिसे मिलियन में 32.98 मिलियन है।
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726. 2011 के जनगणना के अनुसार भारत के कुल जनसंख्या का कितना हिस्सा झारखण्ड में है।
- 2.42%
- 4.42%
- 2.72%
- 7.42%
उत्तर- 3
व्याख्या- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखण्ड की जनसंख्या 32.98 मिलियन है, जो भारत की कुल जनसंख्या का 2.72% है।
727. झारखण्ड की सीमाएँ कितने राज्यों को स्पर्श करती हैं?
- 3
- 4
- 5
- 6
उत्तर- 3
व्याख्या- झारखण्ड राज्य की सीमाएं 5 राज्यों को स्पर्श करती है। इसके उत्तर में बिहार, दक्षिण में ओडिशा, पूर्व में पश्चिम बंगाल एवं पश्चिम में उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ है। हरियाणा, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के समान झारखण्ड एक स्थलबद्ध / भू-आवेष्टित राज्य (Land Locked State) है।
728. झारखण्ड से समुद्र तल की निकटतम दूरी कितनी हैं ?
- 60km
- 90km
- 120km
- 150km
उत्तर- 2
व्याख्या- झारखण्ड की भौगोलिक सीमा कहीं भी समुद्र को स्पर्श नहीं। करती है। झारखण्ड से समुद्र तल की निकटतम दूरी 90 किलोमीटर है। यह समुद्र तट ओडिशा की है।
729. झारखण्ड राज्य का आकार कैसा है?
- समचतुर्भुज
- चतुर्भुज
- आयताकार
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 2
व्याख्या- झारखण्ड राज्य की आकार चतुर्भुज / चतुष्कोणीय के समान है।
- भूगर्भिक संरचना
730. झारखण्ड राज्य की भूगर्भिक संरचना में सबसे नवीनतम चट्टान निम्न में से कौन है?
- धारवाड़ क्रम की चट्टाने
- विंध्यन क्रम की चट्टाने
- गोंडवाना क्रम की चट्टाने
- जलोढ़ निक्षेप से बनी चट्टाने
उत्तर- 4
व्याख्या नदी घाटी क्षेत्रों में जलोढ़ निक्षेप से निर्मित संरचना पाई जाती है। जैसे राजमहल के पूर्वी भाग सोन घाटी, स्वर्णरेखा की निचली घाटी आदि में पाये जाते है।
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731. निम्न में से किसे पैतृक चट्टान कहा जाता है ?
- धारवाड़ क्रम की चट्टाने
- विंध्यन क्रम की चट्टाने
- गोंडवाना क्रम की चट्टाने
- राजमहल ट्रैप की चट्टाने
उत्तर- 1
व्याख्या- झारखण्ड के लगभग 90 प्रतिशत भाग पर आर्कियन ग्रेनाइट-नीस एवं धारवाड़ की चट्टाने पाये जाने के कारण इस चट्टान को पैतृक चट्टान कहा जाता है।
732. पैतृक चट्टाने झारखण्ड के लगभग कितने प्रतिशत भाग पर मौजूद है?
- 40%
- 60%
- 90%
- 75%
उत्तर- 3
व्याख्या- आर्कियन ग्रेनाइट-नीस एवं धारवाड़ की चट्टाने जिन्हें पैतृक चट्टान कहा जाता है, झारखण्ड के लगभग 90% भाग में पाया जाता है।
733. “ये परत वाली चट्टानें पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, सिमडेगा एवं झारखण्ड के पूर्वी भाग में हैं। ये चट्टाने आर्थिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनमें प्रचुर मात्र में खनिज मिलते है” यह कथन किस प्रकार की चट्टान के बारे में बोला गया है?
- राजमहल ट्रैप की चट्टानें
- गोंडवाना क्रम की चट्टाने
- धारवाड़ क्रम की चट्टाने
- विंध्यन क्रम की चट्टाने
उत्तर- 3
व्याख्या आर्कियन ग्रेनाइट-नीस एवं धारवाड़ क्रम की चट्टाने पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला, सिमडेगा एवं झारखण्ड के दक्षिण-पूर्वी भाग में है। ये चट्टाने आर्थिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें प्रचर मात्र में खनिज मिलते है।
734. निम्न में किस प्रकार की चट्टानों में बलुआ पत्थर चूना पत्थर पाया जाता है?
- धारवाड़ क्रम की चट्टाने
- विंध्यन क्रम की चट्टाने
- गोंडवाना क्रम की चट्टाने
- राजमहल ट्रैप की चट्टाने
उत्तर- 2
व्याख्या- विंध्यन श्रेणी की चट्टानों में बलुआ पत्थर एवं चूना पत्थर पाया जाता है। इस प्रकार की चट्टाने गढ़वा जिले के उत्तरी भाग में पायी जाती है। ‘
735. विंध्यन क्रम की चट्टाने झारखण्ड के किस जिले में पायी जाती है?
- पलामू
- गढ़या
- साहेबगंज
- गोड्डा
उत्तर- 2
व्याख्या विध्यन क्रम की चट्टाने गढ़वा जिले मे पायी जाती हैं।
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736. झारखण्ड में प्रमुख कोयला निक्षेपों का निर्माण किस श्रेणी के चट्टानों से हुआ है।
- धारवाड़ क्रम की चट्टाने
- विध्यन क्रम की चढ़ाने
- गोंडवाना क्रम की चट्टाने
- राजमहल ट्रैप की चट्टाने
उत्तर- 3
व्याख्या- झारखण्ड में प्रमुख कोयला निक्षेप भंडार गोंडवाना क्रम की चट्टानों में पाया जाता है?
737. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- गोंडवाना क्रम की चट्टानों का निर्माण दामोदर घाटी के तलछट से हुआ है।
- गोंडवाना क्रम की चट्टानों में बलुवा पत्थर एवं कोयले की परत पायी जाती है।
- गोंडवाना क्रम की चट्टाने उत्तरी कोयल घाटी, गिरिडीह एवं राजमहल की पहाड़ियों में मिलती हैं।
- झारखण्ड के प्रमुख कोयला निक्षेपों का निर्माण इसी श्रेणी के चट्टानों से हुआ है।
निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य है?
- A, B और D
- A, B और C
- A और D
- A, B, C और D
उत्तर- 4
व्याख्या- गोंडवाना क्रम की चट्टानों का निर्माण दामोदर घाटी की तलछट में हुआ है। इस क्रम की चट्टानों में बलुआ पत्थर व कोयले की परतें होती है। उत्तरी कोयला की घाटी, गिरिडीह एवं राजमहल की पहाड़ियों में ऐसी चट्टानें मिलती है। झारखण्ड में प्रमुख कोयला निक्षेपों का निर्माण इसी क्रम की चट्टानों से हुआ है।
738. निम्न में से किसके सम्मिलित रूप को पाट प्रदेश कहाँ गया है?
- पलामू, लातेहार, गढ़वा और गुमला।
- पलामू, लातेहर, लोहदगा और गुमला।
- पलामू, लोहरदगा, गुमला और लातेहार।
- पलामू, लातेहार, गढ़या और लोहरदगा।
उत्तर- 3
व्याख्या पलामू, लातेहार लोहरदगा तथा गुमला जिले के सम्मिलित रूप को पाट प्रदेश कहा जाता है। इसकी आकृति त्रिभुजाकार है। इसका शीर्ष भाग दक्षिण में तथा आधार उत्तर में है।
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739. निम्न कथनों में कौन-सा कथन असत्य है?
- पाट क्षेत्र की ऊचाई 600 मीटर है।
- लावा के बहने से राजमहल ट्रैप बना है।
- साहेबगंज का उत्तर-पूर्वी भाग तथा पाकुड़ का पूर्वी भाग लावा जमाव का परिणाम है।
- इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- 1
व्याख्या समुद्र तल से पाट क्षेत्र की ऊँचाई 900 मीटर है (लगभग 3000 फिट) राजमहल ट्रैप का निर्माण लावा के बहने के कारण हुआ है। साहेबगंज का उत्तरी भाग तथा पाकुड़ का पूर्वी भाग इसी जमाव का परिणाम है।
740. निम्न में से किस नदी घाटी क्षेत्रों में जलोढ़ निक्षेप से निर्मित संरचना पाई जाती है ?
- गंगा घाटी क्षेत्र
- शंख घाटी क्षेत्र
- स्वर्णरेखा क्षेत्र
- अजय नदी घाटी क्षेत्र
- A, B और D
- A और B
- A और C
- A, B, C और D सभी
उत्तर- 3
व्याख्या- राजमहल के पूर्वी भाग में गंगा घाटी तथा पश्चिम सिंहभूम में स्वर्णरेखा की निचली घाटी में जलोढ़ निक्षेप से निर्मित संरचना पाई। जाती है।
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741. झारखण्ड में निम्न में से किस क्षेत्र में जलोढ़ मृदा पायी जाती है?
- साहेबगंज
- पश्चिम सिंहभूम
- रामगढ़
- A और B दोनों
उत्तर- 4
व्याख्या प्रश्न संख्या 35 की व्याख्या को देखे।
- धरातलीय स्वरूप
742. झारखण्ड के धरातलीय स्वरूप को सामान्यतः कितने भागों में बांटा गया है?
- 4
- 5
- 6
- 8
उत्तर- 1
व्याख्या- झारखण्ड के धरातलीय स्वरूप को सामान्यतः चार भागों में बांटा जाता है। 1. पाट क्षेत्र या पश्चिमी पठार, 2. राँची का पठार, 3. हजारीबाग का पठार, 4. निचली घाटी एवं मैदानी क्षेत्र यहाँ हजारीबाग के पठार को दो भागों में बाँटा गया है।
हजारीबाग पठार
ऊपरी हजारीबाग पठार निचली हजारीबाग पठार
743. पाट क्षेत्र का शब्दिक अर्थ निम्न में से क्या है?
- उथला जमीन
- समतल जमीन
- तसतरीनुमा जमीन
- इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर- 2
व्याख्या- समतल जमीन पाट क्षेत्र का शाब्दिक अर्थ है। इसकी तुलना दक्षिण पठार के मेसा आकृति से की जाती है
744. निम्नलिखित में से कौन झारखण्ड के धरातलीय स्वरूपों में सबसे ऊँचा भू-भाग है?
- पाट क्षेत्र
- राँची पठार
- हजारीबाग पठार
- निचली नदी घाटी
उत्तर- 1
व्याख्या- झारखण्ड के धरातलीय स्वरूपों में पाट क्षेत्र की ऊचाई सबसे अधिक है। इसकी औसत ऊँचाई 900 मीटर है जो लगभग 3000 फीट है। पाट क्षेत्र का विस्तार राँची के उत्तर पश्चिमी हिस्से से लेकर पलामू जिले के दक्षिणी हिस्से तक है। पाट क्षेत्र की सबसे उपरी परत लेटेराइट से निर्मित है।
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745. झारखण्ड के निम्न धरातलीय स्वरूपों में किसका आकार त्रिभुजाकार है?
- पाट क्षेत्र
- राँची पठार
- हजारीबाग पठार
- निचली नदी घाटी
उत्तर- 1
व्याख्या- झारखण्ड के धरातलीय स्वरूप का विभाजन पाट क्षेत्र, राँची का पठार, हजारीबाग का पठार तथा राजमहल की पहाड़ियाँ एवं मैदानी क्षेत्र के रूप में हैं इन सभी में पाट क्षेत्रों का आकार त्रिभुजाकार है। इसका शीर्ष दक्षिण में तथा आधार उत्तर में हैं।
746. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- पाट क्षेत्र का ऊपरी भाग दोन तथा निचला भाग टांड कहलाता है।
- पाट क्षेत्र की औसत ऊँचाई 720 मीटर है।
- उत्तरी कोयल, शंख फूलझर आदि नदियों का उद्गम स्थल पाट क्षेत्र है।
- पाट क्षेत्र की प्रमुख पहाड़ियाँ सानु एवं सारऊ पहाड़ी है। निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य है?
- A और B
- B और C
- B और D
- C और D
उत्तर- 4
व्याख्या- पाट क्षेत्र का ऊपरी भाग टॉड एवं निचला भाग दोन कहलाता है। इस क्षेत्र की समुद्र तल से औसत ऊँचाई 900 मीटर है। इस क्षेत्र में स्थित पहाड़ियों में सानु एवं सारऊ पहाड़ी मुख्य है। इस क्षेत्र में अनेक नदियों का उद्गम स्थल है, जैसे- उत्तरी कोयल, शंख, फूलझर आदि ।
747. निम्न में से पाट क्षेत्र की सबसे ऊँची चोटी का क्या नाम है?
- नेतरहाट
- पारसनाथ
- जमीरा पाट
- गणेशपुर पाट
उत्तर- 1
व्याख्या पाट क्षेत्र की सबसे ऊँची चोटी नेतरहाट पाट है जिसकी ऊंचाई 1180 मीटर है उसके बाद गणेशपुर पाट है जिसकी ऊँचाई 1171 मीटर है तथा जमीरा पाट की ऊँचाई 1142 मीटर है।
745. झारखण्ड का सबसे बड़ा पठारी भाग कौन है?
- पाट क्षेत्र
- राँची पठार
- हजारीबाग पठार
- निचली नदी घाटी
उत्तर- 2
व्याख्या- राँची का पठार झारखण्ड का सबसे बड़ा पठारी भाग है। इसमें पाट क्षेत्र को छोड़कर राँची के आस-पास का क्षेत्र भी शामिल है।
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746. राँची पठार की समुद्र तल से औसत ऊँचाई कितनी है?
- 720 मीटर
- 600 मीटर
- 400 मीटर
- 900 मीटर
उत्तर- 2
व्याख्या- राँची के पठार की समुद्र तल से औसत ऊँचाई 600 मीटर है।
747. राँची के पठार की आकृति कैसी है?
- चौरस
- त्रिभुजाकार
- आयताकार
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 1
व्याख्या- राँची की पठार की आकृति चौरस है।
748. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- बूढ़ाघाघ जलप्रपात
- हुंडरू जलप्रपात
- सदनीघाघ जलप्रपात
- घघरी जलप्रपात
निम्न में से किसका निर्माण राँची पठार से उद्गम नदियों पर हुआ है?
- केवल B
- B और C दोनों
- केवल D
- इनमें सभी
उत्तर- 4
व्याख्या- राँची के पठारी भाग से कई नदियाँ निकलती हैं, जो पठार के किनारों पर खड़ी ढाल के कारण झरनों, जलप्रपातों का निर्माण करती है इसमें बूढ़ाधाघ, हुंडरू सदनीघाघ, घघरी, दशम, जोन्हा/ गौतम धारा आदि प्रमुख है।
749. हजारीबाग पठार को दो भागों में विभाजित किया जाता है। ऊपरी हजारीबाग का पठार तथा निचला हजारीबाग का पठार। ये दोनों पठार किस नदी के कटाव के कारण अलग हो गए हैं।
- बराकर नदी
- दामोदर नदी
- भेड़ा नदी
- महाने नदी
उत्तर- 2
व्याख्या- झारखण्ड के धरातलीय स्वरूप को सामान्यतः चार भागों में बाटा गया, जिसमें से हजारीबाग का पठार एक है। दामोदर नदी के कटाव के कारण हजारीबाग का पठार दो भागों में विभाजित हो जाता है। ऊपरी हजारीबाग का पठार तथा निचला हजारीबाग का पठार ।
750. ऊपरी हजारीबाग के पठार की औसत ऊँचाई कितनी है ?
- 720 मीटर
- 900 मीटर
- 600 मीटर
- 420 मीटर
उत्तर- 3
व्याख्या- ऊपरी हजारीबाग का पठार की औसत ऊँचाई 600 मीटर है। जबकी निचला हजारीबाग के पठार की औसत ऊँचाई 450 मीटर है।
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751. झारखण्ड के निचला हजारीबाग पठार की समुद्र तल से औसत ऊँचाई कितनी है?
- 720 मीटर
- 600 मीटर
- 420 मीटर
- 450 मीटर
उत्तर- 4
व्याख्या प्रश्न संख्या 48 की व्याख्या को देखें।
752. पारसनाथ की पहाड़ी झारखण्ड के किस धरातलीय स्वरूप में स्थित है?
- ऊपरी हजारीबाग पठार
- निचला हजारीबाग पठार
- पाट क्षेत्र
- राँची पठार
उत्तर- 2
व्याख्या- निचला हजारीबाग पठार छोटानागपुर पठार का बाहरी हिस्सा होने के कारण इसे ‘बाह्य पठार’ भी कहा जाता है। यह झारखण्ड का निम्नतम ऊँचाई वाला पठारी भाग होने के बाद भी इसी क्षेत्र में गिरिडीह के पठार पर बराकर नदी घाटी के निकट पारसनाथ की पहाड़ी स्थित है, जो 4478 फीट है।
753. पारसनाथ पहाड़ी का निर्माण किस प्रकार की चट्टानों से हुआ है?
- बेसालट चट्टाने
- ग्रेनाइट
- पाइरोक्सीन ग्रेनाइट
- चुना-पत्थर
उत्तर- 3
व्याख्या- पारसनाथ की पहाड़ी अत्यंत कठोर पाइरोक्सीन ग्रेनाइट से निर्मित है।
754. निचली नदी घाटी एवं मैदानी क्षेत्र की समुद्र तल से औसत ऊँचाई कितनी है?
- 150 मीटर
- 150-300 मीटर
- 400 मीटर
- 420 मीटर
उत्तर- 2
व्याख्या- झारखण्ड की निचली नदी घाटी एवं मैदानी क्षेत्र की समुद्र तल से औसत ऊँचाई 150-300 मीटर है। इस क्षेत्र में राजमहल की पहाड़ी स्थित है, जो कैमूर (बिहार) के पहाड़ी क्षेत्र का विस्तृत भाग है।
755. राजमहल की पहाड़ी लगभग कितने क्षेत्रों में फैली हुई है?
- 1000 वर्ग किलोमीटर
- 2000 वर्ग किलीमीटर
- 3000 वर्ग किलोमीटर
- 4000 वर्ग किलोमीटर
उत्तर- 2
व्याख्या- राजमहल की पहाड़ी का विस्तार दुमका देवघर, गोड्डा, पाकुड़ का पश्चिमी भाग एवं साहेबगंज का मध्यवर्ती व दक्षिण भाग में है, जो लगभग 2000 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
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756. राजमहल की नुकीली पहाड़ियों को क्या कहा जाता है?
- दोन
- टाँड़
- टोंगरी
- डोगरी
उत्तर- 3
व्याख्या- निचली नदी घाटी एवं मैदानी क्षेत्र में कहीं-कहीं छोटी पहाड़ियां मिलती है और जो नुकीली पहाड़ियों मिलती है उसे टोंगरी एवं गुम्बदनुमा पहाड़ियों को डोंगरी कहते हैं।
757. राजमहल की गुम्बदनुमा पहाड़ियों को कहते हैं-
- दोन
- टाँड़
- टोंगरी
- डोंगरी
उत्तर- 4
व्याख्या प्रश्न संख्या 54 की व्याख्या को देखें।
758. चाईबासा का मैदान झारखण्ड के किस धरातलीय स्वरूप का हिस्सा है?
- पाट क्षेत्र
- राँची पठार
- हजारीबाग का पठार
- निचली नदी घाटी एवं मैदानी क्षेत्र
उत्तर- 4
व्याख्या चाईबासा का मैदान निचली नदी घाटी एवं मैदानी क्षेत्र में स्थित है। चाईबासा का मैदान पश्चिमी सिंहभूम के मध्यवर्ती भाग में स्थित है। यह उत्तर में दालमा की श्रेणी, दक्षिण में कोल्हान की पहाड़ी, पश्चिम में सारंडा एवं उत्तर-पश्चिम में पोरहाट की पहाड़ी से घिरा है।
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- अपवाह प्रणाली
759. झारखण्ड की एक मात्र नदी जो बरसाती नदी नहीं है निम्न में से कौन है?
- दामोदर नदी
- स्वर्णरेखा नदी
- दक्षिण कोयल
- सोन नदी
उत्तर- 4
व्याख्या- झारखण्ड की अधिकतर नदियां बरसाती नदियां है। दूसरे शब्दों में झारखण्ड की नदियां बरसात के महीने में पानी से भरी रहती है, जबकि गर्मी के महीनों में सूख जाती है। झारखण्ड की नदियाँ पानी के लिए मानसून पर निर्भर होती है। सोन नदी झारखण्ड की एकमात्र नदी है, जो सालों भर बहती है।
760. झारखण्ड की एक मात्र नदी कौन-सी है, जिसमें वर्षा ऋतु में नावें चला करती है?
- सोन नदी
- मोर नदी
- दामोदर नदी
- कोयल नदी
उत्तर- 2
व्याख्या कठोर चट्टानी क्षेत्रों में होकर प्रवाहित होने के कारण झारखण्ड की नदियाँ नाव चलाने लायक नहीं है। मोर/मयूराक्षी झारखण्ड की एकमात्र नदी है, जिसमें वर्षा ऋतु में नावें चलायी जा सकती है।
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761. प्रवाह की दिशा के अनुसार झारखण्ड की नदियों को कितने भागों में बाँटा जाता है?
- 2
- 3
- 4
- 6
उत्तर- 1
व्याख्या प्रवाह के दिशा के अनुसार झारखण्ड की नदियों को दो भागों में बाँटा जाता है।1. उत्तरवर्ती नदियाँ, 2 पूर्ववर्ती नदियाँ ।
762. निम्न में से कौन झारखण्ड की उत्तरवर्ती नदियां नहीं है?
- दामोदर
- स्वर्णरेखा
- बराकर
- इनमें सभी
उत्तर- 4
व्याख्या- झारखण्ड की उत्तरवर्ती नदियाँ (गंगावर्ती नदियाँ) निम्नलिखित है- 1. सोन नदी, 2. उत्तरी कोयल नदी, 3. पुनपुन नदी, 4. फल्गु नदी, 5. सकरी नदी, 6. चानन/पंचाने नदी । दामोदर, स्वर्णरेखा, बराकर आदि पूर्ववर्ती नदियाँ (दक्षिणवर्ती नदियाँ) है।
763. सोन नदी झारखण्ड के किस जिले में सर्वप्रथम प्रवेश करती है?
- गढ़वा
- पलामू
- लातेहार
- गुमला
उत्तर- 1
व्याख्या- सोन नदी अमरकंटक की पहाड़ी से निकलकर झारखण्ड के गढ़वा जिले में सर्वप्रथम प्रवेश करती है, उसके बाद पलामू होते हुए बिहार में प्रवेश करती है तथा पटना के पास गंगा में जाकर मिल जाती है।
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764. उत्तरी कोयल किसकी सहायक नदी है?
- दामोदर
- स्वर्णरेखा
- सोन
- अजय
उत्तर- 3
व्याख्या- उत्तरी कोयल नदी सोन नदी की सहायक नदी है। कन्हर नदी भी उत्तरी कोयल की सहायक नदी है।
765. सोन नदी का मुहाना निम्न में से कहाँ है?
- उत्तरी कोयल नदी
- शंख नदी
- गंगा नदी
- बराकर नदी
उत्तर- 3
व्याख्या प्रश्न संख्या 60 की व्याख्या देखें।
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766. सोन नदी का अपवाह क्षेत्र झारखण्ड के कौन-कौन से जिले में हैं?
- पलामू और गढ़वा
- पलामू, गढ़वा और लातेहार
- पलामू, गढ़वा और चतरा
- पलामू, गढ़वा और गुमला
उत्तर- 1
व्याख्या प्रश्न संख्या 60 की व्याख्या देखें।
767. उत्तरी कोयल नदी का उद्गम स्थल निम्न में से कहाँ है?
- राँची पठार
- टोरी
- हजारीबाग पठार
- चैनपुर
उत्तर- 1
व्याख्या- उत्तरी कोयल नदी का उद्गम स्थल राँची के पठार का मध्य भाग है।
768. निम्न कथनों पर विचार कीजिए ?
- औरंगा एवं अमानत उत्तरी कोयल नदी की सहायक नदी है।
- उत्तरी कोयल नदी का अपवाह क्षेत्र 12,800 वर्ग किलोमीटर है।
- उत्तरी कोयल नदी पलामू, गढ़वा तथा लातेहार में बहती है।
- उत्तरी कोयल नदी का मुहाना सोन नदी है। निम्न में सही कथनों की पहचान करें?
- A, B और D
- B, C और D
- A, C और D
- A और D
उत्तर- 3
व्याख्या औरंगा वं अमानत उत्तरी कोयल नदी की सहायक नदी है। इसका अपवाह क्षेत्र 9,030 वर्ग किमी है एवं यह नदी पलामू, गढ़वा एवं लातेहार में बहती है।
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769. पुनपुन नदी के बारे में निम्न कथनों पर विचार कीजिए?
- इसका उद्गम उत्तरी कोयल प्रवाह क्षेत्र के उत्तर (पलामू) में है।
- दारधा व मोहर इसकी सहायक नदी है।
- इसका मुहाना उत्तरी कोयल नदी में है।
- इसका उपनाम कीकट व बामागधी है।
निम्न कथनों में कौन-सा कथन सत्य है?
- केवल A
- केवल C
- A और C दोनों
- A, B और D
उत्तर- 4
व्याख्या- पुनपुन नदी का उद्गम स्थान उत्तरी कोयल प्रवाह क्षेत्र के उत्तर से है। इसकी सहायक नदियाँ दारधा व मोरहर है। इसका मुहाना गंगा नदी में है। इस नदी को कीकट व बमागधी उपनामों से जाना जाता है।
770. निम्न नदियों में ऐसी कौन-सी नदी है, जिसका संबंध झारखण्ड में केवल उद्गम स्रोत से है?
- सकरी नदी
- चानन/पंचाने नदी
- फल्गु नदी
- पुनपुन नदी ।
उत्तर- 3
व्याख्या- छोटानागपुर पठार के उत्तरी भाग में फल्गु नदी का उद्गम स्रोत माना जाता है और यह ताल क्षेत्र के निकट गंगा नदी में मिल जाती हैं इस नदी की झारखण्ड में संबंध केवल उद्गम स्रोत से है।
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771. फल्गु नदी के बारे में निम्न कथनों पर विचार कीजिए?
- इसका उद्गम छोटानागपुर पठार का उत्तरी भाग है।
- इसकी सहायक नदी निरंजना व मोहना है।
- इसका मुहाना सोन नदी में है।
- अतः सलिला इसका उपनाम है।
निम्न कथनों में गलत कथन की पहचान कीजिए?
- केवल A
- केवल C
- A और B दोनों
- सभी कथन सत्य है।
उत्तर- 4
व्याख्या- फल्गू नदी का उद्गम स्रोत छोटानागपुर पठार का उत्तरी भाग है और गंगा में ताल क्षेत्र के निकट मिल जाती है। इसकी सहायक नदी निरंजना व मोहना है। इसे अतः सलिला के उपनाम से भी जानते है।
772. निम्न में से किस नदी की यह विशेषता है कि यहाँ पितृ पक्ष के समय दूर-दूर से यात्री फल्गु स्नान के लिए आते हैं और पिंड दान करते हैं?
- पुनपुन नदी
- फल्गु नदी
- चान्मन नदी
- सोन नदी
उत्तर- 2
व्याख्या- फल्गु नदी की एक विशेषता यह है कि पितृपक्ष के समय दूर-दूर से यात्री फल्गु स्नान के लिए आते हैं और पिंड दान करते है।
773. सकरी नदी के बारे में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- इसका उद्गम उत्तरी छोटानागपुर का पठार से है।
- लीलाजन एवं कीकट इसकी सहायक नदी है।
- इसका मुहान गंगा का ताल क्षेत्र है।
- झारखण्ड में इसका संबंध केवल उद्गम स्रोत से है।
निम्न कथनों में सही कथनों की पहचान कीजिए-
- A और C
- A, C और D
- B, C और D
- इनमें सभी सही है।
उत्तर- 1
व्याख्या- सकरी नदी का उद्गम स्थल उत्तरी छोटानागपुर का पठार है, इस नदी की सहायक नदी किउल तथा मोरहर है। इस नदी का मुहाना गंगा का ताल क्षेत्र है। इसकी मुख्य विशेषता मार्ग बदलने के लिए कुख्यात है।
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774. निम्न नदियों में किस नदी का उपनाम ‘रामायण’ भी है?
- पुनपुन नदी
- सकरी नदी
- फल्गु नदी
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 2
व्याख्या- झारखण्ड में सकरी नदी को सुमागधी एवं रामायण के नाम से जाना जाता है।
775. निम्न कथनों में से सही कथनों की पहचान कीजिए?
- चानन नदी / पंचाने नदी एक दक्षिणवर्ती नदी है।
- चानन नदी का उद्गम स्थल छोटानागपुर का पठार है।
- इसका मुहाना सोन नदी में हैं।
- इनमें से सभी कथन सत्य है।
उत्तर- 2
व्याख्या- चानन / पंचाने नदी का नाम पंचाने पाँच जलधराओं के मेल से विकसित होने के कारण पड़ा। इस नदी का उद्गम स्थल छोटानागपुर का पठार है, जबकी इसका मुहाना सकरी नदी में है।
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776. फुलझर नदी झारखण्ड के किस जिले में बहती है?
- लोहरदगा
- पूर्वी सिंहभूम
- चतरा
- साहेबगंज
उत्तर- 1
व्याख्या- फुलझर नदी का उद्गम स्थल लोहरगा में है तथा यह लोहरदगा तथा लातेहार में बहती है।
777. निम्न में से कौन-सी नदी दक्षिणवर्ती नदी नहीं है।
- दामोदर नदी
- बराकर नदी
- दक्षिणी कोयल
- सकरी नदी
उत्तर- 4
व्याख्या- झारखण्ड की नदियाँ जैसे दामोदर नदी, स्वर्णरेखा नदी, बराकर नदी, दक्षिणी कोयल नदी, शंख नदी, अजय नदी, ब्राह्मणी नदी, गुमानी नदी तथा बासलोई नदी ये सभी नदियाँ झारखण्ड की दक्षिणवर्ती नदियाँ है, जबकि सकरी नदी उत्तरवर्ती नदी है।
778. दामोदर नदी के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कजिए-
- इसका उद्गम स्थल छोटानागपुर का पठार (लातेहार का टोरी क्षेत्र) है।
- बराकर, बोकारो, कोनार, मुहाने, जमुनियां तथा कतरी इसकी सहायक नदी है।
- इसका अपवाह क्षेत्र 9030 वर्ग किमी है।
- यह झारखण्ड की सबसे अधिक प्रदूषित नदी है।
निम्न कथनों में सही कथनों की पहचान करें?
- A और D
- B, C और D
- A, B और C
- इनमें सभी सही है।
उत्तर- 1
व्याख्या- दामोदर नदी का उद्गम स्थल छोटानागपुर पठार के लातेहार का टोरी क्षेत्र है। इसकी सहायक नदियाँ में बराकर, बोकारो, कोनार, जमुनिया, कतरी आदि है जबकि महाने (जिसे फल्गु नदी भी कहते हैं) चतरा में प्रवाहित होने वाली एक नदी है जिसके किनारे माँ भद्रकाली का मंदिर स्थित है। दामोदर नदी का अपवाह क्षेत्र जिसके किनारे 12800 किमी है। यह झारखण्ड का सबसे प्रदूषित नदी है।
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779. झारखण्ड की सबसे बड़ी (लम्बी नहीं) नदी निम्न में से कौन-सी है ?
- स्वर्णरेखा नदी
- दामोदर नदी
- बराकर नदी
- उत्तरी कोयल नदी
उत्तर- 2
व्याख्या- झारखण्ड की सबसे लम्बी तथा बड़ी नदी दामोदर है जिसकी कुल लम्बाई 592 किलोमीटर है। झारखण्ड में इसकी लम्बाई 290 किलोमीटर है।
780. स्वर्णरेखा नदी के संबंध में निम्न कथनों पर विचार किजिए?
- इसका उद्गम स्रोत छोटानागपुर का पठार (राँची का नगड़ी गाँव) से है।
- काँची, कोनार एवं खरकई नदियाँ इसकी सहायक नदियाँ है।
- इसका अपवाह क्षेत्र राँची व सिंहभूम जिला है।
- राँची से 28 km दूर दक्षिण पश्चिम दिशा में हुंडरू जल प्रपात का निर्माण इसी नदी पर हुआ।
निम्न कथनों में सही कथन की पहचान करें-
- A और C
- B, C और D
- B और D दोनों
- C और D दोनों
उत्तर- 1
व्याख्या- स्वर्णरेखा नदी का उद्गम स्रोत छोटानागपुर पठार के राँची के नगड़ी गाँव से है। इसकी सहायक नदी कोकरो, काँची व खरकई नदी है। जबकि कोनार नदी दामोदर की सहायक नदी है। स्वर्णरेखा नदी का अपवाह क्षेत्र रॉची व सिंहभूम है। राँची से 45 km दूर दक्षिण पश्चिम * दिशा में हुँडरू जल प्रपात का निर्माण इसी नदी पर हुआ है। राहु भी इसकी सहायक नदी है।
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781. झारखण्ड की एक मात्र नदी जो स्वतंत्र रूप से बंगाल की खाड़ी में गिरती है। निम्न में से कौन-सी है ?
- दामोदर नदी
- दक्षिण कोयल नदी
- स्वर्णरेखा नदी
- शंख नदी
उत्तर- 3
व्याख्या स्वर्णरेखा झारखण्ड की एक मात्र नदी है, जो स्वतंत्र रूप से बंगाल की खाड़ी में गिरती है अन्य सभी नदियाँ किसी न किसी की सहायक नदी में मिल जाती है। जैसे दामोदर, हुगली में तथा दक्षिण कोयल नदी शंख नदी में मिल जाती है और शंख नदी महानदी में मिल जाती है।
782. झारखण्ड की स्वर्णरेखा नदी का अपवाह क्षेत्र कितना वर्ग किलोमीट है?
- 9030 वर्ग किमी.
- 12500 वर्ग किमी.
- 11868 वर्ग किमी
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 3
व्याख्या- स्वर्णरेखा नदी का अपवाह क्षेत्र 11,868 वर्ग किमी है, जो राँची व सिंहभूम जिले में है।
783. बराकर नदी के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- इसका उद्गम उत्तरी छोटानागपुर का पठार से है।
- इसका मुहाना दामोदर नदी में है।
- इसका अपवाह क्षेत्र हजारीबाग, गिरिडीह व धनवाद है।
- इसकी कुल लम्बाई 255 km है।
निम्न कथनों में से सही कथन की पहचान कीजिए-
- A और B
- B और C
- A, B और C तीनों
- इनमें सभी सही है।
उत्तर- 3
व्याख्या बराकर नदी, दमोदर नदी की एक सहायक नदी है। इसका उद्गम स्रोत उत्तरी छोटानागपुर का पठार से है जिसकी लम्बाई 225 km या 140 मील है। इसका अपवाह क्षेत्र हजारीबाग, गिरिडीह व धनबाद में है।
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784. दक्षिण कोयल नदी के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- इसका उद्गम स्रोत छोटानागपुर का पठार (राँची का नगड़ी गाँव से है।
- कारो इसकी सहायक नदी है।
- इसका अपवाह क्षेत्र लोहरदगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम व राँ है।
निम्न कथनों में से सही कथनों की पहचान कीजिए-
- A और B
- B और C
- A, B और C तीनों
- सभी सही है।
उत्तर- 4
व्याख्या- दक्षिणी कोयल नदी का उद्गम स्रोत छोटानागपुर का पठार के राँची के नगड़ी गाँव में है। कारो इसकी सहायक नदी है। इसका अपवाह क्षेत्र राँची, लोहरदगा. गुमला तथा पश्चिमी सिंहभूम में है।
785. दक्षिणी कोयल नदी का अपवाह क्षेत्र कितना वर्ग किमी. है?
- 9030 वर्ग किमी.
- 11099 वर्ग किमी.
- 11868 वर्ग किमी.
- 12500 वर्ग किमी.
उत्तर- 3
व्याख्या- दक्षिण कोयल नदी का अपवाह क्षेत्र 11,868 वर्ग किलोमीटर है। जो राँची, लोहरदगा, गुमला तथा पश्चिमी सिंहभूम में है।
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786. दक्षिणी कोयल नदी का मुहाना निम्न में से कहाँ है?
- शंख नदी
- स्वर्णरेखा नदी
- दामोदर नदी
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 1
व्याख्या- दक्षिण कोयल का मुहाना शंख नदी में है और शंख नदी जाकर महानदी (ओडिशा) में मिल जाती है।
787. शंख नदी के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- इसका उद्गम स्रोत राँची पठार से है।
- इसका मुहाना उत्तरी कोयल नदी है।
- इसका अपवाह क्षेत्र झारखण्ड में केवल गुमला है।
- इसका अपवाह क्षेत्र 4,107 वर्ग किमी. है।
निम्न कथनों में से सही कथन का पहचान कीजिए।
- केवल A
- केवल B
- केवल C
- केवल D
उत्तर- 3
व्याख्या- शंख नदी अपने उद्गम सोत चैनपुर प्रखंड (गुमला जिला) से निकलकर दक्षिणी कोयल नदी में जाकर मिल जाती है। इसका अपवाह क्षेत्र 4,107 वर्ग किमी. है, जो गुमला तथा सिमडेगा में प्रवाहित होती है।।
788. अजय नदी के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- इसका उद्गम स्रोत बिहार के ‘मुंगेर’ से है।
- टिपरा एवं पुसरो इसकी सहायक नदी है।
- इसका मुहाना भगीरथी नदी (कटंबा के निकट प. बंगाल) है।
- इसका अफवाह क्षेत्र देवघर व दुमका से है।
निम्न कथनों में से सत्य कथन की पहचान कीजिए?
- A, B, C और D सभी सही है।
- A, C और D सही है।
- A और C
- A, C और D
उत्तर- 4
व्याख्या- अजय नदी का उद्गम स्रोत बिहार के मुंगेर से है। इसकी सहायक नदियाँ पथरो तथा जयंती है तथा इसका मुहाना भागीरथी नदी में है।
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789. अजय नदी का अपवाह क्षेत्र कितना वर्ग किलोमीटर है?
- 11868 वर्ग किमी.
- 11099 वर्ग किमी.
- 4107 वर्ग किमी.
- 3612 वर्ग किमी.
उत्तर- 4
व्याख्या- अजय नदी का अपवाह क्षेत्र 3,612 वर्ग किमी है, जो देवघर तथा जामताड़ा में प्रवाहित होती है।
790. मोर या मयूराक्षी नदी के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- इसका उद्गम स्रोत त्रिकूट पर्वत (देवघर) है।
- घोवाई, पथरों, जयंती, टिपरा, पुसरो, भामरी, मूनबिल, सिंघ, दउना आदि इसकी सहायक नदियाँ है।
- यह झारखण्ड की एक मात्र नौगम्य नदी है।
- इसका अफवाह क्षेत्र दुमका, साहेबगंज, देवघर गोड्डा, पाकूड़ तथा जामताड़ा में है।
निम्न कथनों में सही कथन की पहचान कीजिए?
- A और C दोनों
- B और D
- A, B और C
- इनमें से सभी
उत्तर- 1
व्याख्या- पत्थरों तथा जयंती अजय नदी की सहायक नदी है। इसका अपवाह क्षेत्र दुमका देवघर, साहेबगंज तथा गोड्डा है।.
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791. “इस नदी का उद्गम स्रोत दुधया पहाड़ी से है। इसकी सहायक नदियाँ गुमरो व ऐसे है। इसका मुहाना गंगा नदी में है।” निम्न में से किस नदी के बारे में कहा गया है।
- गुमानी नदी
- बांसलोई नदी
- ब्राह्मणी नदी
- अजय नदी
उत्तर- 3
व्याख्या ब्राह्मणी नदी का उद्गम स्रोत दुधवा पहाड़ी से है। इसकी सहायक नदियाँ गुमरों व ऐसे है एवं इसका मुहाना गंगा नदी में है।
792. “इस नदी का उद्गम योत राजमहल की पहाड़ी से है। इसकी सहायक नदी ‘मेरेल’ तथा इसका मुहाना गंगा नदी तथा इसका अपवाह क्षेत्र 1313 वर्ग किमी. है’ यह कथन निम्न में से किस नदी के संबंध में है?
- गुमानी नदी
- ब्राह्मणी नदी
- मोर नदी
- शंख नदी
उत्तर- 1
व्याख्या गुमानी नदी का उद्गम स्रोत राजमहल की पहाड़ी है इसकी सहायक नदी मेरेल है। इसका मुहाना गंगा नदी (पश्चिम बंगाल) में है। इसका अपवाह क्षेत्र 1313 वर्ग किमी है।
793. इस नदी का उद्गम स्रोत बांस पहाड़ी (गोड्डा जिला) से हैं, इसका मुहाना गंगा नदी (पश्चिम बंगाल) में है।
- अजय नदी
- मोर नदी
- गुमानी नदी
- बांसलोई नदी
उत्तर- 4
व्याख्या बंसलोई नदी का उद्गम स्रोत बांस पहाड़ी गोड़ा से है। इसका मुहाना गंगा नदी में है।
794. कन्हर नदी, किस प्रखण्ड से झारखण्ड में प्रवेश करती है?
- भंडरिया
- रंका
- नगरउतारी
- पुरकी
उत्तर- 1
व्याख्या- कन्हर नदी छत्तीसगढ़ के सरगुजा से निकल कर गढ़वा जिले के भंडरिया प्रखण्ड में झारखण्ड में प्रवेश करती है और रंका प्रखण्ड होते हुए धुरकी प्रखण्ड से पश्चिम की ओर मुड़ जाती है तथा उत्तर प्रदेश में जाकर सोन नदी में मिल जाती है।
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- जलप्रपात
795. ‘उसरी जलप्रपात जो उसरी नदी पर स्थित है। झारखण्ड के किस जिले में है?
- चतरा
- कोडरमा
- गिरिडीह
- धनबाद
उत्तर- 3
व्याख्या उसरी जलप्रपात गिरिडीह जिले के उसरी नदी के खण्डोली पहाड़ी के ढलान में स्थित है।
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796. कांति जलप्रपात झारखण्ड के किस जिले में है?
- पलामू
- लातेहार
- गुमला
- राँची
उत्तर- 2
व्याख्या- कांति जलप्रपात झारखण्ड के लातेहार जिले में स्थित है।
797. केलाघाघ जलप्रपात झारखण्ड के किस जिले में स्थित है?
- गुमला
- पलामू
- लातेहार
- सिमडेगा
उत्तर- 4
व्याख्या केलाघाघ जलप्रपात झारखण्ड के सिमडेगा जिले के दक्षिण- पश्चिम में दो पहाड़ियों के बीच स्थित है।
798. निम्न में से कौन-सा जलप्रपात गढ़वा जिले में स्थित है ?
- गूंगाझंझ
- गूरसेंधू
- a और b दोनों
- इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर- 3
व्याख्या- गूंगाझझ और गूरसेंधु दोनों जलप्रपात गढ़वा जिला में स्थित है। गूरसेंधु जलप्रपात ‘कनहर नदी’ पर स्थित है।
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799. गोवा जलप्रपात झारखण्ड के किस जिले में स्थित है?
- चतरा
- हजारीबाग
- कोडरमा
- लातेहार
उत्तर- 1
व्याख्या- गोवा जलप्रपात झारखण्ड के चतरा जिले के फल्गु नदी पर स्थित है। फल्गु नदी को चतरा में महाने नदी के नाम से जाना जाता है।
800. गौतमघाघ जलप्रपात की ऊँचाई कितना मीटर है?
- 40 मीटर
- 36 मीटर
- 60 मीटर
- 120 मीटर
उत्तर- 2
व्याख्या- गौतमघाघ जलप्रपात लातेहार जिले के महुआडांड़ में स्थित है। इसकी ऊंचाई 36 मीटर या 120 फीट है।
Jharkhand GK Part-8 For JPSC, JSSC CGL, All Exams
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